मनोरंजन
बॉलीवुड अभिनेता आमिर ख़ान की नई फ़िल्म लाल सिंह चड्ढा रिलीज़ होने वाली है. रिलीज़ से पहले ही फ़िल्म विवादों में घिर गई है.
ट्विटर पर फ़िल्म के बायकॉट से जुड़ा हैशटैग ट्रेंड कर रहा है. कुछ ट्विटर यूज़र्स ने साल 2015 में आमिर ख़ान के दिए उस इंटरव्यू का क्लिप शेयर करना शुरू कर दिया, जिसमें उन्होंने देश में बढ़ी असहिष्णुता पर अपनी राय रखी थी.
फ़िल्म को लेकर जारी विरोध पर अब ख़ुद आमिर ख़ान और फ़िल्म की अभिनेत्री करीना कपूर की प्रतिक्रिया आई है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए आमिर ख़ान ने कहा, ''ये बायकॉट बॉलीवुड...बायकॉट आमिर ख़ान...बायकॉट लाल सिंह चड्ढा...मुझे दुख होता है क्योंकि ज़्यादातर लोग, जो ये कह रहे हैं उन्हें वाकई ये लगता है कि मैं भारत को पसंद नहीं करता...लेकिन ये बिल्कुल झूठ है. ये बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण है अगर कुछ लोग ऐसा महसूस करते हैं.मैं अपने देश से वाकई प्यार करता हूं...मैं ऐसा ही हूं. मैं सभी को ये आश्वस्त करना चाहता हूं कि ऐसी कोई बात नहीं है इसलिए प्लीज़ मेरी फ़िल्मों का बायकॉट नहीं करें.''
वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए करीना कपूर ने कहा कि आज सभी के पास अपनी एक राय है. कई प्लेटफॉर्म हैं, जहां लोग अपनी आवाज़ उठा रहे हैं. तो अब, अगर ऐसा हो रहा है, तो आपको कुछ बातों को नज़रअंदाज़ करना सीखना होगा. नहीं तो, अपना जीना असंभव हो जाएगा. और इसलिए मैं इस तरह की किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लेती.
साल 2015 में एक इवेंट के दौरान देश में बढ़ती असहिष्णुता पर अपनी राय रखते हुए आमिर ने कहा था कि देश में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ और आम जनता पर हो रही हिंसा से उनकी पत्नी किरण काफ़ी डरी हुई हैं. वो चाहती हैं कि हमारा परिवार देश छोड़कर चला जाए.
तब आमिर के इस बयान की काफ़ी आलोचना हुई थी और उन्हें विरोधों का सामना करना पड़ा था. (bbc.com)
मुंबई, 1 अगस्त | मुंबई पुलिस ने बॉलीवुड स्टार सलमान खान को निजी 'बंदूक का लाइसेंस' दिया है। ये लाइसेंस सलमान खान और उनके पिता सलीम खान को जान से मारने की धमकी के बाद दिया गया है। इस बात की जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को दी है। जुलाई के अंत में, सलमान खान ने पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर से बंदूक लाइसेंस के लिए अनुरोध किया था, हालांकि उस वक्त पुलिस ने इसका जोरदार खंडन किया था।
आवेदन को उचित माध्यम से भेजा गया था, और पिछले सप्ताह सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद, रविवार को लाइसेंस के कागजात सौंपे गए।
पिता-पुत्र को मिली मौत की धमकी के बाद, मुंबई पुलिस ने उनके बांद्रा पश्चिम आवास पर सुरक्षा भी कड़ी कर दी थी और अन्य उपाय शुरू कर दिए थे, जबकि अभिनेता ने हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन दिया था।
जून की शुरूआत में, खान सेलेब्स के लिए एक धमकी के साथ एक नोट बरामद किया गया था।
इस धमकी वाले नोट में लिखा था, "मई में मारे गए पंजाबी गायक मूसेवाला की तरह ही आपका भी हाल होगा।" उसके बाद इसको लेकर कई सारी खबरें सामने आई थी और पुलिस ने सलमान खान की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा था।(आईएएनएस)
प्रदीप सरदाना
"कहने को मैं 75 साल की हो गयी हूँ लेकिन मुझे लगता है मैं 18 साल की हुई हूँ. मैं 18 की उम्र सा व्यवहार करती हूँ. यही सोच मैं रोज एक्सरसाइज़ करती हूँ. अपने खाने पीने को लेकर मैं बहुत सचेत रहती हूँ. खुश रहती हूँ. सच कहूँ तो मैं यह सोचती ही नहीं कि मैं इतनी बड़ी उम्र की हो गयी हूँ."
यह कहना है अपने समय की बेहद लोकप्रिय, चंचल और खूबसूरत अभिनेत्री मुमताज़ का जिन्होंने अपने अभिनय और अंदाज़ से लोगों को ऐसा दीवाना बनाया कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री हैरान रह गयी.
'दो रास्ते','सच्चा झूठा', 'खिलौना', 'अपना देश', 'तेरे मेरे सपने', 'आपकी कसम', 'लोफ़र', 'झील के उस पार', 'चोर मचाये शोर' और 'रोटी' जैसी कई सुपरहिट फिल्मों की यह दिलकश नायिका मुमताज़ रविवार (31 जुलाई) को 75 साल की हो गयी हैं.
मुमताज़ अपना यह खास जन्मदिन अफ्रीका के युगांडा में मना रही हैं जहां राजधानी कम्पाला के निकट ककीरा में मुमताज़ का 80 हज़ार एकड़ में फैला अपना विशाल माधवानी नगर है.
मुमताज़ साल भर अलग अलग देशों में घूमती रहती हैं. यूं तो उनसे मेरी पहले भी कभी मुंबई, कभी लंदन और कभी दुबई में बात होती रही हैं लेकिन इस बार उनके इस 75 वें जन्म दिन पर मैंने उनसे युगांडा में खास बात की.
बातचीत के दौरान उनका वो उत्साह, उमंग और खुशी साफ महसूस हो रही थी, जिसके लिए मुमताज़ मशहूर रही हैं. लगा ही नहीं कि कुछ समय पहले ही पेट के संक्रमण के चलते वह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में एक सप्ताह तक दाखिल रही थीं.
यूं मुमताज़ जल्द किसी से घुलती मिलती नहीं. वह काफी स्वाभिमानी होने के साथ अपनी अलग दुनिया में रहना पसंद करती हैं. अपनी फ़िल्म यात्रा में मुंबई में रहते हुए मुमताज़ ने एक से एक नायक, एक से एक फ़िल्मकार के साथ काम किया लेकिन आज फिल्म नगरी में उनके कुछेक ही खास दोस्त हैं.
शायद इसीलिए मुमताज़ ने अपना यह विशेष जन्म दिन भी मुंबई से करीब 5 हज़ार किमी दूर युगांडा में मनाने का फैसला लिया है. फिल्म वालों से दूर, सिर्फ अपने परिवार के साथ.
जब मुमताज़ से हमने पूछा कि इस ख़ास जन्मदिन के लिए उनकी क्या ख़ास तैयारी हैं ?
तो उन्होंने बताया, "यह सब मेरे पति और बच्चों को पता है कि क्या करना है. हाँ यह है कि मेरे परिवार के सभी लोग मेरी दोनों बेटियाँ, उनके बच्चे और मेरी बहन के साथ हमारे कुछ बेहद करीबी रिश्तेदार और दोस्त युगांडा पहुँच गए हैं."
आपके बड़े दामाद फरदीन भी क्या इस मौके पर युगांडा आ रहे हैं?
मुमताज़ कहती हैं, "नहीं फरदीन तो संजय लीला भंसाली की फिल्म की शूटिंग में व्यस्त होने के कारण नहीं आ पाएगा लेकिन परिवार के बाकी सभी सदस्य पहुँच गए हैं."
'फिल्मों में वापसी पक्की नहीं'
इधर यह चर्चा है कि आप भी भंसाली की इसी फिल्म से बरसों बाद फिल्मों में अपनी वापसी करने जा रही हैं, आपकी शूटिंग कब है ?
इस सवाल पर उन्होंने कहा, "नहीं नहीं, मेरा अभी कुछ पक्का नहीं है कि मैं यह फिल्म करूंगी या नहीं. मेरी भंसाली से मुलाक़ात जरूर हुई है. वह एक अच्छे फ़िल्मकार होने के साथ एक अच्छे इंसान भी हैं."
"अपनी फिल्मों में वह महिलाओं को बहुत ही खूबसूरती से पेश करते हैं. मैं यदि वापसी करूंगी तो उन जैसे किसी फ़िल्मकार के साथ ही करूंगी लेकिन अभी इस फिल्म को लेकर हंड्रेड परसेंट श्योर नहीं हूँ."
अब मुंबई कब लौट रही हैं, इस सवाल पर वह बोलीं, "अभी जल्द मुंबई लौटने का कोई इरादा नहीं है. कोई बहुत जरूरी काम आया तो और बात है. अभी मैं यहाँ से नेरोबी जाऊँगी जो युगांडा के बाजू में ही है. उसके बाद लंदन जाऊंगी."
पहले हीरो थे दारा सिंह
बता दें मुमताज़ को 1960 के दशक के शुरू में ही 'स्त्री', 'सेहरा', 'मुझे जीने दो' और 'गहरा दाग' जैसी फिल्मों में छोटे छोटे रोल मिलने लगे थे लेकिन उनके करियर में पहला मोड़ तब आया जब सुप्रसिद्द पहलवान दारा सिंह के साथ उन्हें 'फौलाद' जैसी फ़िल्म में नायिका बनने का मौका मिला.
बेहद गरीब परिवार में जन्मी मुमताज़ के लिए वह बड़ी खुशी का मौका था, जब 16 साल की उम्र में उन्हें फिल्म 'फौलाद' में नायिका राजकुमारी पदमा का किरदार निभाने का मौका मिला. यह स्टंट फिल्म ऐसी चली कि दारा सिंह और मुमताज़ की जोड़ी हिट हो गयी.
देखते देखते इन दोनों की 15 एक्शन फिल्में आ गईं जिनमें 'वीर भीमसैन', 'हरक्युलिस', 'सैमसन', 'आँधी और तूफान', 'टार्जन एंड किंग काँग', 'टार्जन कम्स टू दिल्ली', 'राका', 'सिकंदर ए आज़म', 'रुस्तम ए हिन्द' और 'डाकू मंगल सिंह' जैसी फिल्में शामिल हैं.
मेरी दारा सिंह जी से बरसों पहले मुमताज़ को लेकर अक्सर बातें होती थीं. वह बताते थे, ''मुमताज़ शुरू से ही बहुत मेहनती थी. उसे जो भी सिखाया जाता वह झट से समझ जाती थी. यहाँ तक डांस में भी वह कमाल की थी. मुझे लगता था उसके नसीब ने उसका साथ दिया तो वह काफी तरक्की करेगी.''
बाद में सच में मुमताज़ ने जल्द ही जिस तरह शिखर को छुआ वह किसी चमत्कार से कम नहीं था. हालांकि, इसके लिए मुमताज़ को बहुत मेहनत करनी पड़ी क्योंकि शशि कपूर जैसे कुछ नायकों ने तो मुमताज़ के साथ काम करने से मना कर दिया था.
शशि कपूर के इंकार को लेकर जब मैंने मुमताज़ से पूछा तो वह बोलीं, ''यह सच है कि शशि कपूर ने मेरे साथ काम करने से मना कर दिया था. एक दिन मैं जिस स्टूडियो में फिल्म 'सच्चा झूठा' की शूटिंग कर रही थी, उसी स्टूडियो में शशि जी आये थे.''
''तब मैंने उनसे कहा था कि शशि बाबा आप मेरे साथ काम करने से मना क्यों कर देते हैं तो उन्होंने यह बात स्वीकार नहीं की और कहा नहीं मुमू बाबा मैं क्यों मना करूँगा, मैंने मना नहीं किया, आपके साथ काम करने से.''
''तब मैंने कहा था कि मैं सच जानती हूँ क्योंकि मेरे प्रोड्यूसर मुझे बता चुके हैं पर एक दिन आप मेरे साथ काम ज़रुर करेंगे. मैं आपकी फैन हूँ और हमेशा रहूंगी.''
'ऊपर वाला है मेरा बॉयफ्रेंड'
बाद में जब आप हिट हो गईं और शशि कपूर ने आपके साथ 'चोर मचाये शोर' और 'प्रेम कहानी' जैसी कामयाब फिल्में कीं, तब क्या शशि ने आपके साथ काम ना करने के अपने पुराने निर्णय पर कोई अफसोस जताया था?
इस सवाल पर मुमताज़ बताती हैं, "नहीं नहीं, इस बारे में उन्होंने ना कभी कोई अफ़सोस जताया और ना कभी माफ़ी मांगी क्योंकि शायद अपनी ईगो में उन्होंने यह कभी स्वीकार ही नहीं किया कि उन्होंने मेरे साथ काम करने से मना किया.''
'' लेकिन मुझे इस बात का कोई मलाल नहीं है. इसका जवाब भगवान ने ही उन्हें दे दिया. जब मेरे साथ की दोनों फिल्में हिट हो गईं और तभी मैंने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया. उसके बाद चाहकर भी वो मेरे साथ काम नहीं कर पाए. ऊपर वाला मुझे बहुत चाहता है, वो मेरा बॉयफ्रेंड है.''
'ऊपर वाला' मुमताज़ पर निश्चय ही बहुत मेहरबान रहा है. ध्यान से देखें तो उनका फिल्म करियर करीब 15 साल का ही रहा. इन बरसों में भी वह शुरू के 5 साल में तो बड़े धमाल नहीं कर सकीं लेकिन उसके बाद मुमताज़ हिन्दी सिनेमा की 'रानी' बन गईं.
पहले शशि के अलावा जीतेंद्र जैसे कुछ और बड़े नायक मुमताज़ के साथ इसलिए काम नहीं करना चाहते थे क्योंकि मुमताज़ स्टंट फिल्मों की नायिका थीं लेकिन जब मुमताज़ 'राम और श्याम', 'दो रास्ते' और 'बंधन' जैसी फिल्मों के कारण हिट होती चली गईं तो इस बला की सुंदरी के साथ काम करने के लिए सभी नायकों का दिल मचल उठा.
देखते देखते हालात ऐसे बने कि कई स्टंट फिल्मों की नायिका रही मुमताज़ ने एक दिन नंबर वन हीरोइन का ताज अपने नाम कर लिया.
लोकप्रियता का आलम यह था कि मुमताज़ के आते ही रुपहला पर्दा दमक उठता था. पर्दे पर नृत्य करती मुमताज़ के पैर थिरकते थे तो थिएटर में दर्शक झूमने लगते थे.
असल में अपनी जी तोड़ मेहनत, लगन और योग्यता के बल पर मुमताज़ ने ऐसा इतिहास रचा जिसकी मिसाल आज भी दी जाती है और कल भी दी जाती रहेगी. बड़ी बात यह भी है कि बरसों फिल्मों से दूर रही मुमताज़ का जादू आज भी कायम है.
राजेश खन्ना के साथ खूब जमी जोड़ी
मुमताज़ की जोड़ी यूं तो धर्मेन्द्र, देव आनंद, फिरोज खान और जीतेंद्र जैसे नायकों के साथ भी लोकप्रिय हुई लेकिन राजेश खन्ना के साथ उनकी जोड़ी सबसे ज्यादा मशहूर हुई. राजेश खन्ना के साथ मुमताज़ ने 8 फिल्मों में काम किया.
मुमताज़ खुद एक समय में राजेश खन्ना को इतना पसंद करती थीं कि उन्होंने राजेश खन्ना के बंगले के साथ ही अपना बंगला भी ले लिया. जब राजेश खन्ना अपने अंतिम दिनों में कैंसर से जूझ रहे थे, तब मुमताज़ ख़ास तौर से उनसे मिलने उनके 'आशीर्वाद' बंगले में गयी थीं.
तब मुमताज़ ने राजेश को धीरज बँधाते हुए कहा था, "जैसे मैंने कैंसर से अपनी जंग जीत ली है, वैसे ही आप भी यह जंग जीत जाओगे". मगर ऐसा हो नहीं सका.
अब ना राजेश खन्ना हैं और ना उनका वह आशीर्वाद बंगला लेकिन मुमताज़ का पुराना बंगला आज भी वही हैं. जहां अब मुमताज़ की बहन मल्लिका रहती हैं.
मुमताज़ स्वीकार करती हैं कि काका राजेश खन्ना के साथ उनकी जोड़ी काफी लोकप्रिय हुई. साथ ही यह भी कि वह कभी उनके काफी करीब थे.
आप अक्सर मुंबई आती रहती हैं, इन दिनों आपके सबसे ज्यादा अच्छे संबंध किससे हैं ?
यह पूछने पर मुमताज़ हँसते हुए कहती हैं, ''मेरे संबंध सभी से अच्छे रहे हैं लेकिन मैं अपने पुराने हीरो में किसी से ख़ास मिलती नहीं. मैं बहुत ही स्वाभिमानी महिला हूँ. मैं ऐसे ही किसी के घर मिलने नहीं चली जाती.''
''कोई मुझे अच्छे से बुलाता ही तो मैं जरूर जाती हूँ. अभी पीछे मुझे शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी पत्नी पूनम के जन्मदिन पर बुलाया तो मैं उनके यहाँ गयी. मेरे पड़ोस में अंजू महेंद्रू भी मेरी अच्छी दोस्त है.''
धर्मेंद्र दिल से करेंगे स्वागत
वो कहती हैं, ''हाँ, फ़िल्म इंडस्ट्री में मेरे पुराने हीरो में धर्मेन्द्र जी जरूर एक ऐसे इंसान हैं जिनके घर मैं चाहे कभी भी जाऊं तो वह मेरा खुले दिल से स्वागत करेंगे. हाल में मैं उनसे मिलने गयी तो वह मिलकर बहुत खुश हुए.''
जब हाल ही में धर्मेंद्र जी से बात होने पर मैंने उन्हें बताया कि मुमताज़ आपकी काफी तारीफ कर रही थीं तो वह बोले, "ओह येस वह खुद ही बहुत अच्छी है. उसके साथ मैंने कुछ अच्छी फिल्में की हैं.''
जब मुमताज़ से मैंने उनकी फिटनेस का राज़ जानना चाहा तो वह बोलीं,''मैं अपने खान पान का बहुत ख्याल रखती हूँ. सिर्फ डायट फूड लेती हूँ. ड्रिंक्स नहीं करती. मुझे पहले ईरानी बिरयानी बहुत पसंद थी लेकिन अब बिरयानी जैसी चीज़ें खाना छोड़ दिया है.''
''मेरा मानना है अल्लाहताला ने यह ज़िंदगी दी है तो इसे खूब एंजॉय करो. हम फिट रहेंगे तो खूबसूरत भी लगेंगे और कहीं भी घूम फिर सकेंगे. अच्छे अच्छे कपड़े पहन सकेंगे. नहीं तो घर में ही पड़े रहेंगे. न कहीं जा सकेंगे, ना आ सकेंगे.''
शिखर पर रहते लिया संन्यास
मुमताज़ के करियर का विश्लेषण करें तो उन्होंने अपने करियर में कुल लगभग 100 फ़िल्में कीं. जिनमें लगभग 60 फिल्में हिट या सुपरहिट रहीं. जहां 'रूप तेरा मस्ताना' में मुमताज़ ने डबल रोल भी किया. वहीं 'खिलौना' फ़िल्म के लिए मुमताज़ को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला.
मुमताज़ ने जब 1974 में मयूर मधवानी से शादी करके फिल्मों को अलविदा कहा था तब उनका करियर पीक पर था. 'चोर मचाये शोर', 'रोटी' और 'आपकी कसम' जैसी उनकी तीन सुपर हिट फिल्में उसी साल रिलीज हुईं थीं.
जबकि 'प्रेम कहानी' और 'नागिन' उनकी शादी के बाद 1975-1976 में प्रदर्शित हुईं. उधर बतौर नायिका मुमताज़ की आखिरी और यादगार फिल्म 'आइना' 1977 में प्रदर्शित हुई.
'जो हूं दर्शकों की बदौलत हूं'
शादी के 13 साल बाद मुमताज़ ने बस एक ही फिल्म की 'आंधियां'. निर्माता पहलाज निहालानी की 1990 में रिलीज इस फ़िल्म में शत्रुघ्न सिन्हा उनके साथ थे लेकिन तब तक मुमताज़ का चेहरा मोहरा काफी बदल चुका था. फिर वह फिल्म चली भी नहीं. तब से अब तक मुमताज़ फ़िल्मों से पूरी तरह दूर हैं.
इसलिए उनसे पूछना बनता है कि अब आपका मन फ़िल्मों में लौटने को क्या कभी नहीं करता?
इस पर मुमताज़ ने जवाब दिया, ''मुझे ऐसा कुछ नहीं लगता कि मैं फिर से फ़िल्मों में काम करूँ क्योंकि मेरे प्रशंसक मुझे 48 साल बाद भी भूले नहीं हैं. मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूँ कि आज भी मुझे लोग इतना प्यार करते हैं. इसके लिए मैं अपने तमाम दर्शकों को धन्यवाद देना चाहती हूँ. मैं जो कुछ भी हूँ उन्हीं की बदौलत हूँ.''
वो कहती हैं, ''हाँ, कल क्या हो यह कुछ पता नहीं क्योंकि अपने हाथ में कुछ नहीं. इंसान ऊपर वाले के हाथों की कठपुतली है. जो मुकद्दर में लिखा है वही मिलना है. किसे पता था कि मैं फिल्मों के सारे हीरो छोड़कर मयूर मधवानी से शादी करूंगी. मेरे साथ मेरे हीरो रहे फिरोज़ खान के बेटे से कभी मेरी बेटी की शादी होगी और वह मेरे समधी बनेंगे.'' (bbc.com)
मुंबई, 27 जुलाई (आईएएनएस)| बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन और पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न (आईएफएफएम) में भारतीय तिरंगा फहराएंगे।
अभिषेक बच्चन आईएफएफएम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे।
एक्टर का कहना है,सिनेमा के उत्सव में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाना बहुत बड़ा सम्मान है। मेलबर्न में भारतीय स्वतंत्रता के प्रतिष्ठित फेडरेशन स्क्वायर में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराना मेरे लिए गर्व की बात है। यह एक ऐसा आयोजन है जहां पूरे ऑस्ट्रेलिया के भारतीय, सभी अलग-अलग पृष्ठभूमि से, भारत की स्वतंत्रता की 75 साल की वर्षगांठ मनाने के लिए एक साथ आएंगे। यह ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच दोस्ती का प्रतीक है।
उन्होंने आगे कहा, कपिल सर के साथ इस मंच को साझा करना मेरे लिए महत्वपूर्ण है और यह आयोजन सिनेमा और क्रिकेट के एक साथ आने का भी प्रतीक है, दो चीजें जिन्होंने अक्सर हम भारतीयों को एक साथ जोड़ा है। सैकड़ों लोगों के बीच भारत, भारतीयों और हमारे देश की भावना का जश्न मनाने के लिए उत्सुक हूं, जो इस ऐतिहासिक क्षण और कार्यक्रम का जश्न मनाने के लिए उपस्थित होंगे।
आईएफएफएम फेस्टिवल की डायरेक्टर मीतू भौमिक लांगे ने कहा, भारत आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है और हमारी फिल्में लोगों के देशभक्ति का इजहार करने का बड़ा माध्यम रही हैं। हम इसे अपने तरीके से मना रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में लोग भारतीय फिल्मों और क्रिकेट को पसंद करते हैं और अभिषेक बच्चन, जो इतनी बड़ी विरासत के साथ आते हैं, और कपिल देव, जिन्होंने हमारे देश को वैश्विक मानचित्र पर रखा, उन्हें इसके लिए सबसे उपयुक्त लगे।
चेन्नई, 27 जुलाई | अगर इंडस्ट्री में चल रही अफवाहों पर विश्वास किया जाए, तो अभिनेता रजनीकांत जल्द ही अपनी अगली फिल्म 'जेलर' पर काम शुरू करने वाले हैं, जिसका निर्देशन नेल्सन दिलीप कुमार कर रहे हैं।
सूत्रों का दावा है कि, तमिल सिनेमा के सुपरस्टार हैदराबाद के एक स्टूडियो में विशेष रूप से बने जेल सेट में इस फिल्म पर काम शुरू करेंगे।
इस फिल्म के लिए सुपरस्टार को स्टाइल करने के लिए जाने-माने स्टाइलिस्ट आलिम हकीम को चुना गया है। लोकप्रिय स्टाइलिस्ट द्वारा किए गए एक ट्वीट ने पुष्टि की कि वह वास्तव में सुपरस्टार के लुक पर काम कर रहे थे।
24 जुलाई को रजनीकांत के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट करते हुए, आलिम ने ट्वीट किया था, "हमारे एकमात्र राजा के साथ काम करने का एक अभिनव दिन! सर रजनीकांत!"
फिल्म, जो रजनीकांत की 169वीं फिल्म होगी, का निर्माण सन पिक्च र्स के कलानिधि मारन द्वारा किया जा रहा है और इसमें अनिरुद्ध ने संगीत दिया है।(आईएएनएस)
मुंबई, 27 जुलाई | अभिनेता श्रेयस तलपड़े, कंगना रनौत अभिनीत आगामी फिल्म 'इमरजेंसी' में दिवंगत पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका निभाते नजर आएंगे। फिल्म में कंगना पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और अभिनेता अनुपम खेर, क्रांतिकारी नेता जेपी नारायण की भूमिका निभाएंगे।
निर्माताओं ने श्रेयस के लुक का खुलासा किया है, जो दिवंगत राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी की महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिन्होंने देश के प्रधान मंत्री के रूप में तीन बार सेवा की है।
अभिनेता के फिल्म के कलाकारों में शामिल होने के बारे में बात करते हुए, कंगना कहती हैं, श्रेयस ने अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका निभाई, जो उस वक्त एक युवा नेता थे, जब श्रीमती गांधी पहली बार प्रधानमंत्री बनी थीं।
"वह आपातकाल के नायकों में से एक थे। हम भाग्यशाली हैं कि वह एक बहुमुखी अभिनेता हैं। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका में उनका प्रदर्शन सबसे यादगार रहेगा। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे इस महत्वपूर्ण भूमिका को निभाने के लिए उनके जैसा शक्तिशाली कलाकार मिला।"
वहीं इसको लेकर श्रेयस ने कहा, "अटल जी सबसे सम्मानित, बुद्धिमान, विद्वान, प्रभावशाली और भारत के साथ-साथ दुनिया भर के सबसे प्रिय नेताओं में से एक थे।"
उन्होंने साझा किया कि उन्हें पर्दे पर चित्रित करना न केवल एक बड़ी चुनौती है, बल्कि एक बड़ा सम्मान और निश्चित रूप से एक बड़ी जिम्मेदारी भी।
मणिकर्णिका फिल्म 'इमरजेंसी' प्रस्तुत कर रही है जो कंगना रनौत द्वारा लिखित और निर्देशित है। फिल्म का निर्माण रेणु पिट्टी और कंगना रनौत ने किया है। पटकथा और संवाद रितेश शाह के हैं।(आईएएनएस)
मुंबई, 26 जुलाई। सोशल मीडिया पर नग्न तस्वीरों के जरिए ‘‘महिलाओं की भावनाएं आहत करने’’' के आरोप में अभिनेता रणवीर सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है। इस सिलसिले में मुंबई पुलिस को सोमवार को दो शिकायतें दी गईं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
मुंबई के उपनगर में एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के पदाधिकारी और एक महिला वकील ने अपनी शिकायतें चेंबूर थाने में दी हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि एनजीओ के पदाधिकारी ने कहा है कि अभिनेता ने अपनी तस्वीरों से महिलाओं की भावनाओं को आहत किया और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई है।
शिकायतकर्ता ने अभिनेता के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी कानून और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की मांग की।
पूर्व पत्रकार एवं वकील द्वारा दर्ज करायी गई शिकायत में भी महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप में रणवीर के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की मांग की गयी है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें सोमवार को इस मामले में एनजीओ से जुड़े एक व्यक्ति तथा एक महिला वकील का आवेदन मिला। अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। हम जांच कर रहे हैं।’’ (भाषा)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 25 जुलाई। मायानगरी मुंबई मे आयोजित इंडियांस टेलेंट वांर रियालिटी शो में लौहनगरी दल्लीराजहरा के देवाशीष विश्वकर्मा (लायन) ने अपना बेहतर प्रदर्शन कर प्रथम स्थान हांसिल किया। जिस पर उन्हें पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया।
इंडियांस टेलेंट वांर रियालिटी के मंच पर दल्लीराजहरा के रैंप कलाकार लायन नें मुंबई में आयोजित उक्त शो में स्टेज पर लाईव रैंप प्रदर्शन देकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता में कुल 30 प्रतिभागियों नें हिस्सा लिया था।
उन्होंने इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हांसिल कर दल्लीराजहरा व छत्तीसगढ़ प्रदेश का नाम गौरान्वित किया है। नगर के संगीत, कलाप्रेमियों ने हर्ष व्यक्त कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
वहीं उक्त कार्यक्रम टीवी पर 26 व 27 जुलाई को दोपहर 2 बजे महामूवी चैनल पर प्रकाशित किया जायेगा। एवं इस कार्यक्रम को मोबाईल मे जीओ टीवी मे भी देखा जा सकता है।
मुंबई, 25 जुलाई | टीवी धारावाहिकों और फिल्मों के लिए मशहूर अभिनेता इकबाल खान नए शो 'ना उम्र की सीमा हो' का हिस्सा बनने की बात कर रहे हैं, जिसमें रचना मिस्त्री भी हैं। कहानी एक 20 वर्षीय मध्यम वर्ग की लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे इंदौर के एक व्यवसायी से प्यार हो जाता है, जो उससे दोगुने से अधिक उम्र का है और बहुत अमीर है।
इकबाल कहते हैं, "ईमानदारी से, मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही ताजा शो है। मैं ऐसे कंटेंट का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं जिसे पहले किसी भी शो में चित्रित नहीं किया गया है। खास बात यह है कि चैनल खुद रूढ़ियों को तोड़ रहा है शो के खुलेपन के साथ।"
इकबाल ने अतीत में 2003 में 'फन2श' और 2004 में 'बुलेट' जैसी फिल्मों में कई तरह की भूमिकाएं निभाई, लेकिन वह डेली सोप 'कैसा ये प्यार है' में अंगद खन्ना की भूमिका से लोकप्रिय हो गए।
उन्होंने आगे कहा, "मैं उम्मीद करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि शो सफल हो और मुझे विश्वास है कि दर्शक 'ना उम्र की सीमा हो' देखना पसंद करेंगे।"
'ना उम्र की सीमा हो' 26 जुलाई से स्टार भारत पर शुरू होने जा रहा है। (आईएएनएस)
मुंबई, 25 जुलाई | अभिनेता राज अर्जुन को इम्तियाज अली की रचना 'डॉ. अरोड़ा - गुप्त रोग विषेशज्ञ' में अपनी भूमिका के लिए भोपाल में बिना कपड़ों के सड़कों पर भागना पड़ा। इस तरह की भूमिका निभाने के लिए उन्हें प्रेरित करने के बारे में बताते हुए अभिनेता कहते हैं, "जिस क्षण मुझे पता चला कि इम्तियाज चाहते हैं कि मैं उनके प्रोजेक्ट का हिस्सा बनूं, मैं बहुत खुश था। मैं उनके काम और व्यक्तित्व से काफी प्रभावित हूं।"
"जिस तरह की उदारता और जिम्मेदारी के साथ उन्होंने मुझे भूमिका की पेशकश की, इसने मुझे बिना किसी विचार के विनम्रतापूर्वक इसे लेने के लिए प्रेरित किया। यह भूमिका मैंने उनके लिए ली क्योंकि मैं उनसे प्यार करता हूं,"
अर्जुन ने कहा।
"जब उसने मुझे एक सीन के बारे में बताया, जहां उन्हें न्यूड दौड़ना है, तो मैंने पूछा 'आपने इस भूमिका के लिए मेरे बारे में कैसे सोचा?" मैंने पहले ऐसा कुछ नहीं किया है। फिर उन्होंने मुझे यह कहा कि 'मैं जानता हूं कि यह केवल आप ही कर सकते हैं!' इसलिए एक सीन के आधार पर मैंने सिर्फ हां कह दी।"
"वास्तव में, मैं कुछ अनोखा करने की चुनौती लेने के लिए बहुत उत्साहित था। इसके अलावा, जिस ²श्य में मैं न्यूड दौड़ रहा हूं, वह मेरे गृहनगर भोपाल में शूट किया गया था। मुझे पता है कि मैं सही काम कर रहा था, इसलिए मैंने इसे जाने देने की कभी कल्पना भी नहीं की थी।"
"कपड़ों के बिना दौड़ना मेरे लिए बिल्कुल भी चुनौतीपूर्ण नहीं था क्योंकि इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता जब मैं पूरी तरह से चरित्र में तल्लीन हूं।"
"यह मेरे लिए एक सामान्य शूटिंग दिन के अलावा कुछ भी नहीं था। यहां तक कि जब मैं अपने गृहनगर की सड़कों पर उस तरह दौड़ रहा था, तब भी मुझमें कोई घबराहट नहीं थी, क्योंकि मैं भूमिका को सही ठहराना चाहता था जिस तरह से यह मेरे लिए लिखा गया था।"
अंत में, इस बारे में बोलते हुए कि वह एक पथप्रदर्शक भूमिका क्यों करना चाहते हैं, वे कहते हैं, "मुझे जोखिम उठाना पड़ा क्योंकि अगर मैं वही करता रहा जो मैंने पहले किया है तो मैं कैसे बढ़ूंगा।"
"अगर मैं अपने कम्फर्ट जोन में हूं, तो मैं एक कलाकार के रूप में संतुष्टि के स्तर तक पहुंचने के लिए अपना रास्ता कैसे तोड़ पाऊंगा? मैं ईमानदारी से काम करने में विश्वास करता हूं। मैंने खुद को बिल्कुल भी नहीं बांधा है और मैं भूमिकाओं को एक्सप्लोर करना चाहता हूं।"
इम्तियाज अली द्वारा निर्मित, साजिद अली और अर्चित कुमार द्वारा निर्देशित, आठ-एपिसोड की वेब श्रृंखला 'डॉ. अरोड़ा' में विद्या मालवड़े, शेखर सुमन, विवेक मुशरान जैसे अन्य सितारे भी हैं।
यह शो 'डॉ. अरोड़ा - गुप्त रोग विषेशज्ञ' 22 जुलाई को सोनी टीवी पर आएगा। (आईएएनएस)
मुंबई, 23 जुलाई। बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर अभिनीत फिल्म 'शमशेरा' ने पहले दिन 10.25 करोड़ रुपये की कमाई की है। फिल्म निर्माताओं ने शनिवार को यह जानकारी दी।
करण मल्होत्रा के निर्देशन में बनी यशराज फिल्म्स (वाईआरएफ) समर्थित यह फिल्म साल 2018 में आई 'संजू' के बाद कपूर की पहली फिल्म है।
वाईआरएफ ने कहा, 'शमशेरा की शुरुआत धीमी रही। फिल्म ने पहले दिन भारत में 10.25 करोड़ रुपये की कमाई की। सभी निगाहें कमाई में बढ़ोतरी देखने के लिए सप्ताहांत पर टिकी हैं।'
फिल्म 1800 के दशक की एक डकैत जनजाति पर आधारित है, जिसके प्रमुख की भूमिका कपूर ने निभाई है। वह इस फिल्म में दोहरी भूमिका में नजर आएं हैं, जो अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों से लड़ रहे हैं।
अभिनेता संजय दत्त ने फिल्म में निर्दयी पुलिस अधिकारी शुद्ध सिंह की भूमिका निभाई है, जिसे अंग्रेजों ने जनजाति पर लगाम लगाने का काम सौंपा है।
फिल्म में वाणी कपूर, सौरभ शुक्ला और आशुतोष राणा ने भी अभिनय किया है। (भाषा)
चेन्नई, 23 जुलाई। अभिनेता रजनीकांत ने 68वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने पर शनिवार को अभिनेता सूर्या और अन्य की प्रशंसा की और उन्हें बधाई दी।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा शुक्रवार को की गई थी। इसमें सूर्या को फिल्म ‘‘सोरारई पोटरु’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। सूर्या ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार अजय देवगन के साथ साझा किया।
इस फिल्म के लिए शालिनी उषा नायर और निदेशक सुधा कोंगारा को श्रेष्ठ पटकथा के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। जी.वी. प्रकाश को इसी फिल्म के लिए श्रेष्ठ संगीत निर्देशन (पृष्ठभूमि संगीत) का पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
रजनीकांग ने ट्वीट करके सूर्या, कोंगरा और अन्य सभी विजेताओं को शुभकामनाएं दीं। (भाषा)
'भाभीजी घर पर हैं!' में 'मलखान' का किरदार निभाने वाले एक्टर दीपेश भान का निधन हो गया है। इस खबर से टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। दीपेश भान के निधन की पुष्टि शो के असिस्टेंट डायरेक्टर ने भी की है। जानकारी के मुताबिक टीपेश शुक्रवार को क्रिकेट खेल रहे थे। खेलते समय अचानक वह जमीन पर गिर गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल पहुंचकर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 41 साल की कम उम्र में ही दीपेश ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। दीपेश के निधन की खबर से फैन्स के साथ-साथ सेलेब्रिटीज भी हैरान हैं। लोग लगातार सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
बता दें कि साल 2019 में दीपेश ने दिल्ली में शादी रचाई थी। एक्टर का एक बच्चा भी है। 'भाभीजी घर पर हैं!' में 'टीका' का किरदार निभाने वाले एक्टर वैभव माथुर ने भी दीपेश के निधन की पुष्टि की। उन्होंने बताया, "हां अब वो नहीं रहे। इस पर मैं कुछ नहीं बोलना चाहता, क्योंकि बोलने को कुछ बचा ही नहीं है।" Also
कविता कौशिक ने जताया दुख
दीपेश के निधन की खबर पर एक्ट्रेस कविता कौशिक ने दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "41 साल की उम्र में दीपेश भान के निधन की खबर से सदमे में हूं। वह FIR का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। वह बेहद ही फिट थे, उन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया और ना ही शराब पीते थे। उन्होंने अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाला कभी कोई काम नहीं किया था। वह अपनी पत्नी, एक साल के बच्चे और अपने माता-पिता को पीछे छोड़ गए हैं।"
इन शोज में आ चुके हैं नजर
दीपेश भान 'भाभीजी घर पर हैं', 'कॉमेडी का किंग कौन', 'कॉमेडी क्लब', 'भूतवाला', 'एफआईआर' समेत कई कॉमेडी शोज में नजर आ चुके हैं। उनकी कॉमेडी फैन्स को खूब गुदगुदाती थी। साल 2007 में वह 'फालतू उटपटांग चटपटी कहानी' फिल्म में भी नजर आए थे। (bollywoodlife.com)
चेन्नई, 23 जुलाई | दक्षिण सिनेमा जगत के जाने माने अभिनेता सूर्या, जिन्होंने 'सूररई पोटरु' में अपने प्रदर्शन के लिए संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। इसको जीतने के बाद अभिनेता ने फैंस, परिवार, गुरु और दोस्तों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। शुक्रवार को बधाई संदेश आने शुरू होने के तुरंत बाद, जब नई दिल्ली में 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा की गई, सूर्या ने आभार व्यक्त करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया।
अभिनेता ने कहा, "वनक्कम, हम तक पहुंचे और अब तक हमारे जीवन को समृद्ध बनाने वाले सभी प्यार और शुभकामनाओं के लिए मेरा हार्दिक धन्यवाद। हम 'सूररई पोटरू' को मिले पांच राष्ट्रीय पुरस्कारों से खुश हैं। कोविड के दौरान ओटीटी पर आई इस फिल्म को इतना प्यार मिला, जिसने हमारी आंखों को खुशी से भर दिया है।"
"'सूररई पोटरू' के लिए इस राष्ट्रीय मान्यता पर हमारी खुशी दोगुनी हो गई है, क्योंकि यह सुधा कोंगरा की कई वर्षो की कड़ी मेहनत और कैप्टन गोपीनाथ की कहानी की रचनात्मक ²ष्टि का प्रमाण है।"
अपनी टीम के अन्य सदस्यों को बधाई देते हुए अभिनेता ने कहा, "सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार टीम 2डी के लिए एक बड़ी पहचान है और मैं अपने सबसे अच्छे दोस्त और सीईओ राजशेखर कर्पूरसुंदरा पांडियन के साथ उन्हें धन्यवाद देता हूं।"
अभिनेता ने अपनी पहली फिल्म 'नेरुक्कू नेर' के निर्माताओं का भी आभार व्यक्त किया। सूर्या ने कहा, "मैं निर्देशक वसंत साई और फिल्म निर्माता मणिरत्नम का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मेरी अभिनय क्षमताओं पर भरोसा किया और मुझे मेरी पहली फिल्म 'नेरुक्कू नेर' दी।"
अभिनेता ने आगे कहा, "मेरी ज्योतिका को मेरा विशेष धन्यवाद, जिन्होंने जोर देकर कहा कि मुझे 'सूररई पोटरू' का निर्माण और अभिनय करना चाहिए।"
इसके साथ अभिनेता ने दूसरे सभी लोगों को भी धन्यवाद दिया। साथ ही अभिनेता ने कहा, "मैं यह पुरस्कार अपने बच्चों दीया और देव और अपने प्यारे परिवार को समर्पित करता हूं।"
आखिर में अभिनेता ने अपनी बात खत्म करते हुए कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कार ने उन्हें कड़ी मेहनत करने और अपनी बात पर चलने की प्रेरणा दी है। (आईएएनएस)
मुंबई, 23 जुलाई। बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने शुक्रवार को मुंबई के पुलिस आयुक्त विवेक फणसालकर से दक्षिण मुंबई स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अभिनेता ने हथियार के लाइसेंस के लिए आवेदन किया है।
हालांकि, खान ने कहा कि पुलिस आयुक्त उनके पुराने दोस्त हैं और वह उन्हें बधाई देने गये थे। यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब पिछले महीने खान को धमकी भरा एक पत्र प्राप्त हुआ था।
एक अधिकारी ने बताया कि अभिनेता शाम करीब चार बजे मुंबई पुलिस मुख्यालय पहुंचे और फणसालकर से मिले। उन्होंने बताया कि यह मात्र एक शिष्टाचार मुलाकात थी। साथ ही, खान ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटिल से भी मुलाकात की।
पिछले महीने, सलमान खान और उनके पिता सलीम खान को एक पत्र मिला था, जिसमें धमकी दी गई थी कि दोनों का पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला जैसा हश्र किया जाएगा। मूसेवाला की मई में हत्या कर दी गई थी। पत्र मिलने के बाद सलमान की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 22 जुलाई। शुक्रवार को 2020 के लिए घोषित 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में तमिल भाषा की “सोरारई पोटरु” ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता।
अजय देवगन की मुख्य भूमिका वाली “तान्हाजी : द अनसंग वारियर” ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय मनोरंजक फिल्म का पुरस्कार जीता।
ओम दत्त द्वारा निर्देशित “तान्हाजी...” छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना के सेनापति तानाजी मालुसारे के जीवन पर आधारित है। 17वीं शताब्दी के दौर पर आधारित फिल्म के लिये नचिकेत बर्वे और महेश शेरला ने सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइनर का पुरस्कार भी जीता।
देवगन ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार सूर्या के साथ साझा किया। सूर्या को “सोरारई पोटरु” के लिए यह पुरस्कार दिया गया। फिल्म एयर डेक्कन के संस्थापक कैप्टन जी आर गोपीनाथ के जीवन से प्रेरित है। इसी फिल्म के लिए अपर्णा बालामुरली ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता।
बॉलीवुड अभिनेता को पूर्व में “जख्म” (1998) और “द लीजेंड ऑफ भगत सिंह” (2002) में उनकी दमदार भूमिका के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। अभिनेता ने कहा कि वह तीसरी बार यह सम्मान पाकर बेहद प्रसन्न हैं।
देवगन ने एक बयान में कहा, “मैं 68वें राष्ट्रीय पुरस्कार में ‘तान्हाजी-द अनसंग वारियर’ के लिए सूर्या (सोरारई पोटरू के लिए) के साथ सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीतने को लेकर उत्साहित हूं। मैं सभी का शुक्रिया अदा करता हूं, विशेषकर अपनी रचनात्मक टीम, दर्शकों और अपने प्रशंसकों का। मैं अपने माता-पिता और ईश्वर के आशीर्वाद के लिए उनका भी आभार व्यक्त करता हूं। अन्य सभी विजेताओं को बधाई।”
“सोरारई पोटारू” के लिए शालिनी उषा नायर व निर्देशक सुधा कोंगारा ने सर्वश्रेष्ठ पटकथा तथा जी वी प्रकाश कुमार ने सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (बैकग्राउंड स्कोर) का पुरस्कार जीता।
दिवंगत मलयालम फिल्मकार सच्चिदानंदन केआर को “ए के अयप्पनम कोशियम” के लिये मरणोपरांत सर्वश्रेष्ठ निर्देशक घोषित किया गया। फिल्म के लिये बीजू मेनन ने सर्वश्रेष्ठ सह कलाकार का पुरस्कार जीता। इसी फिल्म को सर्वश्रेष्ठ एक्शन निर्देशन (स्टंट कोरियोग्राफी) का भी पुरस्कार दिया गया। “ए के अयप्पनम कोशियम” के लिए ननचम्मा को सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का पुरस्कार दिया गया।
मराठी फिल्म “मी वसंतराव” के लिये राहुल देशपांडे को सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का पुरस्कार दिया गया।
तमिल फिल्म “शिवरंजनियम इन्नम सिला पेंगाल्लम” के लिये तमिल कलाकार लक्ष्मी प्रिया चंद्रमौली को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। इसी फिल्म के लिए श्रीकर प्रसाद को सर्वश्रेष्ठ संपादन का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया।
सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार मृदुल तुलसीदास द्वारा निर्देशित ‘तुलसीदास जूनियर’ को दिया गया। आशुतोष गोवारिकर के बैनर तले बनी इस फिल्म में दिवंगत कलाकार राजीव कपूर आखिरी बार पर्दे पर दिखे। इस फिल्म के लिये बाल कलाकार वरुण बुद्धदेव को ‘स्पेशल जूरी मेंशन’ पुरस्कार दिया गया।
संगीत श्रेणी में, थमन एस ने अल्लू अर्जुन की तेलुगु हिट “अला वैकुंठपुरमुलु” के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन (गीत) का पुरस्कार जीता, जबकि हिंदी फिल्म “साइना” के लिए मनोज मुंतशिर को सर्वश्रेष्ठ गीतकार का पुरस्कार दिया गया।
राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए 10 सदस्यीय जूरी की अध्यक्षता हिंदी फिल्मकार विपुल शाह ने की। जूरी के सदस्य धरम गुलाटी ने पुरस्कारों की घोषणा की। (भाषा)
बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन को उनकी फ़िल्म तानाजी के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का नेशनल अवॉर्ड मिला है.
68वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों में इस साल दो अभिनेताओं को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला है.
अजय देवगन के साथ तमिल फ़िल्मों के अभिनेता सूर्या को भी इस साल उनकी फ़िल्म सोरारई पोटरु के लिए ये अवॉर्ड दिया गया है.
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवॉर्ड मलयाली एवं तमिल सिनेमा में काम करने वालीं अभिनेत्री अपर्णा बालामुरली को सोरारई पोटरु में उनके बेहतरीन अभिनय के लिए मिला है.
सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार 'तुलसीदास जूनियर' को और सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार 'सोरारई पोटरु' (तमिल) को मिला है.
इसके साथ ही सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार 'तानाजी: द अनसंग वॉरियर' को मिला है. (bbc.com)
लॉस एंजिल्स, 22 जुलाई | पूर्व पति जॉनी डेप के साथ विवादों को लेकर लगातार खबरों में बनी रहने वाली हॉलीवुड अभिनेत्री एम्बर हर्ड ने गुरुवार को 10 मिलियन डॉलर के मानहानि के फैसले के खिलाफ अपील का नोटिस दिया है। अभिनेत्री एम्बर हर्ड के वकीलों ने घोषणा की थी कि वे 1 जून को अपील करेंगी।
अभिनेत्री एम्बर हर्ड के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा, "हमारा मानना है कि अदालत ने ऐसी गलतियां कीं जिससे पहले संशोधन के अनुरूप न्यायसंगत और निष्पक्ष फैसले को रोका गया। इसलिए हम फैसले के खिलाफ अपील कर रहे हैं। जबकि हमें एहसास है कि आज की फाइलिंग ट्विटर पर आग लगा देगी, लेकिन निष्पक्षता और न्याय दोनों सुनिश्चित करने के लिए हमें कुछ कदम उठाने की जरूरत है।"
जवाब में, जॉनी डेप के प्रतिनिधि ने कहा कि उनकी टीम को विश्वास है कि फैसला बरकरार रखा जाएगा। जॉनी डेप के प्रवक्ता ने कहा, "जूरी ने छह सप्ताह के मुकदमे के दौरान पेश किए गए व्यापक सबूतों को सुना और एक स्पष्ट और सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि प्रतिवादी ने कई बार डेप को बदनाम किया।"
जूरी ने जॉनी डेप को उनके वकील एडम वाल्डमैन द्वारा दिए गए एक बयान के लिए भी उत्तरदायी पाया, जिसमें उन्होंने एम्बर हर्ड पर धोखा गढ़ने का आरोप लगाया था। तो ऐसे में जूरी ने जॉनी डेप को उस बयान के लिए 2 मिलियन का भुगतान करने का आदेश दिया।
वैराइटी के अनुसार, एम्बर हर्ड के वकीलों ने पहले न्यायाधीश पेनी अजकार्ट से कई कारणों से फैसले को रद्द करने के लिए कहा था, जिसमें यह आरोप भी शामिल था कि एक जूरी सदस्य ने कभी सम्मन प्राप्त नहीं होने के बावजूद मुकदमे में भाग लिया।
एजकार्ट ने एम्बर हर्ड के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, यह पाते हुए कि उसने अपनी आपत्ति उठाने के लिए बहुत लंबा इंतजार किया था और यह नहीं दिखाया था कि उसे निष्पक्ष सुनवाई से वंचित कर दिया गया है। (आईएएनएस)
-रेहान फ़ज़ल
वर्ष 1955 में राज कपूर और नरगिस मद्रास के एवीएम स्टूडियो में फ़िल्म चोरी चोरी की शूटिंग कर रहे थे.
तब तक राज कपूर एक दूसरी अभिनेत्री पद्मनी में दिलचस्पी लेने लगे थे जो उसी स्टूडियो में एक दूसरे सेट पर अपनी फ़िल्म की शूटिंग कर रही थीं. पद्मिनी को लेकर राज कपूर और नरगिस के बीच झगड़े शुरू हो गए थे.
लगभग इसी समय नरगिस ने तय किया अब बहुत हो चुका. उन्होंने महबूब ख़ाँ की नई फ़िल्म मदर इंडिया में काम करने का फ़ैसला किया.
सालों पहले महबूब की फ़िल्म से ही नरगिस ने अपने करियर की शुरुआत की थी और तब तक महबूब हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में काफ़ी विख्यात हो चुके थे.
इस रोल के ज़रिए नरगिस पूरी दुनिया को दिखाना चाहती थीं कि वो राज कपूर कैंप से बाहर निकल आई हैं.
टीजीएस जॉर्ज नरगिस की जीवनी 'द लाइफ़ एंड टाइम्स ऑफ़ नरगिस' में लिखते हैं, 'महबूब को मदर इंडिया की प्रेरणा 1937 में बनी एमजीएम की फ़िल्म 'द गुड अर्थ' से मिली थी.
इसकी लेखिका पर्ल एस बक ने एक चीनी किसान परिवार का चित्रण करते हुए स्वार्थ रहित माँ की तकलीफ़ों और दुखों का चित्रण गज़ब की संवेदनशीलता के साथ इस फ़िल्म में किया था.
फ़िल्म देख कर हज़ारों दर्शकों की तरह रोए महबूब खाँ को ये तुरंत अंदाज़ा हो गया था कि ये फ़िल्म चीन की तरह भारत में भी प्रासंगिक रहेगी.
उनके असिस्टेंट बाबूभाई मेहता ने मेक्सिम गोर्की के उपन्यास 'मदर' से भी इसकी प्रेरणा ली थी.
पर्ल बक और गोर्की की कहानियों और गुजरात में अपने अनुभवों का समिश्ररण करते हुए महबूब ने औरत फ़िल्म बनाई थी जिसने पहली बार सिनेमा के पर्दे पर भारतीय नारीत्व का प्रामाणिक चित्रण दिखाया था.'
मदर इंडिया में हीरो के तौर पर काम करने वाले थे दिलीप कुमार
राज कपूर से अलग होने के बाद नरगिस ने पहली फ़िल्म मदर इंडिया साइन की थी.
महबूब ने इसके हीरो के तौर पर दिलीप कुमार को साइन किया था. राज कपूर कभी नहीं चाहते थे कि नरगिस दिलीप कुमार के साथ कोई फ़िल्म करें.
अगर महबूब की योजना सफल हो गई होती तो न उन्होंने सुनील दत्त को साइन किया होता और न ही वो नरगिस की ज़िंदगी में आते.
महबूब के साथ हुई मंत्रणा में दिलीप कुमार ने सुझाव दिया कि फ़िल्म में नरगिस के बेटे के रोल को फिर से लिखा जाए और वो फ़िल्म में डबल रोल करें, पहले भाग में नरगिस के पति का और दूसरे भाग में उनके बेटे का.
महबूब इस सुझाव को मान गए और उसी हिसाब से उन्होंने कहानी में परिवर्तन करने शुरू भी कर दिए. दिलीप भी इस रोल के लिए ज़रूरी ख़ास विग बनवाने लंदन चले गए.
लेकिन दिलीप की अनुपस्थिति में महबूब के लेखकों ने अपना विचार बदल दिया.
उन्होंने महबूब को मूल कहानी पर फिर से काम करने के लिए मना लिया. जब लंदन से लौटने के बाद दिलीप कुमार को ये सब पता चला तो उन्होंने फ़िल्म से निकल जाने का फ़ैसला कर लिया.
नरगिस ने इस फ़िल्म में अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ अभिनय किया. इस फ़िल्म में एक महिला की एक युवा पत्नी से एक बूढ़ी महिला बनने की कहानी बुनी गई जिसमें रोमाँस के साथ साथ एक महिला के जीवट और दृढ़ता की कहानी बताई गई जिसे अपने खुद के बेटे को गोली मारने से परहेज़ नहीं होता.
टीजीएस जॉर्ज नरगिस की जीवनी में लिखते हैं, 'इस रोल से नरगिस को पूरे भारत क्या पूरी दुनिया में बहुत ख्याति मिली.
उनको कार्लोवी वारी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. जब दिलीप कुमार से पूछा गया कि नरगिस की तीन सर्वश्रेष्ठ फ़िल्में कौन सी हैं तो उन्होंने जवाब दिया, 'नरगिस की सबसे अच्छी फ़िल्म थी 'मदर इंडिया'.
उनकी दूसरी सबसे अच्छी फ़िल्म भी थी 'मदर इंडिया' और उनकी तीसरी सबसे अच्छी फ़िल्म भी थी 'मदर इंडिया'.' इस फ़िल्म का एक नकारात्मक असर भी हुआ कि इसने नरगिस को इस तरह टाइपकास्ट कर दिया कि इस बात की कल्पना भी नहीं की जाने लगी कि वो कभी इससे छोटा रोल भी करें.
मदर इंडिया के बाद उनके लिए हर रोल उससे छोटा ही हो गया.' मदर इंडिया रिलीज़ होने के तीस साल बाद 1988 में सुभाष झा ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखा, 'मदर इंडिया नरगिस के लिए वैसी ही थी जैसे मार्लन ब्राँडो के लिए 'गॉडफ़ादर' और जूली एंड्रिउज़ के लिए 'द साउंड ऑफ़ म्यूज़िक'. इस फ़िल्म में नरगिस की भूमिका औऱ फ़िल्म आपस में उतनी गुंथ गई कि दोनों को अलग करना लगभग नामुमकिन हो गया.
नरगिस ने खुद स्वीकार किया कि मदर इंडिया करने के बाद उनके लिए कोई और रोल करना असंभव हो गया.' दिलचस्प बात ये थी कि जब नरगिस ने ये रोल किया था तो उनकी उम्र थी मात्र 28 साल. सिर्फ़ 28 साल की उम्र में माँ की भूमिका निभाना सचमुच में हिम्मत का काम था.
महबूब ने सुनील दत्त को साइन किया
महबूब ख़ाँ को मदर इंडिया में दिलीप कुमार का विकल्प ढ़ूढ़ने में काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी.
आख़िर में ये रोल नरगिस से एक साल जूनियर सुनील दत्त को गया. सुनील दत्त एक ज़माने में रेडियो सीलोन के लिए काम करते थे और फ़िल्मी सितारों का इंटरव्यू लिया करते थे. वर्ष 1953 में उन्होंने फ़िल्म 'दो बीघा ज़मीन' के प्रीमियर पर कंपेयरिंग की थी.
सफ़ेद सूट पहने सुनील दत्त ने दर्शकों के बीच बैठे फ़िल्मी सितारों को मंच पर बुलाकर उनसे दो शब्द कहने का अनुरोध किया था. उन सितारों में एक थीं सफ़ेद साड़ी पहने हुए और अपने बालों में चमेली के फूल लगाए नरगिस. ये उनकी पहली मुलाकात थी.
उन दोनों मे से किसी ने ये कल्पना भी नहीं की थी कि पाँच सालों के अंदर वो एक दूसरे के पति पत्नी होंगे. सुनील दत्त को राष्ट्रीय पहचान तब मिली जब बी आर चोपड़ा ने उन्हें अपनी फ़िल्म 'एक ही रास्ता' में साइन किया और तब ही पहली बार महबूब ख़ाँ की नज़र उनके ऊपर पड़ी.
सेट पर लगी आग बनी सुनील दत्त और नरगिस की नज़दीकी का कारण
महबूब अपने कलाकारों के बीच दोस्ती को बहुत बढ़ावा देते थे ताकि उनके अभिनय में सहजता बरक़रार रहे.
वो अक्सर आउटडोर शूटिंग किया करते थे ताकि उनके कलाकारों को एक साथ बिताने के लिए काफ़ी समय मिल जाए. नरगिस ने भी अपने दो सह अभिनेताओं सुनील दत्त और राजेंद्र कुमार के साथ काफ़ी समय बिताया.
महबूब ने फ़िल्म के सिनेमेटोग्राफ़र फ़रदीन ईरानी को बाढ़ के शॉट लेने के लिए ख़ासतौर से उत्तर प्रदेश भेजा जहाँ उन दिनों बाढ़ आई हुई थी. फ़िल्म की अधिक्तर शूटिंग महाराष्ट्र और गुजरात में लोकेशन पर हुई. तभी एक ऐसी घटना हुई जिसने नरगिस को सुनील दत्त के बहुत करीब कर दिया.
गुजरात में मदर इंडिया के मशहूर आग के सीन की शूटिंग हो रही थी. उसमें पुआल के एक ढ़ेर में आग लगाई जानी थी ताकि उसमें छिपे हुए सुनील दत्त बाहर आ सकें.
टीजे एस जॉर्ज लिखते हैं, 'जब नरगिस जलते हुए पुआल के ढ़ेर के बीच दौड़ रही थी, हवा ने अचानक अपना रुख़ बदला और नरगिस आग की लपटों के घेरे के बीच फंस गईं.
सुनील को जैसे ही इसका अंदाज़ा हुआ वो आग की लपटों के बीच दौड़ते हुए चले गए और बुरी तरह से घबराई नरगिस को आग की लपटों से बचा कर बाहर ले आए.
इस प्रयास में सुनील दत्त खुद भी जल गए. सुनील दत्त के इस जीवट ने नरगिस के मन में उनके प्रति प्यार जगा दिया.' बाद में नरगिस ने अपनी डायरी में लिखा, 'अस्पताल में हमें पेथेडीन के इंजेक्शन दिए गए जिससे हमारा दर्द कम हो गया और हमें नींद आ गई. जब भी कोई मेरे पास आता मैं उससे यही पूछती सुनील कैसे हैं ? मैं जानती थी कि मुझसे ज़्यादा बेचैन सुनील थे. 2 मार्च को मैं उन्हें देखने उनके कमरे में गई. उनका चेहरा, पेट और हाथ सब जले हुए थे और वो काफ़ी तकलीफ़ में थे. मैं उनके साथ पूरे दिन रही. उसके बाद मैं उनकी इस तरह देखभाल करने लगी जैसे वो मेरा हिस्सा हैं. कुछ दिनों में हालात ऐसे हो गए कि मैं उनसे एक मिनट भी दूर नहीं रहना चाहती थी. ये मेरे जीवन के सबसे हसीन दिन थे.'
सुनील दत्त की बहन रानी का इलाज नरगिस ने करवाया
इस बीच एक और घटना हुई जिसने सुनील दत्त और नरगिस को और करीब ला दिया.
एक बार शूटिंग के दौरान नरगिस को लगा कि सुनील दत्त बहुत उदास हैं. जब नरगिस ने इसका कारण पूछा तो सुनील ने बताया कि उनकी बहन रानी बाली को टीबी है और वो एक बहुत कठिन जीवन जी रही हैं.
नरगिस चुपचाप वहाँ से उठीं और सुनील दत्त के फ़्लैट पहुंच गईं. वहाँ से वो रानी को अपने फैमिली डॉक्टर के पास ले गईं. उन्होंने उनके बच्चे को भी तब तक अपने घर में रख लिया जब तक रानी पूरी तरह से ठीक नहीं हो गईं.
नरगिस का रानी से मिलना जुलना बढ़ गया.
टी जे एस जॉर्ज लिखते हैं, 'एक दिन नरगिस रानी के यहाँ कुछ अधिक समय के लिए रुक गईं. जब रात हो गई तो सुनील दत्त अपनी कार में नरगिस को उनके मेरीन ड्राइव वाले घर में छोड़ने गए. रास्ते में उन्होंने नरगिस को विवाह के लिए प्रपोज़ कर दिया. नरगिस ने उस समय कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने इस बारे में रानी से बात की. अगले दिन शाम को अपनी बहन रानी के ज़रिए सुनील दत्त को अपने प्रपोज़ल का जवाब मिला.
"कई सालों बाद सुनील ने अपने एक पत्रकार दोस्त पी के रवींद्रनाथ को बताया, 'अगर उनकी माँ ने एक मुस्लिम बहु को स्वीकार करने में ज़रा भी झिझक दिखाई होती तो शायद उन्होंने नरगिस से विवाह नहीं किया होता. लेकिन उनकी माँ को नरगिस को देखते ही आभास हो गया कि उनका बेटा उनके साथ सुखी रहेगा. उन्होंने उन दोनों को अपना आशीर्वाद दे दिया.'
उस समय सुनील दत्त वहाँ मौजूद नहीं थे.
उस दिन नरगिस ने अपनी डायरी में लिखा, 'सबसे पहले मेरे परिवार के कुछ सदस्य बच्चों के साथ मदर इंडिया देखने गए. मैं रुकी हुई साँसो के साथ उनके वापस आने का इंतेज़ार करती रही. जब वो लौटे तो मैं देख सकती थी कि वो सब बहुत रो चुके थे. आई एस जौहर मेरे यहाँ हाँफते हुए पहुंचे. वो शो देख कर सीधे आ रहे थे. वो इतने उत्तेजित थे कि उनके मुँह से शब्द नहीं निकल रहे थे. उन्होंने मुझे कहा अब मुझे फ़िल्मों में काम करना बंद कर देना चाहिए. महबूब ख़ाँ ने फ़ोन कर मुझे अपने घर बुलाया. जब मैं वहाँ पहुंची तो जौहर, नेमानी और धीरू भाई वहाँ पहले से ही मौजूद थे.'
इसके बाद नरगिस फ़िल्म के प्रीमियर में जाने के लिए तैयार हुईं. उनके हाथ और पैर ठंडे थे और वो महसूस कर सकती थीं कि वो काँप रही थीं.
दर्शकों ने नरगिस को तालियाँ बजा कर दिया स्टैंडिंग ओवेशन
नरगिस ने सुनील दत्त के भेजे पत्र में लिखा, 'मुझे बताया गया कि नवकेतन पूरे प्रीमियर की शूटिंग कर रहा है. हर कोई तुम्हारे बारे में पूछ रहा था. काश मैं उन्हें बता सकती कि तुम तो मेरे दिल, आँखों और साँसों में बैठे हुए हो. जैसे ही एक बूढ़ी औरत के रूप में पर्दे पर मेरा पहला दृश्य आया लोग ताली बजाने लगे. मैंने तुम्हारी घड़ी अपने दिल के पास रख रखी थी. लोगों को पिक्चर पसंद आ रही थीं. इंटरवेल के दौरान अनवर ने मेरे पास आकर कहा गोल्डी हाल में घुसते हुए मेरा एक और शॉट लेना चाहता है. मैं जैसे ही उठी अनवर ने मेरा चुंबन लिया. मैं देख सकती थी उसकी आँखों में आँसू थे. फ़िल्म में तुम बहुत सुंदर लग रहे थे. फ़िल्म में तुम अपने रोल से बहुत खुश नहीं थे लेकिन लोगों ने बिरजू के रूप में तुम्हें बहुत पसंद किया. मैं इसके लिए ही प्रार्थना कर रही थीं.'
नरगिस ने तब तक माँस और अंडे खाना छोड़ दिया था. उन्होंने प्रण किया था कि वो सुनील दत्त से शादी होने तक शाकाहारी रहेंगी. इसलिए जब मदर इंडिया के प्रीमियर के मौके पर महबूब ख़ाँ ने भोज दिया तो नरगिस ने सिर्फ़ रोटी के साथ अचार खाया.
उन दोनों ने साँटाक्रूज़ के आर्यसमाज हॉल में शादी की. उस दिन भी एक मज़ेदार घटना घटी.
नरगिस शादी के समय नियत स्थान पर नहीं पहुंच पाईं, क्योंकि वो पोप की मुंबई यात्रा के कारण बहुत बड़े ट्रैफ़िक जाम में फंस गई थीं.
नम्रता और प्रिया दत्त अपनी किताब 'मिस्टर एंड मिसेज़ दत्त मेमोरीज़ ऑफ़ अवर पेरेंट्स' में लिखती हैं, 'सुनील दत्त ने तीन घंटों तक उनका इंतज़ार किया. कार में बैठी नरगिस सोचती रहीं कि कहीं सुनील ये न सोच रहे हों कि उन्होंने आख़िरी क्षण पर उन्हें धोखा दे दिया है. वो मोबाइल फ़ोन का ज़माना नहीं था. दूसरे छोर पर सुनील दत्त ये सोच कर अपनी जगह से नहीं हिले कि अगर वो फ़ोन करने गए और इस बीच नरगिस वहाँ पहुंच गईं तो वो ये सोचेंगी कि वो उन्हें छोड़ कर चले गए हैं."
"लेकिन उन दोनों के धीरज का अच्छा परिणाम निकला जब करीब आधी रात के समय नरगिस और सुनील दत्त की शादी हो पाई.' ये एक गुप्त शादी थी. मदर इंडिया कुछ महीने पहले ही रिलीज़ हुई थी और जनता के बीच उन दोनों की माँ बेटे जैसी इमेज थी. उस समय नरगिस भारतीय सिनेमा की 'फ़र्स्ट लेडी' बन चुकी थीं जबकि सुनील दत्त अभी बंबई में अपने पैर ही जमा रहे थे. इसलिए कई जगह लोग कहते पाए गए कि सुनील ने उनके पैसे और शोहरत के कारण उनसे शादी की है. लेकिन नरगिस पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. नरगिस अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत रखने लगीं हाँलाकि वो मुसलमान थीं."
मदर इंडिया हुई ऑस्कर के लिए नामांकित
'फ़िल्म इंडिया' पत्रिका ने मदर इंडिया को तब तक सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म करार दिया. इस फ़िल्म में अच्छी कहानी के सभी गुण थे, घुमावदार प्लॉट, बेहतरीन डॉयलॉग, अच्छा संगीत और भावनाओं का ओवरडोज़.
इस फ़िल्म को जिस तरह का 'क्रिटिकल अक्लेम' मिला तब तक किसी फ़िल्म को नहीं मिला था. कहानीकार जावेद अख़्तर ने एक दिलचस्प टिप्पणी की कि 'सभी हिंदी फ़िल्में मदर इंडिया से पैदा हुई हैं.'
किश्वर देसाई ने अपनी किताब 'डार्लिंगजी द ट्रू लव स्टोरी ऑफ़ नरगिस एंड सुनील दत्त' में लिखा, 'मदर इंडिया की रिलीज़ नरगिस पर एक तरह से बोझ बन गई. उनके इंटरव्यू और ऑटोग्राफ़ लिए जाने लगे. नरगिस के पास बधाई के फ़ोन कॉल्स की झड़ी लग गई.
नरगिस को इस तरह की प्रशंसा पहले अपने किसी रोल के लिए नहीं मिली थी.
नादिरा ने उनसे कहा उन्हें सुनील के रोल से ज़्यादा उन्हें उनकी शक्ल पसंद आई, लेकिन नरगिस अपने पहले की सोच पर कायम रहीं कि सुनील के अभिनय को सबने पसंद किया था.'
दिल्ली में मदर इंडिया के प्रीमियर में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने शिरकत की.
उसी साल नरगिस को फ़िल्मों में उनके योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया. (bbc.com)
1957 में मदर इंडिया को विदेशी भाषा श्रेणी में ऑस्कर के लिए नामाँकित किया गया. उन्हें उस साल फ़िल्मफ़ेयर ने मदर इंडिया में अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार भी दिया.
सैन फ्रांसिस्को, 20 जुलाई | लोकप्रिय वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने घोषणा की है कि उसने इस साल की दूसरी तिमाही में लगभग एक मिलियन यानि 10 लाख सशुल्क ग्राहक खो दिए हैं। दूसरी तिमाही की आय रिपोर्ट में, कंपनी ने खुलासा किया कि, उसने 9,70,000 ग्राहक खो दिए, जो पहली तिमाही से 2,00,000 गिरावट से अधिक है।
अपने बयान में कंपनी ने कहा, "दूसरी तिमाही सदस्यता वृद्धि पर उम्मीद से बेहतर थी, और विदेशी मुद्रा अपेक्षा से भी बदतर थी, जिसके चलते 9 प्रतिशत राजस्व वृद्धि हुई।"
आगे कंपनी के बयान में लिखा है, "हमारी चुनौती है उत्पाद और उसकी गुणवत्ता बनाए रखाना, साथ ही राजस्व और सदस्यता वृद्धि में तेजी लाना, जैसा कि हमने पिछले 25 वर्षों से किया है।"
नेटफ्लिक्स ने कहा कि, अमेरिका और कनाडा में उसके 73.28 मिलियन और दुनिया भर में 220.67 मिलियन सशुल्क ग्राहक हैं और उसे तीसरी तिमाही में एक मिलियन जोड़ने की उम्मीद है।
नेटफ्लिक्स के अनुसार, राजस्व 2021 में 7.3 बिलियन डॉलर से बढ़कर इस तिमाही में 7.97 बिलियन डॉलर हो गया।
अप्रैल में, प्लेटफॉर्म ने 2022 की पहली तिमाही में 2 लाख सशुल्क ग्राहक खो दिए, जो कि एक दशक में सबसे बड़ा नुकसान था।
इसके अलावा, नेटफ्लिक्स ने 2022 की दूसरी तिमाही में 20 लाख ग्राहकों के नुकसान का अनुमान लगाया था, लेकिन इसमें से केवल आधे ही गए (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 जुलाई | नेटफ्लिक्स ने पुष्टि की है कि, वह अपने प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन डालने के लिए सौदों पर फिर से बातचीत कर रहा है और यह पहले उन देशों में लॉन्च होगा जिनके पास अधिक परिपक्व विज्ञापन बाजार हैं। नेटफ्लिक्स के सह-सीईओ रीड हेस्टिंग्स ने कहा कि 20 लाख की जगह दस लाख उपयोगकर्ता कम हुए हैं।
उन्होंने मंगलवार को विश्लेषकों को बताया, "आगे देखिए, स्ट्रीमिंग हर जगह काम कर रही है। हर कोई इसमें शामिल हो रहा है। यह निश्चित रूप से अगले पांच, 10 वर्षों में लिनियर टीवी का अंत है, इसलिए मैं स्ट्रीमिंग पर बहुत उत्साहित हूं। और फिर हमारे मुख्य ड्राइवरों में सुधार जारी है।"
मुख्य परिचालन अधिकारी और मुख्य उत्पाद अधिकारी ग्रेग पीटर्स ने कहा कि, एक बार जब विज्ञापन मुद्रीकरण ठीक हो जाता है, तब हम कुछ और देशों के बारे में पता लगाएंगे, जहां यह चल सकता है।
पीटर्स ने कहा है, "लेकिन मैं कहूंगा कि हमें एक ब्रांड और विज्ञापनदाता से जो शुरूआती प्रतिक्रिया मिल रही है, वह काफी अच्छी है। यह (विज्ञापन) हमारे कुल राजस्व की एक छोटी शुरूआत है, लेकिन हमें लगता है कि हम इसे पर्याप्त रूप से विकसित कर सकते हैं।"
घटते उपयोगकर्ता आधार से प्रभावित, स्ट्रीमिंग दिग्गज नेटफ्लिक्स ने सत्या नडेला द्वारा संचालित माईक्रोसॉफ्ट को अपनी नई विज्ञापन-समर्थित सदस्यता योजना के लिए भागीदारी की है जिसे कंपनी 2023 की शुरूआत में लॉन्च करने की योजना बना रही है।
नेटफ्लिक्स के मुख्य वित्तीय अधिकारी स्पेंस न्यूमैन ने कहा कि, उन्होंने पेड शेयरिंग के साथ-साथ विज्ञापन के साथ-साथ हमारे देखने और सदस्यों को बेहतर तरीके से मुद्रीकृत करने के तरीके जैसी पहल के बारे में बात की है।
नेटफ्लिक्स ने घोषणा की है कि, वह अर्जेंटीना, अल सल्वाडोर, ग्वाटेमाला, होंडुरास और डोमिनिकन गणराज्य में पासवर्ड साझा करने के लिए एक नए तरीके का परीक्षण कर रहा है।
प्लेटफॉर्म ने चिली, कोस्टा रिका और पेरू में 'अतिरिक्त सदस्य जोड़ें' सुविधा शुरू की और अब यह अन्य देशों में इस सुविधा को लागू करने की योजना बना रहा है। (आईएएनएस)
वीडियो स्ट्रीमिंग की दुनिया में लंबे समय तक राज करने वाली नेटफ़्लिक्स को अब कठिनाई का सामना करना पड़ा रहा है.
अप्रैल और जुलाई के बीच नेटफ्लिक्स को करीब 10 लाख ग्राहकों ने छोड़ दिया है.
इस तिमाही में सबसे ज्यादा अमेरिका और कनाडा के ग्राहकों ने नेटफ़्लिक्स को छोड़ा है. इसके बाद यूरोप का नंबर आता है. मंगलवार को आई रिपोर्ट बताती है कि ग्राहकों का इतनी बड़ी संख्या में फ्लेटफॉर्म को छोड़कर जाना कंपनी के इतिहास में सबसे बड़ा है.
यह नेटफ़्लिक्स के लिए एक बड़ा बदलाव है, जिसने कई सालों तक बढ़ोतरी का फायदा उठाया है, क्योंकि उसे दुनिया भर के लोगों के मनोरंजन के तरीके में क्रांति लाने के लिए जाना जाता है.
कोविड के समय में लोगों ने बड़ी संख्या में नेटफ़्लिक्स को सब्सक्राइब किया लेकिन हालात सुधरने पर फिर से नेटफ़्लिक्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
एक समय पर नेटफ्लिक्स ने वीडियो स्ट्रीमिंग के पूरे बाजार को हिलाकर रख दिया था लेकिन अब नेटफ़्लिक्स को एप्पल टीवी, एचबीओ मैक्स, अमेजॉन प्राइम और डिज्नी प्लस जैसे कंपनियों से कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है.
नेटफ़्लिक्स ने पिछले कुछ समय में ग्राहकों के लिए दाम भी बढ़ाए हैं जिसका नुकसान कंपनी को हुआ है.
अमेरिका में दो डिवाइस पर एक साथ नेटफ़्लिक्स चलाने वाले प्लान की कीमत साल 2019 में 11 डॉलर थी, जो जनवरी 2022 में बढ़कर 14 डॉलर और अब 15.49 डॉलर है.
ब्रिटेन में भी नेटफ़्लिक्स ने बेसिक और स्टैंडर्ड प्लान में एक यूरो की बढोतरी की है. अब महीने का बेसिक प्लान 6.99 यूरो और स्टैंडर्ड प्लान 10.99 यूरो का हो गया है.
जून के आखिर तक कंपनी के पास करीब 22 करोड़ सब्सक्राइबर थे. इस साल अब तक फर्म के शेयरों के मूल्य में 60 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है क्योंकि निवेशक कंपनी की संभावनाओं को लेकर चिंता में हैं. (bbc.com)
मुंबई, 17 जुलाई | बॉलीवुड फिल्म निर्माता करण जौहर ने 'कॉफी विद करण' सीजन 7 में जान्हवी कपूर से सवाल-जवाब के दौरान पूछा कि क्या वह अपने एक्स के साथ सेक्स करना चाहती हैं। तो इस पर अभिनेत्री प्रतिक्रिया देने से खुद को रोक नहीं पाई। जान्हवी, अभिनेत्री सारा अली खान के साथ, हाल ही में सेलिब्रिटी चैट शो में देखी गईं। दोनों ने अपनी निजी जिंदगी के बारे में खुलकर बात की।
जब करण जौहर ने जान्हवी से पूछा कि क्या वह अपने पूर्व ब्यॉयफ्रेंड के साथ सेक्स करेगी, तो जान्हवी ने जवाब दिया, "नहीं, पीछे नहीं जा सकती।"
एपिसोड के दौरान, करण ने जान्हवी और सारा दोनों को आश्चर्यचकित कर दिया जब उन्होंने उल्लेख किया कि वे दोनों भाई-बहनों को डेट करते हैं।
इसी शो में, दोनों अभिनेत्रियों ने अपने उस यात्रा के बारे में भी बात की जो काफी मुश्किलों भरा था।
वहीं शो के दौरान अभिनेत्री सारा अली खान ने तेलुगु स्टार विजय देवरकोंडा को डेट करने की अपनी इच्छा भी साझा की थी, इसको लेकर देवरकोंडा ने जवाब भी दिया था। (आईएएनएस)
लंदन, 17 जुलाई | इंडियन प्रीमियर लीग को सफलतापूर्वक लॉन्च कर भारतीय क्रिकेट को अरबों डॉलर का उद्योग बनाने वाले ललित मोदी ने बॉलीवुड अभिनेत्री और पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन के साथ अपनी दोस्ती के लिए उन्हें ट्रोल करने वालों की आलोचना की है। 56 वर्षीय ललित मोदी ने हाल ही में सुष्मिता सेन के साथ सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें पोस्ट कीं और लिखा, लंदन में परिवार के साथ समय बिताते हुए। मेरी बेटरहाफ के साथ एक नई शुरूआत।
जल्द ही बॉलीवुड अभिनेत्री को डेट करने के लिए ललित मोदी को ट्रोल करने की अफवाहें तेज हो गईं। रविवार को उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक लंबा संदेश पोस्ट किया जिसमें उन्हें निशाना बनाने वालों से कहा कि उन्हें अकेला छोड़ दें।
मोदी ने इंस्टाग्राम में कहा, "मीडिया मुझे ट्रोल करने के लिए इतना जुनूनी क्यों है। क्या कोई समझा सकता है मैंने इंस्टा पर केवल 2 तस्वीरें क्यों पोस्ट की हैं। मुझे लगता है कि हम अभी भी मध्य युग में जी रहे हैं कि 2 लोग दोस्त नहीं हो सकते और अगर केमिस्ट्री सही है और समय अच्छा है तो हम अच्छे दोस्त क्यों नहीं बन सकते।"
मेरी सलाह है, जियो और दूसरों को जीने दो। सही खबर लिखें न कि झूठी खबर फैला दें। मैं आपको एक बात और बता दूं कि मेरी पत्नी दिवंगत मीनल मोदी मेरी बहुत अच्छी दोस्त थीं। वह मेरी मां की दोस्त नहीं थी। हम लोगों में अच्ची अंडरस्टैंडिंग थी। इसलिए हम लोगों ने एक-दूसरे से शादी की थी।
साथ ही उन्होंने मीडिया संस्थानों से यह भी गुजारिश की कि उन्हें भगौड़ा कहना बंद करें। वह कोई भगौड़ा नहीं हैं। कोर्ट ने मुझे दोषी करार नहीं दिया है।
ललित मोदी ने कहा कि जब वह बीसीसीआई में पदाधिकारी बने, तो उसके पास केवल 40 करोड़ रुपये थे, जो 2013 में बढ़कर 47,680 करोड़ रुपये हो गए।
उन्होंने आगे कहा, "इट्स टाइम यू वेक अप - जब मैं बीसीसीआई में शामिल हुआ तो बैंक में सिर्फ 40 करोड़ रुपये थे। मैं 29 नवंबर 2005 को अपने जन्मदिन पर शामिल हुआ था। अनुमान लगाइए कि बैंक में क्या था जब मुझे प्रतिबंधित किया गया था -- 47,680 करोड़? धिक्कार है नकली मीडिया पर।" (आईएएनएस)
लॉस एंजिल्स, 17 जुलाई | गायिका-अभिनेत्री बेयॉन्से ने 2002 में 'ऑस्टिन पॉवर्स इन गोल्डमेम्बर' में फॉक्सी क्लियोपेट्रा के रूप में अभिनय किया। वह अपने और अपने चरित्र की छवि के प्रति सच्ची रहना चाहती थी क्योंकि वह फिल्म के पोस्टर में बहुत पतली दिख रही थी। डेडलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म की मेकअप आर्टिस्ट केट बिस्को ने कहा कि गायिका ने फिल्म के पोस्टर पर बहुत पतली दिखने पर नाराजगी जताई और उसे बदलने को कहा।
बेयॉन्से कहती है, "तुमने मुझे बहुत पतला बना दिया। यह मैं नहीं हूं।"
'ऑस्टिन पॉवर्स इन गोल्डमेम्बर' दूसरी फिल्म थी जिसमें उन्होंने अभिनय किया था। उस समय बियॉन्से अपने कैरियर का निर्माण कर रही थी और आज वह पावरहाउस है।
बेयॉन्से पहली नहीं है और न ही आखिरी होगी। केट विंसलेट ऐसी प्रथाओं के खिलाफ वकालत करने के लिए जानी जाती हैं। (आईएएनएस)