मनोरंजन
मुंबई, 17 जुलाई | बॉलीवुड स्टार जोड़ी आलिया भट्ट और रणबीर कपूर के असली रोमांस को उनकी आने वाली फिल्म 'ब्रह्मास्त्र पार्ट वन : शिवा' के नवीनतम गाने 'केसरिया' में जीवंत कर दिया गया है। रणबीर कहते हैं, "गीत की ताजगी दर्शकों के साथ वास्तव में अच्छी तरह से प्रतिध्वनित हुई है। मैं पूरी टीम को एक ऐसा गाना बनाने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं, जिसने अनगिनत दिलों को छुआ है और मुझे यकीन है कि दर्शक पूरे गीत के गर्म अनुभव को संजोएंगे।"
आलिया बताती हैं कि केसरिया उसके लिए क्या मायने रखता है।
उन्होंने कहा, "मेरे लिए, केसरिया एक ऐसा एहसास है जो कोई अनुभव करता है जब वे किसी चीज से खुश और संतुष्ट होते हैं।"
रविवार को अनावरण किया गया यह गीत पांच भाषाओं हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ संस्करणों में रिलीज होगा। सोनी म्यूजिक के सहयोग से रोमांटिक ट्रैक की शूटिंग वाराणसी के घाटों में की गई है।
निर्देशक अयान मुखर्जी कहते हैं, "गाने में रणबीर और आलिया की सिजलिंग केमिस्ट्री को हर कोई पसंद करता है, जो उनके बीच के मजबूत बंधन का संकेत देता है।"
रोमांटिक गाने को हिंदी में अरिजीत सिंह ने गाया है, जिनके गहरे और भावपूर्ण स्वर बहुचर्चित संगीतकार, वादक, गिटारवादक प्रीतम द्वारा मधुर रचना में जान फूंक देते हैं। गाने के बोल अमिताभ भट्टाचार्य ने लिखे हैं।
गीत के लॉन्च पर अपने विचार साझा करते हुए संगीत निर्देशक प्रीतम कहते हैं, "गीत में भावनाओं की इतनी परतें हैं कि इसे रचना करना एक वास्तविक उपचार था।"
गायक अरिजीत सिंह कहते हैं कि केसरिया भारतीय फिल्म उद्योग में एक रोमांटिक गीत के रूप में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
उन्होंने कहा, "प्रीतम दा की धुनें और अमिताभ के बोल शुरू से ही अलौकिक रहे हैं। मैंने अभी-अभी अपनी भूमिका निभाई है और मैं देख रहा हूं कि रणबीर और आलिया इस गाने के साथ पर्दे पर कमाल का जादू बिखेरते हैं। केसरिया निश्चित रूप से लोगों के दिलों में रहेगा।"
गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य ने कहा कि केसरिया की यात्रा लंबी और प्यारी रही है। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 17 जुलाई | हिंदी सिनेमा दक्षिण में अपने कारोबार को अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। इस संदर्भ में, तेलुगु मेगास्टार चिरंजीवी आमिर खान की 'लाल सिंह चड्ढा' को तेलुगु में पेश करने की योजना बना रहे हैं। चिरंजीवी ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया पर उसी के संबंध में एक घोषणा की।
चिरंजीवी ने ट्वीट किया, "मेरे प्रिय मित्र आमिर खान के अद्भुत भावनात्मक रोलर कोस्टर लालसिंह चड्ढा का तेलुगू संस्करण पेश करने का सौभाग्य महसूस हो रहा है। हमारे तेलुगू दर्शक निश्चित रूप से उन्हें प्यार करने वाले हैं।"
अभिनेता नागा चैतन्य का फिल्म का हिस्सा होना एक बात है, और चिरंजीवी की 'लाल सिंह चड्ढा' की प्रस्तुति दूसरी चीज है जो तेलुगु के साथ-साथ अन्य दक्षिण भाषाओं में फिल्म की ओर अधिक ध्यान आकर्षित कर सकती है।
रणबीर कपूर की 'ब्रह्मास्त्र' को एस.एस. राजामौली प्रस्तुत कर रहे हैं और तेलुगु में इसका आक्रामक प्रचार किया जा रहा है वहीं अब 'लाल सिंह चड्ढा' के लिए भी यही फॉमूर्ला अपनाया जा रहा है।
'लाल सिंह चड्ढा' 12 अगस्त को बड़ी रिलीज के लिए तैयार है।
आमिर खान और करीना कपूर की मुख्य भूमिकाओं वाली यह फिल्म हॉलीवुड की प्रसिद्ध फिल्म 'फॉरेस्ट गंप' की आधिकारिक रीमेक है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 17 जुलाई | फिल्म निर्माता क्रिस्टोफर नोलन की उनकी जटिल साईफी (साइंस फिक्शन) थ्रिलर 'इंसेप्शन' के लिए तैयार की गई ब्लूप्रिंट की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। यह फिल्म 2010 में रिलीज हुई थी। लेखक और निवेशक जूलियन शापिरो नाम के उपयोगकर्ता ने ट्विटर पर पोस्ट साझा किया, जो लियोनाडरे डिकैप्रियो-स्टारर के कथानक का विवरण दिखाता है। पोस्ट हाथ से तैयार प्लॉट का नक्शा है। इसमें फिल्म से संबंधित कुछ स्क्रिबल्स (आड़ी तिरछी रेखाएं) और विवरण हैं।
शापिरो ने पोस्ट को कैप्शन दिया, "मेरे साथी मूवी देखने वालों के लिए एक दुर्लभ खोज। यह क्रिस्टोफर नोलन का उनकी फिल्म इंसेप्शन के लिए हाथ से तैयार प्लॉट मैप है।"
'इंसेप्शन' में डिकैप्रियो एक पेशेवर चोर के रूप में हैं, जो लोगों के अवचेतन में घुस कर जानकारी चुराता है।
कलाकारों में केन वतनबे, जोसेफ गॉर्डन-लेविट, मैरियन कोटिलार्ड, इलियट पेज, टॉम हार्डी, दिलीप राव, सिलियन मर्फी, टॉम बेरेन्जर और माइकल केन भी शामिल हैं। (आईएएनएस)
हाल ही में आमिर ख़ान ने अपनी आने वाली फ़िल्म लाल सिंह चड्ढा का स्पेशल प्रीव्यू रखा था जिसके वीडियो में वो काफ़ी भावुक नज़र आए.
ये स्पेशल प्रीव्यू तेलुगू सुपरस्टार चिरंजीवी के घर पर रखा गया था, जिसमें अभिनेता नागार्जुन, नागा चैतन्या, निर्देशक एसएस राजामौली और निर्देशक सुकुमार भी मौजूद थे.
चिरंजीवी ने इस प्रीव्यू का एक वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है, जिसमें सभी सेलिब्रिटी फ़िल्मे देखते नज़र आ रहे हैं.
फ़िल्म देखने के बाद चिरंजीवी उठकर आमिर ख़ान से हाथ मिलाते हैं और उन्हें गले लगा लेते हैं. इसके बाद आमिर ख़ान काफ़ी भावुक नज़र आ रहे हैं और अपनी आंखें पोछते दिख रहे हैं. वीडियो में सभी फ़िल्म पर चर्चा करते हुए उसकी तारीफ़ करते दिखते हैं.
चिरंजीवी ने इस वीडियो के साथ लिखा है, ''कुछ साल पहले जापान में क्योटो हवाई अड्डे पर अचानक हुई मुलाक़ात और मेरे प्यारे दोस्त आमिर ख़ान के साथ थोड़ी बहुत बातचीत के बाद मैं इस ड्रीम प्रोजेक्ट लाल सिंह चड्ढा का हिस्सा बन गया. मेरे घर पर इस विशेष प्रीव्यू के लिए आमिर ख़ान आपका शुक्रिया.''
लाल सिंह चड्ढा से चिरंजीवी ही नहीं बल्कि नागार्जुन भी जुड़े हुए हैं. उनके बेटे नागा चेतन्या की फ़िल्म में सहायक भूमिका है. इसमें चिरंजीवी के बेटे राम चरण भी भूमिका निभा रहे हैं.
लाल सिंह चड्ढा फ़िल्म में आमिर ख़ान और करीना कपूर मुख्य भूमिका में हैं. इस फ़िल्म को अद्वैत चंदन ने निर्देशित किया है जो 11 अगस्त को रिलीज़ हो रही है. ये फ़िल्म 1994 में आई अमेरिकी फ़िल्म 'फॉरेस्ट गम्प' का रीमेक है. (bbc.com)
मुंबई, 15 जुलाई । “शादी नहीं रचाई और बिना शर्त प्यार से घिरी हुई हूं।” बॉलीवुड अभिनेत्री एवं पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन ने शुक्रवार को इंस्टाग्राम पर जारी एक गूढ़ार्थ भरी पोस्ट में यह बात कही।
इससे एक दिन पहले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी ने सुष्मिता के साथ अपने संबंधों को लेकर एक ट्वीट कर सोशल मीडिया पर हलचल पैदा कर दी थी।
बृहस्पतिवार रात ललित मोदी द्वारा किए गए ट्वीट पर कोई भी प्रतिक्रिया न देने वाली सुष्मिता ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में दोनों बेटियों रिनी और अलीसा की तस्वीर साझा की, लेकिन किसी का नाम नहीं लिया।
लंदन में रह रहे ललित मोदी ने ट्वीट में सुष्मिता को अपनी ‘अर्धांगिनी’ बताते हुए कहा था कि यह रिश्ता ‘एक नयी शुरुआत, एक नयी जिंदगी’ का आगाज है।
छियालिस वर्षीय सुष्मिता ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “मैं एक खुशनुमा स्थिति में हूं! शादी नहीं रचाई है... कोई अंगूठी नहीं है... और बिना शर्त प्यार से घिरी हुई हूं। बहुत सफाई दे चुकी हूं... अब सारा ध्यान वापस जीवन और काम पर! हमेशा मेरी खुशी का हिस्सा बनने के लिए शुक्रिया... और जो ऐसा नहीं करते हैं, उनके लिए यह वैसे भी मतलब की चीज नहीं है। मैं आप लोगों से बहुत प्यार करती हूं!”
बृहस्पतिवार को ललित मोदी के ट्वीट के बाद सुष्मिता और उनकी शादी की अटकलें जोरों पर थीं। हालांकि, आईपीएल के 56 वर्षीय संस्थापक ने बाद में एक अन्य ट्वीट कर स्पष्ट किया कि दोनों एक-दूसरे को केवल ‘डेट’ कर रहे हैं।
उन्होंने लिखा, “सिर्फ स्पष्ट करने के लिए। हमने शादी नहीं की है, सिर्फ एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं। वो (शादी) भी एक दिन होगी।” ललित मोदी ने सुष्मिता के साथ कई तस्वीरें भी साझा की थीं। (भाषा)
- भारत के लिए ललित मोदी को नया नाम नहीं है. टी 20 क्रिकेट का जो आज क़द बना है उसके पीछे उनका योगदान कोई नहीं भूल सकता.
- गुरुवार को ललित मोदी ने बॉलीवुड अभिनेत्री सुष्मिता सेन के साथ अपने संबंधों पर पोस्ट किया तो एक बार फिर वे सुर्ख़ियों में आ गए.
- साल 2015 में जब आईपीएल विवादों में घिरा और ललित मोदी की भूमिका पर प्रश्न उठे थे. वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ ने बीबीसी हिंदी के लिए 21 जून, 2015 उन पर ये लेख लिखा था. एक बार फिर पढ़िए वही लेख.
उस दायरे में वो बेताज बादशाह थे लेकिन ललित मोदी की सल्तनत का सिक्का जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) स्टेडियम के बाहर तक चलता था. वक्त बदला तो वे उसी खेल मैदान की चारदिवारी की दुनिया के लिए ना काबिले कुबूल हो गए.
हाल में उठे विवादों के बीच कोई राजस्थान में उनके आगमन का आकांक्षी है तो कोई कह रहा है अच्छा हो उन्हें यहाँ से दूर ही रखा जाए.
मगर खुद उनकी रूह गोया इसी परिधि में उन अच्छे दिनों को याद करती हुई अब भी मुसाफिरी कर रही है.
कोई उनका प्रबल प्रशंसक है तो कोई प्रखर विरोधी. मोदी क़रीब चार साल तक (2005-2009) तक राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं.
झुंझुनू जिला क्रिकेट संघ के सचिव राजेंद्र सिंह राठौर मोदी की तारीफ करते हैं. वो कहते हैं कि मोदी के आगमन से क्रिकेट को बहुत कुछ मिला, वो तुरंत फ़ैसला करते थे और अंजाम की परवाह नहीं करते थे.
राठौर कहते हैं, "अगर एक बार उन्होंने अपना क़दम बढ़ा दिया तो फिर परिणाम की चिंता नहीं करते थे. आज जो भी इस स्टेडियम में आधुनिक सुविधाएं हैं उनकी ही देन हैं."
कोटा क्रिकेट संघ के सचिव अमीन पठान कभी उनके प्रमुख सिपहसालार रहे हैं. अब वे मोदी के धुर विरोधी हैं.
पठान कहते हैं, "वो बहुत ज़िद्दी इंसान है. उन्होंने क्रिकेट को बदनाम किया है. आज उनकी वजह से यह पूरा खेल बदनाम हो कर रह गया है.''
पठान बताते हैं, "शुरू में वो आए तो लगा कि वे शायद क्रिकेट का भला करेंगे. लेकिन उन्होंने इसे व्यापार बना लिया. लिहाजा हमें विरोध करना पड़ा. क्योंकि वे सिर्फ पैसे के लिए काम कर रहे थे."
कोटा क्रिकेट एसोसिएशन के पठान का संबध सत्तारूढ़ बीजेपी से है. उन्हें सत्तापक्ष के निकट समझा जाता है. पठान कहते हैं उनके विरोध को राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए.
क्रिकेट संघ में लंबे समय तक काम कर चुके एक पूर्व पदाधिकारी की नज़र में ललित मोदी एक नितांत अविश्वसनीय व्यक्ति हैं.
रियासतकाल में बने इस स्टेडियम पर यूँ तो राज्य क्रीड़ा परिषद का कानूनी नियंत्रण है. लेकिन मोदी के क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनने के बाद परिषद अपने ही आँगन में बेगानी हो गई. परिषद के 53 साल के कार्यकाल में पहली बार ऐसा हुआ कि उसकी हैसियत घट गई है.
गणतंत्र दिवस और स्वाधीनता दिवस, लोकतंत्र के सबसे पावन और प्रमुख पर्व माने जाते हैं. पहले ये दोनों उत्सव इसी स्टेडियम में आयोजित किए जाते थे.
शायद ये क्रिकेट का ही प्रभाव था, ये दोनों उत्सव तीन साल तक स्टेडियम से निर्वासित हो गए. राठौर कहते हैं इसमें कोई बुराई नहीं है.
आईपीएल से जुड़े वो विवाद जो आप भूले नहीं होंगे
इस स्टेडियम ने न केवल दो वर्ल्ड कप में मुकाबले देखे हैं, बल्कि 1983 में हिन्दुस्तान और पाकिस्तान का एक दिवसीय मुकाबला भी देखा, जिसे देखने पाकिस्तान के तत्कालीन हुक़्मरान ज़िया-उल-हक़ भी आए थे.
ललित मोदी के कार्यकाल में इस खेल प्रांगण ने बहुत कुछ देखा. कई बार क्रिकेटरों के साथ मॉडल्स और सेलेब्रिटीज का जमघट लगा. बॉलीवुड सितारे थे तो चीयरलीडर्स ने भी अपने जलवे बिखेरे.
ललित मोदी के खेल में योगदान पर क्रिकेट संघ के एक पूर्व अधिकारी कहते हैं, ''मैंने उन्हें बॉलीवुड सितारों के कंधे पर हाथ रखते तो देखा है लेकिन किसी नवोदित खिलाड़ी को प्रोत्साहित करते नहीं देखा. क्या वे किसी जिले में क्रिकेट को बढ़ावा देने गए?"
पूर्व अधिकारी कहते हैं, "वर्ष 2004 से पहले शायद ही राजस्थान में कोई ललित मोदी से वाकिफ हो. बीजेपी के सत्तारूढ़ होने के साथ ही उनका क्रिकेट संघ में अवतरण हुआ. लोगों को यकायक पता लगा कि मोदी नागौर के रहवासी के बतौर वहां जिला संघ के अध्यक्ष चुने गए है. लेकिन वे नागौर में कभी दिखाई नहीं दिए."
ललित मोदी
नागौर क्रिकेट संघ के सचिव राजेन्द्र नांदु कहते हैं, ''उन्होंने नागौर में सम्पति खरीदी. यही उनके नागौर का निवासी होने का आधार है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है."
नांदु की नजर में ललित मोदी एक दरियादिल इंसान हैं. लेकिन उनके विरोधी कहते हैं सरकार मेहरबान थी लिहाजा स्पोर्ट्स एक्ट में ऐसा बदलाव किया गया कि सत्ता के दम पर उनकी ताजपोशी हो गई.
उस दौर में क्रिकेट संघ में रह चुके एक पदाधिकारी कहते हैं, "उनमें प्रतिभा है लेकिन कान के कच्चे हैं."
लोगों ने देखा मोदी सत्ता के शीर्ष स्थानों पर बैठ कुछ लोगों को उनके पहले नाम से पुकारते थे. कई सरकारी अधिकारी उनके कोपभाजन बने और कुछ से उनका विवाद हुआ.
वर्ष 2009 में जब वे दूसरे कार्यकाल के लिए क्रिकेट संघ के चुनावी अखाड़े में उतरे तो तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी से मात खा गए. तब से जयपुर का एसएमएस स्टेडियम उनकी पहुंच से दूर बना हुआ है.
राजस्थान में डेढ़ साल पहले जब बीजेपी वापस सत्ता में लौटी तो आमख्याल था कि क्रिकेट संघ में फिर से मोदी की ताजपोशी होना निश्चित है.
मोदी ने पूर्व मंत्री जोशी के कई समर्थकों को अपने खेमे में शामिल भी कर लिया. लेकिन शायद इस बार उनके अपने ही या तो रूठ गए या टूट गए.
इसीलिए जिस क्रिकेट मैदान ने उनके जलवों की गवाही दी, वो अब उनकी पहुँच से बहुत दूर होता चला गया है. (bbc.com)
बॉलीवुड अभिनेत्री सुष्मिता सेन और आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी के रिश्ते में होने की ख़बरों के साथ ही ललित मोदी का एक पुराना ट्वीट ट्रेंड करना लगा है.
ललित मोदी ने गुरुवार को अपनी और सुष्मिता सेना की तस्वीरें ट्वीटर पर शेयर करते हुए लोगों को हैरत में डाल दिया. ललित मोदी ने बताया कि सुष्मिता और वो रिश्ते में हैं और जल्द शादी करने वाले हैं.
ललित मोदी के इस ट्वीट के बाद ही दोनों ट्वीटर पर ट्रेंड करने लगे और लोग उनके पुराने फोटो और ट्वीट्स पोस्ट करने लगे. इसी कड़ी में ललित मोदी के 2013 के एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी शेयर होने लगा जिस पर लोगों ने चुटकी लेते हुए कमेंट्स किए.
2013 के इस ट्वीट में ललित मोदी की सुष्मिता सेन से बात हो रही है और लिखते हैं, ''रिप्लाई माय एसएमएस (मेरे एसएमएस का जवाब दें).''
ललित मोदी ने तब एक ट्वीट में लिखा था, ''ठीक है मैं कमिट करता हूं.'' सुष्मिता सेन ने कहा: ललित मोदी आप बहुत सज्जन हैं. हालांकि, वादे टूटने के लिए होते हैं लेकिन कमिटमेंट का सम्मान होता है.''
इसके बाद ललित मोदी ने सुष्मिता सेन को टैग करते हुए एक और ट्वीट किया था, ''मेरे एसएमएस का जवाब दें.''
अब इस ट्वीट पर लोग कई मज़ाकिया कमेंट कर रहे हैं.
यूज़र स्नेहा अनवारापु ने ट्वीट किया, ''ठीक है तो मुझे ये करने की ज़रूरत है- शाहरुख ख़ान रिप्लाई माय एसएमएस.''
ललित मोदी ने जब किया ट्वीट
ललित मोदी ने सुष्मिता सेन के साथ अपनी तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था, ''मेरे परिवार के साथ- बताने की ज़रूरत नहीं मेरी अर्धांगिनी सुष्मिता सेन के साथ मालदीव, सार्डीनिया के वैश्विक टूर के बाद लंदन में वापसी- आख़िरकार नई ज़िंदगी की शुरुआत. बेहद खुश.''
उन्होंने फिर ट्वीट किया, ''सिर्फ़ स्पष्टता के लिए. शादीशुदा नहीं- सिर्फ़ एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं. ये भी एक एक दिन होगा.''
सुष्मिता सेना आईपीएल के मैचों के दौरान पहले भी नज़र आती रही हैं. उनकी आईपीएल में ललित मोदी के साथ तस्वीरें भी सामने आई थीं. हालांकि, उस समय भी सुष्मिता सेन और ललित मोदी के रिश्ते के कयास लगाए गए थे हालांकि, सुष्मिता सेन ने दोनों के रिश्ते की बात कभी खुले तौर पर स्वीकार नहीं की.
उन्होंने अब भी ललित मोदी से रिश्ते और शादी को लेकर कोई बयान नहीं दिया है. उन्होंने ललित मोदी के ट्वीट्स पर भी जवाब नहीं दिया. यहां तक कि उनके भाई राजीव सेन ने भी इस ख़बर पर हैरानी जताई है.
अंग्रेज़ी अख़बार ई टाइम्स से उनके भाई राजीव सेन ने कहा कि वो इस ख़बर से हैरान हैं. उन्होंने कहा, ''मैं बहुत हैरान और खुश हूं. मैं कुछ भी बोलने से पहले अपनी बहन से बात करूंगा. मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है. मेरी बहन ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है. इसलिए मैं इस पर कुछ नहीं सकता.''
सुष्मिता और ललित मोदी के पुराने रिश्ते
पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन बॉलीवुड की दमदार अभिनेत्रियों में जानी जाती हैं. उन्होंने शादी नहीं की है और दो बच्चियों को गोद लिया है.
सुष्मिता का कुछ महीनों पहले रोहमन शॉल के साथ ब्रेकअप हुआ था. सुष्मिता ने इंस्टाग्राम पर दोनों की तस्वीर शेयर करते हुए ब्रेकअप की जानकारी दी थी. रोहमन सुष्मिता से 15 साल छोटे थे और उनका अफ़ेयर कुछ सालों तक चला.
सुष्मिता सेन की डायरेक्टर मुद्दसर अजीज़, अभिनेता रणदीप हुड्डा, पाकिस्तानी क्रिकेटर वसीम अकरम, कारोबारी संजय नारंग और निर्देशक विक्रम भट्ट से भी रिश्तों की चर्चा रही है.
वहीं, सुष्मिता सेन से उम्र में 10 साल बड़े ललित मोदी की पत्नी मिनाल मोदी की 2018 में कैंसर से मृत्यु हो गई थी. उनके तीन बच्चे हैं.
ललित मोदी एक बड़े भारतीय कारोबारी भी हैं. लेकिन, भारत में उन पर चल रहे मामलों के चलते वो एक लंबे वक़्त से लंदन में आत्मनिर्वासित होकर रह रहे हैं. मोदी पर आईपीएल में वित्तीय अनियमतताओं के आरोप है जिनका वह हमेशा खंडन करते रहे हैं.
ललित मोदी ने आईपीएल की शुरुआत की थी और पहले तीन सीज़न में इसके कमिश्नर रहे.
लीग के संचालन में वित्तीय अनियमितताओं और दो नई टीमों की नीलामी के दौरान ग़लत तरीक़े अपनाने के आरोप में आईपीएल 2010 के आयोजन के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था. (bbc.com)
मुंबई, 14 जुलाई | अर्जुन बिजलानी और कनिका मान अभिनीत आगामी सीरीज 'रूहानियत चैप्टर 2' के निर्माताओं ने गुरुवार को ट्रेलर रिलीज कर दिया है। यह प्यार, रोमांस और हमेशा के लिए जुड़ी हर चीज के बारे में बताता है।
रिलीज पर टिप्पणी करते हुए, अर्जुन कहते हैं, "पहले अध्याय के दौरान दर्शकों से मिले सभी प्यार के साथ, हम दूसरे अध्याय को प्रदर्शित करने के लिए रोमांचित हैं। इस बार, वे सेवर और प्रिशा के रिश्ते में अलग-अलग गतिशीलता देखेंगे। हम आगे देखते हैं ट्रेलर पर दर्शकों की प्रतिक्रिया के लिए, और मुझे उम्मीद है कि वे भी पहले की तरह इस चैप्टर को पसंद करेंगे।"
ग्लेन बैरेटो और अंकुश मोहला द्वारा निर्देशित, सीरीज में अमन वर्मा और स्मिता बंसल भी हैं। 22 जुलाई से, 14-एपिसोडिक सीरीज, प्रीमियम लंबे प्रारूप के तीन एपिसोड हर शुक्रवार को एमएक्स प्लेयर पर जारी किए जाएंगे।
कनिका आगे कहती हैं, "यह इतना अच्छा अहसास है कि हमारे प्रशंसक हमारे काम को पसंद कर रहे हैं और रूहानियत चैप्टर 2 जल्द ही रिलीज होने जा रहा है। प्रिशा एक चुलबुली लड़की है जो अपने साथी और सच्चे रिश्तों में विश्वास करती है। दूसरे अध्याय में और अधिक ट्विस्ट और टर्न देखने को मिलेंगे।"
चैप्टर 2 का आकर्षक ट्रेलर शो की दिलचस्प थीम - "इज फॉरएवर लव ए लाई" को दशार्ता है। इस अध्याय में, प्रिशा को सेवर के प्रति अपनी भावनाओं को कबूल करते हुए देखा जाएगा क्योंकि वह प्रतिदान करता है। सीरीज हमें यह भी बताती है कि कैसे ये गतिशील पात्र, सेवर और प्रिशा, बिल्कुल विपरीत हैं।
जबकि सेवर एक अंधेरे लेकिन करिश्माई उद्यमी है, जिसका दुखद अतीत रहा है, प्रिशा एक अप्रत्याशित भोली लड़की है जो सच्चे प्यार और आत्मीयता की अवधारणा में विश्वास करती है।
रोमांटिक ड्रामा एक मिस्ट्री वुमन के इर्द-गिर्द घूमता है। इसमें युविका चौधरी, पलक पुरसवानी, हर्षित सिंधवानी, गीतिका महंदरू, अरुशी हांडा और शान ग्रोवर भी हैं।
(आईएएनएस)
हैदराबाद, 14 जुलाई | फिल्म का जबरदस्त ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही सई पल्लवी-स्टारर 'गार्गी' शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। फिल्म ने अब अपनी सेंसरशिप आवश्यकताओं को पूरा कर लिया है और सेंसर बोर्ड द्वारा यू/ए प्रमाणपत्र जारी किया गया है। 'गार्गी' को गुरुवार को पहले प्रेस के सदस्यों की एक बड़ी संख्या में दिखाया गया था, और समीक्षा सर्वसम्मति से अच्छी लगती है। जैसा कि सई पल्लवी की हालिया आउटिंग 'विराट पर्व' बॉक्स ऑफिस पर पूरी तरह से विफल रही, सभी उम्मीदें 'गार्गी' पर टिकी हैं
'गार्गी' 15 जुलाई को तेलुगू, तमिल और कन्नड़ भाषाओं में एक भव्य नाटकीय रिलीज के लिए तैयार है।
गौतम रामचंद्रन द्वारा लिखित और निर्देशित, इसमें काली वेंकट, ऐश्वर्या लक्ष्मी, आर.एस. शिवाजी, और अन्य प्रमुख भूमिकाओं में। ब्लैकी जिनी और माई लेफ्ट फुट बैनर द्वारा निर्देशित, फिल्म तेलुगु में राणा दग्गुबाती द्वारा प्रस्तुत की गई है।
(आईएएनएस)
मुंबई, 14 जुलाई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की वह याचिका बुधवार को मंजूर कर ली, जिसमें उन्होंने अपना पासपोर्ट वापस करने का अनुरोध किया था।
अदालत ने आर्यन का जमानत बाण्ड भी रद्द कर दिया।
‘क्रूज ड्रग्स’ मामले में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने आर्यन खान को क्लीन चिट दे दी है।
आर्यन ने अपनी जमानत की शर्तों के तहत अदालत के समक्ष अपना पासपोर्ट जमा कराया था। उन्हें बहुचर्चित ड्रग्स मामले में पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, जांच एजेंसी ने मई में दायर आरोप-पत्र में आर्यन का नाम आरोपी के रूप में शामिल नहीं किया था।
एनसीबी ने ‘पर्याप्त साक्ष्य के अभाव’ में आर्यन खान एवं पांच अन्य को छोड़ दिया था। इसके बाद आर्यन ने वकील अमित देसाई और राहुल अग्रवाल के माध्यम से पासपोर्ट वापस किये जाने की अर्जी दायर की थी।
गत 30 जून को आर्यन ने स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम से संबंधित विशेष अदालत के समक्ष अर्जी दायर करके पासपोर्ट वापस किये जाने का अनुरोध किया था।
चौबीस-वर्षीय आर्यन की याचिका पर एनसीबी ने अपने जवाब में कहा था कि उसे पासपोर्ट लौटाये जाने को लेकर आपत्ति नहीं है। एनसीबी ने आगे कहा था कि आर्यन के खिलाफ कोई जांच लंबित नहीं है।
इसके बाद विशेष न्यायाधीश वी. वी. पाटिल ने आर्यन की याचिका मंजूर कर ली।
पिछले साल तीन अक्टूबर को मुंबई के तट पर एक क्रूज पोत पर छापे के बाद एनसीबी ने आर्यन को गिरफ्तार किया था।
बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा जमानत याचिका मंजूर किये जाने से पहले आर्यन को 20 दिन जेल में बिताने पड़े थे। (भाषा)
मुंबई, 13 जुलाई | दक्षिणी फिल्म जगत के सुपरस्टार विजय देवरकोंडा को बॉलीवुड अभिनेत्री सारा अली पर उस वक्त बहुत प्यार आया, जब सारा ने एक्टर के नाम का अपने स्टाइल में 'उच्चारण' किया। इस बात को खुद विजय देवरकोंडा ने सोशल मीडिया पर स्टोरी साझा करके बताया है। 'कॉफी विद करण सीजन 7' के टीजर में सारा शर्माते हुए विजय देवरकोंडा पर अपना क्रश बताती हैं।
दरअसल, सारा जान्हवी के साथ 'कॉफी विद करण' में पहुंची और वहां पर करण जौहर के सवाल करने पर सारा अली खान ने कहा कि वह तेलुगू सुपरस्टार विजय देवरकोंडा को डेट करना चाहती हैं।
इसके बाद विजय देवरकोंडा ने मंगलवार शाम को 'कॉफी विद करण' के प्रोमो का जवाब दिया।
अभिनेता ने सारा को टैग करके अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, "जिस तरह से आपने (सारा) देवरकोंडा का उच्चारण किया वह बहुत प्यारा था। आपको बहुत सारा प्यार और स्नेह।"
इससे पहले भी सारा अली खान पिता-अभिनेता सैफ अली खान के साथ करण के शो में पहुंची थी तब अभिनेत्री ने खुलासा किया था कि कार्तिक आर्यन उनका क्रश है और उनको डेट करना चाहती हैं।
साउथ एक्टर विजय देवरकोंडा जल्द ही 'लिगर' से बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहे हैं। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 13 जुलाई | भारत के पूर्व अंडर-19 क्रिकेटर द्वारका रवि तेजा ने हाल ही में विराट कोहली के साथ अपनी कुछ तस्वीरें सोशल मीडियो पर साझा किया। छह साल के अंतराल के बाद दोनों की मुलाकात हुई, इस दौरान उन्होंने क्रिकेटर के लिए एक नोट भी लिखा, जो दिखाता है कि दोनों ने एक-दूसरे को 'चिरू' के रूप में संदर्भित किया। द्वारका रवि तेजा ने दावा किया कि विराट कोहली अंडर 15 दिनों के दौरान उनके रूममेट थे और दोनों अक्सर तेलुगू स्टार चिरंजीवी के गानों पर डांस करते थे। रवि तेजा ने बताया कि वे एक दूसरे को चिरू कहकर बुलाते थे।
द्वारका रवि तेजा ने लिखा, "ब्रिटेन में छह साल बाद उनसे मुलाकात हुई और जब हम एक-दूसरे से मिले तो हमने चिरू कहकर एक-दूसरे को पुकारा। अंडर-15 दिनों में हम रूममेट थे और मैं टीवी पर चिरंजीवी के गाने देखता था और उनके साथ उस गाने पर झूमते थे।"
रवि ने समझाया, "तब से हमने कभी एक-दूसरे को अपने नाम से नहीं बुलाया। हम लोग एक दूसरे को चिरू कहकर बुलाते थे।"
रवि तेजा का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। चिरंजीवी के प्रशंसक विराट कोहली की रवि तेजा के साथ दोस्ती के बारे में जानने के लिए उत्साहित दिखे। (आईएएनएस)
मुंबई, 13 जुलाई | बॉलीवुड अभिनेत्री जान्हवी कपूर का कहना है कि वह अपनी आने वाली फिल्म 'गुड लक जेरी' के लिए बिहारी बोली सीख रही हैं। यह फिल्म गुड लक जेरी एक युवा लड़की, जैरी के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती हुई, फिल्म उसके संघर्षो को एक साथ के ऊपर है कैसे कैसे करके वह अपने जीवन में आगे बढ़ती है और अपनी मां को बीमारी से बचाने के लिए कितना कुछ करती है।
फिल्म में जान्हवी को दीपक डोबरियाल, मीता वशिष्ठ, नीरज सूद और सुशांत सिंह सहित एक शानदार पहनावा के साथ विनम्र लेकिन किरकिरा चरित्र के रूप में दिखाया गया है।
जान्हवी कपूर ने इस फिल्म में भारत के एक छोटे से शहर की एक साधारण लड़की जैरी की भूमिका निभाई, जिस शहर का उन्होंने प्रतिनिधित्व किया, उसकी इस भूमिका के लिए बोली को समझना महत्वपूर्ण था।
जान्हवी ने फिल्म के लिए अपने उच्चारण पर टिप्पणी करते हुए कहा, "मैंने बिहारी बोली के लिए बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण लिया। हमारे पास गणेश सर और मिस्टर विनोद नाम के कुछ कोच थे। हमने एक कार्यशाला में भाग लिया और उन सभी गीतों को सुना, उन्होंने मुझसे एक काम भी करवाया। अभ्यास करते थे जिसमें वह मुझे प्रशिक्षण के एक भाग के रूप में बिहारी गाली देने के लिए कहते थे। आखिरकार पूरी प्रक्रिया में बहुत मजा आया। मैं अपने देश के उस वर्ग के वाक्य-विन्यास को जानने के लिए बहुत आभारी हूं।"
सिद्धार्थ सेन द्वारा निर्देशित और आनंद एल राय के कलर येलो प्रोडक्शंस, लाइका प्रोडक्शंस और महावीर जैन द्वारा निर्मित यह फिल्म 29 जुलाई को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज होगी। (आईएएनएस)
इला सांकृत्यायन
नई दिल्ली, 12 जुलाई | हिंदी सिनेमा की बेहतरीन अभिनेत्री तापसी पन्नू जिन्होंने 'सूरमा', 'सांड की आंख' से लेकर 'रश्मि रॉकेट' तक कुछ अविश्वसनीय खेल फिल्में करके अपनी एक अलग पहचान बनाई है। अब तापसी पन्नू महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज की बायोपिक 'शाबाश मिठू' के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
मिताली राज महिला अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने वालों में से एक हैं। तापसी का कहना है कि उनके लिए पर्दे पर एक जीवित किंवदंती का किरदार निभाना आसान नहीं था।
तापसी मिताली राज और निर्देशक श्रीजीत मुखर्जी के साथ अपनी फिल्म 'शाबाश मिठू' के प्रचार के लिए राजधानी में थीं। उस वक्त अभिनेत्री ने आईएएनएस को बताया कि कैसे उन्होंने मिताली को चित्रित करने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार किया।
अभिनेत्री ने कहा, "क्रिकेटर की भूमिका निभाना बहुत बड़ी चुनौती थी, क्योंकि इससे पहले मैंने कभी क्रिकेट खेला नहीं था, और यह भी सच है कि अगर यह भूमिका इतनी चुनौतीपूर्ण नहीं होती तो मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित नहीं किया जाता। इसके अलावा, एक चरित्र के रूप में प्रदर्शन करने के लिए हम दोनों व्यक्तियों के रूप में बहुत अलग हैं तो यह भी काफी कठिन रहा। मैं वैसे भी मिमिक्री अच्छी नहीं कर सकती हूं। इसलिए किसी ऐसे व्यक्ति को चित्रित करने के लिए खुद को बदलने के लिए मानसिक रूप से थोड़ा सा प्रयास करना पड़ता है जो आपसे बहुत अलग है।"
इसके अलावा, अभिनेत्री ने फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार होने से पहले ही फिल्म के लिए 'हां' कह दिया, "जब यह मौका मेरे पास आया तो मैंने सोचा कि इससे बेहतर क्या हो सकता है। ऐसा लग रहा था कि यह भूमिका मेरे लिए लिखी गई थी। यह चुनौतियों से भरी थी। पहला क्योंकि यह फिल्म क्रिकेट के इर्द-गिर्द घूमती है जिसे हमारे देश में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है और दूसरा क्योंकि यह एक महिला क्रिकेटर के जीवन पर आधारित है। जहां कहीं भी महिलाएं शामिल होंगी, वह लेंस जिससे लोग आपको देखेंगे, वह दोगुना सटीक होगा।"
अभिनेत्री ने आगे कहा, "मैंने अपना सारा प्रयास एक क्रिकेटर को चित्रित करने में लगा दिया है।"
तापसी ने आगे खुलासा किया, "मुझे केवल एक नहीं, बल्कि चार कोचों द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। वे सभी उसके साथ खेले हैं और उसके साथ दोस्त थे, खासकर नूशिन। उनके पास जिम्मेदारी थी, एक गैर-क्रिकेटर को मिताली राज में बदलने का कठिन कार्य। मैं मुझे लगता है कि बिना मुझे जाने भी साहसपूर्वक इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए हमें उनकी प्रशंसा करनी चाहिए। पहले दिन, मुझे यह भी नहीं पता था कि बैग कैसे उठाना है। मैं दूसरे दिन अभ्यास के लिए फिर से शुरू करने के लिए आई थी।"
"नूशिन से सीखना केवल इसलिए फायदेमंद नहीं था क्योंकि वह एक क्रिकेटर है और लंबे समय से उसके (मिताली) के साथ खेली है, बल्कि इसलिए भी कि वह मिताली की बहुत करीबी दोस्त है। इसलिए इससे मुझे न केवल क्रिकेट सीखने में मदद मिलती है। मेरे पास कोई फुटेज नहीं था। इसलिए नूशिन मेरे लिए एक क्रिकेटर के रूप में ही नहीं, बल्कि मिताली को जानने के लिए एक खिड़की थी। जमीन से परे एक व्यक्ति।"
मिताली के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए, तापसी ने याद दिलाया, "मेरे पेट में तितलियां आ रही थीं। क्योंकि मैं हमेशा खेल सितारों की प्रशंसा करती हूं। जब भी मैं किसी स्पोर्ट्स स्टार को देखती हूँ, जो भारत का प्रतिनिधित्व करता है, तो मेरे पास यह छोटा सा क्षण होता है, क्योंकि बचपन से ही मैं खेल अधिक देखती थी फिल्मों की तुलना में। मैं उन्हें बहुत पसंद करता हूं क्योंकि उनके लिए कोई दूसरा टेक नहीं है जैसा हमें फिल्मों में मिलता है। इसलिए, जब मैं मिताली से मिली तो मैंने बहुत बात की।"
तापसी के पास अपनी फिल्मों के सेट से बहुत सारी यादें थीं और उन्होंने इसका भरपूर आनंद लिया।
अंत में तापसी ने अपनी इच्छा के बारे में बात की और बताया कि, "मैं एक एवेंजर का किरदार निभाना चाहती हूं और कृपया मार्वल को बताएं कि वे इसके बारे में कुछ कर सकते हैं।"
(आईएएनएस)
लॉस एंजेलिस, 11 जुलाई| हॉलीवुड फिल्म 'थॉर : लव एंड थंडर' आखिरकार सिनेमाघरों में आ गई है। कथित तौर पर, कुछ दर्शकों के बीच द वेटिटी कट रिलीज के लिए कॉल आ रहे हैं, जो मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स प्रविष्टि का एक विस्तारित संस्करण देखना चाहते हैं। हालांकि निर्देशक तायका वेट्टी को इस तरह की कोई दिलचस्पी नहीं है।
अपनी बात रखते हुए वेट्टी ने न्यू म्यूजिकल एक्सप्रेस को बताया, "मैं निर्देशक की कटौती के बारे में सोच रहा था।"
उन्होंने कहा, "मैं कई अन्य निर्देशकों के निर्देशक के कट देखता हूं। निर्देशक के कट अच्छे नहीं होते हैं। निर्देशकों को कभी-कभी नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है और अगर मैं कहूं, आह आप मेरे निर्देशक के कट देखना चाहते हैं? यह साढ़े चार घंटे लंबा है! साढ़े चार घंटे ठीक नहीं हैं।"
ब्लॉकबस्टर फिल्मों के वैकल्पिक कट की संभावना तलाशना हाल के वर्षो में ऑनलाइन फैनबेस के बीच एक आवश्यक अभ्यास बन गया है, जिसे जैक स्नाइडर के डीसी कॉमिक्स टीम-अप 'जस्टिस लीग' के विस्तारित संस्करण से उत्साहित किया गया है।
वेराइटी की रिपोर्ट है कि जैक स्नाइडर्स जस्टिस लीग नामक नया संस्करण, 2021 के वसंत में एचबीओ मैक्स के लिए जारी किया गया था, जिसे दर्शकों से बहुत अधिक उत्साही प्रतिक्रिया मिली।
तायका वेट्टी ने कहा, "मैं कहूंगा कि मेरे कट में शायद कुछ और चुटकुले होंगे, और कुछ अजीब, मुझे लगता है कि डीवीडी पर हटाए गए दृश्य अनुभाग, यह नहीं कि वे अब उनका उपयोग करते हैं, केवल दृश्यों की एक सूची होनी चाहिए और कोई लिंक नहीं होना चाहिए, ताकि आप उन पर क्लिक न कर सकें।"
(आईएएनएस)
मुंबई, 11 जुलाई | बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम निर्माता दिनेश विजान की नई फिल्म एक्शन थ्रिलर फिल्म 'तेहरान' में जल्द ही नजर आएंगे। सोशल मीडिया के जारिए इस बात की घोषणा हो चुकी है। फिल्म की शूटिंग अब शुरू हो चुकी है। घोषणा वीडियो में फिल्म के अपने पहले लुक में जॉन को दिखाया गया है।
सच्ची घटनाओं से प्रेरित, अगर इस चुपके चोटी को जाना है, तो दर्शकों के पास आगे देखने के लिए काफी ताकतवर कहानी है!
बेक माई केक फिल्म्स के सहयोग से एक मैडॉक फिल्म्स प्रोडक्शन, 'तेहरान' का निर्देशन अरुण गोपालन कर रहे, जिसे रितेश शाह और आशीष प्रकाश वर्मा ने लिखा है।
इस फिल्म को दिनेश विजान, शोभना यादव और संदीप लेजेल ने प्रोड्यूस कर रहे हैं। फैंस को फिल्म का बेसब्री से इंतजार है। (आईएएनएस)
मुंबई, 11 जुलाई। बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम की बतौर निर्माता पहली मलयालम फिल्म 'माइक' 19 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी।
'जेए' एंटरटेनमेंट बैनर तले बनी फिल्म का निर्देशन विष्णु शिवप्रसाद ने किया है और इसकी पटकथा आशिक अकबर अली ने लिखी है।
अभिनेता-निर्माता ने रविवार को एक इंस्टाग्राम पोस्ट में फिल्म की रिलीज़ की तारीख की घोषणा की।
अब्राहम ने फिल्म के पोस्टर के साथ कैप्शन में लिखा, 'जेए एंटरटेनमेंट की पहली मलयालम फिल्म 'माइक' 19 अगस्त 2022 को सिनेमाघरों में आएगी।'
फिल्म में रंजीत सजीव, अनस्वरा राजन, जिनू जोसेफ, अक्षय राधाकृष्णन, अभिराम और सिनी अब्राहम ने अभिनय किया है।
बता दें कि जॉन अब्राहम जल्द मोहित सूरी की ‘एक विलेन रिटर्न्स’ में दिखाई देंगे, जो 29 जुलाई को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। (भाषा)
मुंबई, 10 जुलाई। फिल्म अभिनेता अनिल कपूर ने शनिवार को कहा कि मशहूर फिल्मकार-गीतकार गुलजार के साथ मशहूर अभिनेता संजीव कुमार की रचनात्मक साझेदारी हॉलीवुड के दिग्गज मार्टिन स्कॉर्सेस और रॉबर्ट डी नीरो की प्रतिष्ठित जोड़ी जैसी थी।
कुमार का असली नाम हरिभाई जरीवाला था। उन्हें भारतीय सिनेमा के बेहतरीन कलाकारों में से एक माना जाता है। उनकी और गुलजार की जोड़ी ने ‘मौसम’, ‘आंधी’, ‘अंगूर’, ‘कोशिश’ और ‘परिचय’ जैसी बेहतरीन फिल्में दीं।
उसी दौर में स्कॉर्सेस और डी नीरो ने हॉलीवुड की बेहतरी फिल्मों ‘मीन स्ट्रीट्स’, ‘टैक्सी ड्राइवर’, ‘न्यूयॉर्क, न्यूयॉर्क’ और ‘रेजिंग बुल’ के लिए साझेदारी की।
कपूर ने कहा कि उन्होंने बचपन में कुमार की 1968 में आई फिल्म ‘राजा और रंक’ देखी थी और तभी से वह उनके अभिनय के बड़े प्रशंसक थे।
कपूर ने ‘संजीव कुमार- द एक्टर वी ऑल लव्ड’ के विमोचन के अवसर पर कहा, ‘‘ ‘दस्तक’ से लेकर ‘कोशिश’, ‘शोले’, ‘अनामिका’ से लेकर ‘मनचली’ तक मैंने उनकी सभी फिल्में देखी हैं और खासतौर पर वे सभी फिल्में, जो उन्होंने जया बच्चन जी के साथ की थीं। गुलजार साहब ने हरिभाई के साथ कई फिल्मों का निर्देशन किया था... यह (जोड़ी) मार्टिन स्कॉर्सेस और रॉबर्ट डी नीरो की तरह थी।’’
दिवंगत अभिनेता संजीव कुमार की जीवनी का शनिवार को उनकी 84वीं जयंती पर विमोचन किया गया। इस पुस्तक को रीता राममूर्ति गुप्ता और कुमार के भतीजे उदय जरीवाला ने लिखा है। (भाषा)
सुकांत दीपक
नई दिल्ली, 9 जुलाई | गायक अर्जुन कानूनगो को आप हिट 'बाकी बातें पीने बाद' के साथ जोड़ सकते हैं, लेकिन बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि वह निशानेबाजी में तीन बार के राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता और राष्ट्रीय स्तर के बास्केटबॉल खिलाड़ी भी हैं। हाल ही में अपना पहला स्टूडियो एल्बम 'इंडस्ट्री' रिलीज करने वाले गायक कहते हैं, "मैं हर मौके का इस्तेमाल अपने हर काम में बेहतर होने के लिए करता हूं। अगर मुझे किसी एक को चुनना होता, तो मैं कहूंगा कि मैं एक संगीतकार हूं और इस विधा में मैंने सबसे लंबे समय तक किया है।"
अर्जुन को पहली व्यावसायिक सफलता 2013 की फिल्म 'गो गोवा गॉन' का गाना 'खून चूस ले' से मिली थी, जबकि 2021 की फिल्म 'राधे' में उन्होंने एक अभिनेता के रूप में अपनी शुरुआत की थी।
न्यूयॉर्क में ली स्ट्रासबर्ग थिएटर एंड फिल्म इंस्टीट्यूट में प्रतिष्ठित हाउ बीज टाइम से पास-आउट, वह इसे एक आंख खोलने वाले अनुभव के रूप में याद करते हैं और कहते हैं कि औपचारिक प्रशिक्षण सेट पर अपरिचित स्थितियों से निपटने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित करता है।
उन्होंने कहा, "अभिनेता जितना अधिक प्रशिक्षित होता है, उसे उतना ही अधिक अनुकूलन बनाया जा सकता है और उसके टूलबॉक्स में बहुत सारे उपकरण होते हैं। हिंदुस्तानी शास्त्रीय ने मुझे एक बेहतर गायक बना दिया, और अभिनय ने मुझे एक बेहतर अभिनेता बना दिया। मैं बस खुद को साबित करने में लगा हुआ हूं।"
कानूनगो का कहना है कि सोनी और टी-सीरीज के एकल और फिर एल्बम के दूसरे भाग के अलावा, सिनेमा के मोर्चे पर भी बहुत कुछ चल रहा है।
बादशाह और मिथुन को सहयोग देने वाले अर्जुन को लगता है कि सहयोग समकालीन समय में चर्चा का विषय है। यदि रचनात्मक स्तर पर नहीं, तो निष्पादन या मार्केटिंग के स्तर पर। यहां तक कि अगर आप अपने दम पर एक गीत लिख सकते हैं, तो आपको निर्देशकों, अन्य अभिनेताओं, चालक दल और प्लेटफार्मो के साथ सहयोग करना होगा। संगीत जारी करने के लिए लोगों की एक लंबी पाइपलाइन है।"
एकल के चलन के बारे में उससे बात करें और कैसे उन्होंने एल्बमों को लगभग अप्रचलित बना दिया है, और गायक ने जोर देकर कहा कि अच्छा संगीत बनाने का दबाव कभी बड़ा नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि अच्छे गाने दर्शकों को ढूंढ रहे हैं। नए कलाकारों की तुलना में स्थापित कलाकारों को दर्शक ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यह रिकॉर्ड लेबल पर अधिक दबाव डालता है, जिन्होंने स्थापित कलाकारों के आसपास अपना व्यवसाय बनाया है। हमारे पास इसे धन्यवाद देने के लिए सोशल मीडिया है। यह महान तुल्यकारक है।"
'बिलीव इंडिया' को धन्यवाद देते हुए, गायक का कहना है कि उन्होंने वास्तव में कई वितरकों के साथ काम नहीं किया है, लेकिन बिलीव लेबल और आर्टिस्ट सॉल्यूशंस बहुत स्पष्टता का दावा करते हैं। डिजिटल वितरण और डिजिटल सेवा प्रदाताओं के साथ साझेदारी पर उनके समर्थन के साथ, वे अपने लक्ष्यों और संख्याओं के साथ स्पष्ट हैं। उन्होंने एल्बम पर मेरी ²ष्टि देखी और मुझे खुशी है कि यह एक हिट क्यों रहा है। (आईएएनएस)
आगरा (उप्र), 9 जुलाई। बालीवुड अभिनेत्री पायल रोहतगी, पहलवान संग्राम सिंह के साथ शनिवार को आगरा के जेपी पैलेस होटल में शादी के बंधन में बंधेगी।
इससे पहले उन्होंने शुक्रवार को अपने होने वाले पति के साथ प्राचीन राजेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की।
पायल और संग्राम ने मंदिर में पूजा करते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया मंच पर साझा की। तस्वीरों के साथ पायल ने लिखा,‘‘ हमारे जीवन की इस खूबसूरत यात्रा की शुरुआत!! आप सभी के आशीर्वाद और शुभकामनाओं की आवश्यकता है।’’
गौरतलब है कि राजेश्वर महादेव मंदिर करीब 850 साल पुराना मंदिर है। यहां पूजा करने के दौरान पायल ने भारी कढ़ाई किया महरुन रंग का लहंगा पहना हुआ है, जबकि संग्राम ने क्रीम रंग का कुर्ता पहना था।
शादी की तैयारियों को देख रहे होटल जेपी पैलेस के परिचालन उपाध्यक्ष हरी सुकुमार ने बताया कि शादी में केवल 50 अतिथि शामिल होंगे, जिनके लिए 20 कमरों की बुकिंग कराई गई है। उन्होंने बताया था कि शुक्रवार को होटल में ही रिंग सेरेमनी होगी। (भाषा)
-रेहान फ़ज़ल
मुग़ल-ए-आज़म के बारे में एक बार मशहूर चित्रकार मक़बूल फ़िदा हुसैन ने कहा था, "ये फ़िल्म अपने आप में आँखों की राहत का एक सामाँ है. निर्देशक के आसिफ़ ने जिस तरह तमाम कारनामे को तसव्वुर करके अंजाम दिया है वो उसी तरह है जिस तरह एक पेंटिंग बनाना. मैं समझता हूँ कि ऐसी फ़िल्म अगर फिर बनाना हो तो के आसिफ़ को ही इस दुनिया में वापस आना होगा. कोई और इस कारनामे को अंजाम नहीं दे सकता."
मुग़ल-ए-आज़म के प्रति के आसिफ़ के जुनून के कई किस्से मशहूर हैं. एक बार जब मशहूर संगीतकार नौशाद उड़नखटोला फ़िल्म का संगीत देने में व्यस्त थे, आसिफ़ उनके घर जा पहुंचे और बोले कि तुम कहा करते थे कि बड़ी-बड़ी बातें करने के बजाए तुम कुछ बड़ा करो. वो दिन आ पहुंचा है. मैं मुग़ल-ए-आज़म बनाने जा रहा हूँ और तुम्हें इसका संगीत देना है.
नौशाद ने उर्दू पत्रिका शमा के अगस्त, 1984 में प्रकाशित लेख 'नौशाद की कहानी नौशाद की ज़ुबानी' में लिखा, "मैंने उनसे कहा कि मुझे माफ़ करें क्योंकि मैं बहुत मसरूफ़ हूँ और मेरी तबीयत भी ठीक नहीं चल रही है. उन्होंने एक लाख रुपये की गड्डी निकाली और मेरे हारमोनियम पर रखते हुए कहा, ये एडवांस है. मैंने नाराज़ होकर उस गड़्डी को फेंक दिया. सारे नोट कमरे में बिखर गए."
"आसिफ़ मुस्कराते रहे. इस बीच नौकर चाय की ट्रे लेकर कमरे में घुसा. जब उसने कमरे का नज़ारा देखा तो ट्रे वहीं रख कर मेरी बीबी को बताने दौड़ा कि कमरे में चारों तरफ़ नोट फैले पड़े हैं. जब मेरी बीबी ऊपर आईं तो उसने देखा कि नौकर की बताई बात सही थी."
"आसिफ़ साहब मुस्कराते हुए चाय की चुस्कियाँ ले रहे थे. जब मेरी बीबी ने पूछा कि माजरा क्या है तो आसिफ़ ने कहा- अपने मियाँ से पूछिए. मेरी बीबी और नौकर फ़र्श पर पड़े नोट उठाने लगे. आसिफ़ ने मुझसे कहा- नौशाद साहब ज़िद मत करिए. पैसे रख लीजिए. आप ही मेरे साथ काम करेंगे. मैं भी मुस्करा दिया और बोला - अपने पैसे वापस लीजिए. हम लोग साथ काम करेंगे."
भुट्टो और चाउ एन लाई ने देखी मुग़ल-ए-आज़म की शूटिंग
मुग़ल-ए-आज़म की शूटिंग का जलवा ऐसा था कि कई बड़े-बड़े लोग इसकी शूटिंग देखने आए.
शूटिंग देखने वालों में चीन के प्रधानमंत्री चाउ एन लाई, मशहूर उर्दू शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ और बाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो भी शामिल थे.
नौशाद ने इसका ज़िक्र करते हुए एक बार लिखा था, "उस ज़माने में मुबई के वर्ली सी फ़ेस पर भुट्टो की एक ख़ूबसूरत कोठी हुआ करती थी. वर्ष 1954 से 1958 के बीच भुट्टो अक्सर इस कोठी में रहा करते थे जबकि उनका पूरा परिवार पाकिस्तान चला गया था. जब मधुबाला पर मोहे पनघट पे छेड़ गयो नंदलाल फ़िल्मा रहे थे तो भुट्टो वहाँ मौजूद रहते थे."
"वो मधुबाला से शादी करना चाहते थे. उन्होंने एक लंच के दौरान इसका इज़हार भी मधुबाला से कर दिया था. इसके जवाब में उन्हें सिर्फ़ मधुबाला का एक कहकहा भर ही नसीब हुआ."
दिलीप कुमार और मधुबाला के बीच बोलचाल बंद
मधुबाला ने अपना दिल मुग़ल-ए-आज़म में उनके हीरो दिलीप कुमार को दिया.
दिलीप कुमार अपनी आत्मकथा 'द सब्सटेंस एंड द शैडो एन ऑटोबॉयोग्राफ़ी' में लिखते हैं, "मधुबाला उत्साह से भरी ज़िंदादिल लड़की थी. उनकी वजह से ही मेरा शर्मीलापन और कम बोलने की आदत जाती रही."
"लेकिन जब मुग़ल-ए-आज़म की शूटिंग आधी हो गई तो हमारे बीच इतनी ग़लत फ़हमी बढ़ गई कि हममें बातचीत होनी भी बंद हो गई."
"जब हमारे होठों को पंखों से छूने वाला सीन फ़िल्माया जा रहा था तो हम एक दूसके का अभिवादन करना तो दूर, हम एक दूसरे से एक शब्द भी नहीं बोल रहे थे."
अकबर बने पृथ्वीराज कपूर के लिए आसिफ़ ने ख़ास किस्म के जूते बनवाए जो 4000 रुपये में बन कर तैयार हुए.
जब कैमरामैन आर डी माथुर को ये बात बताई गई तो उन्होंने आसिफ़ से कहा ये जूते तो शॉट में ढ़ंग से नज़र भी नहीं आएंगे.
राज कुमार केसरवानी अपनी किताब 'दास्तान ए मुग़ल-ए-आज़म' में लिखते हैं, "आसिफ़ ने इसका जवाब देते हुए कहा, ये मत भूलो कि मेरे अकबर को जूतों की क़ीमत मालूम है और जब वो ऐसे आलीशान जूते पहन कर चलेगा तो उसकी चाल में सचमुच एक मुग़ल शहंशाह वाली शान होगी."
मुग़ल-ए-आज़म की शूटिंग के दौरान शीश महल का सेट बनवाने में ही करीब दो साल लग गए. आसिफ़ को इसकी प्रेरणा जयपुर के आमेर किले के शीश महल से मिली थी.
भारत में मिलने वाला रंगीन शीशा उतना अच्छा नहीं था, इसलिए आसिफ़ ने इस सेट के लिए बेल्जियम से शीशा मंगवाया था. ख़तीजा अकबर मधुबाला की जीवनी 'द स्टोरी ऑफ़ मधुबाला' में लिखती हैं, "शीशमहल का सेट बनने के दौरान ईद आ गई."
फ़िल्म के फ़ाइनेंसर मिस्त्री रसम के अनुसार आसिफ़ के घर पर ईदी लेकर पहुंचे. उनके हाथ में एक चाँदी की प्लेट थी जिसपर कुछ सोने के सिक्के और एक लाख रुपए रखे हुए थे.
आसिफ़ ने टोकन के तौर पर एक सिक्का उठा लिया. उन्होंने रुपये भी उठाए लेकिन उसे तुरंत शापूरजी मिस्त्री को वापस करते हुए उन्होंने कहा, "इन पैसों का इस्तेमाल मेरे लिए बेल्जियम से शीशा मंगवाने के लिए करिए."
शपूरजी ने आसिफ़ की जगह सोहराब मोदी को लेने का मन बनाया
मुग़ल-ए-आज़म इतनी ओवर बजट हो गई कि इसके फ़ाइनेंसर शपूरजी ने तय किया कि वो फ़िल्म का निर्देशन आसिफ़ से लेकर सोहराब मोदी को दे देंगे. मोदी उस ज़माने में पुकार और सिकंदर जैसी ऐतिहासिक फ़िल्में बना कर मशहूर हो चुके थे.
एक दिन सोहराब मोदी मुग़ल-ए-आज़म के सेट पर आए. उन्होंने पूरे सेट का मुआएना किया और फिर आसिफ़ से पूछ बैठे कि प्यार किया तो डरना क्या गाने को वो कितने दिनों में फ़िल्मा लेंगे? आसिफ़ का जवाब था करीब 30 दिन. मोदी ने एलान किया इसे छह दिनों में फ़िल्माया जा सकता है.
ख़तीजा अकबर मधुबाला की जीवनी 'द स्टोरी ऑफ़ मधुबाला' में लिखती हैं, "आसिफ़ ने तपाक से जवाब दिया, वैसे तो अगर आप बग़ल में रह रहे बी ग्रेड फ़िल्में बनाने वाले नानू भाई वकील को बुलवा भेजें तो वो ये गाना सिर्फ़ दो दिनों में शूट कर देंगे. सुल्तान अहमद बताते हैं कि शापुरजी ने करीब करीब तय कर लिया था कि वो मुग़ल-ए-आज़म की शूटिंग को सोहराब मोदी की मोदी मिनर्वा टोन में शिफ़्ट कर देंगे."
"लेकिन उस वक्त मधुबाला ने के आसिफ़ का साथ दिया और एलान कर दिया कि अगर आसिफ़ को बदला जाता है तो वो फ़िल्म से हट जाएंगी. दिलीप कुमार को भी जब इसके बारे में पता चला तो उन्होंने शापुरजी से कहा कि इस समय निर्देशक को बदलना फ़िल्म के लिए घातक साबित होगा. उन्होंने शापुरजी से यहाँ तक कहा कि आप मेरे बकाया पैसे भले ही न दें लेकिन आसिफ़ को ये फ़िल्म पूरी कर लेने दें."
बादशाह की सोच रखने वाले के आसिफ़
सोहराब मोदी ने शापुरजी को ये बताने की कोशिश की कि आसिफ़ शायद पैसे बनाने के लिए इस फ़िल्म को लंबा खींच रहे हैं.
लेकिन निजी ज़िदगी में के आसिफ़ को पैसों से कोई मोह नहीं था. वो दयालु शख़्स थे और अपना पैसा किसी गरीब व्यक्ति की शादी में ख़र्च करने या किसी ज़रूरतमंद शख़्स के घर का किराया देने या किसी बच्चे की स्कूल की फ़ीस देने में या किसी व्यक्ति के इलाज में अपना पैसा देने में उन्हें कोई हिचक नहीं होती थी.
उनके पास अपना कोई निजी घर नहीं था और न ही उनके पास अपनी कार थी. वो हमेशा काली पीली टैक्सी पर चला करते थे.
शापुरजी को उनपर इतना विश्वास था कि वो फ़िल्म के कलाकारों के पैसे उन्हें सीधे न देकर आसिफ़ के नाम से चेक काटते थे और आसिफ़ उन कलाकारों को पैसे दिया करते थे.
आसिफ़ के बेटे अख़्तर आसिफ़ कहा करते थे, "मेरे पिता का जीवन विरोधाभासों से भरा हुआ था. वो एक बादशाह की तरह सोचते थे लेकिन एक फ़क़ीर की तरह रहते थे."
गर्म बालू पर चलवाया पृथ्वीराज कपूर को
परफ़ेक्शन के प्रति आसिफ़ का जुनून इस हद तक था कि उन्होंने पृथ्वीराज कपूर का सलीम चिश्ती की मज़ार पर जाने का सीन तपती धूप और गर्म बालू पर फ़िल्माया था. उन्होंने पृथ्वीराज को बता दिया था कि जब उनके लिए गर्म बालू पर चलना असहनीय हो जाए तो वो अपना हाथ अपने बग़ल में ले जा कर इशारा कर भर कर दें. शूटिंग रोक दी जाएगी.
कैमरामैन आरडी माथुर पृथ्वीराज कपूर के इशारे का इंतज़ार ही करते रह गए लेकिन वो नहीं आया. पृथ्वीराज कपूर तपती रेत पर तब तक आगे बढ़ते गए जब तक आसिफ़ ने कट नहीं कह दिया.
राज कुमार केसरवानी अपनी किताब 'दास्तान ए मुग़ल ए आज़म' में लिखते हैं, "के आसिफ़ ने पृथ्वीराज कपूर को नैतिक समर्थन देने के लिए अपने दोनों जूते उतार दिए और खुद भी नंगे पैर चले. शॉट पूरा होते ही वो कपूर को गले लगाने दौड़े. तब तक पृत्वीराज कपूर के पैरों में बड़े बड़े छाले पड़ चुके थे."
"अजीत ने एक बार याद किया था कि जब फ़िल्म में उनकी मौत का सीन फ़िल्माया जा रहा था तो आसिफ़ टेक पर टेक लिए जा रहे थे. मैंने फिल्म के असिस्टेंट डायरेक्टर सुल्तान अहमद से मज़ाक किया था कि लगता है आसिफ़ शॉट को ओके तभी करेंगे जब मैं असल में मर कर नीचे गिर जाऊंगा."
लच्छू महाराज ने कत्थक सिखाया मधुबाला को
जब मोहे पनघट पे नंदलाल छेड़ गयो गाना फ़िल्माया जा रहा था तो पहले के आसिफ़ और फिर नृत्य निर्देशक लच्छू महाराज नौशाद के पास आकर बोले, "नौशाद साहब ये गाना ऐसा बनाएं कि वाजिश अली शाह के दरबार के ज़माने की ठुमरी और दादरा याद आ जाए."
"नौशाद ने कहा कि कत्थक में चेहरे और हाथ के हावभाव सबसे महत्वपूर्ण होते हैं. इसे फ़िल्म में मधुबाला पर फ़िल्माया जाएगा. उन्होंने कत्थक कभी सीखा नहीं है. क्या वो इसके साथ न्याय कर पाएंगी?"
"लच्छू महाराज ने कहा- ये आप मेरे ऊपर चोड़ दीजिए. उन्होंने शूटिंग से पहले मधुबाला को घंटों कत्थक का भ्यास करवाया. पूरा गाना मधुबाला पर फ़िल्माया गया और इसके लिए किसी डुप्लीकेट का इस्तेमाल नहीं किया गया."
आसिफ़ ने 25000 रुपए देकर बड़े ग़ुलाम अली को साइन किया
एक दिन आसिफ़ ने नौशाद से कहा कि वो स्क्रीन पर तानसेन को गाते हुए दिखाना चाहते हैं. सवाल उठा कि इसे गाएगा कौन?
नौशाद ने कहा कि इसे उस समय के तानसेन बड़े ग़ुलाम अली से गवाना चाहिए, लेकिन वो इसके लिए तेयार नहीं होंगें. आसिफ़ ने कहा कि ये आप मेरे ऊपर चोड़ दीजिए. जब आसिफ़ ने बड़े ग़लाम अली से गाने की फ़रमाइश की तो उन्होंने गाने से इनकार कर दिया.
राज कुमार केसवानी लिखते हैं, "आसिफ़ ने हार न मानते हुए कहा गाना तो आप ही गाएंगे. उस्ताद ने हैरत से नौशाद की तरफ़ देख कर पूछा, ये पागल है क्या? नौशाद ने कहा- बिल्कुल सही फ़रमाया हुज़र. एकदम पागल है, मानेगा नहीं. उस्ताद ने मुस्करा कर जवाब दिया- मुझे भी पागलों का इलाज करना ख़ूब आता है. गाने के इतने रुपए माँगूंगा कि सारा पागलपन ठीक हो जाएगा."
"उस्ताद ने फ़ैसला सुनाया, ठीक है गाउंगा लेकिन लूँगा पूरे पच्चीस हज़ार रुपए. आसिफ़ ने चुटकी बजा कर अपनी सिगरेट की राख झाड़ी और जेब से नोटों की एक गड्डी निकाल कर पेश कर दी. बस! सिर्फ़ पच्चीस हज़ार रुपये! मंज़ूर है.' उस्ताद ने एक के बाद एक दो गीत रिकॉर्ड करवाए, 'प्रेम जोगन बन के, जोगन सुंदरी पिया ओर चले' और 'शुभ दिन आयो राज दुलारा."
पिक्चर रीलीज़ होने से तीन दिन पहले टिकट के लिए लंबी कतारें
फ़िल्म की एडवांस बुकिंग शुरू होने से पहले के आशिफ़ ने पिक्चर हॉल मराठा मंदिर में बाक़ायदा पूजा पाठ करवाया. बुकिंग खुलने से तीन दिन पहले ही मूसलाधार बारिश के बावजूद टिकट के लिए लोगों की कतारें लगना शुरू हो गई थीं.
हालत ये थी कि वहीं लोग खाने पीने और सोने लगे थे. क़तार में खड़े लोगों के लिए बाक़ायदा उनके घर से टिफ़िन में खाना आता था. सबसे पहला टिकट संपतलाल लोढ़ा ने ख़रीदा. 75 पैसे और 2 रुपए में मिलने वाले टिकट ब्लैक में 100 रुपए से 200 रुपए के बीच बिके.
4 अगस्त, 1960 को जब मुग़ल-ए-आज़म का प्रीमियर हुआ तो फ़िल्म के प्रिंट को हाथी पर लाद कर थियेटर पहुंचाया गया. भीड़ का आलम ये था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण को हॉल तक पहुंचने में एक घंटे से ज़्यादा का समय लग गया.
लेकिन इस प्रीमियर में फ़िल्म के हीरो दिलीप कुमार और हीरोइन मधुबाला ग़ैरहाज़िर थे. दिलीप कुमार के इस समारोह में न शामिल होने की एक वजह थी. के आसिफ़ ने इस बीच उनकी छोटी बहन अख़्तर से शादी कर ली थी और दिलीप कुमार अपने दोस्त की इस हरकत से काफ़ी नाराज़ थे.
मधुबाला अपनी दिल की बीमारी से इतनी पस्त थीं कि भी इतने बड़े जश्न में शामिल होने की हिम्मत न जुटा सकीं. अगले 77 हफ़्तों तक मराठा मंदिर थियेटर में मुग़ल-ए-आज़म लगातार हाउसफ़ुल चलती रही.
फ़िल्मफ़ेयर ने की मुग़ल-ए-आज़म की अनदेखी
लेकिन पूरे भारत में तहलका मचा देने वाली इस फ़िल्म को फ़िल्मफ़ेयर ने मात्र तीन पुरस्कारों के लिए चुना. फ़िल्म का हर गीत लोगों की ज़ुबान पर आने के बावजूद उस साल सर्वश्रेष्ठ संगीत का पुरस्कार 'दिल अपना और प्रीत पराई' के संगीत के लिए शंकर जयकिशन को दिया गया.
फ़िल्मफ़ेयर ने इस फ़िल्म में पृथ्वीराज कपूर और दिलीप कुमार के अभिनय को भी अनदेखा किया. उस साल सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिलीप कुमार को तो मिला लेकिन फ़िल्म 'कोहिनूर' के लिए. मधुबाला के मुकाबले बीना राय को फ़िल्म 'घूंघट' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार के लिए चुना गया.
मुग़ल-ए-आज़म को कुल तीन पुरस्कार मिले, बेस्ट फ़िल्म, बेस्ट सिनोमाटोग्राफ़ी और बेस्ट डायलॉग के लिए. इस फ़ैसले से नाराज़ होकर के आसिफ़ ने मुग़ल-ए-आज़म के लिए घोषित बेस्ट फ़िल्म के अवॉर्ड को भी लेने से इनकार कर दिया.
दिलचस्प बात ये है कि मुग़ल-ए-आज़म की शूटिंग ख़त्म होने के बाद गुरुदत्त ने फ़िल्म के सेट के नक्काशीदार खंबे उधार लेकर अपनी फ़िल्म चौदवीं का चाँद के सेट्स तेयार करवाए.
मुग़ल-ए-आज़म के आर्ट डायरेक्टर एमके सैयद को तो फ़िल्म फ़ेयर ने इनाम देने लायक नहीं समझा लेकिन उनसे उधार लिए सामान से बने सेट्स लगाने वाले बीरेन नाग को 'चौदहवीं का चाँद' के लिए बेस्ट आर्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड दे दिया.
80000 फ़िट का फ़ुटेज
मुगल-ए-आज़म को तीन भाषाओं मं बनाया गया था, हिंदी, अंग्रेज़ी और तमिल. अंग्रेज़ी संस्करण का नाम ता द ग्रेट मुग़ल. लेकिन ये फ़िल्म कभी रिलीज़ नहीं हुई. तमिल संस्करण का नाम रखा गय़ा था अकबर लेकिन उसे दर्शकों ने पसंद नहीं किया.
शूटिंग के दौरान हर शॉट को तीन बार शूट किया जाता और डॉयलॉग भी तीन बार दोहराए जाते. नतीजा ये रहा कि शूटिंग की अवधि बढ़ती गई और बेइतहा फ़ुटेज जमा होता रहा.
सेट तब तक लगे रहते जब तक तीनों भाषाओं में शॉट ओके नहीं हो जाते.
परफ़ेक्शन के प्रति आसिफ़ के जुनून का नतीजा ये रहा कि शूटिंग समाप्त होते होते करीब 80000 फ़िट का निगेटिव जमा हो गया जिसका बहुत कम हिस्सा फ़िल्म में इस्तेमाल किया गया.
एक अनुमान के अनुसार इस फ़ुटेज में कम से कम चार मुग़ल-ए-आज़म बनाई जा सकती थीं.
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 7 जुलाई। फिल्म संजू के दुल्हनिया की टीम बिल्कुल नई है, इस टीम के सभी सदस्य उच्च स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त, नए तकनीकों से सुसज्जित युवा टीम है, जिनकी ऊर्जा और ताजगी देखते ही बनती है। इस फिल्म के निर्माता निर्देशक कास्ट छत्तीसगढ़ प्रदेश से है। जिन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति परम्परा कलाकारों को छालीवुड फिल्म इंडस्ट्री के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर तक पहचान बनाने के उद्देश्य से नए व बहुचर्चित छत्तीसगढ़ी कलाकारों के साथ मिल कर पारिवारिक व मनोरंजन से भरपूर फिल्म संजू के दुल्हनिया बनाया है जो 8 जुलाई से छत्तीसगढ़ के सिनेमाघरों में रिलीज होने को तैयार है।
निर्माता गीतिका चंद्राकर रायपुर निवासी जो कि इंजीनियर है एवं प्रवीर कुमार गुप्ता पेशे से बिजनेसमैन है। कोंडागांव के निवासी है, इन्होंने छत्तीसगढ़ की परम्परा संस्कृति को ध्यान में रखते हुए फिल्म का निर्माण किया है।
इस फिल्म के निर्देशक हितेश कुमार देवांगन है जो कि कोरबा जिले के निवासी है, जिन्होंने एमसीए की डिग्री लिया हुआ है, साथ ही मुंबई और दिल्ली के अनेक सिनेमा और सीरीयल में बड़े प्रोडकसन में काम भी किया है।
इस फिल्म के कथा व संवाद लेखक महेश्वर नाग जी एडिशनल एस पी है जो कि वर्तमान में जिला रायगढ़ में पदस्थ है। कपिल शर्मा शो फ़ेम कन्हैया ठाकुर पप्पू ने सुमधुर संगीत दिया है ।
इस फि़ल्म में छत्तीसगढ़ के जाने माने अभिनेता रजनीश झाँझी के सुपुत्र लक्षित झांझी हीरो के बतौर अपनी पहली फि़ल्म में आ रहे है। रजनीश झाँझी इस फि़ल्म में लक्षित के पिता की भूमिका निभा रहे हैं। मॉडल गुंजन अग्रवाल भी इस फि़ल्म से डेब्यू कर रही हैं। साथ ही जाने-माने कलाकार पुरन किरी जो इस फिल्म के अलावा बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी बहुत से फिल्म व वेब सीरीज के माध्यम से दर्शकों अपने अभिनव से आकर्षित करते आये हैं, उनको दर्शक देखेंगे संजू के दुल्हनिया में राधिका उर्फ गुंजन के पिता के शानदार रोल में।पुरन किरी चारामा के रहने वाले हैं। क्राइम पेट्रोल,वेब सिरीज़ मत्य कांड और आने वाले सनी देओल के फि़ल्म ग़दर 2 में उनके साथ बड़ी भूमिका में नजऱ आएंगे।
इस फि़ल्म में मुख्य कलाकार रजनीश झाँझी, उपासना वैष्णव, पुरन किरी, मंजु लता राठौर, विक्रम राज, पवन गुप्ता, सुखनंदन राठौर, उपासना वैष्णव, दीपक मेरीया, किरण वर्मा, मोनिका जैन, पायल विशाल,अपूर्वा सिरमौर ओमकार चौहान,लक्की अजीत सिंह, एम. आर. रवीश, लोकेश पटेल, प्रांजल राजपूत, संजय, गौरव साहू, सचिन सोनी, मनोज, कलाकारों ने अद्भुत अभिनय किया है।
छायांकन ज़हीर अब्बास नकवी, कैमरा सहायक मिथुन विश्वास, कुणाल मेहरा, अरीज़ा अब्बास, एवं धीरज कुमार, मुख्य सह निर्देशक एवं कार्यकारी निर्माता : अबरार आलम सिद्दीकी, सह निर्देशक पायल विशाल, अपूर्वा सिरमौर, विनय राजपूत, विनय कुर्रे, गौरव साहू, कल्याण साहू, प्रोडक्शन लोमेश साहू, अमित शर्मा, धनराज साहू, पार्श्व संगीत सोमदत्त पंडा, गीत ओमकार चौहान, एस एन सुल्तान, रैपर अंकित, चंद्रभूषण वर्मा, जितेंद्र साहू, सिंगर अनुराग शर्मा, अलका चंद्राकर, सुनील सोनी, दिलीप षडंगी, अपूर्व चौधरी, ट्विंकल साहू, राकेश शर्मा जफ़र इकबाल, कला निर्देशक दीपक मेरिया, बेनडिक्ट फ्रांसिस
कोरियोग्राफर संजय तांडी, परमेश साहू, राहुल तांडी, डबिंग एवं फॉली जितेंद्रीयम देवांगन आलाप म्यूजिक स्टूडियो, रायपुर, डी. आई. आइ फ़ोकस मुंबई, पोस्ट प्रोडक्शन - राकेट एंटरटेनमेंट, ग्राफिक्स वी. एफ. एक्स. पोस्टर वेणुबीज मल्टीमीडिया सर्विसेज, मेकअप कलाकार योगी माथुर, आकाश फिल्म नीलू प्रधान पोस्टर शूट, न्यू लुक ब्यूटी पार्लर ड्रेस पार्टनर लिबास बाई योगिता, कनेक्शन, मनीषा बिलासपुर , आनंदम तिल्दा, यह फि़ल्म बहुत ही साफ़ सुथरी और छत्तीसगढ़ के लोगों के मर्यादाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है
नारी का सम्मान करते हुए पूरी टीम ने इस फि़ल्म किसी भी प्रकार की अश्लीलता और भडक़ाऊ सीन नहीं डालें है।
नयी दिल्ली, 6 जुलाई (भाषा)। सोशल मीडिया मंच ट्विटर ने फिल्मकार लीना मणिमेकलाई के उस ट्वीट को हटा दिया है जिसमें उन्होंने अपने वृत्तचित्र “काली” का पोस्टर लगाया था। इस पोस्टर को लेकर विवाद पैदा हो गया है।
कनाडा के टोरंटो में रहने वाली मणिमेकलाई ने दो जुलाई को किये ट्वीट में “काली” का पोस्टर साझा किया था जिसमें देवी को धूम्रपान करते और एलजीबीटीक्यू समुदाय का झंडा पकड़े दर्शाया गया था।
मूल पोस्ट के स्थान पर एक संदेश लिखा गया है कि, “लीना मणिमेकलाई के ट्वीट को कानून के तहत की जा रही मांग के मद्देनजर भारत में नहीं दिखाया जा रहा है।”
यह स्पष्ट नहीं है कि ट्विटर ने ट्वीट को कब हटाया।
दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को इस विवादास्पद पोस्टर को लेकर मणिमेकलाई के खिलाफ अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की थी।
कनाडा में हिंदू समुदाय के नेताओं की ओर से शिकायत मिलने के बाद ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने कनाडाई अधिकारियों से आग्रह किया था कि फिल्म से संबंधित “उकसावे वाली सामग्री” को हटाया जाए।
लंदन, 6 जुलाई। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर के बेहद लोकप्रिय मानसून गीतों का एक संगीत वीडियो लंदन में रिलीज़ किया गया। इस गीत को शायर एवं गीतकार जावेद अख्तर ने बांग्ला से हिंदी में अनुवाद किया है।
‘मेघ ही मेघ’ गीत के जारी होने के मौके पर अख्तर के साथ उनकी अभिनेत्री पत्नी शबाना आज़मी भी थीं। इसे लंदन स्थित गैर लाभकारी संगठन ’बैठक यूके’ ने सोमवार शाम को ताज होटल में आयोजित एक कार्यक्रम में जारी किया।
इस वीडियो के लिए ब्रिटिश भारतीय कलाकार संगीता दत्ता, शौमिक दत्ता और कथक नर्तकी शिवानी ने एक साथ काम किया है। (भाषा)
‘बैठक यूके’ की निदेशक संगीता ने कहा, “ जावेद साहब की टैगोर की कृतियों के अनुवाद दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध हैं और यह वीडियो एक और ऐसी महान कविता के लिए हमारी श्रद्धांजलि है, जो मानसून को जीवंत करती है।”
हैदराबाद, 5 जुलाई | साउथ सुपरस्टार अल्लू अर्जुन एक के बाद एक नई फिल्म की शूटिंग में व्यस्त होने वाले हैं, इसके बाद अभिनेता के पास वक्त की कमी रहेगी। ऐसे में अल्लू अर्जुन ने काम ने थोड़ा वक्त निकाल कर परिवार संग रहने की सोची है और इसीलिए अल्लू पत्नी और बच्चों के साथ तंजानिया पहुंच गए हैं। अभिनेता की पत्नी अल्लू स्नेहा ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर छुट्टी से एक पारिवारिक तस्वीर पोस्ट की। फोटो में अल्लू अर्जुन अपनी पत्नी और बच्चों, बेटे अल्लू अयान और बेटी अल्लू अरहा के साथ अच्छा समय बिताते हुए दिखाई दे रहे हैं।
ये खुबसूरत अल्लू परिवार की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।
कहा जाता है कि सीक्वल, 'पुष्पा : द रूल' की पटकथा पूरी हो चुकी है और शूटिंग की तैयारी शुरू करने के लिए अल्लू अर्जुन के जल्द ही हैदराबाद लौटने की उम्मीद है।
'पुष्पा : द राइज' में अल्लू अर्जुन एक दलित व्यक्ति की भूमिका निभाते हैं, जो एक चंदन तस्करी सिंडिकेट का बॉस बन जाता है।
निर्माताओं के अनुसार, पुष्पा की प्रेमिका, श्रीवल्ली की भूमिका निभाने वाली रश्मिका मंदाना की अगली कड़ी में एक बड़ी भूमिका होगी। (आईएएनएस)