मनोरंजन
मुंबई, 4 सितंबर छह फाइनलिस्टों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद जोधपुर के 14 वर्षीय मोहम्मद फैज 'सुपरस्टार सिंगर 2' के विजेता बने और ट्रॉफी के साथ साथ 15 लाख रुपये का नकद पुरस्कार जीता। वहीं मणि और सायशा को क्रमश: प्रथम और द्वितीय उपविजेता घोषित किया गया।
पहला नशा, केसरिया और कोई मिल गया जैसे रोमांटिक गानों की उनकी भावपूर्ण प्रस्तुति ने न केवल जजों को प्रभावित किया, बल्कि पद्मिनी कोल्हापुरे और पूनम ढिल्लों जैसी बॉलीवुड अभिनेत्रियों सहित विशेष मेहमानों को भी प्रभावित किया।
23 अप्रैल को हुए इस प्रीमियर शो को अलका याज्ञनिक, हिमेश रेशमिया और जावेद अली ने जज किया था। युवा प्रतिभाओं के सलाहकार सलमान अली, पवनदीप राजन, अरुणिता कांजीलाल, सायली कांबले और मोहम्मद दानिश थे।
संगीत उस्ताद आनंद ने भी ग्रैंड फिनाले के लिए विशेष जज के रूप में शो में शिरकत की, उनके साथ शाम को लोकप्रिय गायक शब्बीर कुमार, सोनू कक्कड़ और भूमि त्रिवेदी भी नजर आए।
प्रतियोगियों के शानदार प्रदर्शन के अलावा, भारती सिंह और हर्ष लिंबाचिया के मजेदार मजाक, जो आदित्य नारायण के साथ ग्रैंड फिनाले की सह-मेजबानी कर रहे थे। शो के विजेता मोहम्मद फैज ने यह कहते हुए उत्साह व्यक्त किया,सुपरस्टार सिंगर 2' पर होना अपने आप में एक उपलब्धि है। जब मैंने ऑडिशन दिया, तो कभी भी अपने सोच में नहीं था। लेकिन आज मैं बहुत खुश हूं, यह शो जीतना मेरे लिए सपने जैसा ही। मैं इस भावना को शब्दों में वर्णित करने में असमर्थ हूं, यह बहुत असली है।
उन्होंने अपने प्रशंसकों को भी धन्यवाद दिया और साझा किया, मैं उन सभी दर्शकों और मेरे प्रशंसकों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे इतना प्यार और वोट दिया है। विशेष रूप से सभी जजों और मेरी कप्तान अरुणिता दी, जो मेरी ताकत का स्तंभ रही हैं, जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मेरे इस सपने को साकार करने के लिए मेरा मार्गदर्शन किया। मोहम्मद फैज को ट्रॉफी लेते हुए इस शो का विजेता बनते हुए देखकर शो के जज अलका याज्ञनिक, हिमेश रेशमिया और जावेद अली के साथ अरुणिता ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए फैज को बधाई दी। (आईएएनएस)
मुंबई, 3 सितम्बर | राष्ट्रीय सिनेमा दिवस 16 सितंबर को मनाने के लिए स्वरा भास्कर अभिनीत फिल्म 'जहां चार यार' के टिकटों की कीमत सिर्फ 75 रुपये के रूप में देश भर में मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया सिनेमा को मनाने के लिए एक विशेष मूल्य प्रदान करता है। एमएआई ने यह भी कहा कि 75 टिकट फिल्म देखने वालों के लिए एक 'धन्यवाद' इशारा था, जिन्होंने सिनेमाघरों को फिर से खोलने में योगदान दिया, जो महामारी से प्रेरित लॉकडाउन के बाद थे।
निर्माता विनोद बच्चन ने 16 सितंबर को एमएआई द्वारा राष्ट्रीय सिनेमा दिवस की घोषणा करने पर प्रसन्नता व्यक्त की, "मुझे लगता है कि यह पूरे देश में सिनेमा प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर है। एमएआई के उपभोक्ताओं को 75 रुपये में टिकट देकर राष्ट्रीय सिनेमा दिवस मनाने का निर्णय दर्शकों को एक साथ ला सकता है। थिएटर में एक दिन का आनंद लें।"
"मुझे खुशी है कि 16 सितंबर को रिलीज होने वाली हमारी फिल्म 'जहां चार यार' को राष्ट्रीय सिनेमा दिवस पर दर्शकों द्वारा पसंद किया जा सकता है।"
'जहां चार यार' में शिखा तलसानिया, मेहर विज और पूजा चोपड़ा भी हैं, जो गोवा में एक अप्रत्याशित साहसिक कार्य के लिए फिर से चार महिला मित्रों की कहानी है, जो खतरनाक लेकिन विचित्र घटनाओं के माध्यम से उनकी व्यक्तिगत पहचान का पता लगाते हैं जो उन्हें पुनर्जीवित आत्माओं के साथ गृहिणियों की अपनी भूमिकाओं में लौटने में मदद करती हैं। (आईएएनएस)|
मुंबई, 3 सितम्बर | प्रशंसित अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने 'हद्दी' पर काम करना शुरू किया, जहां वह एक ट्रांसजेंडर की भूमिका निभाते नजर आएंगे, उन्होंने महिला निर्देशकों के साथ काम करने के अपने अनुभव के बारे में बात की। इसके बाद नवाज ने पुरुष और महिला फिल्म निमार्ताओं के बीच कुछ अंतरों की ओर इशारा किया।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने निर्देशक अनुषा रिजवी के साथ 'पीपली लाइव' से प्रसिद्धि पाई। उन्होंने 'मोतीचूर चकनाचूर' के लिए निर्देशक देबमित्रा बिस्वाल के साथ काम किया है, नवाजुद्दीन ने नंदिता दास के निर्देशन में बनी फिल्म 'मंटो' की एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने जोया अख्तर के साथ 'बॉम्बे टॉकीज' में भी काम किया है, जो चार लघु कहानियों का संकलन है, जो बताती है कि कैसे फिल्मों का समाज के विभिन्न तबकों के लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने रीमा कागती के साथ 'तलाश' में भी काम किया।
नवाज ने कहा, "मैंने कई प्रसिद्ध महिला निर्देशकों के साथ काम किया है और इससे मुझे बहुत मदद मिली है। मैंने महसूस किया कि महिलाएं दुनिया को अलग तरह से देखती हैं, वे कहीं अधिक दयालु हैं और वे हर चीज में सुंदरता देखती हैं।"
"ज्यादातर पुरुषों के लिए, यह अक्सर शक्ति और नियंत्रण के बारे में होता है। यह हमारे रिश्तों में भी परिलक्षित होता है। पुरुष अधिक क्षेत्रीय होते हैं और उन्हें अधिकार जताना है, औरतों पर भी। महिला की निगाहें दयालु और संवेदनशील होती हैं। मैं उस पीओवी को प्राप्त करने की कोशिश कर रहा हूं। (²ष्टिकोण) सही।"
काम के मोर्चे पर, नवाज के पास फिल्मों की एक दिलचस्प लाइन-अप है जिसमें टिकू वेड्स शेरू, नूरानी चेहरा और अद्भुत शामिल हैं। (आईएएनएस)|
-रेहान फ़ज़ल
गंगा जमना' बतौर प्रोड्यूसर दिलीप कुमार की पहली फ़िल्म थी लेकिन इस फ़िल्म को बनाने के बाद उनका अनुभव इतना ख़राब रहा कि उन्होंने दोबारा फ़िल्म बनाने से तौबा कर ली.
उस ज़माने में बीवी केसकर सूचना और प्रसारण मंत्री हुआ करते थे. उनके मातहत काम करने वाले सेंसर बोर्ड को जब 'गंगा जमना' फ़िल्म दिखाई गई तो उसने फ़िल्म में 250 कट करने की सिफ़ारिश की. उनका कहना था कि फ़िल्म में ज़रूरत से ज़्यादा अश्लीलता और हिंसा दिखाई गई है. दिलीप कुमार ने सेंसर बोर्ड को लाख स्पष्टीकरण दिया लेकिन वो अपना फ़ैसला बदलने को तैयार नहीं हुआ.
उन्होंने सेंसर बोर्ड को 120 पन्नों का ज्ञापन भी दिया लेकिन उसने उसे देखना तक गवारा नहीं किया.
मेघनाद देसाई दिलीप कुमार की जीवनी में लिखते हैं, "सेंसर बोर्ड को फ़िल्म के डेथ सीन पर आपत्ति थी जिसमें एक डकैत को वही आखिरी शब्द कहते दिखाया गया था जो महात्मा गांधी ने नाथूराम गोडसे से गोली खाने के बाद कहे थे. जब कोई चारा नहीं बचा तो उन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की मदद लेने का फ़ैसला किया."
केसकर को नेहरू मंत्रिमंडल से हटाया गया
उनकी बेटी इंदिरा गांधी ने दिलीप कुमार की नेहरू से 15 मिनट की बैठक तय कराई. इस बैठक में दिलीप कुमार ने नेहरू को न सिर्फ़ अपनी परेशानी बताई बल्कि सेंसर बोर्ड के पूरे कामकाज पर कई सवाल उठाए.
उन्होंने नेहरू को बताया कि सेंसर बोर्ड बिल्कुल एक तानाशाह की तरह काम कर रहा था और अपने विचारों के विपरीत कोई भी तर्क सुनने के लिए तैयार नहीं था.
नेहरू के साथ जो बैठक 15 मिनट तक चलने वाली थी डेढ़ घंटे तक चली. नेहरू के हस्तक्षेप से सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म को पास किया. उसके कुछ समय बाद बीवी केसकर को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया और उनका राजनीतिक जीवन एक तरह से ख़त्म हो गया.
केसकर की इस बात के लिए तारीफ़ होती थी कि उन्होंने आम जनता को शास्त्रीय संगीत से रूबरू करवाया और आकाशवाणी पर संगीत के अखिल भारतीय संगीत कार्यक्रम की शुरुआत करवाई. लेकिन इन्हीं केसकर ने आकाशवाणी पर फ़िल्म संगीत और क्रिकेट कमेंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया था. उनके हटते ही ये प्रतिबंध हटा लिए गए.
दरअसल दिलीप कुमार चाहते थे कि महबूब ख़ाँ उनके भाई नासिर ख़ाँ को अपनी फ़िल्म 'मदर इंडिया' में वो रोल दे दें जो राजेंद्र कुमार ने किया था. नासिर ख़ाँ कुछ पाकिस्तानी फ़िल्मों में अपना हाथ आज़माने के बाद बंबई में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे थे.
महबूब ख़ाँ ने दिलीप कुमार का ये अनुरोध नामंज़ूर कर दिया और इससे दोनों के रिश्तों में खटास आ गई. इस सबसे पहले दिलीप कुमार के मन में 'गंगा जमना' बनाने का विचार घर करने लगा था. आख़िर में दिलीप कुमार ने अपनी ही फ़िल्म 'गंगा जमना' में अपने भाई नासिर ख़ाँ को बड़ा रोल दिया.
त्रिनेत्र और अंशुला बाजपेई दिलीप कुमार की जीवनी 'दिलीप कुमार पियरलेस आइकॉन इंस्पायरिंग जेनरेशंस' में लिखते हैं, "दिलीप कुमार ने ही हमें बताया था कि उन्हें 'गंगा जमना' बनाने की प्रेरणा एक पुरानी वैलेस बियरी की वेस्टर्न से मिली थी.
इस फ़िल्म के अंत में पिता अपने खुद के बेटे को मार देने के लिए मजबूर हो जाता है. 'गंगा जमना' में पिता और बेटे की जगह छोटे और बड़े भाई को दिखाया गया है जिसमें नासिर ख़ाँ एक अच्छे भाई (पुलिस इंसपेक्टर) और दिलीप कुमार एक बुरे भाई (डाकू) का रोल निभाते हैं. कहानी मशहूर है कि 'गंगा जमना' फ़िल्म महबूब ख़ाँ को उनकी फ़िल्म 'मदर इंडिया' का जवाब था."
शापूरजी मिस्त्री ने दिलीप कुमार को ब्लैंक चेक दिया
'गंगा जमना' में मशहूर उद्योगपति शापूरजी मिस्त्री और पालोनजी मिस्त्री ने अपना पैसा लगाया था.
त्रिनेत्र और अंशुला बाजपेई लिखते हैं, "इस फ़िल्म के बनने से पहले शापूरजी ने दिलीप कुमार को दो चेक बुक्स दीं. उन्होंने कहा कि एक चेक बुक फ़िल्म के प्रोडक्शन से जुड़े ख़र्चों के लिए है और दूसरी चेक बुक फ़िल्म में आपके पारिश्रमिक के लिए है. इनके हर चेक पर आप जो भी धनराशि चाहे भर सकते हैं.
ये सारे चेक ख़ाली हैं और हर एक चेक पर मेरे दस्तख़त हैं. जब फ़िल्म रिलीज़ हुई और सुपर हिट बन गई तो दिलीप कुमार ने शापूरजी को उनके द्वारा दी गईं दोनों चेकबुक लौटाईं. उन्होंने प्रोडक्शन कामों के लिए दी गई पहली चेक बुक से कुछ चेक ही इस्तेमाल किए थे और दूसरी चेक बुक को छुआ तक नहीं था. ये देखते ही शापूरजी भावुक हो गए और उन्होंने दिलीप कुमार को गले लगा लिया.'
दिलीप के भाई नहीं चाहते थे कि वो डकैत की भूमिका करें
दिलीप कुमार अपनी आत्मकथा 'द सब्सटेंस एंड द शैडो- एन ऑटोबायोग्राफ़ी में' लिखते हैं, "जैसे ही शापूरजी ने मुझसे 'गंगा जमना' की कहानी सुनी, उन्होंने कह दिया कि इस फ़िल्म की सफलता के बारे में उन्हें कोई संदेह नहीं है, लेकिन मेरे भाई नासिर का मानना था कि मेरे डकैत की भूमिका निभाने का विचार अच्छा नहीं है.
उन्होंने ज़ोर दिया कि दर्शक इस बात को पसंद नहीं करेंगें कि मैंने दुष्ट ज़मींदार से बदला लेने के लिए डकैतों की संगत का सहारा लिया. ये फ़िल्म मैं अपने भाई नासिर के कम बैक के लिए बना रहा था. उसने मुझसे बार बार कहा कि मैं अपने लिए ये रोल लिखकर ग़लती कर रहा हूँ लेकिन मैंने अपनी स्क्रिप्ट में कोई परिवर्तन नहीं किया."
मैंने तय किया कि मैं फ़िल्म में डाकू का ही रोल निभाउंगा क्योंकि शापूरजी इस फ़िल्म की सफलता के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त थे. जब आख़िर में पिक्चर रिलीज़ हुई तो दर्शक उसे देखने के लिए टूट पड़े."
नितिन बोस को फ़िल्म के निर्देशन के लिए चुना गया
दिलीप कुमार ने इस फ़िल्म के निर्देशन के लिए नितिन बोस को चुना जो उन्हें पहले 'मिलन' और 'दीदार' फ़िल्मों में निर्देशित कर चुके थे. इस बारे में बहुत अफवाहें फैलीं कि नितिन बोस की जगह दिलीप कुमार ने खुद इस फ़िल्म का निर्देशन किया है. बाद में नितिन बोस ने इसका खंडन करते हुए कहा, 'दिलीप न सिर्फ़ एक अनुशासित अभिनेता हैं बल्कि बहुत गर्मजोश इंसान भी हैं.
हम दोनों शूटिंग से एक दिन पहले ही फ़िल्मांकन की सारी योजना बना लेते थे. जवानों और डकैतों के बीच भिड़ंत की शूटिंग के दौरान एक जूनियर आर्टिस्ट बंदूक से निशाना लेते समय अपनी ग़लत आँख दबा रहा था. मेरे सहायक निर्देशक जावेद हुसैन उससे नाराज़ हो गए और उन्होंने बंदूक की नाल पकड़ कर कहा, "इस तरह से नहीं इस तरह से बंदूक पकड़ो.
आर्टिस्ट की उंगली बंदूक के घोड़े पर थी और ग़लती से वो घोड़ा दब गया. गोली जावेद के सीने को चीरती हुई निकल गई और वहीं उनकी मृत्यु हो गई. जब मुझे इसका अहसास हुआ कि क्या हो गया है मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया. तब मैंने दिलीप कुमार से मेरा काम संभालने के लिए कहा."
नौशाद की सलाह पर दिलीप ने पूरी फ़िल्म में पुरबिया बोली
'गंगा जमना' के संगीत निर्देशन की ज़िम्मेदारी नौशाद को दी गई. उन्होंने ही दिलीप कुमार को सलाह दी कि फ़िल्म में वास्तविकता लाने के लिए पुरबिया में ही सारे डायलॉग बोले जाएं.
दिलीप इसके लिए तुरंत राज़ी हो गए. गंगा के रोल को करने और समझने से पहले दिलीप कुमार ने उत्तर प्रदेश और बिहार के कई इलाकों का दौरा किया.
इस बोली में उन्होंने अपने बिहारी माली और उसकी पत्नी को बोलते , झगड़ते और एक दूसरे को मनाते सुना था और तब से ये बोली उनके दिलोदिमाग़ में घर कर गई थी.
दिलीप कुमार लिखते हैं, "उस समय मुझे इतना भी पता नहीं था कि ये बोली उत्तर प्रदेश की है या बिहार की. लेकिन मैं इस बोली के लिए पागल था. भावनाओं की अभिव्यक्ति की इसकी क्षमता ग़ज़ब की थी. जिस तरह हमारा बिहारी माली और उसकी पत्नी आपस में बातें करते और लड़ते थे वो बहुत दिलचस्प हुआ करता था. 'गंगा जमना' के रोल में मैं उस माहौल की साँस लेना चाहता था जिसमें गंगा और जमना बड़े हुए थे.
मैं उन किसानों की तकलीफ़ें भी दिखाना चाहता था जो तमाम तरह की मुसीबतें सहते हुए क्रूर ज़मीदारों के खेत जोता करते थे. गंगा की भूमिका करते हुए जो चीज़ मुझे सबसे आश्चर्यजनक लगती थी कि मेरे लिए कहानी के भावनात्मक 'करेंट' को समझना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं था. इसलिए एक चरित्र के रूप में गंगा मेरे लिए एक अनजान भूमिका नहीं थी."
पुरबिया बोलने पर मतभेद
लेकिन जब दिलीप ने 'गंगा जमना' में पुरबिया बोलने की अपनी मंशा महबूब ख़ाँ और के आसिफ़ को बताई थी तो उन्होंने सिरे से इसे ख़ारिज कर दिया था. सिर्फ़ बिमल रॉय, उनके दोस्त हीतेन चौधरी, लखनऊ के रहने वाले नौशाद और सीतापुर के रहने वाले वजाहत मिर्ज़ा ने इसका समर्थन किया था.
चरित्र अभिनेता कन्हैया लाल ने भी, जो बनारस के रहने वाले थे, और जिन्होंने फ़िल्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, सभी कलाकारों को सही तलफ़्फ़ुज़ के साथ पुरबिया बोलना सिखाया था. कवि राममूर्ति चतुर्वेदी ने भी फ़िल्म के प्रमुख कलाकारों को पुरबिया बोलने की बाक़ायदा ट्रेनिंग दी थी. नतीजा ये रहा कि बैजंतीमाला ने भी जो अपने डायलॉग 'रोमन' में लिखा करती थीं, ग़ज़ब की पुरबिया बोली और धन्नो के अपने रोल में पूरी तरह से डूब गईं.
'परफ़ेक्शन' के प्रति दिलीप कुमार का जुनून इस हद तक था कि वो अपने साथी कलाकारों के अभिनय का भी ज़िम्मा लिया करते थे. 'गंगा जमना' में उनकी हीरोइन वैजंतीमाला ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था, 'दिलीप साहब के साथ मेरी सबसे अच्छी फ़िल्म 'गंगा जमुना' थी.
इस फ़िल्म में मैंने उनकी पत्नी धन्नो का रोल किया था. उन्होंने मेरे डायलॉग अपनी आवाज़ में एक टेप रिकॉर्डर में रिकॉर्ड कर मुझे दिए थे ताकि मैं समझ सकूँ कि मुझे किस तरह पुरबिया डॉयलॉग बोलना है. उन्हें मालूम था कि दक्षिण भारतीय होते हुए मेरे लिए वो डायलॉग बोलना कितना मुश्किल रहा होगा. इसलिए उन्होंने मेरे लिए वो डायलॉग रिकॉर्ड करवाए ताकि मैं एक एक शब्द समझ सकूँ और उसके साथ सही फ़ेशियल एक्सप्रेशन दे सकूँ. इससे मुझे बहुत मदद मिली.
अमिताभ बच्चन भी हुए मुरीद
कुछ सालों पहले अमिताभ बच्चन ने भी एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने इलाहाबाद में अपने छात्र दिनों में ये समझने के लिए 'गंगा जमना' बार बार देखी कि किस तरह एक पठान बिना किसी मेहनत के उत्तर प्रदेश के एक ग्रामीण चरित्र को निभा रहा है और उसकी बोली को कितनी सहजता से बोल रहा है.
दिलीप कुमार ने अपनी आत्मकथा में लिखा, "मैं समझता हूँ अमिताभ बच्चन की बातों में दम है. किसी भी पठान के लिए गंगा के व्यक्तित्व और भाषा के साथ सहज होना वाकई मुश्किल काम था. लेकिन जिस पठान की कहानी आप पढ़ रहे हैं, उसने सतत अध्ययन, अथक अभ्यास और उन कामों में सफल होने की प्रबल इच्छा के कारण जो उसके लिए नए थे, ऐसा कर दिखाया."
महाराष्ट्र के एक गाँव में हुई शूटिंग
दिलीप कुमार को 'गंगा जमना' की शूटिंग की लोकेशन चुनने के लिए करीब एक महीना लग गया. उन्होंने बंबई से 120 किलोमीटर दूर इगतपुरी में जावर गाँव को अपनी फ़िल्म की शूटिंग के लिए चुना. इस जगह पर उनका जाना महज़ इत्तेफ़ाक था. वो अपने दोस्त जॉनी वॉकर के साथ घूमने निकले थे कि उन्हें ये जगह पसंद आ गई.
दिलीप कुमार को उस समय इसका अंदाज़ा नहीं था कि बाद में इस लोकेशन को कई हिंदी फ़िल्मों की शूटिंग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने ज़मींदार की हवेली को दिखाने के लिए उस गाँव में एक अस्थाई ढाँचा खड़ा किया था. 'गंगा जमना' की कुछ इनडोर शूटिंग महबूब और फ़िल्मालय स्टूडियो में भी की गई थी.
सभी चरित्रों ने यादगार रोल निभाया
मुख्य अभिनेताओं के अलावा 'गंगा जमना' के सभी चरित्र अभिनेताओं ने भी अपने करियर का बेहतरीन अभिनय किया चाहे वो ज़मींदारनी के रोल में प्रवीन पॉल हो, पुलिस सुपरिंटेंडेंट के रोल में नासिर हुसैन हों या हरिराम के रोल में कन्हैया लाल या मां के रोल में लीला चिटनीस हों, सबने अपना सौ फ़ीसदी दिया.
हाँ जमना के बड़े रोल में नासिर ख़ाँ कोई ख़ास असर नहीं छोड़ पाए. फ़िल्म के कबड्डी सीन की हर जगह चर्चा हुई. इसमें धन्नो गंगा को विरोधी टीम के ख़िलाफ़ जीतने की चुनौती देती है. वो कहती है, 'मैं तो कहूँ इस बार भी टनकपुर वाले जीतेंगे. देखो न कैसे कैसे गबरू जवान आए हैं.'
इस पर गंगा का तुरंत जवाब आता है, 'तो जा बेशरम पकड़ ले किसी का हाथ.' आखिर में गंगा की जीत होती है. सारा गाँव ख़ुशी में पागल हो जाता है और अचरज से भरा गंगा देखता है कि खुशी में चूर धन्नो नाच रही है.
एक शॉट में फ़िल्माया गया क्लाइमेक्स
फ़िल्म के क्लाइमेक्स में अपने भाई जमना द्वारा चलाई गई गोली से घायल गंगा किसी तरह उस घर में पहुंचता है जिसमें उसका जन्म हुआ है और अपने भाई की बाँहों में गिरते हुए कहता है, 'हम घर आ गए मुन्ना.' मरते समय उसके आख़िरी शब्द होते हैं, 'हे राम.' ये दृश्य फ़िल्म स्टूडियो में शाम के समय फ़िल्माया गया था.
दिलीप कुमार ने कैमरामैन वी बाबा साहब से कहा कि हर चीज़ को तैयार रखें, क्योंकि न तो इस शॉट का रिहर्सल होगा और न ही कोई दूसरा टेक. दिलीप कुमार लिखते हैं, 'मैंने स्टूडियो के कई चक्कर लगाए, पहले तेज़ चाल से चलते हुए और फिर दौड़ते हुए. जब मेरी साँस पूरी तरह से उखड़ गई और जब मुझे लगा कि अब मैं गिर ही जाउंगा, मैं सेट पर दाख़िल हुआ जहाँ बाबा साहब अपने कैमरे के साथ पहले से तैयार थे.'
कोरोना वायरस
बेहतरीन अभिनय के बावजूद फ़िल्मफ़ेयर के पुरस्कार से वंचित रहे दिलीप कुमार
जब फ़िल्म जगत के दिग्गजों ने इस फ़िल्म को देखा तो सबके मुँह से एक स्वर में 'वाह' निकला. सबकी एक राय थी कि दिलीप कुमार ने एक क्लासिक फ़िल्म बनाई है. लेकिन फ़िल्मफ़ेयर ने दिलीप के अभिनय को सर्वश्रेष्ठ अभिनय पुरस्कार के लायक नहीं समझा.
उस साल सर्वश्रेष्ठ अभिनय का पुरस्कार राज कपूर को उनकी फ़िल्म 'जिस देश में गंगा बहती है' के लिए दिया गया. जब दिलीप कुमार 'गंगा जमुना' को टेक्नीकलर प्रोसेसिंग के लिए ब्रिटेन के पाइनवुड स्टूडियो ले गए तो वहाँ की लैब के टेक्नीशियन फ़िल्म को देख कर बहुत प्रभावित हुए.
उन्होंने सलाह दी कि वो इस फ़िल्म को ऑस्कर के लिए भेजें क्योंकि इसमें आज़ाद भारत में सामंती ज़मीदारों की तानाशाही और दबे कुचले किसानों की ईमानदारी को दिखाया गया है.
जब 'गंगा जमना' को चेकोस्लोवाकिया में कार्लोवी वारी, बोस्टन और काहिरा के फ़िल्म समारोहों में दिखाया गया तो सबने एक स्वर से फ़िल्म की तारीफ़ की.
दिलीप कुमार लिखते हैं, 'मेरी फ़िल्म के समीक्षकों में ये कौतुहल था कि मैं इस तरह का अभिनय कैसे कर पाया. उनमें ये जानने की जिज्ञासा थी कि इसके पीछे कितना शोध किया गया है, क्योंकि 'गंगा जमना' जैसी फ़िल्में उनके देश में काफ़ी अध्ययन और सोच विचार के बाद ही बनाई जातीं. मैंने उन्हें बताया कि किस तरह मैंने स्क्रिप्ट, फ़िल्म के चरित्रों और पुरबिया बोली पर काम किया है.'
1962 में कारलोवी में यादगार अभिनय के लिए दिलीप कुमार को ऑनरेरी डिप्लोमा दिया गया जबकि 1963 के बोस्टन फ़िल्म समारोह में 'गंगा जमना' को 'सिलवर बोल' का पुरस्कार मिला.
'गंगा जमना' में दिलीप कुमार के काम को अभिनय की पाठ्यपुस्तक कहा जाता है. ये फ़िल्म न सिर्फ़ गोल्डन जुबली हिट साबित हुई बल्कि इसे क्लासिक फ़िल्म का दर्जा मिला और सर्वकालिक बेहतरीन फ़िल्मों में इसकी गिनती हुई. (bbc.com/hindi)
मुंबई, 2 सितम्बर | 'भूल भुलैया 2' में निभाए गए कार्तिक के चरित्र रूह बाबा को अब 'रूह बाबा की भूल भुलैया' नामक कॉमिक के लिए रूपांतरित किया जा रहा है। अभिनेता कार्तिक आर्यन का कहना है कि यह फिल्म की सफलता के लिए एक और नया जुड़ाव है। कार्तिक ने कहा, "मैं इसे लेकर बहुत उत्साहित हूं क्योंकि यह पहली बार है जब मेरा अपना कॉमिक बुक कैरेक्टर होगा जो मेरी सबसे हालिया और पसंदीदा फिल्म 'भूल भुलैया 2' पर आधारित है। यह कॉमिक फिल्म की सफलता की एक और कड़ी है और मैं वास्तव में इसके लिए उत्सुक हूं।"
कार्तिक के किरदार 'रूह बाबा' पर आधारित कॉमिक 'रूह बाबा की भूल भुलैया' के लिए टी-सीरीज और डायमंड कॉमिक्स एक साथ आ रहे हैं।
इस विशेष साझेदारी पर, टी-सीरीज के प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष, भूषण कुमार ने कहा, "डायमंड कॉमिक्स के साथ यह विशेष सहयोग इस उत्सव को जोड़ने का एक और तरीका है। हर फिल्म के लिए प्रचार और विपणन चरण बहुत महत्वपूर्ण है जो फिल्म को प्रभावित करता है।"
'भूल भुलैया 2' अनीस बज्मी द्वारा निर्देशित एक कॉमेडी हॉरर फिल्म है। इसमें तब्बू और कियारा आडवाणी भी हैं।
डायमंड कॉमिक्स के अंशुल वर्मा ने कहा, "'भूल भुलैया 2' एक ऐसी फिल्म है जिसे हर कोई पसंद करता है जिसने इसे देखा है, खासकर युवा दर्शकों ने।"
"यह कॉमिक रूह बाबा पर आधारित है, जो एक चरित्र है जिसे दुनिया भर से प्रशंसा मिली है। हम रूह बाबा के अलावा एक मजेदार कृति बनाने के लिए इससे बेहतर चरित्र के बारे में नहीं सोच सकते थे।" (आईएएनएस)|
ओलिविया सरकार
नई दिल्ली, 2 सितम्बर | जब हम फैशन के बारे में बात करते हैं, तो बॉलीवुड के मौजूदा सितारे जानते हैं कि फैशन उनकी लोकप्रियता और करिश्मे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां उन पर एक नजर डालते हैं जिनका फैशन अपने साथियों से बहुत आगे है।
रणवीर सिंह-
आप रणवीर के साटरेरियल फैशन (कपड़े पहनने का तरीका) विकल्पों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। डिस्को से लेकर रेट्रो तक, सितारों से लेकर पॉप, सीन्स और लेदर तक, रणवीर सिंह सब तरह के फैशनेबल कपड़े पहनते हैं, भले किसी को पसंद आए या ना आए लेकिन एक्टर जोखिम लेने से डरते नही हैं।
करण जौहर-
निर्माता-निर्देशक करण जौहर भी पीछे नहीं हैं। करण का एक अलग ही स्टाइल है जो कि खबरों में रहता है, धर्मा निर्माता को लोग उनके वारड्रोब के लिए जानते हैं, जिसमें ब्रैंडेड और लग्जरी कपड़े होते हैं।
अक्षय कुमार-
अक्षय कुमार अभी भी फैशन के मास्टर हैं। शार्प सूट से लेकर फटे हुए डेनिम्स और ट्रैक सूट तक, उनका स्वैग दूसरों से कहीं आगे निकल जाता है।
सैफ अली खान-
फैशन के मामले में पटौदी खानदान के चिराग और बॉलीवुड एक्टर सैफअली खान कैसे पीछे रह सकते हैं। पारंपारिक पोशाक हो, कुछ स्टाइल ड्रेस हो या फिर उनका पंसदीदा कुर्ता- शेरवानी सैफ हमेशा ही अपने लुक से सबको दीवाना बनाते हैं।
अर्जुन कपूर-
अर्जुन कपूर कुछ फ्यूचरिस्टिक फैशन स्टाइल के लिए अपने 'बॉय नेक्स्ट डोर लुक्स' को छोड़ रहे हैं।
सिद्धांत चतुवेर्दी-
फिल्म उद्योग का नया बैड बॉय सिद्धांत देखना चाहते हैं कि एथलेटिक्स ड्रेस प्रचलन में रहे। जॉगर्स, कैजुअल डेनिम और लेदर जैकेट जैसी शैलियों को पुनर्जीवित करें।
विक्की कौशल-
विक्की कौशल धीरे-धीरे फैशन की सीढ़ी पर चढ़ने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। उनका ऑफ-स्क्रीन कैजुअल स्टाइल और ऑन-स्क्रीन औपचारिक विकल्प सही सही चल रहा है। (आईएएनएस)|
बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार और रकुल प्रीत सिंह की फिल्म 'कठपुतली' डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो चुकी है। फिल्म में सरगुन मेहता, चंद्रचूड़ सिंह और हरशिता भट्ट लीड रोल में नजर आ रहे हैं। रंजीत एम तिवारी द्वारा निर्देशित यह फिल्म 134 मिनट की है। आईएएनएस ने रिव्यू में इस फिल्म को रेटिंग 4 दी है।
फिल्म में अक्षय कुमार एक पुलिस वाले के किरदार में है, जो एक ऐसे सीरियल किलर का पीछा करते है, जिसके चेहरे, नाम, मकसद और ठिकाने से वह खुद भी अनजान हैं।
पूजा एंटरटेनमेंट की नए जमाने की थ्रिलर रंजीत तिवारी द्वारा निर्मित है। फिल्म की कहानी विश्वसनीयता और वास्तविकता का एहसास कराती है।
फिल्म के सेट, करेक्टर और लोकेशन पर काफी मेहनत की गई है, जो फिल्म को प्रभावशाली बनाती है। 'कठपुतली' विजन, प्रोडक्शन, कंटेट और परफॉर्मेंस का क्लासिक उदाहरण है।
निर्देशक ने कहानी पर अपनी पकड़ बनाए रखी है। इस थ्रिलर मूवी में इमोशनल सीन्स भी डाले गए हैं। यह फिल्म एक साउथ इंडियन कल्ट क्लासिक का हिंदी रिमेक है, जिसको एक स्टैंडअलोन नॉयर-थ्रिलर कहा जा सकता है।
थ्रिलर फिल्म में कलाकारों ने छोटी-छोटी और बारीकियों पर खासा ध्यान दिया है। इमोशन्स और डर को अच्छी तरह से परिभाषित किया गया है। फिल्म में परस्पर विरोधी चरित्रों का निर्माण, कुछ इस तरह से किया गया है, जो हमने भारतीय सिनेमा में शायद पहले नहीं देखा होगा।
अक्षय कुमार ने फिल्म में मल्टी लेयर्ड करेक्टर निभाया है। यह उनके करियर का बेहतरीन प्रदर्शन हो सकता है। वह एक पुलिस वाले की भूमिका में है, जो सीरियल किलर की पहचान करने की जद्दोजहद में है और उसे पकड़ने के लिए कई चुनौतियों का सामना करता है।
वहीं, फिल्म में रकुल प्रीत सिंह भी काफी अद्भुत नजर आ रही है। इनके अलावा, टीवी स्टार सरगुन मेहता फिल्म में कई खुलासे करती हुईं दिखाई देंगी। अनुभवी एक्टर चंद्रचूड़ सिंह की सहजता पर्दे पर दर्शकों का दिल जीत लेगी।
हरशिता भट्ट और गुरप्रीत घुग्गी द्वारा निभाए गए किरदार भी कहानी को मजबूत बना रहे है।
फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक और गाने सीन्स के साथ एकदम मैच कर रहे है और दर्शकों को मूवी से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहे है। कंपोजर्स ने भी बेहतरीन काम किया है।
यह फिल्म एक थ्रिएट्रिकल अनुभव प्रदान करती है। कलाकारों का शानदार प्रदर्शन फिल्म को दिलचस्प बना रहा है।
मुंबई, 2 सितम्बर | देश के महानायक अमिताभ बच्चन का कोविड-19 टेस्ट नेगेटिव आया है। जिसके बाद उन्होंने पॉपुलर क्विज-बेस्ड रियलिटी शो 'कौन बनेगा करोड़पति' के सेट पर वापसी की। इसकी जानकारी बिग बी ने सोशल मीडिया पर अपने ब्लॉग के जरिए फैंस को दी।
अमिताभ बच्चन ने ब्लॉग में लिखा, "लिखने में देरी हुई क्योंकि (मैं) काम के पहले दिन के बाद आराम करना चाहता था. केबीसी के लिए सेट पर वापस आ गया हूं और बाद में विस्तार करूंगा. हाहा.. लव एंड लव।"
'हू वॉन्ट्स टू बी ए मिलियनेयर?' फ्रैंचाइजी का आधिकारिक हिंदी रूपांतरण 'कौन बनेगा करोड़पति' है। केवल शो के तीसरे सीजन को छोड़कर, इस शो को बिग बी 2000 से होस्ट कर रहे हैं। तीसरे सीजन को सुपरस्टार शाहरुख खान ने होस्ट किया था।
वर्कफ्रंट की बात करें तो, अमिताभ बच्ची की अपकमिंग फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' जल्द ही रिलीज होने वाली है, जिसमें रणबीर कपूर और आलिया भट्ट हैं। वह प्रभास और दीपिका पादुकोण अभिनीत 'उंचाई, 'गुड बाय' और 'प्रोजेक्ट के' में भी नजर आएंगे। (आईएएनएस)|
मुंबई, 1 सितम्बर | बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान, जिनकी हालिया रिलीज 'लाल सिंह चड्ढा' बॉक्स ऑफिस पर धराशायी हो गई, इस समय सैन फ्रांसिस्को में छुट्टियां मना रहे हैं। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सुपरस्टार दो महीने के ब्रेक पर हैं और यूएस में छुट्टियां मना रहे हैं। ब्रेक के बाद मुंबई वापस आने के बाद वह अपनी अगली फिल्म शुरू करेंगे।
सोशल मीडिया पर आमिर की एक तस्वीर वायरल हो रही है जिससे पता चलता है कि अभिनेता फिलहाल देश में नहीं हैं।
तस्वीर को नताशा नाम की एक प्रशंसक ने ट्विटर पर साझा किया है, जिसमें दोनों एक सेल्फी के लिए पोज देते नजर आ रहे हैं।
उन्होंने तस्वीर को कैप्शन दिया, "कल अप्रत्याशित अविश्वसनीय घटना हुई, मैं अभी भी अस्वस्थ हूं।"
तस्वीर में आमिर सॉल्ट एंड पेपर लुक में नजर आ रहे हैं। वह गहरे नीले रंग की फुल स्लीव की टी-शर्ट पहने हुए दिख रहे हैं। उनकी कमर में स्वेटर बंधा हुआ है और वे हल्के पीले रंग का क्रॉस बैग लिए नजर आ रहे हैं। उन्होंने इसे कैजुअल रखा और चश्मे से अपने लुक को पूरा किया। (आईएएनएस)
इस साल 26 हिंदी फिल्में रिलीज हुई हैं जिनमें से 20 फ्लॉप हुई हैं. क्या अब लोग हिंदी फिल्मों से ऊब चुके हैं और बॉलीवुड का वक्त पूरा हो चुका है?
"फिल्में नहीं चल रही हैं. यह हमारी गलती है. मेरी गलती है.” यह बात अक्षय कुमार ने पिछले महीने मीडिया से बात करते हुए तब कही थी जब उनकी फिल्म ‘रक्षा बंधन' फ्लॉप हो गई थी. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड को बदलने की जरूरत है.
अक्षय कुमार ने कहा, "मुझे बदलने की जरूरत है. मुझे समझना होगा कि दर्शक क्या चाहते हैं. मुझे वो पूरी सोच बदलनी होगी जिसके आधार पर मैं चुनता हूं कि मुझे कैसी फिल्में करनी चाहिए.”
अक्षय कुमार की यह कथनी लगभग सभी हिंदी फिल्मकारों पर लागू होती है. भारत की संस्कृति का आधार रहा बॉलीवुड अपनी चमक खो रहा है. उसके सितारे बुझ रहे हैं. कोविड महामारी के दौरान नेटफ्लिक्स और एमेजॉन प्राइम जैसी स्ट्रीमिंग सेवाओं ने बेशक इस चमक पर पर्दा गिराने का काम किया है लेकिन यह भी दिखने लगा है कि युवा पीढ़ी बॉलीवुड से थक रही है.
फिल्मों के आंकड़ों पर नजर रखने वाली वेबसाइट कोईमोई के मुताबिक इस साल अब तक 26 हिंदी फिल्में रिलीज हुई हैं जिनमें से 20 यानी लगभग 77 प्रतिशत विफल रही हैं. विफलता से यहां अर्थ यह है कि वे अपनी लागत का आधा या उससे ज्यादा पैसा कमाने में नाकाम रहीं. 2019 में विफलता की यह दर 39 प्रतिशत थी.
यानी, 2019 में जबकि कोविड महामारी नहीं आई थी, ज्यादा लोग सिनेमा गए और उन्होंने फिल्म देखने पर पैसा खर्चा. यही भारत में सिनेमा की परिपाटी रही है. टीवी की मौजूदगी के बावजूद लोग नई फिल्में देखने के लिए सिनेमा जाने को तरजीह देते रहे हैं. लेकिन महामारी की मार जब सिनेमाघरों पर पड़ी और लॉकडाउन में वे महीनों तक बंद रहे, तो लोगों ने नेटफ्लिक्स, एमेजॉन प्राइम, सोनी टीवी और ऐसे ही कई स्ट्रीम वेबसाइटों का रुख किया.
अब विदेशी शो देखे जा रहे हैं
दो किशोरियों की मां 40 वर्षीय क्रिस्टीना सुंदरसन मुंबई में रहती हैं. वह कहती हैं कि महामारी से पहले वे लोग हफ्ते में से कम एक बार तो सिनेमा जाते ही थे, लेकिन अब शायद ही कभी ऐसा होता हो. इसकी वजह उन्हें फिल्मों का स्तर लगता है. वह कहती हैं, "मतलब, जब आप हंसना चाहें तो वे ठीक हैं लेकिन उनके लिए थिएटर तो मैं नहीं जाऊंगी.”
सुंदरसन इस बात की ओर भी इशारा करती हैं कि युवा पीढ़ी की उन फिल्मों में दिलचस्पी कम है. वह कहती हैं, "वे (बेटियां) पहले हमारे साथ फिल्में देख लेती थीं लेकिन अब उनकी दिलचस्पी ही नहीं है. वे कोरियाई शो देखती हैं या दूसरी सीरीज जो स्ट्रीमिंग प्लैटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं.”
यह बदलाव सिर्फ सुंदरसन परिवार में नहीं आया है. बहुत से युवा मनोरंजन के लिए अंतरराष्ट्रीय शो देख रहे हैं जो स्ट्रीमिंग वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं. नेटफ्लिक्स और प्राइम की भारत में शुरुआत 2016 में हुई थी और उन्होंने अमेरिका, यूरोप और अन्य एशियाई देशों में बनी ऐसी सामग्री पेश की, जो भारत में उपलब्ध नहीं थी. इनमें पैरासाइट जैसी फिल्मों से लेकर गेम ऑफ थ्रोन्स व स्क्विड गेम्स जैसी सीरीज थीं जो पूरी दुनिया में तहलका मचा रही थीं.
डेटा वेबसाइट स्टैटिस्टा के मुताबिक 1.4 अरब लोगों के भारत में अब लगभग एक चौथाई लोग स्ट्रीमिंग सेवाएं इस्तेमाल कर रहे हैं. 2019 के 12 फीसदी से यह दोगुने से भी ज्यादा हो चुका है. अनुमान है कि 2027 तक यह आंकड़ा बढ़कर 31 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा. अमेरिका में जब 80 प्रतिशत लोग स्ट्रीमिंग सेवाएं प्रयोग कर रहे हैं तो भारत में भी इसके और ज्यादा बढ़ने की बड़ी गुंजाइश है.
बॉलीवुड में क्या समस्या है?
पिछला लगभग एक दशक भारत की टिकट खिड़की पर रिकॉर्ड तोड़ने का दशक रहा. एक दौर था जब हर महीने कमाई के नए रिकॉर्ड बन रहे थे. फिल्मों की सौ करोड़, दो सौ करोड़ की कमाई की खबरें आती थीं. 2019 में फिल्मों से 2 अरब डॉलर यानी लगभग 1.6 खरब रुपये का रेवेन्यू पैदा हुआ था. शायद वह बॉलीवुड का चरम था, जहां से उतार शुरू हो गया.
इस साल मार्च के बाद सभी भाषाओं की फिल्मों की टिकटों की बिक्री लगातार घट रही है. फिल्मों की कमाई पर नजर रखने वालों का कहना है कि बॉलीवुड पर मार कुछ ज्यादा ही बुरी पड़ी है. रिसर्च और इन्वेस्टमेंट फर्म इलारा कैपिटल के मुताबिक जुलाई से सितंबर की तिमाई में बॉलीवुड फिल्मों का रेवन्यू 45 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान है.
जानकार कहते हैं कि बॉलीवुड अपने दर्शकों को बुद्धू मानकर नहीं चल सकता कि जो कुछ उनके सामने परोसा जाएगा, वे उसे ग्रहण कर लेंगे. जैसा कि अक्षय कुमार ने कहा, फिल्म देखने वालों के हिसाब से फिल्मकारों को बदलने की जरूरत है.
इसका असर दिखने भी लगा है. बहुत सारे निर्माता पुरानी स्क्रिप्ट बदल रहे हैं. भारत के दूसरे सबसे बड़े मल्टीप्लेक्स चेन आईनॉक्स (INOX) के मुख्य प्रोग्रामिंग ऑफिसर राजेंद्र सिंह ज्याला कहते हैं उनकी फिल्मकारों से हुई बातचीत में यह बात सामने आई है कि एक्टरों को मिलने वाले पैसे को बॉक्स ऑफिस पर होने वाली कमाई से जोड़ने की भी कोशिशें हो रही हैं.
ज्याला बताते हैं, "कोई नहीं जानता कि असली समस्या क्या है. महामारी के दौरान कोई फिल्म रिलीज नहीं हुई. सब कुछ बंद था और लोगों के पास घर पर बैठकर ओटीटी देखने का खूब वक्त था. उन्हें अलग तरह की चीजें देखने को मिलीं. तो जो दो साल पहले काम कर सकता था, आज उसकी कोई कीमत नहीं है.”
ज्याला हालांकि कहते हैं कि सबकुछ इतना भी बुरा नहीं है और कुछ बड़ी हिट फिल्में बॉलीवुड में नई जान फूंक सकती हैं लेकिन उसके लिए तुरंत बड़े बदलाव करने की जरूरत है. (dw.com)
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस को धन उगाही से जुड़े एक मामले में 26 सितंबर से पहले पेश होने के लिए समन भेजा है.
प्रवर्तन निदेशालय ने 200 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दायर चार्जशीट में फर्नांडिस का नाम शामिल किया है.
पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष जज परवीन सिंह ने बीती 17 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश की गई अतिरिक्त चार्जशीट और इस मामले से जुड़े तथ्यों को ध्यान में रखते हुए ये समन भेजा है.
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की चार्जशीट में पहली बार जैकलिन फर्नांडिस का नाम अभियुक्त के रूप में दर्ज किया है. इस मामले में सुकेश चंद्रशेखर भी शामिल हैं जो इस वक़्त जेल में हैं.
फर्नांडिस ने इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट में ही काम के सिलसिले में विदेश जाने की इजाज़त मांगी थी.
ये निवेदन करते हुए फर्नांडिस ने कहा था कि उन्होंने इस केस की जांच में हमेशा प्रवर्तन निदेशालय का सहयोग किया है. (bbc.com/hindi)
मुंबई, 31 अगस्त | गायक हिमेश रेशमिया ने गणेश चतुर्थी के मौके पर बुधवार को अपना नया ट्रैक 'गणपति गजानन' जारी किया। यह गाना 'हिमेश रेशमिया डिवोशनल' का पहला ट्रैक है। गाने के रिलीज के अवसर पर हिमेश ने एक बयान में कहा, "हमारे पहले म्यूजिक लेबल ने पहले 75 गानों पर 3 बिलियन व्यूज को पार कर लिया है, जिसमें से 'सुरूर 2021' एल्बम के पहले 3 गानों ने पूरे यूट्बयू पर 1.5 बिलियन का आकड़ा छुआ और हमारा दूसरा संगीत लेबल जो पिछले महीने लॉन्च किया गया था, असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।"
गाने को रेशमिया के पिता विपिन रेशमिया ने कंपोज किया है और हिमेश ने अपनी आवाज दी है। यह पहली बार है जब पिता-पुत्र की जोड़ी ने सहयोग किया है।
अपने उत्साह को साझा करते हुए, संगीतकार ने कहा, "अब हमारे तीसरे संगीत लेबल के साथ, जो भक्ति संगीत है, हम पिताजी के गीत के साथ लॉन्च कर रहे हैं, जिसे मैंने गाया है। मैं वास्तव में बहुत खुश हूं कि पहला गीत पहले ही दिन 5 मिलियन व्यूज के साथ इतनी अच्छी तरह से स्वीकार किया गया।"
गाने को सुधाकर शर्मा ने लिखा है और यह यूट्यूब पर स्ट्रीम करने के लिए उपलब्ध है। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 31 अगस्त | दिग्गज दक्षिण भारतीय अभिनेता सुमन ने अपने खराब स्वास्थ्य की अफवाहों का खंडन किया है और अपने प्रशंसकों से चिंता न करने को कहा है। कुछ यूट्यूब चैनलों पर आई खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए सुमन ने स्पष्ट किया कि वह स्वस्थ हैं और इस समय बैंगलोर में एक फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं।
63 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि वह यूट्यूब चैनलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे जो उनके स्वास्थ्य के बारे में अफवाहें फैला रहे हैं।
कई तेलुगु और तमिल फिल्मों में अभिनय कर चुके सुमन ने दोनों तेलुगु राज्यों में अपने प्रशंसकों को सलाह दी कि वे कुछ यूट्यूब चैनलों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर विश्वास न करें।
अभिनेता की मौत की अफवाहें पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर चल रही थीं और इससे तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में उनके प्रशंसकों में चिंता पैदा हो गई।
अपने दोस्तों के माध्यम से अफवाहों के बारे में जानने के बाद, सुमन ने एक बयान जारी कर कहा कि वह बिल्कुल ठीक हैं। उन्होंने अफवाह फैलाने वाले चैनलों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा शुरू करने की धमकी दी।
सुमन ने चार दशक से अधिक के करियर में 150 से अधिक दक्षिण भारतीय फिल्मों में अभिनय किया है। (आईएएनएस)
मुंबई, 29 अगस्त (भाषा)। मुंबई पुलिस ने, अपनी निर्वस्त्र तस्वीरें सोशल मीडिया मंच पर साझा करने के मामले में सोमवार को अभिनेता रणवीर सिंह का बयान दर्ज किया।
एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के पदाधिकारी की शिकायत के आधार पर चेंबूर थाने में सिंह के खिलाफ पिछले महीने एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद पुलिस ने अभिनेता को नोटिस जारी कर जांच में शामिल होने को कहा था।
अधिकारी ने बताया कि अभिनेता सोमवार सुबह सात बजे जांच अधिकारी के समक्ष पेश हुए और अपना बयान दर्ज करवााया। सिंह सुबह करीब साढ़े नौ बजे थाने से निकले। जरूरत पड़ने पर अभिनेता को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
एनजीओ के एक पदाधिकारी ने शिकायत में आरोप लगाया था, ‘‘ अभिनेता ने अपनी तस्वीरों से महिलाओं की भावनाओं को आहत किया और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई है।’’
शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 292 (अश्लील किताबों आदि की बिक्री), 293 (युवाओं को अश्लील सामग्री की बिक्री), 509 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से कोई शब्द कहना, इशारा करना या किसी कृत्य को अंजाम देना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
रणवीर सिंह को ‘बाजीराव मस्तानी’, ‘पद्मावत’ और ‘गली बॉय’ जैसी कई हिट फिल्मों में अपने बेहतरीन अभिनय के लिए जाना जाता है।
मुंबई, 29 अगस्त | गणेश चतुर्थी आने को है, इसको लेकर सब अपनी अपनी तैयारियां कर रहे हैं। ऐसे में 'भाग्य लक्ष्मी' की अभिनेत्री ऐश्वर्या खरे अपने गृहनगर भोपाल में त्यौहार को मिस कर रही हैं। वह 15 से अधिक वर्षों से घर पर ही गणेश की मूर्ति लाने की परंपरा का पालन कर रही थी। वो बताती हैं कि कैसे वह अपने पुश्तैनी घर में अपने परिवार के साथ त्यैहार मनाती थी। इसको लेकर उन्होंने अपना अनुभव साझा किया है।
ऐश्वर्या ने कहा, "गणेश चतुर्थी मेरे अब तक के सबसे पसंदीदा त्यौहारों में से एक है। वास्तव में, मेरे पास बचपन से त्योहार की कई यादें हैं। मुझे अब भी याद है, जब मैं गणेश पर बप्पा को घर लाने पर जोर देती थी, तब मैं स्कूल में थी। चतुर्थी और तब से यह भोपाल में हमारे पुश्तैनी घर में एक परंपरा बन गई।"
उन्होंने इस साल के लिए अपनी योजनाओं के बारे में और कहा, "मुझे लगता है कि हमें इस परंपरा का पालन करते हुए 15 साल से अधिक समय हो गया है। लेकिन इस बार मैं भोपाल में घर पर ये उत्सव नहीं मना पाउंगी।"
अभिनेत्री ऐश्वर्या खरे ने कहा कि वह मुंबई में विभिन्न पंडालों का दौरा करेंगी।
आगे अभिनेत्री ने कहा, "मैं गणेश चतुर्थी के दौरान विभिन्न पंडालों और कुछ दोस्तों के पास जाने की योजना बना रही हूं ताकि भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने के साथ-साथ स्वादिष्ट मोदक खा सकें।" (आईएएनएस)|
मुंबई, 28 अगस्त | पूर्व मिस यूनिवर्स और बॉलीवुड अभिनेत्री लारा दत्ता, जिन्हें आखिरी बार ओटीटी सीरीज 'हिक्कप्स एंड हुकअप्स' में देखा गया था, अपने प्रशंसकों को एक रियलिटी चेक दे रही हैं कि वास्तविक जीवन सोशल मीडिया पर दिखाई देने वाली चीजों से कैसे अलग है। अभिनेत्री ने अपने इंस्टाग्राम पर कुछ तस्वीरें साझा कीं, जहां वह "मेकप" से लेकर "बिना मेकप" तक होती हैं। पहली तस्वीर में वह डी-ग्लैम लुक में दिख रही हैं जबकि अगली तस्वीर में वह आईने के सामने मेकअप में बैठी हैं।
उन्होंने कैप्शन में लिखा, "इसे वास्तविक रखना !!! यह मैं आज रात 7 बजे थी, एक वर्क आउट के ठीक बाद जिसने मेरी जान निकाल दी !!! मेरी अगली छवि दो घंटे बाद, मैं तैयार हूं अपने दोस्तों के साथ जश्न मनाने के लिए।"
"क्या बात है? बस यह जानना महत्वपूर्ण है कि हममें से कोई भी उस तरह से नहीं जागता है जैसा हम कई ग्लैम तस्वीरों में देखते हैं जो आप हमें देखते हैं।"
सोशल मीडिया पर उनकी ईमानदारी से प्रशंसक प्रभावित हुए। एक प्रशंसक ने टिप्पणी की, "अपनी प्रामाणिकता से प्यार करें" जबकि दूसरे ने उन्हें धन्यवाद दिया, "रियल रखने के लिए धन्यवाद," और इसी तरह की तारीफ करते हुए, एक अन्य ने टिप्पणी की, "दोनों में शानदार। महिलाओं को खुद को पसंद करने के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद। मेकअप के साथ या बिना मेकअप के।" (आईएएनएस)|
मुंबई, 28 अगस्त | बॉलीवुड सितारे एक-दूसरे की फिल्मों का प्रचार नहीं करने की बात करते हैं, लेकिन दक्षिण भारतीय सितारे एक-दूसरे के काम की तारीफ करने के आदी हैं और साथ में तैरने या डूबने के सिद्धांत पर कायम रहते हैं। हाल के दिनों में, चिरंजीवी, एस.एस. राजामौली और नागार्जुन ने आमिर खान की 'लाल सिंह चड्ढा' का प्रचार किया था, और तमिल उद्योग के सितारे भी फिल्म के लिए उनकी प्रशंसा में उदार थे।
सौहार्द की यही भावना 'ब्रह्मास्त्र' के प्रचार ब्लिट्ज में स्पष्ट हुई है, जिसका नेतृत्व दो लोग कर रहे हैं जो समझते हैं कि सोशल मीडिया कैसे काम करता है - आलिया भट्ट ('डालिर्ंग्स' के गर्मजोशी के स्वागत से ताजा) और करण जौहर, एक एपिक फिल्म के सह-निर्माता।
राजामौली और नागार्जुन के बाद चेन्नई में फिल्म का प्रचार करने के लिए रणबीर कपूर के मुख्य किरदार के साथ शामिल हो गए, यह जूनियर एनटीआर हैं, जिन्हें करण जौहर ने हाल के ट्वीट में "जनता का आदमी" के रूप में वर्णित किया। एनटीआर, 2 सितंबर को हैदराबाद में होने वाले कार्यक्रम के लिए 'ब्रह्मास्त्र' की कास्ट में शामिल होंगे।
जौहर ने न केवल घोषणा की, बल्कि एक वीडियो भी चलाया जिसमें रणबीर कपूर, आलिया और अमिताभ बच्चन की चलचित्र छवियों को 'आरआरआर' से जूनियर एनटीआर के एक्शन ²श्यों के साथ जोड़ा गया है।
इंस्टाग्राम पर हैदराबाद कार्यक्रम की घोषणा करते हुए, 'ब्रह्मास्त्र' के निर्देशक अयान मुखर्जी ने लिखा, 'ब्रह्मास्त्र' के लिए एनटीआर। इस फिल्म की यात्रा के माध्यम से, कुछ बहुत बड़ी हस्तियां और उपलब्धि हासिल हुई हैं। ब्रह्मास्त्र के आकाश में ऐसा एक और सितारा अब एनटीआर है जो हैदराबाद में हमारी फिल्म के सबसे बड़े कार्यक्रम में हमेशा की तरह चमकने वाला है!" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 28 अगस्त | 'नागिन 4' फेम निया शर्मा का कहना है कि उन्हें पारस कलनावत के साथ जोड़ना 'बेवकूफी' है, जो 'अनुपमा' में अपनी भूमिका के लिए टीवी जगत में मशहूर हैं। 'झलक दिखला जा 10' में कंटेस्टेंट के रूप में कन्फर्म होने के बाद से चल रही डेटिंग अफवाहों पर प्रतिक्रिया देते हुए निया ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि वह सिंगल हैं, उनका नाम किसी के साथ नहीं जोड़ा जा सकता।
उन्होंने कहा, "मीडिया की ओर से यह मूर्खता थी क्योंकि हमें शो में पहले दो प्रतियोगियों के रूप में पुष्टि की गई थी और पहली बार जब मैं पारस कलनावत से मिली थी तो प्रोमो के पहले दिन शो में आई थी और मैंने कहा, 'हे, हाय बॉयफ्रेंड', और उन्होंने कहा, 'हे, हाय निया, और फिर हम डेटिंग कर रहे हैं और यह सब'। इस तरह हम हंसते हैं। और इसलिए मेरा मतलब है, मेरे लिए यह टिप्पणी करना और समझाना इतना तुच्छ है ।"
निया ने आगे कहा, "यह बिल्कुल बेतुका है कि अचानक शो में दो कंफर्म कंटेस्टेंट्स के बारे में एक लेख सामने आता है जो एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं। सिर्फ इसलिए कि मैं सिंगल हूं, मुझे हर किसी से नहीं जोड़ा जा सकता है। मैं सिंगल दिख सकती हूं लेकिन मैं सभी के लिए उपलब्ध नहीं हूं।" (आईएएनएस)|
अर्जुन कपूर बॉलीवुड के ऐसे सितारों में से एक हैं जो सोशल मीडिया पर सुर्खियों में बने रहते हैं.
'एक विलेन रिटर्न्स' रिलीज़ होने के बाद से ही वो चर्चा में हैं. जहां फिल्म में कुछ लोग उनकी एक्टिंग की तारीफ़ कर रहे हैं तो कुछ लोग आलोचना में जुटे हुए हैं.
बीबीसी हिन्दी के लिए नयनदीप रक्षित ने अर्जुन कपूर से ख़ास बातचीत है. इस मौके पर अर्जुन कपूर ने सोशल मीडिया ट्रोलिंग, मलाइका अरोड़ा के साथ रिश्ते और अब तक के सफर को लेकर खुलकर अपनी बात रखी है.
अर्जुन कपूर का मानना है कि ओटीटी में जिस तरह से दर्शकों की प्रतिक्रिया मिलती है, उससे बहुत कुछ पूरी तरह साफ नहीं होता है लेकिन थियेटर में फ़िल्म रिलीज़ होने के बाद दर्शकों की प्रतिक्रिया सही तरह से सामने आती है.
अर्जुन कहते हैं, ''एक एक्टर की ज़िंदगी में ऐसा समय आता है जब उसे दर्शकों से फीडबैक चाहिए होता है, आज ऑडिएंस मुझे फीडबैक दे रही है, वो मेरे लिए बहुत ज़रूरी थी. हम काम दर्शकों के लिए करते हैं. ये फिल्म करने की वजह ये थी कि देश के मास ऑडिएंस के साथ फिर से जुड़ा जा सके.
अर्जुन कपूर के करियर में एक ऐसा दौर भी आया था जब कुछ समय के लिए उनकी फिल्में रिलीज़ नहीं हो रही थीं, क्या उस वक्त इंडस्ट्री और इंडस्ट्री के लोगों का नजरिया उनके लिए बदल गया था?
इस सवाल पर अर्जुन कहते हैं कि इंडस्ट्री में अगर कोई कामयाब होता है तो उसे एक तरह की फिल्में ऑफ़र होती हैं, मनपसंदीदा फिल्में चुनने का मौका होता है लेकिन जब नाकामी देखनी पड़ती है तो विकल्प कम हो जाते हैं, जो फिल्में आपको मिलती हैं उसमें चुनने का ख़ास मौका नहीं होता है.
वो कहते हैं, ''लोगों का रवैया मेरे लिए इतना नहीं बदला. मुझे आदत है, मैंने कामयाबी-नाकामी को बहुत करीब से देखा है. मैं समझ जाता हूं कि आसपास के लोगों में से कौन सच्चा है और कौन झूठा. मैं ज़्यादा लोगों को अपनी ज़िंदगी में घुसने नहीं देता. हां, मैं ये ज़रूर कह सकता हूं कि फिल्में जब नहीं चलती तो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा होती है.
'मेरे सरनेम की वजह से मुझसे नफ़रत करना अजीब है'
बीबीसी के साथ बातचीत में अर्जुन कपूर ये बताते हैं कि बॉलीवुड इंडस्ट्री से जुड़ी फैमिली से होने की वजह से उन्हें क्या फ़ायदे और क्या नुक़सान हैं. वह कहते हैं कि 'फिल्मी फैमिली' या 'ग्लैमर वर्ल्ड' से आने की वजह से कभी-कभी उनके भावनाओं की उतनी कद्र नहीं होती जितनी होनी चाहिए.
अर्जुन कपूर मानते हैं कि उन्हें कभी-कभी ऐसा लगता है कि 'टैग' या 'सरनेम' की वजह से बात को अलग तरीके से लिया जाता है.
अर्जुन कहते हैं, ''दुनिया ऐसी ही है, मैं प्रिविलेज्ड बैकग्राउंड में पैदा हुआ लेकिन मैंने इसका गलत इस्तेमाल कभी नहीं किया. मैं कहां पैदा हुआ हूं ये मैं कैसे बदल सकता हूं.
बॉलीवुड 'इनसाइडर-आउटसाइडर' को लेकर होती आई टिप्पणियों पर वो कहते हैं , ''मैं समझ सकता हूं कि इस प्रोफेशन में आने के लिए कुछ लोगों ने ज़्यादा संघर्ष किया है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मेरे साथ कुछ हुआ ही नहीं या मैंने कुछ झेला ही नहीं. हम तुलना नहीं कर सकते. मैं लोगों को जानबूझकर भावुक कर अपनी तरफ़ खींचना नहीं चाहता, लोग मेरे इमोशनल लाइफ को न समझें ये सही है लेकिन सरनेम की वजह से मुझसे नफरत करना अजीब है.''
अर्जुन कपूर आगे कहते हैं, ''मेरे माता-पिता ने मुझे बेहतर ज़िंदगी देने के लिए अच्छा किया है, मुझे अगर पता होता कि ये मेरे ऊपर भारी पड़ेगा तो शायद में इस प्रोफेशन में नहीं आता.
बोनी कपूर-अर्जुन कपूर के बीच कैसे हैं संबंध?
अर्जुन कपूर के पिता बोनी कपूर बॉलीवुड के मशहूर प्रोड्यूसर हैं. अर्जुन कहते हैं कि दोनों के रिश्तों में कई उतार-चढ़ाव आ चुके हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि कभी प्यार कम हुआ है.
अर्जुन कहते हैं, ''ऐसा नहीं है कि मैंने कभी उनसे कम प्यार किया है, जितना हो सके उतना उनके साथ रहता था. उस वक्त मैं पढ़ाई करता था और वो काम करते थे तो रोज़ मुलाकात नहीं हो पाती थी. जब बचपन में वो दूर रहने लगे तो मुश्किल था. थोड़ी बातचीत कम होती थी. मुझे नहीं लगता कि हमारे बीच के संबंधों में कोई रुकावट आई हो, हमारे बीच की दूरियां कम हुई हैं क्योंकि प्रोफेशन अब एक है, अब भी साथ में नहीं रहते लेकिन बातचीत ज़्यादा होती है.''
'ये मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा नुकसान है'
अर्जुन कपूर जब बतौर एक्टर बॉलीवुड में एंट्री भी नहीं ले पाए थे, उससे पहले ही उनकी मां का निधन हो गया था.
अर्जुन कपूर कहते हैं कि इस दुख से वो कभी उबर नहीं सके. अर्जुन का कहना है, ''मैं उस चीज़ से डील नहीं कर पाया हूं. कुछ अच्छा होता है, कुछ बुरा होता है तो उनकी याद आ जाती है. मैंने काम शुरू ही किया था तब मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा नुकसान हो गया. मेरा सबकुछ खत्म हो गया, जो जरूरी चीज़ थी वहीं खत्म हो गई तो उसके बाद जो मिला वो कभी पूरा नहीं लगता.''
मलाइका अरोड़ा से रिश्ते पर क्या बोले अर्जुन कपूर?
मलाइका अरोड़ा और अर्जुन कपूर अपने रिश्ते को लेकर भी सुर्खियों में रहते हैं.
अकसर दोनों के उम्र के बीच के फासले को लेकर टिप्पणियां की जाती हैं. इस पर अर्जुन कपूर कहते हैं, ''अगर मेरे और मलाइका में उम्र का फासला है और हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है.हमारे आसपास के लोगों को कोई दिक्कत नहीं है, इतना काफी है. जो लोग बाहर हैं वो सोचते हैं, उनका हम कुछ नहीं कर सकते. सोच बदलना इतना आसान नहीं है. हम प्यार करते हैं अगर हम उदाहरण बनते हैं तो मैं इससे खुश हूं.''
अर्जुन कपूर कहते हैं कि हर एक का नज़रिया होता है लेकिन इसे दूसरों पर थोपना नहीं चाहिए. (bbc.com/hindi)
चेन्नई, 27 अगस्त | श्रद्धा दास ने तेलुगु एंकर और अभिनेत्री अनसूया भारद्वाज की उनके लुक्स की तारीफ करने के लिए उन्हें ट्रोल करने वालों पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके लिए उन्हें ट्रोल करना व्यर्थ है क्योंकि वह केवल उनके अकाउंट्स को ब्लॉक करेंगी और उनके ट्वीट्स को डिलीट करेंगी। ट्रोलर्स को जवाब देते हुए, श्रद्धा ने ट्वीट किया, "दोस्तों, आप अपना समय और ऊर्जा मुझे गाली देकर बर्बाद करेंगे, मैं केवल ब्लॉक और डिलीट करती हूं। अनसूया भारद्वाज की उनके लुक्स पर तारीफ करने के लिए मुझे ट्रोल करना बेमानी है! जल्दी ठीक हो जाओ!"
अभिनेत्री अनसूया भारद्वाज के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए अभिनेत्री ट्रोल के निशाने पर आ गई है, जिन्होंने सोशल मीडिया पर उन्हें उम्र-शर्मनाक करने वालों को चेतावनी दी थी कि वह सबूत के तौर पर दिखाने के लिए हर गाली को रीट्वीट करेंगी कि एक महिला के साथ क्या होता है जो अपने सम्मान के लिए खड़ी होती है।"
अनसूया भारद्वाज ने यह भी कहा था कि वह उन्हें गाली देने वाले और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने वाले हर अकाउंट का स्क्रीनशॉट लेंगी।
श्रद्धा ने अनसूया की तारीफ करते हुए कहा था, "आप अपनी आधी उम्र की भी ज्यादातर महिलाओं से छोटी दिखती हैं, बेहद खूबसूरत मैं कहूंगी! और आप आपकी उम्र के दोगुना बड़े ज्यादातर अंकल्स से ज्यादा हॉट लगती हैं। फैन ऑफ यू।"
अनसूया ने श्रद्धा को धन्यवाद दिया था और जवाब दिया था, "इन शब्दों के साथ इतने दयालु और आदरणीय होने के लिए धन्यवाद। बहुत प्यार! (आईएएनएस)|
मुंबई, 27 अगस्त | बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट, जो अयान मुखर्जी की बड़ी फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' की रिलीज का इंतजार कर रही हैं, ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें साझा कीं, जिसमें वह अपने बेबी बंप को फ्लॉन्ट करती नजर आ रही हैं। आलिया अपनी दूसरी तिमाही में हैं और उनके चेहरे पर प्रेग्नेंसी का ग्लो साफ नजर आ रहा है।
आलिया ने इंस्टाग्राम पर अपनी दो तस्वीरें पोस्ट कीं। तस्वीरों में वह एक गुलाबी रंग के टॉप के ऊपर एक काले रंग की हाफ जैकेट पहने दिख रही हैं जो उन्होंने उन्हें काले रंग की लेगिंग के साथ पहना है। पहली तस्वीर में कैमरे की तरफ देखते ही उन्होंने अपने दोनों हाथों से अपने बेबी बंप को पकड़ा हुआ है।
तस्वीरों को कैप्शन देते हुए उन्होंने लिखा, "प्रकाश . आ रहा है! (सिर्फ दो हफ्तों में) 9 सितंबर - ब्रह्मास्त्र (एस आई सी)।"
तस्वीरें पोस्ट करने के तुरंत बाद, आलिया को बहुत सी तारीफें मिली। करीना कपूर की ननद सबा अली खान ने आलिया को 'स्टनिंग' कहा। "वहीं करीना ने भी आलिया की तारीफ की।"
इस साल 14 अप्रैल को रणबीर के साथ शादी के बंधन में बंधी आलिया ने 27 जून को घोषणा की कि वह अपने पहले बच्चे की उम्मीद कर रही थी। एक सोनोग्राम सत्र से तस्वीरें साझा करते हुए उन्होंने लिखा, "हमारा बच्चा .. जल्द ही आ रहा है।" (आईएएनएस)|
इला सांकृत्यायन
नई दिल्ली, 27 अगस्त | कई हिट फिल्मों के पीछे रहे फिल्मकार करण जौहर का कहना है कि वह अपने काम के सबसे बड़े आलोचक हैं और कभी अपने काम से संतुष्ट नहीं होते।
उन्होंने साझा किया : "मैं अपने काम से कभी संतुष्ट नहीं होता और अक्सर दूसरे मुझसे कहते हैं कि यह अच्छा था लेकिन मुझे लगता है कि मैं और बेहतर कर सकता था। मैं अपना सबसे बड़ा आलोचक हूं।"
धर्मा प्रोडक्शंस के बॉस माधुरी दीक्षित और नोरा फतेही के साथ जज के रूप में पांच साल के अंतराल के बाद डांस रियलिटी शो 'झलक दिखला जा 10' में वापस आ गए हैं। शो के लॉन्च के दौरान, उन्होंने आईएएनएस के साथ साझा किया कि दर्शकों के लिए नए सीजन में क्या खास है।
वह आगे कहते हैं, "यह एक रियलिटी शो था जिसे मैंने 2012 में किया था। मैंने इसे पांच साल तक जज किया। अब, यह पांच साल बाद आ रहा है और निर्माताओं ने मुझसे संपर्क किया और कहा कि शो को वापस लाने की मांग है। इसलिए, माधुरी और मैं साथ आए और इस बार शो में एक नया मोड़ है, क्योंकि नोरा है और यह इस बार बहुत ही रोमांचक होने वाला है। जब मैं माधुरी से सेट पर पहली बार मिला तो वह एक पुनर्मिलन जैसा था।"
करण ने इस बारे में भी बात की कि इस सीजन में दर्शकों को शो में क्या नया देखने को मिलने वाला है।
उन्होंने कहा, "इस बार जिस तरह की प्रतिभाएं हैं, वैसी पिछले सीजन में कभी नहीं थीं।" "वे सभी बिल्कुल तैयार हैं और सभी 12 प्रतियोगी प्रशिक्षित नर्तकियों की तरह दिखती हैं। पहले 'झलक' में गैर-नर्तक से नर्तक तक होते थे, लेकिन अब जोरावर जो एक गैर-नर्तक है, को छोड़कर सभी प्रशिक्षित नर्तक हैं।"
उन्होंने कहा, "इसलिए, नए कृत्यों और कोरियोग्राफी से लेकर प्रदर्शन की गुणवत्ता तक इस सीजन में बहुत कुछ है।"
उन्होंने कहा, निर्माता-निर्देशक ने उन मापदंडों को भी साझा किया जिनके द्वारा वह प्रतिभा को आंकते हैं। "मेरे लिए तीन कारक हैं - आपके प्रदर्शन में दक्षता, ऊर्जा और जिस तरह से आप अपने नृत्य और पूरे प्रदर्शन की अवधारणा के साथ दूसरों को महसूस कराते हैं, मैं प्रतिभा को देखते हुए इन सभी को देखता हूं।"
'झलक दिखला जा 10' कलर्स पर 3 सितंबर से शुरू होगा। (आईएएनएस)|
मुंबई, 26 अगस्त | भारतीय सिनेमा में 34 साल पूरे करने पर बॉलीवुड के 'भाईजान' सलमान खान ने शुक्रवार को घोषणा की कि उनकी फिल्म 'कभी ईद कभी दीवाली' का नाम बदलकर 'किसी का भाई. किसी की जान' कर दिया गया है। सलमान ने 26 अगस्त 1988 को 'बीवी हो तो ऐसी' से अपने अभिनय करियर की शुरूआत की थी। जबकि यह सलमान के लिए एक संक्षिप्त भूमिका थी, उन्होंने 1989 की सुपरहिट 'मैंने प्यार किया' से सुर्खियां बटोरीं।
पिछले तीन दशकों में, सुपरस्टार ने प्रेम, समीर, राधे और चुलबुल पांडे जैसे कई प्रतिष्ठित किरदार निभाए हैं।
'कभी ईद कभी दीवाली', जिसका शीर्षक अब 'किसी का भाई. किसी की जान' है, में वेंकटेश दग्गुबाती, जगपति बाबू और पूजा हेगड़े हैं। यह फिल्म 2014 की तमिल फिल्म 'वीरम' की रीमेक है।
सलमान के प्रशंसकों ने शुक्रवार को हैशटैग-सलमानखानके34साल ट्रेंड करके जश्न मनाया, क्योंकि सुपरस्टार ने अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक विशेष पोस्ट डालकर इस भाव को स्वीकार किया।
सलमान ने वीडियो में अपने अनोखे अंदाज में फिल्म के शीर्षक का खुलासा करते हुए कहा, "'किसी का भाई. किसी की जान'।"
सुपरस्टार द्वारा अपलोड किया गया वीडियो कृतज्ञता से भरे एक टेक्स्ट के साथ शुरू होता है, जहां वह अपने प्रशंसकों के लगातार प्यार और समर्थन के लिए उनके आभारी है।
हम देख सकते हैं कि सलमान अपने नए शोल्डर कट लंबे बालों को फ्लॉन्ट करते हुए दिख रहे हैं। जैसे-जैसे उनका लुक फेड होता जाता है, फिल्म का शीर्षक सामने आता है, 'किसी का भाई. किसी की जान'। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 26 अगस्त | निर्देशक अरुण प्रभु पुरुषोत्तमन की समीक्षकों द्वारा प्रशंसित सुपरहिट फिल्म 'अरुवी' में अपने शानदार अभिनय से सुर्खियों में आने वाली तमिल अभिनेत्री अदिति बालन ने अब मिट्टी के बर्तन बनाना सीखना शुरू कर दिया है।
अभिनेत्री, जिन्हें आखिरी बार मलयालम क्राइम थ्रिलर 'कोल्ड केस' में देखा गया था, ने अपने मिट्टी के बर्तन बनाना सीखने की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पोस्ट कीं है।
उन्होंने लिखा, "मैं वास्तव में लंबे समय से मिट्टी के बर्तन बनाना सीखना चाहती थी और आखिरकार मैंने इस ओर अपना पहला कदम बढ़ाया है।"
उन्होंने लिखा, "यह एक ऐसी दार्शनिक प्रक्रिया है जो किसी के अपने शरीर और दिमाग में इतनी जागरूकता लाती है। इतनी अद्भुत शिक्षक होने के लिए धन्यवाद रंजीता। मैं और सिखने के लिए वापस आ रही हूं"
माना जाता है कि अभिनेत्री, जो अगली बार सामंथा-स्टारर 'शकुंतलम' में दिखाई देने वाली है, माना जा रहा है कि वह अपनी क्राइम थ्रिलर 'कोल्ड केस' के सीक्वल पर भी काम कर रही है। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 26 अगस्त | तेलुगू स्टार नानी की पहली अखिल भारतीय फिल्म 'दशहरा' 30 मार्च, 2023 को दुनिया भर में प्रदर्शित होगी, इसके निर्माताओं ने शुक्रवार को यह घोषणा की। श्रीकांत ओडेला द्वारा निर्देशित फिल्म में कीर्ति सुरेश मुख्य भूमिका में हैं। श्री लक्ष्मी वेंकटेश्वर सिनेमाज के बैनर तले सुधाकर चेरुकुरी द्वारा फिल्म की शूटिंग की जा रही है।
अपने कंफर्ट जोन से बाहर आकर नानी ने इस फिल्म में एक देहाती किरदार निभाया है। इस किरदार को निभाने के लिए अभिनेता ने एक रग्ड मेकओवर किया। खासतौर पर फिल्म के अनाउंसमेंट वीडियो में उनकी तेलंगाना बोली ने लोगों को हैरान कर दिया।
इस अवसर पर यूनिट ने एक नया पोस्टर भी जारी किया। पोस्टर में नानी का दमदार लुक है और उनके हाथ में शराब की बोतल है। पृष्ठभूमि में, पुरानी अभिनेत्री सिल्क स्मिता का एक चित्र देखा जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि फिल्म की शूटिंग गुरुवार को हैदराबाद में फिर से शुरू हुई। शूटिंग में पूरी लीड कास्ट हिस्सा ले रही है।
फिल्म की कहानी पेद्दापल्ली जिले के गोदावरीखानी (तेलंगाना) में सिंगरेनी कोल माइंस स्थित एक गांव की है। यह अपनी तरह की पहली कहानी है और नानी पहले कभी न देखे गए किरदार में नजर आएंगे।
समुथिरकानी, साई कुमार और जरीना वहाब भी फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिकाओं में दिखाई देंगे, जिसमें संतोष नारायणन द्वारा संगीत दिया जाएगा, और सत्यन सूर्यन इसके छायांकन को संभालेंगे।
नवीन नूली संपादक हैं और अविनाश कोल्ला फिल्म के प्रोडक्शन डिजाइनर हैं, जबकि विजय चगंती कार्यकारी निर्माता हैं।
फिल्म तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम और हिंदी भाषाओं में रिलीज होगी। (आईएएनएस)|