राष्ट्रीय
लखनऊ, 14 जनवरी| बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती का 65वां जन्मदिन जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। कोरोना महामारी के चलते जन्मदिन को सादगी ढंग से मनाने का एलान किया गया है। बसपा मुखिया मायावती ने अपने जन्मदिन के आयोजन को लेकर गुरुवार को दो ट्वीट किए। उन्होंने लिखा कि, 15 जनवरी सन 2021 को मेरा 65वां जन्मदिन है जिसे पार्टी के लोग कोरोना महामारी के चलते व इसके नियमों का पालन करते हुए पूरी सादगी से तथा इससे पीड़ित अति-गरीबों व असहायों आदि की अपने सामर्थ के अनुसार मदद करके 'जनकल्याणकारी दिवस' के रूप में मनाएं तो बेहतर।
उन्होंने आगे कहा कि जन्मदिन पर स्वलिखित पुस्तक मेरे संघर्षमय जीवन एवं बी.एस.पी. मूवमेन्ट का सफरनामा, भाग-16 व इसका अंग्रेजी संस्करण वेबसाइट पर जारी होगा, जिसे पढ़कर आत्म-सम्मान व स्वाभिमानी मूवमेन्ट को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। (आईएएनएस)
भोपाल, 14 जनवरी| स्वास्थ्य रिपोटिर्ंग में सनसनी फैलाने की बढ़ती प्रवृत्ति को लेकर पत्रकारिता जगत के लोग चिंतित हैं। भोपाल में माखनलाल चतुवेर्दी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय एवं यूनिसेफ द्वारा आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने पत्रकारों से इस गंभीर विषय पर संतुलित रिपोर्टिंग का आह्वान किया है। स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता लाने के मकसद से फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत जनस्वास्थ्य और तथ्यपरक पत्रकारिता पर आधारित कार्यशाला विष्वविद्यालय और यूनिसेफ ने आयोजन किया। इस मौके पर कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश ने कहा स्वास्थ्य पत्रकारिता करते समय अनावश्यक सनसनी नहीं फैलानी चाहिए। पत्रकार को इस गंभीर विषय पर संतुलित रिपोटिर्ंग करनी चाहिए।
कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि स्वास्थ्य संचार बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है, विश्वविद्यालय के पत्रकारिता पाठ्यक्रम में इस विषय को जल्द ही शामिल करने के प्रयास किए जाएंगे। स्वास्थ्य पत्रकारिता में विषय विशेषज्ञता का होना बहुत जरूरी है। यह सीधे-सीधे जन स्वास्थ्य एवं जन सरोकार से जुड़ा विषय है, इसलिए इसमें लापरवाही नहीं बरती जा सकती। स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता की जिम्मेदारी सिर्फ पत्रकार की ही नहीं बल्कि सरकार एवं एनजीओ की भी है। इसीलिए सभी को अपनी जिम्मेदारी को भलीभांति निभाना चाहिए।
यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने कहा कि साक्ष्य आधारित पत्रकारिता आज के समय में बहुत आवश्यक है। कोविड-19 में बिना डाटा के बहुत रिपोटिर्ंग हुई है और बिना साक्ष्य के तथ्य सोशल मीडिया में भी पहुंचे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार संजय देव ने कहा कि स्वास्थ्य पत्रकारिता करते समय पत्रकार को पूर्वाग्रहों से बाहर निकलकर पत्रकारिता करनी चाहिए। चूंकि स्वास्थ्य पत्रकारिता मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा विषय है, इसलिए इसे समझने की जरूरत है। पत्रकारों को सजग रहते हुए रिपोटिर्ंग करनी चाहिए।
कार्यशाला में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार संजय अभिज्ञान ने कहा कि पत्रकारिता का उद्देश्य सच के लिए एवं जीवन के लिए लिखना है यदि ऐसा नहीं किया गया तो लोग विष को अमृत समझ लेंगे। इसलिए स्वास्थ्य पत्रकारिता करते समय पाठकों को संशय में नहीं रहने देना चाहिए। (आईएएनएस)
बदायूं (उप्र), 14 जनवरी| बदायूं में जिस 50 वर्षीय महिला को सामूहिक दुष्कर्म के बाद मार डाला गया था, उसका पति इस घटना से इतना आहत हो गया है कि अब उसे इलाज के लिए बरेली के मानसिक अस्पताल में दाखिल करना पड़ा। उनके दामाद ने संवाददाताओं से कहा, दो दिन पहले, वो चिल्ला रहे थे और अपनी पत्नी के बारे में पूछ रहे थे। वो उसकी तलाश में इस कमरे से उस कमरे में भटक रहे थे। जब वह नहीं मिली तो उसने घर में रखा एक बर्तन उठाया और बाहर भाग गए। हम उन्हें वापस लाने में कामयाब रहे। लेकिन फिर उन्होंने दीवार पर अपना सिर पीटना शुरू कर दिया।
3 जनवरी को 50 वर्षीय महिला मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए घर से निकली थी लेकिन तीन घंटे बाद तीन लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी और लाश घर पर फेंक दी।
उनके दामाद ने कहा, वह (उनके पति) सदमे में हैं क्योंकि उन्होंने अपनी पत्नी का खून से लथपथ शरीर देखा है।
बदायूं के एसएसपी संकल्प शर्मा ने कहा कि महिला के पति का परिवार मदद के लिए पहुंचा जिसके बाद पुलिस टीम के साथ एंबुलेंस भेजी गई।
एसएसपी ने कहा, उन्हें पहले जिला अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां कोई मनोचिकित्सक नहीं था। उन्हें फिर बरेली ले जाया गया।
बरेली के मानसिक अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि पति मानसिक आघात से सफर कर रहा है और उन्हें इलाज की जरूरत है।
डॉ. सी.पी. मल्ल ने कहा, उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। पुलिस ने मानसिक स्वास्थ्य सहायता देने के बारे में परिवार से बात की है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 14 जनवरी | उन्नाव के भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने यह दावा करके एक और राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की मदद की थी। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों में भी ओवैसी हमारी मदद करेंगे। भाजपा सांसद ने कहा कि उप्र और बंगाल चुनाव में एआईएमआईएम की भागीदारी से भाजपा को राज्यों को जीतने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "यह ईश्वर की कृपा है। ईश्वर उन्हें शक्ति दें। उन्होंने बिहार में हमारी मदद की और अब वे उत्तर प्रदेश के पंचायत और विधानसभा चुनावों में और पश्चिम बंगाल के चुनावों में भी हमारी मदद करेंगे।"
एआईएमआईएम को अक्सर भाजपा की 'बी' टीम कहा जाता रहा है कि क्योंकि यह पार्टी धार्मिक आधार पर वोटों का ध्रुवीकरण करने में भाजपा की मदद करती है।
हालांकि, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बयान पर जोरदार नाराजगी जताई है और अपने राजनीतिक दल के साथ भाजपा की मदद करने से साफ इनकार किया है।
ओवैसी ने पिछले साल बिहार में चुनाव लड़ा था। कहा जाता है कि ऐसा करके उन्होंने विपक्ष के मुस्लिम वोट काटे और इससे एनडीए को जीत हासिल हुई। उनकी पार्टी ने बिहार के मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में 5 सीटें जीतीं। जबकि एनडीए ने महागठबंधन से केवल 15 सीटें ज्यादा जीती थीं, ऐसे में ओवैसी की 5 सीटें बेहद अहम हो जाती हैं। इसी के चलते चुनावों के बाद कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने ओवैसी को 'भाजपा की बी टीम' करार दिया था।
ओवैसी की पार्टी ने अब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है, वो भी भाजपा के पूर्व सहयोगी ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाले एक मोर्चे के हिस्से के रूप में। इसी के चलते ओवैसी ने मंगलवार को राजभर के साथ पूर्वी उप्र के कुछ जिलों का दौरा किया था।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। (आईएएनएस)
गोरखपुर, 14 जनवरी| मकर संक्रांति के अवसर पर गुरुवार सुबह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ पहुंचे और उन्होंने भगवान को खिचड़ी का प्रसाद चढ़ाया और पूजा अर्चना की। पहले उन्होंने नाथ पीठ की ओर से आस्था की खिचड़़ी चढ़़ाई और फिर नेपाल राजपरिवार की खिचड़ी बाबा के चरणों में समर्पित की।
खिचड़ी चढ़ाने के बाद मंदिर के भ्रमण पर निकले गोरक्षपीठाधीश्वर ने लोगों को मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं भी दी।
जैसे ही मुख्यमंत्री ने खिचड़ी चढ़ाई मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए और समूचा परिसर बाबा गोरखनाथ के जयकारे से गूंज उठा। उसके बाद शुरू हुआ बारी-बारी से खिचड़ी चढ़ाने का सिलसिला। आधी रात के बाद से ही कतार में खड़े श्रद्धालु एक-एक कर बाबा के दरबार में पहुंचने लगे और खिचड़ी चढ़ाकर उनका आशीर्वाद लेने लगे। बहुत से श्रद्धालुओं ने खिचड़ी चढ़ाने से पहले मंदिर परिसर में मौजूद भीम सरोवर में स्नान कर खुद को पवित्र भी किया। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रबंधन ने महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग कतार लगाने का इंतजाम किया है। खिचड़ी चढ़ाकर आशीर्वाद लेने का सिलसिला अनवरत जारी है।
गोरखनाथ मंदिर में बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति पर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह जगतपिता सूर्य की उपासना का पर्व तो है ही, साथ ही किसानों के उमंग और उत्साह का पर्व भी है। खिचड़ी को चढ़ाना इस बात को प्रदर्शित करता है कि हमारा जो अन्नदाता किसान है, वह जब अपनी मेहनत से अन्न पैदा करता है तो समर्पण के भाव के साथ अपने ईष्ट देव को भी उस अन्न का दान करता है।
मंदिर प्रबंधन के अनुसार यह क्रम गुरुवार को देर शाम तक चलता रहेगा और लाखों श्रद्धालु खिचड़ी चढ़ाने की आनुष्ठानिक परंपरा निभाएंगे। (आईएएनएस)
मुंबई, 14 जनवरी | महाराष्ट्र कांग्रेस ने बुधवार को विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कथित प्रचार सेना का मुकाबला करने और उसे विफल करने के लिए 428 मजबूत सोशल मीडिया विभाग (एसएमडी) की स्थापना की घोषणा की। कुल 428 पदाधिकारियों की एसएमडी टीम में 29 महिलाओं सहित 10 सदस्यीय कोर समिति, 48 जिला अध्यक्ष, 252 असेंबली अध्यक्ष और 118 राज्य कार्यकारिणी सदस्य शामिल हैं।
सोशल मीडिया विभाग के चेयरमैन अभिजीत सपकाल ने आईएएनएस को बताया, ये हमारे सोशल मीडिया वॉरियर्स हैं, जो भाजपा के प्रचार और राष्ट्र को गुमराह करने के लिए झूठ और फरेब को उजागर करने का काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के एसएमडी अध्यक्ष रोहन गुप्ता और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोरात के निर्देशों के तहत लिया गया है, ताकि सभी स्तरों पर भाजपा के भ्रामक अभियान का मुकाबला किया जा सके।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 14 जनवरी | जयपुर स्थित एक बिल्डर को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने राजस्थान की राजधानी में भूखंडों के लिए पैसे लेकर निवेशकों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। अनिल कुमार शर्मा को मंगलवार को जयपुर से गिरफ्तार किया गया।
जांच के दौरान पता चला कि शर्मा ने जयपुर के अजमेर रोड स्थित एनएच-8 पर आशियाना एन्क्लेव नाम से हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू किए और झूठे वादों के साथ उन्हें व्यापक प्रचारित किया। उन्होंने स्वामित्व के बिना वादा किए गए आवास इकाइयों के लिए बुकिंग राशि और प्रारंभिक जमा के रूप में निवेश किया और नियामक या सरकारी अधिकारियों से आवश्यक अनुमोदन लिया। इस मामले में कुल कथित ठगी की रकम लगभग 38 लाख रुपये है और कुल निवेशकों की संख्या 17 है।
--आईएएनएस
चंडीगढ़, 14 जनवरी | तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का पक्ष लेते हुए कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को कहा कि लोकतंत्र में कानून निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा बनाए जाते हैं, न कि अदालतों द्वारा। सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, लोकतंत्र में, कानून लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा बनाए जाते हैं, माननीय अदालतों या समितियों द्वारा नहीं..। किसी भी मध्यस्थता, बहस या चर्चा किसानों और संसद के बीच होनी चाहिए।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, "न्याय? -आप अगली दुनिया में न्याय पाएंगे, इस दुनिया में आपको सिर्फ कानून मिलेंगे! कानून ज्यादा, न्याय कम।"
सिद्धू के इस बयान के एक दिन बाद किसान यूनियनों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों को अंतरिम उपाय के रूप में फिलहाल लागू करने पर रोक लगा दी है, जो एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन समाधान नहीं है।
पिछले साल सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान यूनियनों के छाता संगठन की ओर से यह बयान जारी किया गया।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी और कृषि कानूनों के बारे में किसान संघों की शिकायतों को सुनने के लिए एक समिति भी बनाई है।
--आईएएनएस
मुंबई, 14 जनवरी | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से एक महिला के साथ कथित दुष्कर्म के आरोपी मंत्री धनंजय मुंडे के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। भाजपा महिला विंग की नेता चित्रा वाघ ने मांग की कि मुंडे को इस्तीफा देने के लिए कहा जाना चाहिए और पुलिस को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।
इसी तरह पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने 2019 विधानसभा में चुनावी हलफनामे में उनकी दो पत्नियों और सभी बच्चों एवं संपत्तियों के बारे में जानकारी छिपाने के लिए मुंडे के खिलाफ जांच और उचित कार्रवाई करने की मांग करते हुए चुनाव आयोग (ईसीआई) से शिकायत की है।
मुंडे (45) विवादों में हैं, क्योंकि उनके खिलाफ मुंबई पुलिस के सामने 11 जनवरी को एक महिला ने दुष्कर्म करने का गंभीर आरोप लगाया है। महिला ने आरोप लगाया है कि मुंडे ने उसका पिछले कई सालों से दुष्कर्म किया है।
हालांकि ओशिवारा पुलिस ने अभी तक इस मामले में संज्ञान नहीं लिया है और मामले में अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। मुंडे, जो दिवंगत भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे के भतीजे हैं, उन्होंने भाजपा छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का दामन थाम लिया था। राकांपा ने भी अभी तक विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
इन आरोपों को मुंडे ने सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने इन आरोपों को झूठा करार दिया है। उनका आरोप है कि उनके पास ऐसे एसएमएस सबूत हैं, जिसमें महिला ने अपने मोबाइल से कॉल करके उनसे ब्लैकमेल के तौर पर धनराशि की मांग की गई है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 14 जनवरी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने बुधवार को भारतीय वायुसेना के लिए 83 तेजस लड़ाकू विमानों को खरीदने की मंजूरी दे दी है। चीन और पाकिस्तान से सीमा विवाद के बीच केंद्र सरकार ने वायुसेना के लिए 48 हजार करोड़ रुपये में 83 तेजस फाइटर जेट खरीदने का रास्ता साफ कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की 13 जनवरी को नई दिल्ली में हुई बैठक में 45,696 करोड़ रुपये की लागत से 73 एलसीए तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान और 10 एलसीए तेजस एमके-1 ट्रेनर विमान की खरीद को मंजूरी दी गई। इसके साथ डिजाइन और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1,202 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "यह सौदा भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए एक गेम चेंजर होगा।"
एलसीए-तेजस आने वाले वर्षों में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की रीढ़ बनने जा रहा है। एलसीए-तेजस में बड़ी संख्या में नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं, जिनमें से कई का भारत में कभी प्रयास नहीं किया गया था। एलसीए-तेजस की स्वदेशी सामग्री एमके 1ए संस्करण में फिलहाल 50 प्रतिशत है, जिसे 60 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा।
हल्के लड़ाकू विमान एमके-1ए स्वदेश में डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक आधुनिक 4प्लस पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं। यह विमान इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए सक्रिय एरे (एईएसए) रडार, बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) स्वीट और एयर टू एयर रिफ्यूलिंग (एएआर) की महत्वपूर्ण परिचालन क्षमताओं से लैस है, जो भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शक्तिशाली प्लेटफॉर्म होगा।
मंत्रिमंडल ने परियोजना के तहत आईएएफ द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास को भी मंजूरी दे दी है, ताकि वे अपने बेस डिपो में मरम्मत या सर्विसिंग को सक्षम बना सकें, ताकि मिशन क्रिटिकल सिस्टम के लिए विमान में माल लादने और उतारने का समय कम हो जाए और परिचालन उपयोग के लिए विमान की उपलब्धता बढ़े।
यह आईएएफ को संबंधित अड्डों पर मरम्मत के बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के कारण बेड़े को अधिक कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से बनाए रखने में सक्षम करेगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, भारत लगातार रक्षा क्षेत्र में उन्नत अत्याधुनिक तकनीकों और प्रणालियों के डिजाइन, विकास और निर्माण स्वदेशी रूप से करने की अपनी शक्ति में वृद्धि कर रहा है।
रक्षा मंत्री ने कहा, आज लिए गए निर्णय से मौजूदा एलसीए पारिस्थितिकी तंत्र का काफी विस्तार होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।
आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने के लिए ये कदम काफी अच्छा है। भारतीय वायुसेना में 42 स्क्वाड्रन होने चाहिए। एक स्क्वॉड्रन में कम से कम 18 फाइटर जेट होते हैं। भारत के पास अभी केवल 30 स्क्वॉड्रन है। एचएएल से 83 तेजस मिलने के बाद तीन से चार स्क्वॉड्रन में इजाफा होगा।
वहीं मौजूदा समय भारत को चीन और पाकिस्तान दोनों तरफ से खतरा है। इसलिए परिस्थितियों को देखते हुए और भी फाइटर जेट खरीदने की जरूरत है, ताकि समय रहते स्क्वॉड्रन की कमी पूरी की जा सके।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा हल्के लड़ाकू विमान के निर्माण से आत्मनिर्भर भारत पहल को और अधिक बढ़ावा मिलेगा और देश में रक्षा उत्पादन और रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
इस खरीद में एचएएल के साथ डिजाइन और विनिर्माण क्षेत्रों में एमएसएमई सहित लगभग 500 भारतीय कंपनियां काम करेंगी। यह कार्यक्रम भारतीय एयरोस्पेस मैन्युफैक्च रिंग इकोसिस्टम को एक जीवंत आत्मनिर्भर इकोसिस्टम में बदलने के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा।
बता दें कि पिछले साल मार्च महीने में रक्षा मंत्रालय ने 83 तेजस मार्क 1ए वर्जन तेजस विमान की खरीदारी की बात पर मुहर लगाई थी। अब प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली सीसीएस ने इस सौदे को मंजूरी प्रदान कर दी है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 14 जनवरी | कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शीर्ष अदालत ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को गुमराह किया है कि यह विवेचना वर्षों से चल रही है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने कोर्ट में जो कहा, सच्चाई उसके उलट है और सरकार जो कहती है और जो करती है, उसमें कोई सामंजस्य नहीं है। बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, यह केंद्र सरकार द्वारा शीर्ष अदालत को गुमराह करने और भारत की जनता को गलत तरीके से पेश करने का गंभीर उदाहरण है। कानूनों का पारित होना धोखे, डुपरी और धोखाधड़ी का कार्य है।
कांग्रेस ने कहा कि 11 दिसंबर, 2020 को एक आरटीआई आवेदन के जवाब में, जिसमें सरकार के संबंधित विभाग से कानून पारित होने से पहले किए गए विचार-विमर्श के बारे में पूछा गया था, जवाब था कि यह सीपीआईओ इस मामले में कोई रिकॉर्ड नहीं रखता है और जब अध्यादेश से पहले मिनट पूछे गए तो सीपीआईओ ने यही जवाब दिया।
सिंघवी ने आरोप लगाया कि सरकार ने 11 जनवरी को सत्यापित हलफनामा दाखिल किया था और सुप्रीम कोर्ट में कृषि मंत्रालय में सचिव द्वारा सत्यापित किया गया था। इस हलफनामे के पैरा 2 में, मोदी सरकार ने कहा था कि हलफनामा गलत धारणा को दूर करने के उद्देश्य से दायर किया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने यह बात नहीं दी है कि केंद्र सरकार और संसद ने सवाल में कानून पारित करने से पहले किसी भी समिति द्वारा मुद्दों की कोई परामर्शी प्रक्रिया या जांच नहीं की थी।
इसके बाद, हलफनामा सीधे पारस 17 और 20 में निम्नलिखित उद्धृत निष्कर्षों पर पहुंचता है, यह प्रस्तुत किया जाता है कि भारत सरकार बेहतर मूल्य प्राप्ति के लिए सुलभ और बाधा मुक्त बाजार प्रणाली प्रदान करने के लिए सुधारों के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए लगभग दो दशकों से राज्यों के साथ सक्रिय और गहनता से चर्चा कर रही है, लेकिन राज्यों ने या तो सही भावना में सुधारों को अपनाने में अनिच्छा दिखाई या आंशिक रूप से किया या कॉस्मेटिक सुधार किए गए।
सिंघवी ने कहा, इस प्रकार यह स्पष्ट है कि राष्ट्र, शीर्ष अदालत और सभी संबंधित हितधारकों के पूर्ववर्तन, विरूपण, गलत बयानी और भ्रामक के अलावा घोर अनुकूल आचरण में लिप्त होने के गंभीर प्रयास हैं।
--आईएएनएस
बेंगलुरु, 13 जनवरी| सात नए चेहरों को शामिल करने के साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने बुधवार को पिछले 17 महीनों में तीसरी बार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। राजभवन में बुधवार को शपथ लेने वालों में उमेश कट्टी, अरविंद लिंबावली, एम.टी.बी. नागराज, मुरुगेश निरानी, आर. शंकर, सी.पी. योगेश्वर और एस. अंगारा शामिल हैं।
राजराजेश्वरी नगर के विधायक मुनिरत्न नायडू को हालांकि मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। नायडू उन 17 विधायकों में शामिल थे, जो दल बदलकर भाजपा में शामिल हो गए थे। येदियुरप्पा ने हालांकि कहा कि उन्हें अगले मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान शामिल किया जाएगा।
छह नए मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली, जबकि कट्टी ने 'किसानों और भगवान के नाम' शपथ ली।
सात नए सदस्यों के शपथ ग्रहण के साथ, येदियुरप्पा ने 33 कैबिनेट स्लॉट भरे हैं, जबकि आगे के लिए एक स्लॉट खाली रखा है। येदियुरप्पा ने आबकारी मंत्री एच. नागेश को अपने मंत्रालय से इस्तीफा देने का निर्देश दिया था और उम्मीद है कि मुख्यमंत्री एक खाली सीट अपने पास रखेंगे।
जुलाई 2019 में कांग्रेस-जद (एस) सरकार के गिरने के बाद और येदियुरप्पा के पदभार संभालने के बाद से यह मंत्रिमंडल का तीसरा विस्तार था क्योंकि गठबंधन सहयोगियों के 17 विधायक अपनी विधानसभा सदस्यता त्याग कर भाजपा में शामिल हो गए थे।
(आईएएनएस)
भोपाल, 13 जनवरी| भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से परामर्श करने के बाद प्रदेश के विभिन्न मोर्चो के अध्यक्षों की नियुक्ति के साथ प्रदेश पदाधिकारियों की भी घोषणा कर दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने महिला मोर्चा का अध्यक्ष माया नारोलिया, किसान मोर्चा का अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी, पिछड़ा वर्ग मोर्चा का अध्यक्ष भगत सिंह कुशवाह, युवा मोर्चा का अध्यक्ष वैभव पवार, अनुसूचित जाति मोर्चा का अध्यक्ष कैलाश जाटव, अनुसूचित जनजाति मोर्चा का अध्यक्ष कल सिंह भाबर और अल्पसंख्यक मोर्चा का अध्यक्ष रफत वारसी को बनाया है।
इसी तरह प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने प्रदेश पदाधिकारियों की भी नियुक्ति कर दी है, इसमें 12 उपाध्यक्ष और 12 प्रदेश मंत्री बनाए गए हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष सांसद संध्या राय, मुकेश चौधरी, कांत देव सिंह, योगेश ताम्रकार, सुमित्रा बाल्मीकि, आलोक शर्मा, सीमा सिंह, जीतू जिराती, सांसद गजेंद्र पटेल, विधायक बहादुर सिंह सोंधिया, चिंतामणि मालवीय और पंकज जोशी को बनाया गया है।
इसी तरह प्रदेश मंत्री मदन कुशवाहा, ललिता यादव, रजनीश अग्रवाल, लता वानखेड़े, प्रभु दयाल कुशवाहा, राजेश पांडे, विधायक मनीषा सिंह, आशीष दुबे, विधायक नंदनी मरावी, राहुल कोठारी, संगीता सोनी, जयदीप पटेल को बनाया गया है। कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी अखिलेश जैन, सह कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी अनिल जैन कालूहेड़ा, प्रदेश कार्यालय मंत्री राघवेंद्र शर्मा और प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर को बनाया गया है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जनवरी| सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता कबीर शंकर बोस के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगा दी है। अदालत ने बोस के खिलाफ दायर उस एफआईआर की कार्रवाई पर रोक लगा दी, जो तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी की ओर से दर्ज कराई गई थी।
बोस की ओर से अदालत में दलील दी गई कि उनके खिलाफ दायर आपराधिक कार्रवाई को समाप्त कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह कार्रवाई उनके खिलाफ निजी स्वार्थ के लिए प्रतिशोध के तौर पर की गई है।
न्यायाधीश संजय किशन कौल, दिनेश माहेश्वरी और हृषिकेश रॉय की एक पीठ ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) द्वारा दायर रिपोर्ट की जांच के बाद पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस भी जारी किया।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने केंद्र से बोस और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सुरक्षा कर्मचारियों के बीच कथित हाथापाई पर सीआईएसएफ की ओर से दर्ज रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लाने के लिए कहा था।
शीर्ष अदालत ने केंद्र को घटना के दिन की जानकारी एक सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने के लिए भी कहा था।
बोस ने दावा किया है कि राजनीतिक और व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता के कारण उन्हें विशेष रूप से पश्चिम बंगाल सरकार और बनर्जी ने निशाना बनाया है।
उन्होंने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि वह राज्य में उसे उसके जीवन और स्वतंत्रता के लिए उत्पन्न खतरों से बचाए। प्रदेश में आगामी चुनावों की पृष्ठभूमि में बोस ने दावा किया कि राज्य सरकार उनके चुनाव प्रचार में बाधा डालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
बोस ने कहा कि उनके खिलाफ टीएमसी के गुंडों से जान बचाने के लिए सीआईएसएफ सुरक्षा की कथित कार्रवाई के लिए आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत संतोष कुमार सिंह की शिकायत पर पिछले साल दिसंबर में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
बोस ने अपनी याचिका में दावा किया है कि पश्चिम बंगाल के सेरामपुर में वह और उनके साथ चल रही सीआईएसएफ की टुकड़ी पर उनके घर के बाहर ही रात करीब आठ बजे संतोष कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह के नेतृत्व में जबर्दस्त पथराव किया गया था।
यह हमला होते ही सीआईएसएफ याचिकाकर्ता को तुरंत ही सुरक्षित स्थान पर ले गई और इसके बाद क्षेत्र के सांसद कल्याण बनर्जी के नेतृत्व में राज्य पुलिस के सक्रिय समर्थन से कथित तौर पर टीएमसी के 200 से ज्यादा गुंडों ने पूरी इमारत की घेराबंदी कर रखी थी। बोस ने कहा कि सात दिसंबर को पश्चिम बंगाल पुलिस ने पूरी इमारत की घेराबंदी कर ली थी और उन्हें कानून व्यवस्था की समस्या का हवाला देते हुए इमारत से बाहर निकलने से रोका गया।
बाद में जब वह थाने गए, तो पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार करने के लिए बहुत दबाव है। बोस को पुलिस स्टेशन में गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में न्याय के लिए बोस और पांच अन्य भाजपा नेताओं ने शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें सत्तारूढ़ दल के इशारे पर पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा उनके खिलाफ निजी स्वार्थ के तहत कार्रवाई का आरोप लगाया गया। भाजपा नेताओं ने शीर्ष अदालत से सभी मामलों को एक स्वतंत्र जांच एजेंसी को स्थानांतरित करने का आग्रह किया है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जनवरी| सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि बच्चे अगली पीढ़ी हैं और इसलिए जब तक बच्चों और महिलाओं को पौष्टिक भोजन नहीं मिलेगा, देश की अगली पीढ़ी प्रभावित होगी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि बच्चे देश का भविष्य हैं। अगर उन्हें पर्याप्त पोषण नहीं दिया गया तो, देश भविष्य में उनकी क्षमता का लाभ लेने से वंचित हो जाएगा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश यह सुनिश्चित करेंगे कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की अनुसूची में दिए गए पोषण मानकों को गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और कुपोषण से पीड़ित बच्चों को पोषण संबंधी सहायता देकर पूरा किया जाए।
शीर्ष अदालत ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। याचिका में देशभर के आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद किए जाने पर सवाल उठाया गया है।
याचिकाकर्ता दीपिका जगतराम सहानी ने केंद्र और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को देश के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को फिर से खोलने और लॉकडाउन से पहले की तरह आंगनवाड़ी सेवाओं को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की धारा 4 से 7 के अनुसार चलाए जाने की मांग की है।
31 पृष्ठों के फैसले में शीर्ष स्तर पर कहा गया है कि "जब तक आंगनवाड़ी केंद्रों के नहीं खुलने का कोई विशेष कारण नहीं है, तब तक सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आंगनवाड़ी केंद्रों को बहाल किया जाना चाहिए।"
पीठ ने कहा कि सभी राज्यों को स्थिति की समीक्षा की जाए और 31 जनवरी को या इससे पहले इस संबंध में सकारात्मक निर्णय लिया जाए। (आईएएनएस)
भोपाल, 13 जनवरी: मुरैना में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है. मरने वालों में पहावली के 3 , मानपुर के 14 और थाना सिविल लाइन क्षेत्र के 3 लोग शामिल हैं.
तीनों मृतक आगरा के ही रहने वाले हैं. मुरैना के महाराजपुर गांव में पहावली मृतकों के मकान में किराए पर रहते थे. पहावली के मृतकों के साथ ही शराब का सेवन किया था, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई. बिगड़ी हालत को देखते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
जांच में जुटी पुलिस
फिलहाल, पुलिस जांच में जुट गई है. उन्होंने बताया, "पुलिस मामले की जांच कर रही है और जल्द से जल्द पता लगा लिया जाएगा. हम गांव के लोगों से भी पूछताछ कर रहे हैं." पुलिस ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा, जिसके बाद ये साफ हो सकेगा कि उनकी मौत कैसे हुई है.
इससे पहले 10 लोगों की मौत की हुई थी पुष्टि
इससे पहले, मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत हो गई. सुमावली थाना इलाके के पहावली गांव में 3, जबकि बागचीनी इलाके के मानपुर गांव में 7 लोगों की मौत हुई गई. ये घटना सोमवार की रात घटित हुई. गांव वालों के मुताबिक, कई लोगों की मौत हो जाने से गांव में दहशत का माहौल है. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि ये मौतें जहरीली शराब पीने की वजह से हुई है. गौरतलब है कि मानपुर पृथ्वी में बीते दिन एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार भी किया गया था.
-मनीष कुमार
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में इस समय जमकर शीत लहर चल रही है और ऐसे में इसकी काट के लिए खूब जाम छलकाए जा रहे हैं. लोगों को सर्दी भगाने का यह सबसे आसान और किफायती तरीका लगता है. इसके साथ ही बोनस में मौज भी. यही वजह है कि हर साल सर्दी के महीने में शराब की खपत बढ़ जाती है. इस साल तो यह खपत 50 फीसदी तक बढ़ गयी है, लेकिन क्या सही में शराब सर्दी भगाने में मदद करती है और शरीर पर इसका कोई बुरा असर नहीं पड़ता है?
इन दिनों शीतलहर के चलते शराब की बिक्री यूपी में जमकर बढ़ गई है. इस बारे में आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय भुसरेड्डी ने न्यूज़ 18 को बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल शराब का राजस्व पचास फीसदी ज्यादा आया है. यानी शराब की खपत 50 फीसदी बढ़ी है. अंदाजा लगाइए लोग किस कदर सर्दी को काटने के लिए शराब का इस्तेमाल कर रहे हैं. जहां 100 बोतलें बिकती थीं, वहीं अब 150 बिकने लगी हैं. लेकिन यह भ्रम है कि शराब सर्दी भगाती है. उल्टा इस संदर्भ में भी इसका शरीर पर बुरा असर ही पड़ता है.
शराब दिमाग को सुस्त कर देती है
उत्तर प्रदेश के जाने माने मनोवैज्ञानिक और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के मानसिक रोग विभाग के हेड रह चुके डॉ. एससी तिवारी ने कहा कि शराब दिमाग को सुस्त कर देती है. दिमाग का लेवल ऑफ एक्टिविटी थोड़ा कम हो जाता है. इससे दो चीजें होती हैं. पहली ये कि उसका वो व्यवहार सामने आ जाता है जो अक्सर दबा रहता है, क्योंकि दिमाग ये निर्णय करने में नाकाम हो जाता है कि क्या सही है और क्या गलत. दूसरा ब्रेन एक्टिविटी कम होने से परिस्थितियों का एहसास कम होने लगता है. चाहे दर्द हो, सर्दी हो या फिर गर्मी हो, इन सभी चीजों का एहसास कम हो जाता है. वक्ती तौर पर तो राहत मिल जाती है लेकिन दिमाग के एक्टिव होने के साथ ही सब गायब हो जाता है. नुकसान ये है कि शराब ब्रेन की सेल्स को मारती है. ऐसे में क्षणिक राहत के लिए इतना बड़ा नुकसान नहीं उठाया जाना चाहिए.
लखनऊ के ही फिजिशियन डॉ. आलोक संगम ने तो कहा कि मौसम चाहे कोई हो, शराब का उतना ही नुकसान होता है. शराब के शरीर में पहुंचने के साथ ही शरीर का मेटाबोलिज्म बढ़ जाता है. ब्लड प्रेशर, हार्ट बीट, पल्स और सबसे अहम कॉन्फिडेंस बढ़ जाता है, लेकिन इसका नुकसान उतना ही होता है जितना आम दिनों में होता है. चाहे जैसी शराब हो, कच्ची या विदेशी, अल्कोहल शरीर को डेंट जरूर मारता है.
ऐसे में सर्दी से बचने का आपके भी मन में यही उपाय सूझ रहा हो तो सतर्क हो जाइए. (bbc.com)
फ़ेसबुक इंक के व्हाट्सएप ने हाल ही में अपने 2 बिलियन यूज़र्स को, नई प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में अलर्ट करना शुरू किया है, जिसमें कहा गया है कि अगर वे इस लोकप्रिय एप का इस्तेमाल जारी रखना चाहते हैं, तो उन्हें इसे स्वीकार करना होगा।
2021 की शुरूआत में नई शर्तों के एलान से तकनीक विशेषज्ञों और व्हाट्सएप के यूज़र्स में बेचैनी फैलना शुरू हो गई, जिससे प्रतिद्वंद्वी सेवाओं को एक सुनहरी मौक़ा मिलना शुरू हो गया और लोग बड़ी संख्या में व्हाट्सएप छोड़ने लगे।
व्हाट्सएप का कहना है कि यह परिवर्तन, अन्य फ़ेसबुक उत्पादों के साथ बेहतर तरीक़े से तालमेल बैठाने के लिए ज़रूरी है। व्हाट्सएप की नई पॉलिसी से दुनियाभर में व्हाट्सऐप के फ़ेसबुक के साथ यूज़र्स डाटा शेयर करने को लेकर बहस शुरू हो गई है।
व्हाट्सएप के नए नियमों से नाराज़ होकर बड़ी संख्या में यूज़र्स, सिग्नल और टेलीग्राम जैसे दूसरे एप्स पर अपना अकाउंट बना रहे हैं।
बड़े पैमाने पर नुक़सान होता देख, फ़ेसबुक ने अपने नियमों के बारे में सफ़ाई दी है। कंपनी का कहना है कि यूज़र्स के प्राइवेट मैसेज और कॉल्स पूरी तरह से सेफ़ रहेंगे, साथ ही एंड टू एंड एन्क्रिप्शन भी जारी रहेगा।
यहां हम व्हाट्सएप की नई यूज़र पॉलिसी पर एक नज़र डालते हैः
1. व्हाट्सएप को इसके बाद आपका डाटा फ़ेसबुक नेटवर्क के इंस्टाग्राम जैसे उत्पादों के साथ शेयर करने का अधिकार होगा, भले ही उसमें पहले से आपका खाता या प्रोफ़ाइल हो।
2. आपकी बातचीत एंड टू एंड एन्क्रिप्ट रहेगी, जिसका अर्थ है कि न सिर्फ़ व्हाट्सएप बल्कि फ़ेसबुक के दूसरे एप्स भी आपकी कॉन्टैक्ट लिस्ट, लोकेशन, वित्तीय जानकारी और दूसरा डाटा साझा कर सकते हैं। साथ ही साथ आपके फ़ोन की विशिष्ट पहचान और अन्य प्रकार का तथाकथित मेटाडाटा भी।
3. कहा जा रहा है कि फ़ेसबुक ने अधिक लाभ उठाने के लिए यह नियम बनाया है। 2020 की तीसरी तिमाही में फ़ेसबुक ने लगभग 21.5 बिलियन डॉलर विज्ञापनों से कमाए हैं, जबकि व्हाट्सएप में ऐसा कुछ नहीं है। कंपनी व्हाट्सएप पर अपने यूज़र्स की आदतों को जानकर, फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर अधिक लक्षित विज्ञापन प्रदान करने में सक्षम होगी और व्यवसायों से व्हाट्सएप में उन वस्तुओं के लिए पैसा लेगी, जो इंस्टाग्राम में विज्ञापनों पर क्लिक किए गए थे।
व्हाट्सएप की नई नीतियों से नाराज़ तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोगान के कार्यालय और रक्षा मंत्रालय ने व्हाट्सएप को हटाने का एलान किया है। वहीं अरबपति एलन मस्क ने अपने 42 मिलियन ट्विटर इंक फ़ोलोवर्स को प्रतिद्वंद्वी ऐप सिग्नल के इस्तेमाल का सुझाव दिया है। भारी संख्या में नए यूज़र्स की आमद के कारण, 10 जनवरी को सिग्नल की पंजीकरण सेवा क्रैश कर गई। (/parstoday.com)
Dil Prakash
लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप के खिलाफ दुनियाभर में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह यह है कि वॉट्सऐप की नई पॉलिसी। इससे यूजर्स की निजी जानकारी को लेकर चिंता जताई जा रही है। भारत में भी कई कंपनियों और दिग्गज कॉरपोरेट हस्तियों ने वॉट्सऐप छोड़कर सिग्नल जैसे दूसरे मैसेजिंग ऐप का रुख करना शुरू कर दिया है। इनमें नए दौर की स्टार्टअप कंपनियां और पुराने कॉरपोरेट तथा उनके सीनियर लीडर शामिल हैं। ये लोग अब अपने वर्क चैट और इंटरनल डॉक्युमेंट्स को शेयर करने के लिए सिग्नल का इस्तेमाल कर रहे हैं।
वॉट्सऐप ने हाल में पेमेंट्स सेक्टर में एंट्री की थी जिससे पेटीएम और फोनपे को खतरा पैदा हो गया है। अब ये दोनों कंपनियां इस विवाद का फायदा उठा रही हैं। उन्होंने अपनी टीम्स को वॉट्सऐप छोड़ने को कहा है। नवीन जिंदल की अगुवाई वाली कंपनी जिंदल स्टील एंड पावर भी वॉट्सऐप को बाय-बाय कह रही है। महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने हाल में सिग्नल इनस्टॉल किया है। टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन पिछले कुछ समय से सिग्नल का इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही ग्रुप के कई सीनियर अधिकारी भी इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं।
वॉट्सऐप का डाउनलोड हुआ कम
पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि उन्होंने अपनी टीम के सभी लोगों को वर्क कम्युनिकेशन के लिए वॉट्सऐप का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है। फोनपे के को-फाउंडर समीर निगम के मुताबिक उनकी टीम के आधे सदस्य सिग्नल पर जा चुके हैं। दुनियाभर में वॉट्सऐप डाउनलोड की संख्या घटी है। 23 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच इसे 34 लाख बार डाउनलोड किया गया जबकि 1 से 9 जनवरी के बीच यह 30 लाख बार डाउनलोड हुआ जो सितंबर 2020 के बाद सबसे कम डाउनलोड है।
मस्क ने बढ़ाई परेशानी
इस बीच दुनिया से सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने फेसबुक और इसके फाउंडर मार्क जकरबर्ग की मुश्किलें बढ़ा दी है। मस्क ने लोगों से वॉट्सऐप और फेसबुक छोड़कर मैसेजिंग ऐप सिग्नल अपनाने की अपील की है। इसके बाद सिग्नल की लोकप्रियता अचानक बढ़ गई है। टेस्ला के फाउंडर ने लोगों से वॉट्सऐप और फेसबुक के बजाय ज्यादा एनक्रिप्टेड सुविधा वाले ऐप अपनाने को कहा है। जब उनके फॉलोअर्स ने सुरक्षित विकल्प के बारे में पूछा तो मस्क ने खासतौर पर सिग्नल का जिक्र किया।
कुछ प्राइवेसी एक्टिविस्ट्स ने वॉट्सऐप की पॉलिसी पर सवाल उठाए हैं और यूजर्स को सिग्नल और टेलीग्राम जैसे ऐप का रुख करने को कहा है। मस्क का साथ मिलने से सिग्नल की लोकप्रियता और बढ़ गई है। मस्क ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाली हस्तियों में शामिल हैं। इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली मस्क की कंपनी टेस्ला फेसबुक को पछाड़कर वॉल स्ट्रीट की पांचवीं सबसे मूल्यवान कंपनी बन चुकी है। उसका मार्केट कैप 800 अरब डॉलर के पार पहुंच चुका है। (navbharattimes.indiatimes.com)
कनाडा में भारतीय मूल के सिख नेता नवदीप बैंस के अचानक इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कैबिनेट में फेरबदल किया है और एक पूर्व अंतरिक्ष यात्री को विदेश मंत्री की जिम्मेदारी दी है.
मंगलवार को जस्टिन ट्रूडो ने ट्विटर पर कहा, "नवदीप बैंस ने कहा है कि वो अपने परिवार के साथ ज़्यादा वक़्त बिताने के लिए इनोवेशन, साइंस और इंडस्ट्री मिनिस्टर का पद छोड़ रहे हैं. उनकी घोषणा के बाद खाली हुई जगह को भरने के लिए हम बदलाव कर रहे हैं."
एक वीडियो संदेश में नवनीत बैंस ने कहा कि परिवार के साथ समय बिताने के लिए मैं राजनीति से रिटायर हो रहे हैं.
माना जा रहा है कि वे अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे, हालांकि नवनीत बैंस ने ये भी कहा है कि वे अगले चुनावी मुहिम का हिस्सा ज़रूर रहेंगे. साल 2015 में जब ट्रूडो कनाडा की सत्ता में आए थे तो उन्होंने सिख समुदाय के चार मंत्रियों को अपनी कैबिनेट में जगह दी थी.
नवनीत बैंस उन चार लोगों में से एक थे. इससे पहले नवनीत बैंस साल 2005 में प्रधानमंत्री के प्रेस सचिव रहे थे. बैंस साल 2004 से 2011 तक सांसद रहे. ट्रूडो की कैबिनेट में अब केवल दो सिख मंत्री रह गए हैं. (bbc.com)
मुंबई, 13 जनवरी | नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो(एनसीबी) महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के दामाद से ड्रग्स मामले में पूछताछ कर रही है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। एनसीबी सूत्रों के अनुसार, खान और एक ड्रग पैडलर के बीच कुछ ट्रांजक्शन को नोटिस करने के बाद, खान को एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था।
सूत्रों ने कहा कि वह एजेंसी के समक्ष बुधवार को पेश हुए और उनके बयान को रिकॉर्ड किया जा रहा है।
एनसीबी का मानना है कि पैडलर को ड्रग्स के लिए भुगतान किया गया था। इसलिए उसे किए गए भुगतान को सत्यापित करने के लिए बुलाया गया था।
मामला मुंबई में बीते सप्ताह 200 किलोग्राम ड्रग्स को जब्त करने से जुड़ा हुआ है।
मलिक उद्धव ठाकरे नीत महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार में अल्पसंख्यक मामले और कौशल विकास मंत्री हैं।
खान से पूछताछ की खबर के बाद भाजपा के पूर्व विधायक किरिट सोमैया ने ट्वीट कर कहा, "अब एनसीपी मंत्री के दामाद ड्रग मामले में एनसीबी की जांच के घेरे में।"
अगले ट्वीट में उन्होंने एनसीपी नेता से चुप्पी तोड़ने का आह्वान करते हुए कहा, "नवाब मलिक जवाब दो।" (आईएएनएस)
लखनऊ, 3 जनवरी | कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को वर्चुअल रूप से पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की। वर्चुअल माध्यम से उनके साथ जुड़ने वाले युवाओं में मुख्य रूप से वे युवा थे जो राजीव गांधी क्विज के लिए पंजीकृत थे।
बैठक में भाग लेने वालों में विभिन्न प्रकोष्ठों और फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष भी शामिल थे।
उन्होंने भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों में बड़ी भागीदारी सुनिश्चित करने का वादा किया।
प्रियंका ने प्रतिभागियों की कड़ी मेहनत की सराहना की।
यूपी कांग्रेस द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में 12 लाख से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया था। (आईएएनएस)
लखनऊ, 13 जनवरी | यूपीसीसी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने एक वीडियो के बाद बुलंदशहर के जिला अध्यक्ष के रूप में कुंवर तौकीर अली की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में अली को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते देखा जा सकता है। वीडियो कांग्रेस के विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों पर चक्कर काट रहा है, जिससे पार्टी में रोष है।
8 जनवरी को अपने पद पर नियुक्त किए गए तौकीर अली को पार्टी आलाकमान के खिलाफ अपमानजनक और गंदी भाषा का इस्तेमाल करते हुए सुना गया।
पार्टी के नेता अब उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं, जिन्होंने अली को पद पर नियुक्त किया था।
यूपीसीसी के एक पूर्व अध्यक्ष ने कहा, "नियुक्ति पर रोक लगाना कोई कार्रवाई नहीं है। राज्य नेतृत्व को तुरंत अली को निष्कासित करना चाहिए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। इस तरह का व्यवहार अप्रत्याशित है और इससे बहुत सख्ती से निपटा जाना चाहिए।"
पिछले साल पार्टी से निकाले गए युवा कांग्रेस नेताओं के एक समूह ने कहा, "हमें बिना किसी स्पष्ट कारण के निष्कासित कर दिया गया, लेकिन तौकीर अली जैसे लोगों को हमारे राज्य के नेताओं द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है। उनके खिलाफ अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उन्हें वीडियो में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हुए सुना गया है, उसके लिए उन्हें निष्कासित और गिरफ्तार किया जाना चाहिए था।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश स्थित मथुरा से भारतीय जनता पार्टी सांसद हेमामालिनी ने विपक्ष पर किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों को किसानों व खेती के लिए बेहतर बताया. हेमामालिनी सोमवार को मथुरा के वृन्दावन स्थित अपने आवास पहुंची हैं. इससे पहले वह बीते वर्ष फरवरी माह में कुछ दिन के लिए मथुरा आई थीं. उन्होंने कहा, ‘नए कृषि कानूनों में कोई कमी नहीं है. लेकिन विपक्ष के बहकावे में आकर लोग आंदोलन कर रहे हैं.’
हेमामालिनी ने एएनआई के अनुसार कहा 'यह अच्छा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने कानूनों पर रोक लगा दी है. उम्मीद है कि इससे स्थिति शांत होगी. किसान इतनी सारी बातचीत के बाद भी आम सहमति के लिए तैयार नहीं हैं. वे यह भी नहीं जानते हैं कि वे क्या चाहते हैं और क्या समस्या है. इसका मतलब है कि वे ऐसा किसी के कहने पर कर रहे हैं.'
किसानों को टॉवर तोड़ते हुए देखना अच्छा नहीं लगा- हेमा
हेमामालिनी ने इस बात पर अपनी नाराजगी व्यक्त की कि कुछ प्रदर्शनकारी पंजाब में मोबाइल फोन टॉवरों पर तोड़फोड़ कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'पंजाब को बहुत नुकसान हुआ है. उन्हें (किसानों को) टॉवर तोड़ते हुए देखना अच्छा नहीं लगा. सरकार ने उन्हें बार-बार बातचीत के लिए बुलाया है, लेकिन उनके पास कोई एजेंडा नहीं है.'
प्रदर्शन कर रहे किसान लोहड़ी पर जलाएंगे नए कृषि कानूनों की प्रतियां
दूसरी ओर दिल्ली सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि वह बुधवार को लोहड़ी के मौके पर प्रदर्शनस्थलों पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाएंगे. किसान नेता मंजीत सिंह राय ने बताया कि सभी प्रदर्शन स्थलों पर आज शाम कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर वे लोहड़ी मनाएंगे. प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों का शीर्ष संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ आज दिन में आगे की रणनीति तय करने के लिए बैठक भी करेगा.
किसान संगठनों ने कल कहा था कि वे उच्चतम न्यायालय की तरफ से गठित समिति के समक्ष पेश नहीं होंगे और आरोप लगाया कि यह ‘सरकार समर्थक’ समिति है. किसान संगठनों ने कहा कि उन्हें तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है. उन्होंने तीन कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाए जाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत किया. हालांकि समिति के सदस्यों की निष्पक्षता पर भी संदेह जताया है. (भाषा इनपुट के साथ)
कांग्रेस पार्टी ने कृषि क़ानूनों पर किसानों के विरोध के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी पर सवाल उठाये हैं.
पार्टी ने सवाल किया है कि ‘जो लोग इन काले क़ानूनों को सही ठहरा चुके हैं, वे किसानों के साथ न्याय कैसे करेंगे?’
बुधवार को प्रेस से बात करते हुए पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “कमेटी के जो चारों सदस्य हैं, वे पहले से ही मोदी जी के साथ खड़े हैं, वे काले क़ानूनों के साथ खड़े हैं. एक सदस्य तो यह तक कह चुके हैं कि इन क़ानूनों से ही किसानों को आज़ादी मिलेगी. एक अन्य सदस्य तो सरकार को ज्ञापन दे चुके हैं कि वे इन क़ानूनों के समर्थन में सरकार के साथ खड़े हैं. खेत और खलिहान की मोदी जी की साज़िश के साथ खड़े हैं, तो ये कमेटी किसानों के साथ न्याय कैसे करेगी? या कैसे कर सकती है? और इसका नतीजा क्या निकलेगा?”
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच जारी विवाद को सुलझाने के लिए जो कमेटी बनायी गई है, उसमें शामिल सदस्य पहले ही सार्वजनिक तौर पर यह निर्णय रख चुके हैं कि ‘ये तीनों काले क़ानून सही हैं.’
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “पहले सदस्य कमेटी के हैं अशोक गुलाटी जी, उन्होंने बाक़ायदा ये लेख लिखा कि ये तीन क़ानून बिल्कुल सही हैं, ये भी कहा कि विपक्षी दल भटक गये हैं व किसान भी शायद भटक गये हैं. उन्होंने ये भी कहा कि मैं पहले से ही कह रहा हूँ कि इन क़ानूनों के फ़ायदे किसानों के समझ नहीं आ रहे!”
हालांकि, कांग्रेस पार्टी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के मामले में चिंता ज़ाहिर कर केंद्र सरकार को सच का आईना दिखाया है. (bbc.com)