राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 29 दिसंबर | देश की शीर्ष अदालत ने करीब चार सौ नब्बे साल पुराने अयोध्या विवाद में बीते साल नौ नवंबर को अपने फैसले में कहा कि अदालत आस्था नहीं बल्कि सबूतों के आधार पर फैसले सुनाती है। मामला मंदिर-मस्जिद से जुड़ा था इसलिए सवाल आस्था का भी था, लेकिन अदालत ने 40 दिनों की नियमित सुनवाई के दौरान किस प्रकार इतने पुराने मामले में साक्ष्यों की जांच की और किस प्रकार सदियों पुराने विवाद का समाधान निकाला, इसे टीवी पत्रकार प्रभाकर मिश्र ने इतिहास के आईने में बड़ी रोचकता के साथ कहानी के अंदाज में अपनी किताब 'एक रूका हुआ फैसला' में पेश किया है। किताब में यह काफी रोचक जिक्र है कि शीर्ष अदालत के फैसले में पैराग्राफ '786' में मुस्लिम पक्ष का विवादित स्थल पर कब्जे का दावा साबित नहीं होने का जिक्र है। अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के सर्वसम्मत 929 पृष्ठों के फैसले में कुल 806 पैराग्राफ हैं जिनमें 786वें पैराग्राफ में अदालत ने विवादित जमीन पर मुस्लिम पक्ष के कब्जा होने के दावे की विस्तार से समीक्षा की है और यही पैराग्राफ मामले में फैसले का मुख्य आधार है।
इसी तरह कई अन्य रोचक तथ्यों व प्रसंगों का इस किताब में उल्लेख किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट को एक अहम सबूत माना गया है। एएसआई की रिपोर्ट के साक्ष्यों की महत्वपूर्ण जानकारी भी काफी दिलचस्प है।
किताब में अयोध्या विवाद मामले के संबंध में कई ऐसी जानकारी है जो पाठकों का रुचि बढ़ाती है। मसलन, दुनिया जिस विवाद को श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के नाम से जानती है, सुप्रीम कोर्ट में यह मुकदमा एम सिद्दिकी बनाम महंत सुरेश दास व अन्य के नाम से लड़ा गया। मामले में निचली अदालतों से शीर्ष अदालत तक मुकदमे के तमाम महत्वपूर्ण पहलुओं और पक्षकारों का विवरण भी क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
अयोध्या विवाद को इतिहास के आईने में पेश करते हुए लेखक ने मामले में चली सुनवाई के दौरान हिंदु पक्ष और मुस्लिम पक्ष की तरफ से दी गई दलीलों के अहम पहलुओं को इस किताब में समेटने की कोशिश की है। मसलन, हिंदु और मुस्लिम दोनों पक्षों में अंतर्विरोध का जिक्र। लेखक बताते हैं कि ऐसा नहीं था कि कोर्ट में हिंदु पक्ष ही आपस में लड़ रहे थे। मुसलमानों के बीच का शिया-सुन्नी विवाद भी अयोध्या मामले में दिखता रहा।
अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई के दौरान देश में चली सियासत के कारण टलती रही सुनवाई और इस दौरान हुई बयानबाजी भी जिक्र 'एक रूका हुआ फैसला' में किया गया है। किताब में झांसी की रानी का निमोर्ही अखाड़ा से संबंध का रोचक जिक्र है। वहीं, मामले मंे पक्षकार हाशिम अंसारी और महंत रामचंद्र दास की मित्रता को भी दिलचस्प तरीके से पेश किया गया है।
बीते डेढ़ दशक से सुप्रीम कोर्ट की रिपोटिर्ंग कर रहे प्रभाकर मिश्र अयोध्या विवाद पर आए फैसले से पहले मामले में हुई सुनवाई के चश्मदीद रहे हैं। कानून के छात्र रहे मिश्र ने मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का गहराई से अध्ययन कर उसके महत्वपूर्ण व रोचक पहलुओं को अपनी किताब में कहानी की तरह पेश करने की कोशिश की है।
सर्वोच्च न्यायालय में अयोध्या मामले की चली आखिरी 40 दिनों की सुनवाई और उसके बाद आए फैसले पर आधारित किताब 'एक रुका हुआ फैसला' पेंगुइन प्रकाशन से प्रकाशित हुई है। किताब में सरल शब्दों में मुकदमे से जुड़ी जानकारी को कहानी के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश काफी सराहनीय है।
किताब का नाम: एक रुका हुआ फैसला
लेखक: प्रभाकर मिश्र
प्रकाशन: पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया
मूल्य: 250 रुपये
समीक्षक: प्रमोद कुमार झा (आईएएनएस)
टीआरपी घोटाले की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में दावा किया है कि टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी ने अपने चैनलों की रेटिंग बढ़ाने के लिए बार्क के पूर्व सीईओ को लाखों रुपये दिए थे.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी का लिखा-
टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) घोटाले की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में लिखित दावा किया है कि रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्थ दासगुप्ता को "लाखों रुपये" बतौर रिश्वत दी थी. मुंबई पुलिस जो कि कथित टीआरपी घोटाले की जांच कर रही है उसने दासगुप्ता को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया था. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक दासगुप्ता की हिरासत पर सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा, "उन्होंने रिपब्लिक टीवी की टीआरपी बढ़ाने के लिए के लिए अर्नब के साथ साजिश की."
पुलिस ने अपने रिमांड नोट में कोर्ट को बताया कि दासगुप्ता ने बार्क के एक और पूर्व बड़े अधिकारी के साथ मिलकर रिपब्लिक टीवी की टीआरपी बढ़ाने के लिए हेरफेर की और वे इस पूरे घोटाले के "मास्टरमाइंड" हैं. पुलिस का यह भी कहना है कि दासगुप्ता ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और रिपब्लिक भारत और रिपब्लिक टीवी (अंग्रेजी) की टीआरपी अवैध तरीके से बढ़ाई. दासगुप्ता जून 2013 से नवंबर 2019 के बीच बार्क के सीईओ थे.
कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक "अर्नब ने रिपब्लिक टीवी की टीआरपी बढ़ाने के लिए दासगुप्ता को लाखों रुपये दिए और इन पैसों से दासगुप्ता ने महंगी चीजें खरीदीं." पुलिस ने यह दावा करते हुए पूर्व सीईओ की हिरासत को और अधिक बढ़ाने की मांग की, जिससे यह जांच की जा सके कि इस तरह के और भुगतान किए गए थे या नहीं. पुलिस की मांग के बाद कोर्ट ने उनकी रिमांड 30 दिसंबर तक बढ़ा दी है.
यह पहला मौका है जब पुलिस ने अर्नब गोस्वामी की कथित भूमिका का जिक्र टीआरपी घोटाले में किया है. हालांकि रिमांड नोट में "रिपब्लिक ओनर्स" लिखा गया है और स्पष्ट तौर पर गोस्वामी का नाम नहीं लिखा गया है. गोस्वामी ने इस पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है.
इससे पहले अर्नब गोस्वामी 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उसकी मां की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया था. इस मामले की जांच महाराष्ट्र सीआईडी कर रही है.
मानवाधिकार समूहों के विरोध के बावजूद बांग्लादेश ने करीब 1,000 रोहिंग्या शरणार्थियों के दूसरे समूह का पुनर्वास एक सुदूर द्वीप पर शुरू कर दिया है.
बंगाल की खाड़ी में स्थित भाषान चर नाम के द्वीप पर रोहिंग्या शरणार्थियों के दूसरे जत्थे को बसाने के लिए सोमवार को करीब एक हजार लोगों को वहां भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई. मंगलवार को सभी लोग सात नावों पर सवार होकर भाषान चर द्वीप के लिए रवाना होंगे.
बांग्लादेश ने सोमवार 28 दिसंबर को रोहिंग्या शरणार्थियों के एक अन्य समूह को बंगाल की खाड़ी में स्थित भाषान चर द्वीप पर ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू की. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने सुरक्षा कारणों से शरणार्थियों को वहां भेजने के काम पर रोक लगाने की मांग की है, लेकिन सभी दबावों के बावजूद शरणार्थियों को द्वीप पर भेजने का काम जारी है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों से करीब 1,000 और शरणार्थियों को भाषान चर द्वीप पर स्थानांतरित किया जा रहा है. ये सभी शरणार्थी म्यांमार से भागकर बांग्लादेश पहुंचे थे. 2017 में म्यांमार में एक सैन्य अभियान के दौरान अधिकांश रोहिंग्या मुसलमानों के गांव नष्ट कर दिए गए थे. संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं के मुताबिक लाखों लोग वहां से भागकर बांग्लादेश पहुंचे थे.
शरणार्थियों को कॉक्स बाजार से चटगांव के बंदरगाह पर भेजा गया है, जहां से उन्हें जहाज द्वारा मंगलवार को द्वीप पर ले जाया जाएगा. इससे पहले 4 दिसंबर को पहली बार अधिकारियों ने द्वीप पर 1,600 से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों को भेजा था और उस वक्त भी अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इसकी कड़ी आलोचना की थी. भाषान चर द्वीप 20 साल पहले ही समुद्र में बना है और यहां अक्सर बाढ़ आ जाती है. अंतरराष्ट्रीय संगठनों का कहना है कि भारी बारिश और चक्रवात के समय में वहां खतरा बढ़ सकता है.
क्या शरणार्थी अपनी मर्जी से जा रहे हैं?
बांग्लादेश की नौसेना ने द्वीप पर बाढ़ से बचाव के लिए बांध, मकान, अस्पताल और मस्जिदें बनाई हैं. इस द्वीप पर लगभग एक लाख लोग रह सकते हैं. म्यांमार से भागकर आए दस लाख से ज्यादा रोहिंग्या कॉक्स बाजार में शिविरों में रहते हैं. शिविर शरणार्थियों से इतनी भीड़ के कारण अक्सर यहां सुविधाओं की कमी हो जाती है. हालांकि द्वीप पर एक लाख लोगों के रहने की सुविधा देश में उनकी आबादी के हिसाब से बहुत कम है.
बांग्लादेश की सरकार का दावा है कि सिर्फ उन्हें ही द्वीप पर भेजा जा रहा है जिन्होंने इच्छा जाहिर की है, जबकि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि कई शरणार्थियों को वहां जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने जोर देकर कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थियों को स्वतंत्र रूप से यह फैसला करने की इजाजत दी जानी चाहिए कि वे वहां जाना चाहते हैं या नहीं. बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "वे अपनी मर्जी से वहां जा रहे हैं."
एए/एके (रॉयटर्स, एएफपी)
नई दिल्ली, 29 दिसंबर। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने पहले कहा था कि टेस्ला कारों को भारत में लाने की प्रक्रिया जनवरी 2021 में शुरू होगी। लेकिन अब उन्होंने देश में इलेक्ट्रिक कारें आने पर कोई निश्चित समयसीमा देने से इनकार कर दिया है। एक फोलोवर्स ने उनसे पूछा कि क्या टेस्ला भारत में जनवरी 2021 में आ रही है, मस्क ने इसपर कहा, "नहीं, लेकिन निश्चित रूप से इस साल।"
अक्टूबर में, मस्क ने कहा कि इलेक्ट्रिक कार निर्माता अब आखिरकार अगले साल भारत के बाजार में प्रवेश करने के लिए तैयार है। टेस्ला क्लब इंडिया के एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए, मस्क ने कहा था, "जनवरी में हम संभवत: ऑर्डर के लिए तैयार होंगे।"
दूसरी ओर, मंगलवार को द इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक साक्षात्कार में, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि टेस्ला 2021 की शुरूआत में अपना परिचालन शुरू करेगी और फिर 'संभवत:' देश में वाहनों के असेंबल और निर्माण पर ध्यान देगी।
हालांकि, क्या मस्क प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के घरेलू विनिर्माण सपने को आगे बढ़ाने के लिए भारत में टेस्ला संयंत्र की घोषणा करेंगे या उन्हें अन्य फैसेलिटी से यहां लाएंगे (जिसमें शंघाई में स्थित गिगाफैक्ट्री सबसे नजदीक है)। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है।
पहले कई मौकों पर, मस्क ने खुलासा किया था कि वह टेस्ला को भारत लाना चाहते हैं, लेकिन 2018 के ट्विटर पोस्ट में, उन्होंने 'कुछ चुनौतीपूर्ण सरकारी नियमों' का बाधा के रूप में हवाला दिया था। (आईएएनएस)
लखनऊ, 29 दिसंबर | ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईए) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपना पहला उम्मीदवार घोषित कर दिया है। यहां विधानसभा चुनाव 2022 की शुरुआत में होने वाले हैं। पार्टी ने अन्य दलों के साथ अपने गठबंधन की औपचारिक घोषणा की प्रतीक्षा किए बिना ही पहले उम्मीवार का नाम घोषित कर दिया है।
पार्टी ने बलरामपुर जिले की उतरौला विधानसभा सीट से डॉ. अब्दुल मन्नान को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। मन्नान पेशे से डॉक्टर हैं।
मन्नान इस महीने की शुरूआत में पीस पार्टी छोड़ने के बाद एआईएमआईएम में शामिल हो गए थे।
16 दिसंबर को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लखनऊ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर से 2022 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर मुलाकात की थी।
एक दिन बाद, प्रगतिवादी समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीए) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने भी कथित रूप से गठबंधन में शामिल होने के लिए राजभर से मुलाकात की थी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 29 दिसंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को प्रयागराज में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) और ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) के 351 किलोमीटर लंबे 'न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन' का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मोदी ने कहा, आजादी के बाद हम देश के सबसे उन्नत रेल खंड के उद्घाटन के साक्षी बन रहे हैं। नई भाऊपुर-खुर्जाखंड पर चलने वाली पहली मालगाड़ी नए आत्मानिर्भर भारत का संदेश देगी और प्रयागराज में नया ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ नियंत्रण केंद्रों में से एक होगा।
उन्होंने कहा, प्रयागराज में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर नए भारत की नई शक्ति का प्रतीक है। किसी को भी गर्व होगा क्योंकि नियंत्रण केंद्र में इस्तेमाल की जाने वाली प्रबंधन और डेटा तकनीक भारत में तैयार की गई है।
मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि बुनियादी ढांचा देश के विकास का सबसे बड़ा स्रोत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कनेक्टिविटी राष्ट्र की तंत्रिका है, और यदि तंत्रिकाएं बेहतर काम करती हैं तो देश का स्वास्थ्य और समृद्धि अच्छा होता है।
उन्होंने कहा कि आज, जब भारत दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, तब सबसे अच्छी कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है।
मोदी ने कहा, इस विचारधारा के साथ, हमने पिछले छह वर्षों में देश में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर काम किया है।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) सरकार द्वारा शुरू की गई सबसे बड़ी रेल अधोसंरचना परियोजनाओं में से एक है। कुल लागत 81,459 करोड़ रुपये आंकी गई है।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के नियोजन, विकास, वित्तीय संसाधन जुटाने, निर्माण, रखरखाव और संचालन के लिए एक विशेष उद्देश्य के रूप में स्थापित किया गया है।
पहले चरण में, संगठन पश्चिमी डीएफसी (1,504 किमी) और पूर्वी डीएफसी (1,856 किमी) का निर्माण कर रहा है, जिसकी कुल लंबाई 3,360 किमी है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत में यात्री और मालगाड़ी एक ही पटरियों पर चलती हैं। इसके चलते मालगाड़ी की गति धीमी होती है। ऐसी स्थिति में, मालगाड़ियों को रास्ता देने के लिए स्टेशनों पर यात्री ट्रेनों को रोक दिया जाता है। इसके परिणामस्वरूप यात्री रेलगाड़ियां देरी से चलती हैं।
मोदी ने कहा, मालगाड़ियों के लिए ये विशेष गलियारे यात्री ट्रेनों को समय पर चलाना सुनिश्चित करेंगे। यह सुनिश्चित भी करेंगे कि मालवाहक ट्रेनें ज्यादा गति से चल सकें और वे दोहरी भार क्षमता ले जा सके।
मोदी ने कहा कि फ्रेट कॉरिडोर आत्मनिर्भर भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी, चाहे वह उद्योग हो, व्यापार हो या व्यवसाय, किसान हो या उपभोक्ता, सभी को इससे फायदा होने वाला है। (आईएएनएस)
पीलीभीत, 29 दिसंबर | उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक व्यक्ति ने आपराधिक मामले में अपने पड़ोसियों को फंसाने के लिए कथित रूप से अपनी ही 10 वर्षीय बेटी के अपहरण की मनगढं़त कहानी गढ़ डाली। पुलिस के मुताबिक, पीलीभीत शहर के रहने वाले शख्स ने शनिवार को शिकायत दर्ज कराई कि उसकी बेटी का उसके पड़ोसियों ने कथित तौर पर अपहरण कर लिया है। तुरंत ही लड़की की खजोबीन शुरू कर दी गई।
जांच के दौरान, पुलिस ने लड़की की दादी से भी पूछताछ की। हालांकि, उसकी कहानी उस समय के सीसीटीवी फुटेज से मेल नहीं खाई।
हालांकि, शाम को, पुलिस को सूचित किया गया कि लड़की को दो पुरुषों द्वारा घर छोड़ दिया गया है।
लड़की को पुलिस थाने लाया गया। शुरू में, उसने अपने पिता के कहे अनुसार पुलिस को अपने अपहरण की कहानी बताई।
पूछताछ के दौरान, पुलिस उसे भरोसे में लेने में कामयाब रही और उसने बताया कि उसके पिता ने शुक्रवार शाम को पूरनपुर कोतवाली पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले पिपरिया गांव में उसे एक रिश्तेदार के घर छोड़ दिया था और फिर शनिवार शाम को उसे घर वापस ले आए।
पुलिस ने लड़की को बाल कल्याण समिति की सुरक्षा में रखा है, जहां उसका बयान दर्ज किया जाएगा। उसे मेडिकल जांच के लिए भी भेजा गया था।
पीलीभीत शहर के सुनगढ़ी पुलिस थाने के एसएचओ अत्तार सिंह ने कहा, "लड़की के बयान के आधार पर, उसके पिता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।" (आईएएनएस)
मनोज पाठक
पटना, 29 दिसंबर | बिहार में अब तक जनता दल (युनाइटेड) के सर्वेसर्वा माने जाने वाले नीतीश कुमार ने अपने सबसे विश्वासपात्र आर सी पी सिंह को पार्टी की कमान सौंपकर इतना तो तय कर ही दिया है कि वे अब संगठन नहीं बिहार पर ध्यान देंगे। कहा जाता रहा है कि नीतीश कोई भी काम बिना मकसद के नहीं करते, इस निर्णय के भी अब मायने निकाले जाने लगे हैं।
जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार ने सिंह को पार्टी के सर्वोच्च पद पर बैठाकर एक नया सियासी दांव चला है। जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा कहते हैं कि सिंह के अध्यक्ष बनने पर पार्टी आशान्वित है कि ये पार्टी को बहुत आगे लेकर जाएंगें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दौर में पार्टी के लाभ को समझते हैं, यही कारण है कि उन्होंने अनुभवी व्यक्ति के हाथ में पार्टी को सौंपा है।
इधर, माना जा रहा है कि नीतीश ने सिंह को पार्टी का 'बॉस' बनाकर उन्होंने क्षेत्रीय दलों को एक संदेश दिया है कि पार्टी वंशवाद और परिवारवाद से अलग है। भाजपा के प्रवक्ता और भाजपा के पूर्व विधायक मनोज शर्मा भी कहते हैं कि भाजपा पहले से ही पार्टी में परिवारवाद और वंशवाद के खिलाफ रही है।
उन्होंने कहा कि यह मामला जदयू का आंतरिक मामला है। कई पार्टियां हैं जो वंशवाद और परिवारवाद के नाम पर राजनीति चला रही है, उनके लिए नीतीश कुमार ने पार्टी के कर्मठ नेता को पार्टी का नेतृत्व सौंपने का फैसला लेकर एक संदेश दिया है।
सिंह को प्रारंभ से ही नीतीश का विश्वासी माना जाता रहा है। जदयू में काफी दिनों से नीतीश के बाद दूसरे नंबर को लेकर प्रश्न उठाए जाते रहे हैंै। नीतीश ने यह जिम्मेदारी तय कर इस प्रश्न का उत्तर भी दे दिया है कि उनके सबसे भरोसमंद लोगों में सिंह सबसे आगे हैं।
इधर, राजनीतिक विश्लेषक कन्हैया भेल्लारी का कहना है कि आमतौर पर देखा जाता है कि पार्टी उसी नेता को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपती है जो संगठनकर्ता के रूप में दक्ष हो। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के लिए सिंह ना केवल भरोसेमंद रहे हैं बल्कि संगठन को मजबूत करने में भी उनकी भूिमका शुरू से रही है।
इधर, कहा यह भी जा रहा है कि 'सोशल इंजीनियरिंग' के माहिर समझे जाने वाले नीतीश ने स्वजातीय को पार्टी की कमान सौंपकर जातीय कार्ड भी खेला है। भेल्लारी भी इसे स्वीकार करते हुए कहते हैं कि आज के दौर में सभी नेता जातीय और क्षेत्रीय कार्ड खेलकर अपनी राजनीति चमका रहे हैं, नीतीश भी उन्हीं में से एक हैं।
इधर, भारतीय प्रशासनिक अधिकारी रह चुके सिंह को सामंजस्य बैठाने में भी माहिर समझा जाता है। कहा जा रहा है कि भाजपा के नेताओं के साथ सामंजस्य बैठाए रहने के लिए पहले नीतीश कुमार को खुद बात करनी पड़ती थी अब सिंह को यह जिम्मेदारी सौंप कर नीतीश खुद बिहार की जिम्मेदारी संभालेंगे।
बहरहाल, जदयू के सर्वेसर्वा रहे नीतीश ने सिंह को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपकर पार्टी में सेकंड लाइन के नेताओं को आगे कर पार्टी के नेताओं को भी एक संदेश दिया है जिसका सभी ने स्वागत किया है। (आईएएनएस)
राम गोपाल द्विवेदी
गोरखपुर. धार्मिक किताबें छापने वाले गीता प्रेस को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया में एक खबर चल रही है कि प्रेस की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है इसलिए नये साल पर गीता प्रेस की 'डायरी' गीता दैनन्दिनी को लेकर गीता प्रेस की आर्थिक मदद की जाए.
‘नो प्रॉफिट-नो लॉस’ पर काम करती है गीता प्रेस
इस मैसेज की सच्चाई जानने के लिए न्यूज-18 की टीम ने गीता प्रेस के टस्ट्री देवी दयाल अग्रवाल से बात की. सोशल मीडिया पर चल रही आर्थिक स्थिति खराब होने की खबर पर देवी दयाल अग्रवाल ने कहा कि गीता प्रेस ‘नो प्रॉफिट-नो लॉस’ पर काम करती है. हम लोग लागत से भी कम दाम पर किताब उपलब्ध कराते हैं. साथ ही गीता प्रेस किसी से भी डोनेशन (चंदा) नहीं लेती है इसलिए इस तरह की बातें पूरी तरह से निराधार हैं.
15 दिसम्बर से ही आउट ऑफ स्टॉक हो गई गीता दैनन्दिनी
उन्होंने बताया कि जहां तक गीता दैनन्दिनी की बात है तो 15 दिसम्बर से ही आउट ऑफ स्टॉक हो गया. लगातार आर्डर आ रहे हैं पर अब इस साल हम लोग इसे छापने में सक्षम नहीं हैं. गीता दैनन्दिनी को सोशल मीडिया पर ‘डायरी’ बताने पर गीता प्रेस के उत्पाद प्रबंधक लालमणि तिवारी का कहना है कि ये डायरी नहीं बल्कि एक छोटा पंचाग है. जिसे लोग लेकर आसानी से चल सकते हैं.
ये डायरी नहीं पंचांग है: लालमणि तिवारी
लालमणि तिवारी ने बताया कि इस पंचाग को लेकर लोग अपने धार्मिक कामों भी करते हैं, महिलाएं व्रत रखती हैं, साथ ही इसमें हर पेज पर गीता के वाक्य लिखे हैं. जिसका मकसद है कि जो भी व्यक्ति इसे खोले वो गीता के स्लोकों को भी पढ़े और मनन करें.
वैसे प्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विवटर हैंडल से भी गीता दैनन्दिनी के पूरी तरह समाप्त होने की जानकारी दी और शुभचिंतकों का आभार जताया है.
"गीताप्रेस के प्रचार हेतु शुभचिंतको का आभार""वर्ष २०२१ की गीता दैनन्दिनी पूर्णतः समाप्त हो चुकी है |"
नो प्राफिट और नो लॉस के रुप में चलने वाली गीता प्रेस की स्थापना गोरखपुर में 1923 में की गई थी. गीता प्रेस का सफर 10 रुपये के किराये के मकान में चालू हुआ था, आज गीता प्रेस में 15 भाषाओं में करीब 1800 पुस्तकें छपती है. गीता प्रेस में आज भी 2 रुपये की धार्मिक किताबें उपलब्ध हैं. गीता प्रेस अपनी स्थापना से लेकर अब तक 70 करोड़ से अधिक धार्मिक किताबें बेंच चुका है. प्रेस लगातार आधुनिकता की चादर में सराबोर होकर तेजी से आगे बढ़ रहा है और लोगों तक सस्ती धार्मिक किताबें उपलब्ध करा रहा है.
मुजफ्फरपुर (बिहार), 29 दिसंबर| बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के करजा थाना क्षेत्र से एक महिला सरपंच को शराब के व्यापार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जबकि उसका पति फरार बताया जा रहा है। आरोप है कि सरपंच के घर से अवैध शराब का कारोबार चलाया जा रहा था। मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जयंतकांत ने मंगलवार को बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर बड़कागांव में करजा और सरैया पुलिस द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान में बड़कागांव उत्तरी की सरपंच सविता देवी और गांव में तीन अलग अलग घरों में छापेमारी की गई जहां बड़ी मात्रा में शराब बरामद की गई। सरपंच के घर में छिपाकर रखे गए नकदी भी बरामद किए गए हैं।
करजा थाना प्रभारी सरोज कुमार ने बताया कि सोमवार को करजा थाने में इस मामले की एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसमें महिला सरपंच सविता देवी, उनके पति उमेश सहनी, चंदेश्वर सहनी और सरस्वती कुंवर सहित अन्य को आरोपी बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान उमेश सहनी के घर से 11 कार्टन यानी कुल 99 लीटर विदेशी शराब तथा 70 लीटर देशी शराब बरामद की गई। उमेश सहनी की पत्नी सविता देवी के कमरे में छिपाकर रखे गए झोला से सात लाख रुपये से अधिक नकद बरामद किए गए हैं। पुलिस का दावा है कि पूछताछ में सरपंच ने शराब क्रय विक्रय का पैसा होने की बात स्वीकारी है।
छापेमारी की भनक मिलते ही चंदेश्वर सहनी, सरस्वती कुंवर व उमेश सहनी फरार हो गए। पुलिस फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
बिहार में शराब की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध है।
(आईएएनएस)
लखनऊ, 29 दिसंबर | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बाल यौन शोषण मामले में कथित रूप से गवाहों को प्रभावित करने के आरोप में निलंबित इंजीनियर राम भवन की पत्नी दुर्गावती को गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का निवासी राम भवन राज्य सरकार का निलंबित इंजीनियर है और उस पर 50 से अधिक बच्चों के साथ यौन शोषण करने का आरोप है।
दुर्गावती को 4 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि दुर्गावती अपने पति के खिलाफ मामले में मुख्य गवाहों को प्रभावित करने और हेरफेर करने की कोशिश कर रही थी।
गौरतलब है कि सीबीआई ने नवंबर में राम भवन को गिरफ्तार किया था।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग का जूनियर इंजीनियर राम भवन पर नाबालिगों का यौन शोषण करने, अपने इस करतूत की वीडियो रिकॉर्डिग करने और उन्हें डार्क वेब पर सर्कुलेट करने का आरोप है।
मामला इस साल की शुरुआत में सीबीआई के संज्ञान में लाया गया था।
(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 29 दिसंबर | कर्नाटक सरकार ने सोमवार को कोविड महामारी को रोकने के लिए राज्य की राजधानी में 31 दिसंबर की रात और 1 जनवरी की सुबह पार्टियों के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने एक आदेश में कहा कि 31 दिसंबर को शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक शहरभर में सार्वजनिक स्थानों पर 5 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर धारा 144 के तहत 12 घंटे का प्रतिबंध रहेगा।
हालांकि, यह आदेश ग्राहकों को अग्रिम बुकिंग के साथ छूट देता है, ताकि कोविड संबंधी दिशा-निर्देशों के तहत शहरभर में पब, बार और रेस्तरां में नए साल की पूर्व संध्या का जश्न मनाया जा सके, मगर फेसमास्क और शारीरिक दूरी बनाए रखने के साथ।
आदेश में कहा गया है, सभी पब, बार, क्लब, रेस्तरां, स्टार होटल और मॉल को अपने प्रवेशद्वार पर ग्राहकों की थर्मल स्क्रीनिंग सुनिश्चित करनी होगी, हाथ को साफ करना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए जगह की क्षमता के केवल 50 प्रतिशत का उपयोग करना होगा ।
आदेश में डीजे (डिस्क जॉकी) पार्टियों, विशेष आयोजनों और सार्वजनिक स्थानों और वाणिज्यिक परिसरों में किसी भी तरह के प्रदर्शन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 29 दिसंबर | दिल्ली में सोमवार को कोविड-19 सं संक्रमण के 564 नए मामले सामने आए। यह पिछले पांच महीनों में एक दिन की सबसे कम संख्या है। इस तरह पिछले 24 घंटों में संक्रमण की दर प्रतिशत से नीचे आ गई। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया है कि इस बीच, कोविड के कारण होने वाली मौतों में भी कमी आई। बीते 24 घंटों में 21 मरीजों की मौत हुई।
इस बीच, इस बीमारी से 959 मरीज ठीक हुए और पिछले 24 घंटे में 57,463 टेस्ट किए गए।
नए मामलों के साथ संक्रमित लोगों का आंकड़ा अब 6,23,415 हो गया है। मरने वालों की कुल संख्या 10,474 तक पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों में किए गए परीक्षणों में से 32,484 आरटी-पीसीआर के माध्यम से किए गए और 24,979 रैपिड एंटीजन टेस्ट हुए। बुलेटिन के मुताबिक, राजधानी दिल्ली ने अब तक 84,08,511 नमूनों की जांच की जा चुकी है।
इस समय अस्पतालों में 18,774 मरीज भर्ती हैं। दिल्ली सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, इस बीच 3,153 लोग होम आइसोलेशन में हैं।
--आईएएनएस
चेन्नई, 29 दिसंबर | चेन्नई एयर कस्टम्स ने पिछले दो दिनों में 2.47 करोड़ रुपये के 4.77 किलोग्राम सोने की तस्करी के दो प्रयासों को विफल कर दिया है। सोना तस्करी के मामले में इसने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
चेन्नई इंटरनेशनल हवाईअड्डे के कमिश्नर ऑफ कस्टम्स के अनुसार, एयर इंटेलिजेंस यूनिट ने एक व्यक्ति नियामुथुल्लाह हादी को नोटिस किया, जो सोमवार को दुबई से एमिरेट्स एयरलाइन से पहुंचा था।
अधिकारियों ने उसकी तलाशी ली तो उसके पास से दो सफेद पैकेट मिले, जिसमें 3.148 किलोग्राम सोने के बार थे, जिनकी कीमत 1.63 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा उसके पास से सोने के आभूषणों भी मिले, जिनका वजन 48 ग्राम था उसकी इसकी कीमत 2.28 लाख रुपये आंकी गई है।
इंफो सॉफ्ट सॉफ्ट डिजाइन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर एम. निशालरवी को भी इस सोना तस्करी में शामिल पाया गया, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
इससे पहले रविवार को एमिरेट्स की उड़ान से एक और इंडिगो एयरलाइंस द्वारा दुबई से पहुंचे यात्रियों से भी तस्करी का सोना बरामद किया गया था।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 29 दिसंबर | वित्त मंत्रालय ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में कमी की भरपाई के लिए राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये की 9वीं साप्ताहिक किस्त जारी की है। इसमें से 5,516.60 करोड़ रुपये की धनराशि 23 राज्यों को जारी की गई है और 483.40 करोड़ रुपये की धनराशि विधानसभा वाले (दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुडुचेरी) तीन केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को जारी की गई, जो जीएसटी परिषद के सदस्य हैं। शेष पांच राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में जीएसटी कार्यान्वयन के चलते राजस्व में कोई कमी नहीं आई है।
भारत सरकार ने जीएसटी कार्यान्वयन के चलते राजस्व में 1.10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित कमी की भरपाई के लिए एक विशेष उधार खिड़की की स्थापना की थी।
भारत सरकार की ओर से इस खिड़की के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों की तरफ से उधार लिया जा रहा है। अभी तक नौ चरणों में उधार लिया जा चुका है। अभी तक उधार ली गई धनराशि राज्यों को 23 अक्टूबर 2020, दो नवंबर 2020, नौ नवंबर 2020, 23 नवंबर 2020, एक दिसंबर 2020, सात दिसंबर 2020, 14 दिसंबर 2020, 21 दिसंबर 2020 और 28 दिसंबर 2020 को जारी की गई थी।
इस सप्ताह जारी धनराशि राज्यों को दी गई निधि की 9वीं किस्त है। इस सप्ताह 5.1508 प्रतिशत की ब्याज दर धनराशि उधार ली गई है।
अब तक, केंद्र सरकार विशेष उधार खिड़की के माध्यम से 4.7488 प्रतिशत की औसत ब्याज दर पर 54,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है।
केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू होने के एवज में राजस्व में कमी की भरपाई के लिए विशेष उधार खिड़की के माध्यम से निधि उपलब्ध कराने के अलावा राज्यों को अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 0.50 प्रतिशत अतिरिक्त राशि के रूप में उधार लेने का विकल्प भी उपलब्ध कराया है। इससे राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी।
सभी राज्यों ने पहले विकल्प को प्राथमिकता दी है। प्रावधान के तहत 28 राज्यों को 1,06,830 लाख करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 0.50 प्रतिशत) की अतिरिक्त उधारी की अनुमति दे दी गई है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 29 दिसंबर | देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के साथ नए कृषि कानून समेत किसानों से जुड़े अन्य मसलों पर 30 दिसंबर को विज्ञान भवन में दोपहर दो बजे वार्ता होगी। वार्ता के लिए केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को भेजे गए आमंत्रण को किसान संगठनों के नेताओं ने स्वीकार कर लिया है। भारतीय किसान यूनियन से जुड़े हरियाणा के यमुनानगर के किसान नेता संदीप कुमार ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन की अगुवाई कर रहे 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सरकार के निमंणत्र को स्वीकार कर लिया है और सरकार द्वारा तय तारीख समय के अनुसार, वे सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं।
सरकार की ओर से 40 किसान संगठनों के नेताओं को 30 दिसंबर को दोपहर दो बजे अगले दौर की वार्ता के लिए विज्ञान भवन आने के लिए आमंत्रण-पत्र सोमवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में सचिव संजय अग्रवाल ने भेजा।
पत्र में कृषि सचिव ने संयुक्त मोर्चा द्वारा दिनांक 26.12.2020 को प्रेषित ई-मेल के संदर्भ में किसान नेताओं से कहा, "आपने भारत सरकार का बैठक के लिए अनुरोध स्वीकार करते हुए किसान संगठनों के प्रतिनिधियों एवं भारत सरकार के साथ अगली बैठक के लिए समय संसूचित किया है। आपके द्वारा अवगत कराया गया है कि किसान संगठन खुले मन से वार्ता करने के लिए हमेशा तैयार रहे हैं और रहेंगे। भारत सरकार भी साफ नीयत और खुले मन से प्रासंगिक मुद्दों के तर्कपूर्ण समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
कृषि सचिव ने आगे कहा कि इस बैठक में आपके द्वारा प्रेषित विवरण के परिप्रेक्ष्य में तीनों कृषि कानूनों एवं एमएसपी की खरीद व्यवस्था के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020 एवं विद्युत संशोधन विधेयक 2020 में किसान से संबंधित मुद्दें पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
बता दें कि इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से 26 दिसंबर को सरकार को अगले दौर की वार्ता 29 दिसंबर को दिन के 11 बजे के समय का प्रस्ताव दिया गया था। इस प्रस्ताव के साथ वार्ता के लिए चार मुद्दे भी सुझाए गए थे।
मुद्दे इस प्रकार हैं :
1. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए अपनाई जाने वाली क्रियाविधि
2. सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसएपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान
3. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020 में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी है।
4. किसानों के हितों की रक्षा के लिए विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे में जरूरी बदलाव।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 28 दिसंबर | पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (सीआईआई) ने भारत की पहली स्वदेशी विकसित न्यूमोकोकल वैक्सीन न्यूमोसिल को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की हर्षवर्धन की उपस्थिति में लॉन्च करने की घोषणा की। संख्या (क्वांटिटी) के मामले में दुनिया के सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता सीआईआई ने सोमवार को जानकारी दी कि पूर्णतया स्वदेशी वैक्सीन न्यूमोसिल को लॉन्च किया जा रहा है।
न्यूमोसिल को सीरम इंस्टीट्यूट, पीएटीएच और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के बीच एक दशक में सहयोग के माध्यम से विकसित किया गया है। इसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है, जो कि न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन सामथ्र्य में सुधार लाने और निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए स्थायी पहुंच को सक्षम करेगा।
टीका बच्चों को न्यूमोकोकल रोगों (निमोनिया) के खिलाफ प्रभावी और लंबे समय तक चलने वाला संरक्षण प्रदान करेगा।
इस अवसर पर अपने हर्षवर्धन ने संबोधन में कहा, "यह देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि बच्चों को एक सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाले टीके (वैक्सीन) के साथ न्यूमोकोकल बीमारी से बेहतर तरीके से बचाया जा सके।"
न्यूमोसिल के लॉन्च के बारे में, सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा, "वर्षों से हमारा निरंतर प्रयास नियमित आपूर्ति के साथ उच्च गुणवत्ता वाले टीके प्रदान करना रहा है, जो दुनियाभर में बच्चों और परिवारों के लिए उत्कृष्ट प्रतिरक्षण कवरेज सुनिश्चित करता है।"
उन्होंने कहा कि यह बच्चों को न्यूमोकोकल बीमारी से बचाने के लिए एक आदर्श विकल्प है।
अदार पूनावाला ने कहा कि इस बीमारी की वजह से दुनियाभर में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खतरा बना रहता है। 2018 में इस वजह से 67,800 बच्चों की मौत पांच साल से कम उम्र में हो गई। ऐसे बच्चों को बचाने में यह वैक्सीन कारगर रहेगी।
सीरम इंस्टीट्यूट वह दवा कंपनी है, जो भारत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन का परीक्षण और उत्पादन कर रही है। (आईएएनएस)
तंबाकू उद्योग के दखल पर अंकुश लगाने की दिशा में सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के लिए आचार संहिता बनायी है. लेकिन देर से आयी इस नीति के दायरे में दूसरे संबद्ध मंत्रालय नहीं हैं. फिर क्या ये नीति सफल हो सकेगी.
डॉयचे वैले पर शिवप्रसाद जोशी का लिखा-
तंबाकू को कैंसर, फेफड़ों और दिल की बीमारी के लिए गंभीर जोखिम माना जाता है. भारत में इसे कई गंभीर बीमारियों का कारण माना जाता है और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यह देश में हर साल करीब 13 लाख लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है. भारत दुनिया भर में तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है. एक सर्वे के अनुसार यहां की करीब 30 प्रतिशत वयस्क आबादी तंबाकू का सेवन करती है. तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण भारत को अरबों का नुकसान हो रहा है. इसलिए भारत सरकार तंबाकू उद्योग से जुड़ी आचार संहिता बनाना स्वागत योग्य है.
लेकिन भारत सरकार ने तंबाकू उद्योग से जुड़ा जो कोड ऑफ कंडक्ट निर्धारित किया है वो सिर्फ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों पर लागू होगा. वे तंबाकू उद्योग या उनके प्रतिनिधियों के साथ किसी किस्म का व्यवसायिक, सार्वजनिक, आधिकारिक गठजोड़ नहीं करेंगे. यहां तक कि उनके कार्यक्रमों में न बतौर मेहमान शामिल होंगे, न ही उनके प्रायोजित किसी आयोजन का हिस्सा बनेंगे. देर से ही सही ये पहल जरूरी थी लेकिन ये साफ नहीं है कि इसके दायरे में सिर्फ स्वास्थ्य विभाग ही क्यों हैं? तंबाकू उद्योग के संपर्क तो वाणिज्य, वित्त और कृषि जैसे अन्य विभागों और मंत्रालयों तक फैले हुए हैं. देश में तंबाकू उद्योग को नियंत्रित करने वाला तंबाकू बोर्ड भी केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत आता है.
आचार संहिता बनाने में लग गए दस साल
चर्चित पत्रकार और शोधकर्ता अनु भुयान के मुताबिक 2010 में बंगलुरू की एक स्थानीय स्वयंसेवी संस्था इंस्टीच्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ और उसके विशेषज्ञ उपेन्द्र भोजानी ने तंबाकू कंपनियों के एक तत्कालीन ग्लोबल इवेंट में सरकारी भागीदारी का मुद्दा उठाते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका लगायी थी. इस पर सरकार को न सिर्फ इवेंट से हाथ खींचने पड़े बल्कि कोर्ट में अंडरटेकिंग भी देनी पड़ी कि सरकारी कामकाज में तंबाकू उद्योग का दखल और प्रभाव रोकने के लिए एक आचार संहिता लाएगी. लेकिन इसे आने में दस साल लग गए और आयी भी तो सिर्फ स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए. ये नीति एक तरह से खोदा पहाड़ निकला चूहा वाली कहावत को ही चरितार्थ करती दिखती है. आखिर इतना बड़ा उद्योग चलाने वाली शक्तियां क्या एक विभाग या एक मंत्रालय की मोहताज हैं?
वैसे भारत सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय की आचार संहिता विश्व स्वास्थ्य संगठन के फ्रेमवर्क कंवेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल (एफसीटीसी) को ध्यान में रखते हुए तैयार की है. भारत भी 181 देशों के साथ इस संधि में शामिल हैं. जानकारों का कहना है कि नयी आचार संहिता एक अच्छी शुरुआत है लेकिन इसका दायरा बढ़ाया जाना चाहिए और उद्योग जगत से होने वाली सरकारी प्रतिनिधियों की कथित अवश्यंभावी मुलाकातों की मंशा और स्वरूप जनहित में स्पष्ट और सार्वजनिक होना चाहिए.
रैंक में सुधार की चाहत के लिए
आचार संबंधी नीति बनाने के पीछे, वैश्विक तंबाकू उद्योग हस्तक्षेप सूचकांक में अपनी रैंक सुधारने की चाहत भी दिखती है. नवंबर में जारी हुए इस वर्ष के सूचकांक में भारत को 100 में से 61 अंक मिले हैं. 2019 में 69 अंक थे. जितने ज्यादा अंक होंगे उसका अर्थ है सरकारी कामकाज में तंबाकू उद्योग का उतना ज्यादा दखल. यानी एक लिहाज से देखें तो भारत के 61 नंबर इशारा करते हैं कि यहां सरकारी मशीनरी में तंबाकू उद्योग और उसकी लॉबी की अच्छीखासी आवाजाही है. भारत सरकार के प्रयासों की सराहना भी की गयी है. विशेषकर 2019 में ई-सिगरेट को भारत में बैन करने के कानून पर तंबाकू उद्योग की प्रतिक्रिया और दबावों के आगे न झुकने को लेकर.
सूचकांक में ऐसे कई उदाहरण भी दिए गए हैं जिनमें तंबाकू उद्योग के अधिकारियों के साथ भारत सरकार के अधिकारियों की मुलाकातें और बैठकें हुई हैं या सरकार का उद्योग से कुछ न कुछ गठजोड़ दिखा है. मिसाल के लिए सिगरेट-सिगार से लेकर अगरबत्ती-धूप तक बनाने वाली, विशालकाय आईटीसी लिमिटेड और अन्य तंबाकू कंपनियों में जीवन बीमा निगम के शेयर हैं. पूर्व सरकारी उच्चाधिकारी तंबाकू कंपनियों के बोर्डों में बतौर स्वतंत्र निदेशक मौजूद हैं जैसे पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव, पूर्व राजदूत मीरा शंकर आदि जिनका उल्लेख आईटीसी की वेबसाइट में भी देखा जा सकता है. बीड़ी पर जीएसटी जैसे करों की छूट के रूप में सरकार द्वारा तंबाकू उद्योग को हासिल उदारताओं का उल्लेख भी इंडेक्स में किया गया है.
एक तरफ मौत दूसरी तरफ कारोबार
इंडेक्स की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि पूरी दनिया में हर साल 80 लाख मौतों के लिए जिम्मेदार तंबाकू उद्योग ने कोविड-19 के दौरान भारत सहित पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर डोनेशन दिया, पीपीई किट से लेकर चिकित्सा उपकरण और हाईजीन उत्पाद तक बांटे. अब सीएसआर के नाम पर होने वाली कार्रवाइयों में आचार संहिता का पालन कैसे सुनिश्चित कराया जाएगा, सोचने की बात है.
तंबाकू-जनित मौतों और बीमारियों के आंकड़ों और उसके निषेध की कोशिशों के बावजूद ये उद्योग कामयाब है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में जिन 23 भारतीय उद्योगों का आकलन किया गया है उनमें तंबाकू उद्योग, अधिकतम वृद्धि दर के मामले में सातवें नंबर पर है. फरवरी 2020 में तंबाकू के फैक्ट्री आउटपुट में साढ़े पांच प्रतिशत की बढ़त पायी गयी है. अकेले तंबाकू उद्योग की वृद्धि कुल औद्योगिक उत्पादन की साढ़े चार प्रतिशत की ग्रोथ से अधिक है. भारतीय तंबाकू करीब 100 देशों में निर्यात किया जाता है. भारत आज दुनिया में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक और निर्यातक देश है.
अंतर्विरोधों के बीच पाबंदी की जद्दोजहद
तंबाकू के कारोबार और जन-स्वास्थ्य में हमेशा टकराव रहा है. उद्योग के पास अपार संपदा और शक्तिशाली ढांचा है और सरकारी नियमों, अंतरराष्ट्रीय दोतरफा निवेश संधियों, कॉरपोरेट संपत्ति अधिकारों और स्वायत्तता की आड़ में तंबाकू निषेध की आवाजों को दबाने की कोशिशों के आरोप उस पर रहे हैं. तमाम कानूनों, अदालती आदेशों और सरकार की समय समय पर हिदायतों के बावजूद इस मामले में धूम्रपान विरोधी संगठनों के जागरूकता अभियान भी नाकाम से रह जाते हैं. मिसाल के लिए सिगरेट बीड़ी गुटखा आदि के पैकेटों पर चेतावनी की भाषा और प्रस्तुति में बहुत से बदलाव किए गए हैं, उन्हें गंभीर से गंभीर बनाने की कोशिश की गयी है, उनके दाम भी कमोबेश हर साल बढ़ते ही रहे हैं, सरकार द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान की पाबंदी और दंड आदि की व्यवस्थाएं भी हैं, लेकिन तंबाकू उद्योग के व्यापार और लाभ में कोई निर्णायक या उल्लेखनीय गिरावट नहीं देखी गयी है. ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के एक अनुमान के मुताबिक देश के साढ़े 27 करोड़ यानी 15 साल से ज्यादा उम्र के साढ़े 28 प्रतिशत लोगों को ध्रूमपान की लत है.
सरकार में भी तंबाकू को लेकर अंतर्विरोध दिखते हैं. कृषि मंत्रालय के पास तंबाकू किसानों को अन्य फसल या वैकल्पिक जीवनयापन के लिए योजनाएं हैं और तंबाकू के अवैध कारोबार पर राजस्व विभाग नियंत्रण रखता है. वहीं वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले तंबाकू बोर्ड का लाइन ऑफ ऐक्शन अलग है. परस्परविरोधी प्राथमिकताओं को देखते हुए सरकार इसका कोई सर्वमान्य हल निकालना होगा. हर समाधान और हर समझौते के केंद्र में तंबाकू किसानों, मजदूरों, छोटे कर्मचारियों और उनके परिवारों का मुकम्मल पुनर्वास हर कीमत पर शामिल होना चाहिए. तंबाकू के मरीजों और मृतकों के परिजनों पर भी ध्यान देने की जरूरत है, जिनमें से अधिकांश के पास इलाज के लिए पैसा नहीं होता. (dw.com)
चंडीगढ़, 28 दिसम्बर | हरियाणा पुलिस ने सोमवार को कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में एक अवैध हथियार निर्माण इकाई का भंडाफोड़ किया है, जहां से हथियार बनाने वाली मशीन को जब्त किया गया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह कार्रवाई यूपी के बरेली जिले के बहेरी के बाजार मोहल्ले के निवासी इस्ताक अहमद से पूछताछ के बाद की गई, जिसे सिरसा शहर में अवैध हथियारों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने अवैध इकाई का भंडाफोड़ किया।
पुलिस ने इकाई से 19 बट्स अवैध पिस्तौल, 10 बैरल, 19 स्प्रिंग्स, 20 स्क्रू, 3 ट्रिगर, एक अधूरी पिस्टल और अन्य सामान बरामद किया
पूछताछ के दौरान दो अन्य आरोपियों की पहचान की गई है।
इस मामले में अब तक 22 अवैध पिस्तौल, 72 जिंदा और खाली कारतूस की बरामदगी के साथ किंगपिन अहमद सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
एक खुफिया सूचना के आधार पर, पुलिस टीम ने 19 दिसंबर को दारा सिंह और अमरजीत सिंह को गिरफ्तार कर सिरसा में हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया। उसके रिमांड के दौरान पुलिस ने पंजाब के रहने वाले अवतार सिंह को हिसार के एक होटल से पांच अवैध पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया।
बाद में अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 दिसंबर | देश के समुद्री तटों को साफ-सफाई सहित कई पैमानों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने की दिशा में केंद्र सरकार का पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय जुटा है। आठ समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग टैग मिलने के बाद अब सौ और तटों के लिए काम शुरू हुआ है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सोमवार को वर्चुअल रूप से देश के आठ उन समुद्री तटों पर अंतरराष्ट्रीय ब्लू फ्लैग फहराया, जिन्हें बीते छह अक्टूबर को यूएनईपी,यूनेस्को जैसे संगठनों वाले अंतरराष्ट्रीय निर्णायक मंडल ने टैग के लिए चुना था। ब्लू फ्लैग उन समुद्र तटों को मिलता है, जहां स्वास्थ्य साफ-सफाई और पर्यावरण से जुड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर के 33 कठोर मानकों का पालन होता है। यह प्रतिष्ठित टैग डेनमार्क के फाउंडेशन फॉर एनवायरमेंट एजूकेशन की ओर से दिया जाता है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने समुद्र तटों की सफाई को जनांदोलन बनाने की जरूरत बताई।
भारत ने अगले तीन वर्षों में सौ और समुद्री तटों के लिए प्रतिष्ठित ब्लू फ्लैग टैग प्राप्त करने का लक्ष्य तय किया। राज्य और केंद्र सरकारों के साथ लोगों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए जावडेकर ने कहा कि स्वच्छ समुद्री तट इस बात का संकेत देते हैं कि तटीय पर्यावरण की सेहत अच्छी है और ब्लू फ्लैग प्रमाण-पत्र भारत के संरक्षण तथा स्थायी विकास प्रयासों को वैश्विक मान्यता है।
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, "आने वाले 3-4 वर्षों में ऐसे और 100 समुद्री तट ब्लू फ्लैग वाले बनाए जाएंगे। समुद्री किनारों की साफ-सफाई को न केवल सौंदर्य और पर्यटन संभावनाओं की दृष्टि से बल्कि समुद्री गंदगी कम करने और तटीय पर्यावरण को स्थायी बनाने के महत्व को देखते हुए जन आंदोलन बनाया जाना चाहिए।"
जिन स्थानों पर इंटरनेशनल ब्लू फ्लैग फहराए गए उनमें केरल का कप्पड, गुजरात का शिवराजपुर, दीव का घोघला, कर्नाटक का कसरकोड तथा पदुबिदरी, वहीं आंध्र प्रदेश का रूशिकोन्डा, ओडिशा का गोल्डेन और अंडमान तथा निकोबार दीव समूह के राधानगर शामिल हैं। इन समुद्री तटों पर ब्लू फ्लैग संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से फहराए गए। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 दिसंबर | प्याज की सभी किस्मों पर निर्यात प्रतिबंध एक जनवरी, 2021 से हटा दिया जाएगा। राष्ट्रीय व्यापार निदेशालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, अब प्याज की किस्मों 'बेंगलोर रोज' और 'कृष्णपुरम' के निर्यात पर लगा प्रतिबंध एक जनवरी से हट जाएगा।
सामान्य प्याज के अलावा इन किस्मों के कटे हुए प्याज या इनका पाउडर भी निर्यात किया जा सकेगा।
सितंबर में केंद्र ने घरेलू कीमतों में वृद्धि के कारण प्याज के निर्यात को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया था।
सितंबर में जारी संशोधित नीति के तहत, बेंगलोर रोज और कृष्णपुरम प्याज सहित सभी किस्मों का निर्यात प्रतिबंधित कर दिया गया था, जिसमें कटे हुए या पाउडर रूप में प्याज शामिल था।
हालांकि, सरकार ने अक्टूबर में कुछ प्रतिबंधों में ढील दी थी। (आईएएनएस)
दीपक शर्मा
नई दिल्ली, 28 दिसंबर | मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी का कहना है कि विपक्षी दल भले ही किसानों का समर्थन कर रहे हों, लेकिन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में उनकी कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है।
येचुरी ने सभी विपक्षी दलों के रुख की वकालत करते हुए आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, "संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले 200 से अधिक किसान संगठन आए हैं और वे कॉर्पोरेट को फायदा पहुंचाने वाले कृषि कानूनों का पिछले कई महीनों से विरोध कर रहे हैं। हम एसकेएम के साथ हैं, लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि पूरा आंदोलन किसान ही कर रहे हैं, हम नहीं।"
येचुरी ने कहा कि बेहतर होगा कि सरकार चल रही बातचीत के विफल होने पर विपक्ष पर निशाना साधने के बजाय उनके (एसकेएम) के साथ मुद्दे का हल करे।
माकपा नेता ने किसान यूनियनों और मोदी सरकार के बीच बढ़ते गतिरोध पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहित लगभग सभी विपक्षी नेता चाहते हैं कि कृषि कानूनों पर यह गतिरोध तुरंत खत्म होना चाहिए।
उन्होंने कहा, "बार-बार विफलताओं (वार्ता की) से ग्रामीण भारत में अशांति बढ़ेगी। हम वास्तव में हजारों वृद्ध किसानों के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं, जो राजधानी की सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं। ठंड में ठिठुरने से अब तक 40 किसानों की मौत हो चुकी है। इसलिए इस गतिरोध को खत्म किया जाना महत्वपूर्ण है। मेरा अनुरोध है कि सरकार को सभी हितधारकों को बुलाना चाहिए। उनके साथ खुले तौर पर मुद्दों पर चर्चा करें और उनकी मांगों को स्वीकार करें।"
येचुरी ने यह भी कहा कि इसके अलावा सरकार संसद का सत्र बुला सकती है, कृषि कानूनों पर चर्चा की जा सकती है और आपत्ति वाले हिस्सों को हटाते हुए किसानों की मांगों अनुरूप नए कानून लाए जा सकते हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सुप्रीमो शरद पवार के नेतृत्व में विपक्ष का एकजुट मोर्चा बनाने के शिवसेना के आह्वान का समर्थन करते हुए, माकपा नेता ने कहा कि हालांकि वह शिवसेना के इस इशारे का समर्थन करते हैं, लेकिन नेता सर्वसम्मति से चुना जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, "शरद पवार वर्तमान स्थिति में सबसे सक्षम नेताओं में से एक हैं, लेकिन एक बार सभी दल एक ही छत के नीचे आएंगे तो नेता का फैसला किया जा सकता है। फिर भी, मैं यह कहना चाहूंगा कि देश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति में एक मजबूत और उद्देश्यपूर्ण विपक्ष की जरूरत है।"
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ एक कमजोर विपक्ष के तौर पर दिखाई दे रही है, कॉमरेड येचुरी ने कहा कि बहुत हद तक यह सच्चाई है। उन्होंने कहा, "हम सभी चाहते हैं कि एक मजबूत कांग्रेस का मतलब बहुत मजबूत विपक्ष होगा। लेकिन मैं किसी पार्टी के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी नहीं कर सकता।"
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को अकेली छोड़ देने और कांग्रेस के साथ माकपा के गठबंधन पर सीताराम येचुरी ने कहा, "हमारा प्राथमिक उद्देश्य भाजपा को अगले साल बंगाल में सरकार बनाने से रोकना है।"
उन्होंने कहा, "वास्तव में भाजपा तो पूरी तरह से चाहती है कि ममता हमसे जुड़ें। लेकिन हमें एहसास है कि ममता के खिलाफ एक विशाल सत्ता-विरोधी लहर हमारी संभावनाओं को बाधित करेगी। इसलिए हमने फैसला किया कि सभी वामपंथी दल और कांग्रेस ममता को छोड़कर एक मोर्चे के रूप में चुनाव लड़ेंगे। हमें लगता है कि इस तरह की त्रिकोणीय लड़ाई भाजपा के खिलाफ अधिक प्रभावशाली होगी।" (आईएएनएस)
रांची, 28 दिसंबर | झारखंड में सोमवार को 10 लाख के इनामी दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। उनमें से एक पुलिस अधीक्षक की हत्या में शामिल था। पुलिस ने उनके पास से दो इंसास राइफलें, दो एसएलआर, तीन राइफलें, ढेर सारी कारतूस, 1,000 डेटोनेटर और बम जब्त किए।
संथाल परगनाणा रेंज के डीआईजी सुदर्शन मंडल ने कहा, "2013 में पाकुड़ के एसपी अमरजीत बलिहार की हत्या में शामिल सुधीर उर्फ सुलेमान किस्कू को गिरफ्तार किया गया। साथ ही प्रशांत दा उर्फ छुटका मांझी उर्फ सूरज दा को भी गिरफ्तार किया गया। दोनों के सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम है।"
सुधीर दुमका और राज्य के अन्य हिस्सों में सक्रिय था। (आईएएनएस)
भुवनेश्वर, 28 दिसंबर | कोरोनावायरस के नए मामलों के बीच ब्रिटेन से लौटे अधिकतम 62 यात्रियों की तलाश अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। एक अधिकारी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। हालांकि सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्रा ने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है, क्योंकि इन 62 लोगों ने अपने क्वारंटाइन की अवधि पूरा कर ली है।
मिश्रा ने कहा, "हम उन्हें ट्रेस करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जा सके।"
उन्होंने कहा कि 30 नवंबर से 21 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से ओडिशा में कुल 181 यात्री लौटे हैं। इनमें से 119 लोग कोविड-19 की जांच में से होकर गुजरे हैं और छह वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। (आईएएनएस)
पटना, 28 दिसंबर | केंद्रीय मंत्री और बिहार के बक्सर के सांसद अश्विनी कुमार चौबे कोरोना पजिटिव हो गए हैं। उन्होंने खुद इसकी जानकारी अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से शेयर की। केंद्रीय मंत्री ने सोमवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा है, "कोरोना के शुरूआती लक्षण दिखने पर मैंने टेस्ट करवाया और रिपोर्ट पजिटिव आई है। मेरी तबीयत ठीक है, डॉक्टर्स की सलाह पर होम आइसोलेशन में सभी दिशा-निर्देशों का पालन कर रहा हूं।"
उन्होंने आगे लिखा है, "मेरा अनुरोध है, जो भी लोग गत कुछ दिनों में संपर्क में आए हैं, कृपया खुद को आइसोलेट कर अपनी जांच करवा लें।"
उल्लेखनीय है कि बिहार के कई भाजपा नेता इससे पहले भी कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने कोरोना को मात दे दी।
गौरतलब है कि बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार वृद्घि हो रही है। राज्य में सोमवार को कोरोना के नए 309 मरीजों के सामने आने के बाद कोविड 19 से संक्रमित लोगों की संख्या 2,51,304 तक पहुंच चुकी है। हालांकि इसमें 2,45,305 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। राज्य में फिलहाल कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 4612 है। (आईएएनएस)