राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेता के सिख सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किए जाने के मामले में डीएसजीएमसी का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मिलने कोलकाता पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से सिख सुरक्षा गार्ड की रिहाई और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करेगा। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल दोपहर 12:30 बजे कोलकाता पहुंचा और फिर गिरफ्तार किए गए सुरक्षा गार्ड बलविंदर सिंह से मिलने के लिए हावड़ा पुलिस स्टेशन गया। इस प्रतिनिधिमंडल के शाम 4 बजे राजभवन में राज्यपाल से मिलने की योजना है।
सिरसा ने आईएएनएस को बताया, "हम चाहते हैं कि बलविंदर सिंह को रिहा किया जाए और उन पर हमला करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।"
बलविंदर सिंह का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें गुरुवार को कोलकाता की पुलिस भाजपा के युवा मोर्चा द्वारा आयोजित एक विरोध मार्च के दौरान उनकी पगड़ी हटा रही है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। सिंह भाजपा नेता प्रियांशु पांडेय के निजी सुरक्षा गार्ड हैं। पुलिस द्वारा धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले ऐसे बर्ताव की भाजपा नेताओं समेत कई लोगों ने निंदा की है।
खबरों के मुताबिक, बलविंदर सिंह के पास से 9 एमएम की एक पिस्तौल जब्त की गई है, जिसके लाइसेंस की वैधता अगली जनवरी तक है।
-आईएएनएस
अमिता वर्मा
लखनऊ, 11 अक्टूबर| कोई इसे संयोग कह रहा है, कोई इसे नियति कह रहा है, लेकिन दोनों इसे अपने लिए एक जॉब कह रहे हैं।
दो वकील, जिन्होंने दिल्ली में निर्भया केस लड़ा था। अब हाथरस केस में भी एक-दूसरे के आमने-सामने हैं।
सीमा कुशवाहा, जिन्होंने निर्भया केस में पीड़िता के परिवार की तरफ से केस लड़ा। अब हाथरस पीड़ित परिवार की वकील हैं।
कुश्वाहा ने आईएएनएस से रविवार को कहा, "एक वकील के तौर पर काम करने के अलावा, मैं समाजसेवा भी करती हूं। मुझे 26 सितंबर को घटना की जानकारी मिली और तब से मैं परिवार के संपर्क में हूं। मैं 29 सिंतबर को पीड़िता के पास गई थी, लेकिन दुर्भाग्यवश, मेरे मिलने से पहले ही पीड़िता की मौत हो गई। मैं हाथरस पीड़िता के परिवार के संपर्क में हूं।"
इस संयोग के बारे में पूछे जाने के बाद कि वह उसी वकील के खिलाफ केस लड़ेगी, जिसके खिलाफ उन्होंने निर्भया मामले में केस लड़ा था।
सीमा ने कहा, "संयोग यह है कि मैं पीड़ितों खासकर के महिलाओं के केस अपने हाथ में लेती हूं। वह पुरुषों के समर्थन में केस लड़ते हैं। यह जेंडर का मामला है।"
चारों आरोपियों के लिए केस लड़ने वाले वकील ए.पी. सिंह ने पत्रकारों से कहा कि उनका काम उनके क्लाइंट के लिए लड़ना है और यह सुनिश्चित करना है कि निर्दोष लोगों को सजा न मिले। ए.पी. सिंह ने यह केस अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के आग्रह के बाद अपने हाथ में लिया है। चारो आरोपी ठाकुर समुदाय के हैं।
ए.पी. सिंह ने इससे पहले निर्भया के आरोपियों और बाबा राम रहीम का बचाव किया है और अब हाथरस केस में कथित आरोपियों की तरफ से केस लड़ेंगे।
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि वह महज लोकप्रियता हासिल करने के लिए विवादास्पद केस अपने हाथ में लेते हैं।
उन्होंने कहा, "जब तक कोर्ट में सिद्ध नहीं हो जाता, कोई आरोपी नहीं है। मैं यह निर्णय करने वाला कोई नहीं हूं कि क्या सही है और क्या गलत है। मैं केवल अपना काम करता हूं।"
सीमा कुश्ववाहा से कोर्ट में एक बार फिर सामना होने पर सिंह ने कहा, "यह अच्छा है कि हम दोनों एक बार फिर अपने तथ्यों को पेश करेंगे। वह मेरी छोटी बहन जैसी है।"
वहीं सीमा ने कहा कि कोर्ट में मामले की सुनवाई दिल्ली में करने को लेकर अपील करेंगी। वहीं उन्होंने कहा कि परिवार भी यही चाहता है।
--आईएएनएस
हितेश टिक्कू
लंदन, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| पंजाब के किसानों के समर्थन में एक कार रैली आयोजित कर कोविड-19 प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के आरोप में भारतीय मूल के एक ब्रिटिश सिख पर 10,000 पाउंड का जुमार्ना लगाया गया है।
नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे भारत के किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए दीपा सिंह (39) पर साउथॉल में कार, ट्रैक्टर, टेम्पो और मोटरबाइकों पर लगभग 4,000 लोगों द्वारा रैली निकाले जाने के लिए 4 अक्टूबर को जुमार्ना लगाया गया। रैली से सड़कों पर जाम की स्थिति बन गई थी।
दीपा ने कहा, "जुर्माना जाहिर तौर पर 28 दिनों के भीतर मेरे पास भेजा जाएगा। मेरे वकील इसके खिलाफ लड़ेंगे।"
उन्होंने कहा, "पुलिस शुरू में मेरे पास आई और मुझे चेतावनी दी कि मैं कोरोनोवायरस कानून का उल्लंघन कर रहा हूं क्योंकि यह राजनीतिक नहीं था और यह एक बड़ी सभा थी। यह फिर भी आगे बढ़ गया। फिर एक घंटे में वे मेरे पास आए और मुझे गाड़ी से बाहर निकलने के लिए कहा और जुर्माना लगा दिया।"
दीपा ने कहा, "पुलिस कह रही है कि यह राजनीतिक नहीं है, लेकिन पूरे भारत में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और सैकड़ों आत्महत्या कर रहे हैं। यह कैसे राजनीतिक नहीं है? जब मैं 1984 और खालिस्तान की बात करता हूं तो मैं कैसे राजनीतिक नहीं हो सकता? एक सिख होना आपको राजनीतिक बनाता है।"
उन्होंने कहा कि ब्लैक लाइव्स मैटर्स के लिए विरोध प्रदर्शन हुआ और उनसे 10,000 पाउंड का जुर्माना नहीं वसूला गया। सभी पाकिस्तानियों ने साउथहॉल की गलियों में ईद मनाई और उन पर जुमार्ना भी नहीं लगाया गया। वे सिखों को निशाना बनाते दिख रहे हैं।
दीपा ने कहा, "मैं आनंदपुर साहिब संकल्प के साथ खड़ा हूं। किसान उचित दाम न मिलने के कारण विरोध कर रहे हैं। इसने पंजाब में हमारे भाइयों और बहनों को साहस और ताकत दी है।"
नेशनल सिख यूथ फेडरेशन के शमशेर सिंह ने कहा, "हमारी सिख मातृभूमि के किसानों और मजदूरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए रैली का आयोजन किया गया था, जहां किसान भेदभावपूर्ण वाले नए कानूनों का विरोध कर रहे हैं, जो बाजारों और जमीनों का नियंत्रण कार्पोरेशन को देते हैं।"
उन्होंने कहा, "हमें नहीं पता कि उन्होंने दीपा पर किस आधार पर जुमार्ना लगाया। पुलिस अपने निदेर्शो को लेकर स्पष्ट नहीं थी और हमारे लिए यातायात को अवरुद्ध नहीं किया और किसी भी तरह से मददगार नहीं थी।"
मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, "4 अक्टूबर को साउथहॉल में हुए एक विरोध प्रदर्शन के संबंध में हेल्थ प्रोटेक्शन रिलेशंस 2020 को भंग करने के लिए एक व्यक्ति पर 10,000 पाउंड का जुर्माना लगाया गया है।"
प्रवक्ता ने कहा कि कोरोनोवायरस कानून के तहत विरोध प्रदर्शन की छूट नहीं दी जा रही है। आयोजकों को एक पूर्ण जोखिम मूल्यांकन करना चाहिए और वायरस के संचरण को सीमित करने के लिए सभी कदम उठाने चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसका पालन किया जाए।
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि केंद्र की स्वामित्व योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोग 'आत्मनिर्भर' बनेंगे। मोदी ने सर्वे ऑफ विलेजेज एंड मैपिंग विद इम्प्रोवाइज्ड टेक्नॉलोजी इन विलेज एरिया (स्वामित्व) योजना का उद्घाटन किया, जिसके अंतर्गत प्रापर्टी के कार्ड का फिजिकल वितरण किया जाएगा। इस मौके पर देश को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रॉपर्टी कार्ड देश के प्रत्येक गांवों में पहुंचे।"
उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड इसके स्वामी में आत्मविश्वास की बढ़ोतरी करेगा और निवेश के नए द्वार खोलेगा।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि स्वामित्व योजना ग्राम पंचायतों को ताकत प्रदान करेगा और गांवों में जमीनों के आसान प्रबंधन को बढ़ावा देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, "दशकों से गांवों के करोड़ों परिवार के पास अपना घर नहीं था। आज गांव में करीब दो करोड़ गरीब परिवारों को पक्का घर मिला है।"
मोदी ने कहा कि इस योजना से ऐतिहासिक बदलाव आएगा। उन्होंने कहा, "आज आप लाभार्थियों के पास अधिकार है, एक वैध दस्तावेज हैं कि आपका घर आपका ही है।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "आपके प्रॉपर्टी के रिकार्ड से, आपको बैंक से आसानी से लोन मिल जाएगा।"
लाभार्थियों से संवाद करते हुए, उन्होंने पूछा कि क्या उनके जमीन में अब कोई विवाद है, जिसके जवाब लाभुकों ने ना के रूप में दिया।
स्वामित्व योजना को प्रधानमंत्री ने अप्रैल में लांच किया था, ताकि ग्रामीण आबादी अपने प्रॉपर्टी का प्रयोग एक वित्तीय संसाधन के रूप में कर पाए और ग्रामीण संपत्तियों का एक डेटाबेस तैयार हो सके।
गुरुग्राम, 11 अक्टूबर (आईएएनएस) हरियाणा में महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू, उनके भाई शिवराज कुंडू और उनकी कंपनी के अधिकारियों मोहम्मद हाशिम और वीके लांबा पर शहर के एक निवासी की शिकायत पर 14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। यह जानकारी पुलिस ने दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सेक्टर 51 के परिवर्तन सिंह की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता के धारा 420, 467, 468 और 506 के तहत मामला दर्ज करने की पुष्टि की है।
शिकायत में कहा गया कि सेक्टर 50 के निर्वाण कंट्री के बलराज और उनके भाई शिवराज और कंस्ट्रक्शन कंपनी केसीसी बिल्डकॉन के दो अधिकारियों ने उन्हें मध्य प्रदेश में 75 करोड़ रुपये की सड़क निर्माण परियोजना का कॉन्ट्रैक्ट दिया था।
शिकायतकर्ता के अनुसार, सौदे के बाद उनकी कंपनी ने 26 सितंबर, 2017 को काम शुरू किया और सितंबर 2020 तक लगभग 55 प्रतिशत परियोजना पूरी कर ली। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी ने केसीसी बिल्डकॉन को कुल 41 करोड़ रुपये के बिल भेजे थे, लेकिन उन्हें कथित रूप से भुगतान सिर्फ 27 करोड़ रुपये का किया गया।
परिवर्तन सिंह ने कहा कि उन्होंने चारों से कई बार 14 करोड़ रुपये देने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि विधायक ने अपने ओहदे और शक्ति का इस्तेमाल करते हुए उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
परिवर्तन सिंह द्वारा मामले की सूचना देने के बाद पुलिस ने शिकायत की जांच की। सेक्टर 50 पुलिस स्टेशन के एसएचओ सुरेंद्र सिंह ने कहा, "आईपीसी के तहत शनिवार देर रात मामला दर्ज किया गया था। मामले की जांच जारी है।"
संदीप पौराणिक
भोपाल, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव में टिकाऊ बनाम बिकाऊ , खुद्दार बनाम गद्दार के बाद अब नारियल पर ही तकरार तेज हो गई है। इस मसले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ आमने-सामने आ गए हैं।
राज्य में 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को उप-चुनाव होने वाले हैं जिसको लेकर राज्य में चुनावी शोर जोर पकड़ रहा है और भाजपा तथा कांग्रेस एक दूसरे को घेरने की हर संभव कोशिश कर रही हैं। अब तक टिकाऊ बनाम बिकाऊ , खुद्दार बनाम गद्दार, किसान कर्ज माफी और धोखा जैसे नारे गूंज रहे थे और एक दूसरे पर हमले किए जा रहे थे, तो अब बात नारियल पर आ गई है। इसकी शुरुआत हुई पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बयान से जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान द्वारा लोकार्पण और शिलान्यास किए जाने पर तंज कसा था और कहा था कि शिवराज सिंह चौहान दोनों जेबों में नारियल डाल कर चलते हैं।
कमल नाथ के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री चौहान हमलावर हुए। उनका कहना है, नारियल हमारी संस्कृति और संस्कार है। हर पवित्र कार्य के लिए नारियल का उपयोग किया जाता है। हम वैसे ही नारियल नहीं लेकर चलते, कांग्रेस और कमल नाथ की सरकार ने जिन विकास कार्यों को ठप कर दिया था उन कार्यों का सिर्फ शिलान्यास ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि 13 हजार सड़कों का लोकार्पण किया जो कोविड-19 में बनीं। वह रोते थे कि पैसे नहीं हैं और अब जब विकास कार्य हो रहे हैं तो तकलीफ होती है और कह रहे हैं कि नारियल लेकर चलते हैं। नारियल पवित्रता का प्रतीक है और जब हम पूजा करते हैं तो नारियल भगवान को चढ़ाते हैं, नारियल सेवा का प्रतीक है हम नारियल लेकर चलते हैं कोई शैंपेन की बोतल लेकर तो नही चलते।
शिवराज के इस बयान के जवाब में कमल नाथ ने कहा, शिवराज सिंह चौहान, आपने ठीक कहा कि नारियल पवित्रता का प्रतीक है, सेवा का प्रतीक है, इसका उपयोग हम पूजा में करते हैं इसीलिए तो मैं कहता हूं कि आप झूठे चुनावी नारियल फोड़कर पवित्रता के प्रतीक इस नारियल का मजाक मत उड़ाइये। इसे गुमराह व भ्रमित करने वाली राजनीति का हिस्सा मत बनाइये।
कमल नाथ ने आगे कहा, मुझे खुशी होती यदि आप 15 वर्ष जेब में नारियल लेकर चलते लेकिन आप तो सिर्फ चुनाव के समय ही नारियल लेकर चलते हैं और उसे कहीं भी फोड़ देते हैं, इससे मुझे आपत्ति है। जिन 13 हजार किलोमीटर की सड़कों के लोकार्पण का आप जिक्र कर रहे हैं, जरा प्रदेश की जनता को यह भी बता दीजिये, क्या यह सड़कें आपकी सरकार ने बनायी है, क्या इसकी शुरुआत आपने की थी?
राजनीतिक विश्लेषकों कहना है कि, विधानसभा के उप-चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इस चुनाव के नतीजे सत्ता में बदलाव तक ला सकते है, इसके चलते दोनों ही दल मतदाता को लुभाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं, इसके लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। यही कारण है कि जिन मुददों का जनता से ज्यादा सरोकार नहीं है वे नारे हवा में तेजी से तैर रहे है। मतदाताओं कंो भावनात्मक रुप से लुभाने की कोशिश हो रही है, दोनों ही दल मतदाताओं को यह बता रहे हैं कि वो उनके सबसे बड़े हमदर्द हैं। मतदाता इन नारों से कितना प्रभावित होता है यह तो नतीजे ही बताएंगे।
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| केंदीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को कहा कि उसने हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में केस दर्ज कर लिया है और जांच अपने हाथ में ले लिया है। सीबीआई ने पीड़िता के भाई की शिकायत पर मामला दर्ज किया, जिसने आरोप लगाया था कि एक आरोपी ने 14 सितंबर को बाजरा के खेत में उसकी बहन का गला घोंटने की कोशिश की थी।
केस की जांच पहले उत्तर प्रदेश पुलिस कर रही थी। सीबीआई ने यह जांच अपने जिम्मे उत्तरप्रदेश सरकार के आग्रह और उसके बाद केंद्र सरकार की अधिसूचना के फलस्वरूप लिया है।
सीबीआई ने कहा कि उसने केस की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है।
पीड़िता की 29 सितंबर को दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। इससे एक पखवाड़े पहले गांव में ही ऊंची जाति के चार लोगों ने कथित रूप से उसके साथ दुष्कर्म किया था। हाथरस पुलिस ने 30 सितंबर को पीड़िता के शव को आनन-फानन में जला दिया था, जिसकी वजह से यूपी सरकार को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी।
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने अगस्त तक 'भारतमाला योजना' के तहत 12,413 किलोमीटर सड़कों के निर्माण के लिए कुल 322 परियोजनाओं को शुरू किया। रविवार को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई। अगस्त तक, परियोजना के तहत 2,921 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की विस्तृत समीक्षा की है और 5,35,000 करोड़ रुपये के अनुमानित परिव्यय पर लगभग 34,800 किलोमीटर (10,000 किलोमीटर रेजिडुएल एनएचडीपी स्ट्रेच सहित) के विकास के लिए भारतमाला परियोजना फेज-1 स्कीम के लिए समग्र निवेश स्वीकृति प्रदान की है।
भारतमाला परियोजना राजमार्ग क्षेत्रों के लिए एक समावेशी कार्यक्रम है जो आर्थिक गलियारों, इंटर कॉरिडोर और फीडर रूट, राष्ट्रीय गलियारा क्षमता सुधार, सीमा और अंतर्राष्ट्रीय संपर्क सड़कें, तटीय और पोर्ट कनेक्टिविटी सड़कें और ग्रीन-फील्ड एक्सप्रेसवे के विकास के जरिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को पूरा करके देश भर में माल ढुलाई और यात्री गतिविधि को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
बागपत (उत्तर प्रदेश), 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| यमुना नदी में एक के बाद एक अब लगातार तीसरी बार एक साधु का शव तैरता हुआ मिला है। नेवादा गांव की यह घटना मेरठ और बागपत जिलों में हुई घटनाओं से मिलती-जुलती है, जहां दो साधुओं के शव ऐसे ही संदिग्ध परिस्थितियों में पाए गए थे।
पुलिस द्वारा शव को निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मृतक की पहचान की कोशिश जारी है। भगवा रंग के पोशाक में बरामद किया गया यह शव मध्यम आयु वर्ग का मालूम पड़ता है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उनकी मौत का कारण पता चलेगा।
24 सितंबर को जिले के टिकरी इलाके में स्थित एक तालाब में एक तपस्वी का शव पाया गया था। पुलिस की तरफ से मेरठ के सरधना क्षेत्र के ऊपरी गंगा नहर से एक और साधु के शव को बरामद किया गया। इन शवों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
इन मौतों के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने शनिवार को ट्वीट किया, "यमुना से एक साधु का शव मिला है। पिछले एक महीने में तीन ऐसे शव मिले हैं। उप्र में साधुओं पर अत्याचार खत्म नहीं हो रहे हैं, जंगल राज अपने सबसे बुरे स्तर पर है।"
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर | पूर्व रेलवे और केरल के लेफ्ट आर्म स्पिनर मणि सुरेश कुमार (47) अपने केरल के अलाप्पुझा में घर की छत से फंदे से लटके पाए गए। वह भारत के पूर्व अंडर-19 'टेस्ट' टीम में राहुल द्रविड़ के साथी रह चुके हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा है। मिली जानकारी के अनुसार, सुरेश की पत्नी और बेटे ने शुक्रवार शाम को उन्हें अपने बेडरूम के अंदर लटका पाया और पुलिस को इसकी सूचना दी।
केरल के एक पूर्व खिलाड़ी ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, "वे अच्छे क्रिकेटर थे। उनकी समस्या यह थी कि वह शराब के आदी थे। वह झगड़ा भी करते थे, हालांकि उनकी आर्थिक स्थिति स्थिर थी। यह आत्महत्या का मामला लगता है।"
सुरेश ने 1991-92 और 2005-06 के बीच 72 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 27.77 के औसत से 196 विकेट हासिल किए और साथ ही 1,657 रन बनाए, जिसमें एक शतक और सात अर्धशतक शामिल थे।
दक्षिणी रेलवे के एक अधिकारी सुरेश ने पहली बार 1991-92 में रणजी ट्रॉफी में केरल का प्रतिनिधित्व किया और फिर रेलवे में चले गए, जिसमें वह साल 1995-96 में कार्यरत थे। इसके बाद 1999-2000 से 2005-06 में अपने रणजी करियर के अंत तक उन्होंने फिर से केरल का प्रतिनिधित्व किया।
रणजी ट्रॉफी खेलने के अलावा, सुरेश ने दक्षिण क्षेत्र और मध्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए दिलीप ट्रॉफी भी खेली।
स्थानीय पुलिस ने कहा कि प्रथम ²ष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन इस मामले की जांच कर रहे हैं।
--आईएएनएस
हाथरस, 11 अक्टूबर | हाथरस में कथित रूप से दुष्कर्म की शिकार 19 वर्षीय लड़की के 'जबरन दाह संस्कार' पर बयान देने के लिए सोमवार को पीड़िता का परिवार इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के समक्ष पेश होगा। कथित रूप से सामूहित दुष्कर्म के बाद पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में दो हफ्ते बाद मौत हो गई थी।
लखनऊ पीठ ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है।
पीड़िता के बड़े भाई ने पत्रकारों को बताया, "हम में से पांच अदालत में पेश होंगे। प्रशासन ने हमसे पूछा था कि हमारे परिवार के कितने लोग 12 अक्टूबर को सुनवाई के लिए मौजूद होना चाहेंगे। मेरे पिता, माता, बहन, छोटा भाई और मैं अदालत में उपस्थित होंगे।"
उन्होंने कहा, "सोमवार को हमारे लखनऊ जाने के दौरान प्रशासन ने पूरी सुरक्षा देने का वादा किया है।"
हाईकोर्ट ने हाथरस के डिस्ट्रिक्ट जज से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि मृतका के परिवार के सदस्य अपने बयान दर्ज करा सकें कि क्या हुआ था। राज्य और जिले के अधिकारियों को भी परिवार के लिए जरूरी सभी मदद और सुरक्षा देने के लिए कहा गया है।
अदालत ने पीड़िता के अंतिम संस्कार के अगले दिन 1 अक्टूबर को कहा, "हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या मृतका और उसके परिवार के सदस्यों के मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ है। परिवार के किसी सदस्य की सहमति और मौजूदगी के बिना पीड़िता का देर रात 2.40 बजे अंतिम संस्कार कर दिया गया था।
अदालत ने मीडिया हाउस से भी कन्टेंट साझा करने के लिए कहा है जिसके आधार पर घटना की रिपोर्टिंग की गई थी।
उत्तर प्रदेश राज्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), डीजीपी, एडीजी (कानून और व्यवस्था), और हाथरस के जिलाधिकारी और सुपरिटेन्डेंट को जवाबदेह बनाया गया है।
इस बीच, लड़की के भाई ने कहा है कि परिवार को जब तक न्याय नहीं मिल जाता और यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि यह उसी की बहन की राख है, तब राख को विसर्जित नहीं करेगा।
--आईएएनएस
दिल्ली के बदरपुर के मोलड़बंद में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि जहरीली गैस से दम घुटने की वजह से दोनों लोगों की मौत हुई है। मृतकों में मकान मालिक भी शामिल हैं। वहीं, एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है।
खबरों के मुताबिक, मोलड़बंद में शनिवार शाम को चार मंजिला इमारत में सेप्टिक टैंक की सफाई का काम चल रहा था। तीन टैंक साफ कर लिए गए थे। चौथे टैंक को साफ करने के लिए सफाई कर्मी देवेंद्र उतरा। काफी देर तक सफाई कर्मी बाहर नहीं निकला। कुछ देर बाद उसे देखने के लिए ठेकेदार मनोज भी टैंक में उतर गए। काफी देर तक मनोज भी बाहर नहीं आए। दोनों को देखने के लिए मकान मालिक सतीश खुद टैंक के अंदर उतरे, लेकिन वो बाहर नहीं निकले और न ही किसी की कोई आवाज आई। मौके पर मौजूद लोगों ने इस संबंध में पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा के मुताबिक, मृतकों में मकान मालिक सतीश चावला और सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे मजदूर देवेंद्र शामिल हैं। देवेंद्र भी इसी इलाके में रहते थे। दोनों को टैंक से निकालकर अपोलो अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। वहीं, ठेकेदार का अस्पताल में इलाज जारी है।
पुलिस के अनुसार, शाम को उन्हें सूचना मिली की मोलड़बंद के एफ ब्लॉक की गली नंबर-1 में सेप्टिक टैंक में तीन लोग गिर गए हैं। सूचना मिलने के बाद मौके पर बदरपुर थाना पुलिस पहुंची। दमकल विभाग के लोगों को भी बुलाया गया। मौके पर पहुंची पुलिस की टीम को बताया गया कि टैंक से मनोज नाम के आदमी को निकालकर पास के एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया है। वहीं, दो लोग अंदर ही हैं। पुलिस के मुताबिक, टैंक में बेहोश पड़े देवेंद्र और सतीश को भी निकाला गया और अपोलो अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें बचाया नहीं जा सका।(navjivan)
मुंबई, 11 अक्टूबर | हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (एचबीएस) के नए डीन के रूप में श्रीकांत एम.दातार की नियुक्ति की खबर ने मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, नई दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में रहने वाले उनके दोस्तों, सहपाठी, फैकल्टी और सहकर्मियों को रोमांचित कर दिया है।
दुनिया के शीर्ष मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के डीन बनने पर इस 67 वर्षीय मुंबईकर के लिए बधाइयों की झड़ी लग गई है। दातार 1 जनवरी 2021 से इस पद को संभालेंगे।
आईआईएम-ए में दातार के बैचमेट रहे कंडास्वामी भारतन ने आईएएनएस को बताया, "श्रीकांत इस प्रतिष्ठित पद के लिए बेहद योग्य हैं। बल्कि उन्हें यह पद मिलने में देरी हुई है। हम सभी बहुत प्रसन्न और उत्साहित हैं और उनकी इस नई जिम्मेदारी के लिए उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।"
आईआईएम-ए में एलमनी और एक्सर्टनल रिलेशंस के डीन राकेश बसंत कहते हैं, "2018 के पहले 6 साल तक वे आईआईएम-ए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में थे और हम साथ में नियमित रूप से बैठकें करते थे। वह हमारे सबसे प्रसिद्ध पूर्व छात्रों में से एक हैं। वह एकेडमिक्स के अलावा अन्य गतिविधियों में भी बहुत सक्रिय रहे।"
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दातार की इस नई पोस्टिंग को 'महाराष्ट्र के लोगों के लिए गर्व का क्षण' बताया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि यह उपलब्धि दुनियाभर में मराठियों को प्रेरित करेगी।
दातार के सहपाठी भारतन ने कॉलेज के दिनों को याद कर कहा, "उन दिनों आईआईएम में 90 प्रतिशत से अधिक छात्र-छात्राएं तकनीकी बैकग्राउंड से आते थे, लेकिन हम दोनों गैर-तकनीकी क्षेत्रों से थे इसलिए यह हमारे लिए कठिन था। लेकिन अपनी प्रतिबद्धता से उन्होंने हर विषय में उत्कृष्टता हासिल की। वह हमेशा अन्य सहपाठियों को जटिल सिद्धांतों/सूत्रों को समझने में मदद करते थे।"
भारतन ने दातार के हर दिन योग करने, उनके पसंदीदा अंडे और ऑमलेट के नाश्ते और टेनिस के प्रति उनके का प्यार को भी याद किया। इसी तरह दातार को फिल्मों में भी खासी दिलचस्पी थी, लेकिन उनकी रुचि व्यावसायिक ²ष्टिकोण से थी।
भारतन ने बताया कि जब वे अपनी पत्नी पुष्पा के साथ 2014 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी गए तो बेहद व्यस्तता के बावजूद दातार ने उनसे मिलने के लिए आधे घंटे का समय निकाला।
बता दें कि 1953 में जन्मे दातार की पढ़ाई कैथ्रेडल और जॉन कॉनन स्कूल में हुई थी। इसके बाद वे सेंट जेवियर्स कॉलेज गए। चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के बाद उन्होंने टाटा एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज के साथ काम किया और टेल्को से भी जुड़े रहे। उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (1985) से बिजनेस (अकाउंटिंग) में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और कानेर्गी मेलन और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में शिक्षण भी किया। वह 1996 से एचबीएस में है, जिसका वह अगले साल से नेतृत्व करेंगे।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर | मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह इन दिनों सुर्खियों में हैं, क्योंकि उन्होंने हाल ही में विवादित टीआरपी घोटाले को लेकर बड़ा बयान दिया है। इसके बाद दो अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर दो एफआईआर दर्ज की गई है।
अब एक उनकी पत्नी का नाम एक कॉर्पोरेट प्लेयर के तौर पर सामने आया है, जिससे घटनाक्रम एक नया मोड़ ले रहा है। हालांकि उनकी पत्नी क्या करती हैं, इसमें कुछ भी गलत नहीं है, मगर यह स्पष्ट है कि 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह और उनकी पत्नी सविता एक शक्तिशाली युगल (पावरफुल कपल) हैं।
सविता परमबीर सिंह इंडियाबुल्स समूह की दो कंपनियों सहित आधा दर्जन से अधिक अग्रणी कंपनियों में एक निदेशक हैं। सविता सिंह मुंबई कार्यालय में रियल एस्टेट प्रैक्टिस ग्रुप में वकील, खेतान एंड कंपनी के साथ एक भागीदार (पार्टनर) हैं।
प्रोफाइल बायो के अनुसार, सविता ग्राहकों को जटिल रियल एस्टेट लेनदेन और इससे उत्पन्न होने वाले विवादों की सलाह देती हैं। मानक (अचल संपत्ति) लेनदेन संबंधी दस्तावेज के अलावा, वह न्यास विलेख (ट्रस्ट डीड), रिलीज डीड, गिफ्ट डीड और शीर्षक (टाइटल्स) आदि पर सलाह देने का काम करती हैं।
उनकी प्रोफाइल के अनुसार, उनके ग्राहकों में मालिक, खरीदार, डेवलपर्स, कॉर्पोरेट घराने, व्यक्ति, घरेलू निवेशक और विदेशी निवेशक शामिल हैं। सविता वाणिज्यिक और खुदरा परिसरों, मल्टीप्लेक्स, होटल, पुनर्विकास परियोजनाओं, रखरखाव अपार्टमेंट, एसईजेड, आईटी और आईटी-सक्षम सर्विस पार्कों और एकीकृत टाउनशिप परियोजनाओं एवं विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) से संबंधित लेनदेन में माहिर है। वह नियमित रूप से अपने प्रोफाइल के अनुसार होटल प्रबंधन अनुबंधों पर भी सलाह देती हैं।
सविता सिंह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर हैं और मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई से लॉ ग्रेजुएट हैं। वह बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा के साथ पेशेवर सहयोगी भी हैं। सविता सिंह वर्तमान में एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस और श्रेयस होम मैनेजमेंट के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) में भी शामिल हैं।
सविता सिंह को 28 मार्च, 2018 को इंडियाबुल्स प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक नियुक्त किया गया था। उन्हें 17 अक्टूबर, 2017 को यस ट्रस्टी लिमिटेड का निदेशक भी नियुक्त किया गया था। वह इंडियाबुल्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के निदेशक के रूप में भी सूचीबद्ध हैं और वह इंडियाबुल्स समूह का भी हिस्सा हैं। उन्हें सोरिल इंफ्रा रिसोर्सेज में एक निदेशक के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर | केंद्रीय रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि रेलवे ने ऑटोमाबाइल परिवहन में 2021-22 तक 20 प्रतिशत और 2023-24 तक 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। गोयल ने शनिवार को रेलवे के माध्यम से ऑटोमोबाइल लोडिंग को बढ़ावा देने के लिए ऑटोमोबाइल उद्योग के नेताओं से मुलाकात की।
रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्च र्स (सियाम), टाटा मोटर्स, हुंदै मोटर्स, फोर्ड मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, होंडा इंडिया और मारुति सुजुकी लिमिटेड के साथ ही ऑटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन ऑपरेटर्स, ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्च र्स एसोसिएशन (एटीएमए) के प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लिया।
प्रवक्ता ने कहा कि उद्योग के दिग्गजों ने पहल की सराहना की और राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के माध्यम से ऑटोमोबाइल के परिवहन की सुविधा के लिए रेलवे के साथ साझेदारी में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रेलवे मंत्रालय के अनुसार, रेलवे ऑटोमोबाइल के परिवहन में नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है।
रेलवे के जरिए कुल ऑटोमोबाइल का परिवहन 2013-14 में 429 रेक था, जो 2019-20 में बढ़कर 1,595 रैक हो गया है। इसके अलावा रेलवे ने चालू वर्ष के पहले छह महीनों में पिछले वर्ष में 731 रेक के मुकाबले ऑटोमोबाइल के 836 रेक लोड किए हैं।
बयान में कहा गया है, रेलवे का लक्ष्य 2021-22 के अंत तक 20 प्रतिशत हिस्सेदारी और 2023-24 तक 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करना है।
इस बातचीत के दौरान लोडिंग को बढ़ावा देने के लिए रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया गया। बयान में कहा गया कि रेलवे ने बांग्लादेश और नेपाल को ऑटोमोबाइल के निर्यात की भी अनुमति दी है।(आईएएनएस)
लखनऊ,11 अक्टूबर | उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा इलाके में कथित सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मौत के मामले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। मृत युवती की कथित भाभी की चर्चा काफी तेज हो गई है। इसी बीच नक्सली होने का आरोप लगने पर प्रोफेसर डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने मीडिया के सामने एक बयान जारी किया है। हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और मौत के बाद पीड़ित परिवार के घर रिश्तेदार बनकर पहुंचीं जबलपुर मेडिकल कॉलेज की सहायक प्रोफेसर राजकुमारी बंसल ने मामले में सफाई दी है। उन्होंने कहा, "मेरा पीड़ित परिवार से कोई रिश्ता नहीं है। मैं केवल इंसानियत के नाते हाथरस पीड़ित के घर गई थी।"
डॉ. राजकुमारी हाथरस कांड के बाद पीड़ित के घर पहुंची थी, बल्कि उन्होंने पीड़ित की भाभी बनकर मीडिया में भड़काऊ बयान भी दिए थे। राजकुमारी पर नक्सली होने का आरोप भी लगा था। घटना की जांच कर रही एसआईटी ने इस बात की खुलासा किया था। एसआईटी की टीम ड राजकुमारी की तलाश में जुटी है।
एसआईटी की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए राजकुमारी बंसल ने कहा कि किसी को भी लेकर बोलना और आरोप लगाना बहुत आसान होता है। एसआईटी की जांच पर महिला ने कहा कि इसका पहले सबूत पेश करें।
जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने कहा, "मुझे लगा कि मेरे नंबर के साथ टेंपरिंग की जा रही है। मैने फौरन साइबर पुलिस में रिपोर्ट की है। यह मेरे मान-सम्मान की बात है। कैसे मुझे नक्सली कहा गया। मैं तो वहां पर पीड़िता की फॉरेंसिक रिपोर्ट देखने गई थी। उस विषय की मैं एक्सपर्ट हूं। मैंने भाभी बनकर कभी कोई भी इंटरव्यू नहीं दिया। मैं बेटी हूं।"
आरोप है कि एक महिला घूंघट ओढ़कर पुलिस और एसआईटी से बातचीत कर रही थी। वह पीड़िता के ही घर में रहकर वह परिवार के लोगों को कथित रूप से भड़का रही थी। पीड़िता की भाभी बनकर रहने वाली नक्सली एक्टिविस्ट महिला की कॉल डिटेल्स में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं।
ज्ञात हो कि कथित दुष्कर्म के बाद दलित युवती की मौत के मामले की जांच कर रही एसआइटी टीम की जांच में सामने आया है कि हाथरस के 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर भाभी ने बड़ी साजिश रची। भाभी के नक्सली कनेक्शन का अंदेशा लगाया जा रहा था। (आईएएनएस)
पटना, 10 अक्टूबर | बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच अब बयानबाजी तेज हो गई है। इसी क्रम में भाजपा के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को कांग्रेस को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से गठबंधन करने के लिए आड़े हाथों लिया। मोदी ने कहा कि बिहार में कांग्रेस ने लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के राज की पालकी ढोई है। उन्होंने कहा कि साथ ही कांग्रेस बिहार में राजद के बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से लेकर पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव तक के जघन्य अपराधों पर चुप रही है।
सुशील मोदी ने कहा, "सोनिया-राहुल की पार्टी महाराष्ट्र के पालघर में पुलिस की मौजूदगी में साधुओं की हत्या, राजस्थान के करौली (जयपुर) में पुजारी को जिंदा जलाया जाना व बारां में नाबालिग से दुष्कर्म की घटनाओं पर भी बोलने का साहस नहीं कर सकी है।"
उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस ने जिन मुद्दों पर चुप्पी साधी और जैसे लोगों को टिकट दिया, उसके बाद उनके गठबंधन का वैचारिक दिवालियापन जाहिर हो गया है।
उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस अगर कोई घोषणापत्र लाना चाहती है, तो उससे पहले बताए कि उसने बिहार में खेती, व्यापार और उद्योग को चौपट कर महापलायन के लिए लाखों लोगों को मजबूर करने वाली राबड़ी सरकार का समर्थन क्यों किया था?
उन्होंने कहा, "क्या राजद के साथ रहते हुए वह पलायन की दिशा पलटने वाला रोडमैप लागू कर सकती है?"
भाजपा नेता ने कांग्रेस से सवाल करते हुए पूछा, "कांग्रेस शासित राजस्थान और महाराष्ट्र में कोरोना काल में फंसे बिहार के लोगों के साथ बदसलूकी क्यों हुई? क्या कांग्रेस किसान सम्मान निधि और गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने वाली योजना को बिहार में लागू करने से रोक देगी?"
उन्होंने कहा कि महागठबंधन को घोषणापत्र नहीं, बिहार पर श्वेतपत्र जारी करना चाहिए।(आईएएनएस)
लखनऊ, 11 अक्टूबर | राजस्थान में करौली जिले के बूकना गांव में दबंगों द्वारा मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने को लेकर उत्तर प्रदेश के योगी सरकार के मंत्रियों ने कांग्रेस पर हमला बोला। कहा कि क्या राहुल या प्रियंका गांधी करौली भी जाएंगे? हाथरस कांड के बाद हाथरस पहुंचे राहुल-प्रियंका को लेकर मंत्रियों ने तंज कसा और कहा कि क्या राहुल या प्रियंका गांधी करौली भी जाएंगे। सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने एक ट्वीट में लिखा- "राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा करौली (राजस्थान) जा रहे हैं? किसी ने सुना तो जरूर बताना।"
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी राजनीति करने हाथरस आ गए थे। वे कांग्रेस की सरकार वाले राज्यों में साधु-संतों की हत्या पर खामोश क्यों हैं?
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या कांग्रेस के अन्य नेता किसी साधु-संत की हत्या या उनके साथ हो रही लगातार क्रूर घटनाओं पर उनके घर नहीं जाते। किसी को खरोंच भी आ जाए और पता चल जाए कि वह अल्पसंख्यक समुदाय का व्यक्ति है तो पूरी कांग्रेस पार्टी ही उसके घर पहुंच जाती है।
मोहसिन रजा ने अन्य विपक्षी दलों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी को साधु-संतों के खिलाफ हो रहे अत्याचार दिखाई नहीं देते।
ज्ञात हो कि राजस्थान में मंदिर के जमीन विवाद में एक पुजारी को जलाकर मारने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। राजस्थान के करौली जिले के बुकना गांव में मंदिर के जमीन विवाद में कुछ लोगों ने पुजारी को जिंदा आग के हवाले कर दिया। गंभीर रूप से जख्मी पुजारी को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां गुरुवार रात को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर | दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने शनिवार को सत्र 2020 में दाखिले के लिए एक दर्जन कॉलेजों में कट-ऑफ की घोषणा की, जो 100 फीसदी तक पहुंच गया है। लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन ने बीए ऑनर्स इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान और मनोविज्ञान विषयों में 100 फीसदी तक अंक लाने वाली छात्राओं से दाखिले के लिए आवेदन आमंत्रित किया है।
पहली सूची के तहत तीन पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए संबंधित विषय में 100 फीसदी अंक होने चाहिए। सीटें खाली रहने पर दूसरी सूची जारी की जाएगी।
इस बीच, किरोड़ी मल कॉलेज ने बीए (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान में दाखिले के लिए कट-ऑफ 99 फीसदी रखा है। कॉलेज बीकॉम (ऑनर्स) के लिए 99.75 तक अंक वाले छात्रों का आवेदन स्वीकार कर रही है।
इसी तरह हिंदू कॉलेज में बीए अर्थशास्त्र ऑनर्स के लिए कट-ऑफ 99.25 फीसदी रखा है।
दूसरी ओर, सांध्यकालीन कॉलेजों में जहां कट-ऑफ नीचे रहा करता था, वहीं इस साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। इस साल बीए ऑनर्स अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान शीर्ष पाठ्यक्रमों में शामिल हैं।(आईएएनएस)
-इमरान क़ुरैशी
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केंद्र और राज्य सरकारों के लिए एक अहम सलाह जारी की है. एनएचआरसी ने सेक्स वर्कर्स को "अनौपचारिक मजदूरों" के तौर पर मान्यता देने के लिए केंद्र और राज्यों को कहा है. साथ ही आयोग ने कहा है कि इन सेक्स वर्कर्स को दस्तावेज दिए जाएं ताकि वे राशन समेत दूसरी सहूलियतें हासिल कर सकें.
कमीशन ने समाज के जोखिम भरे और हाशिए पर मौजूद तबके पर कोविड-19 की दूसरों के मुकाबले ज्यादा असर होने की पड़ताल की है.
आयोग ने कहा है कि इन अनौपचारिक मजदूरों का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए ताकि उन्हें "मजदूरों के फायदे" मिल सकें.
एनएचआरसी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली एक संवैधानिक संस्था है. ऐसे में एनएचआरसी की ओर से मिली इस मान्यता को नेशनल नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर्स (एनएनएसडब्ल्यू) एक बड़े कदम के तौर पर देख रहा है. एनएनएसडब्ल्यू सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के लिए काम कर रहे कई संगठनों का फेडरेशन है.
अस्थाई दस्तावेजों पर मिले राशन
एनएनएसडब्ल्यू की लीगल एडवाइजर आरती पई ने बताया, "लॉकडाउन के ऐलान के बाद सेक्स वर्कर्स की आजीविका खत्म हो गई. बार-बार ये मांग की जा रही थी कि क्या इनका रजिस्ट्रेशन लेबर मिनिस्ट्री में वर्कर्स के तौर पर हो सकता है ताकि इन्हें बेरोजगार वर्कर्स के तौर पर भत्ता मिल सके. इस संदर्भ में यह एक बड़ा कदम है."
एनएचआरसी की एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकारें सेक्स वर्कर्स को मदद और राहत मुहैया करा सकती हैं. इसमें कहा गया है कि दूध पिलाने वाली माताओं के लिए महाराष्ट्र सरकार के उठाए कदमों का अनुसरण दूसरे राज्य भी कर सकते हैं. महाराष्ट्र के महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सेक्स वर्कर्स को राशन मुहैया कराने का फैसला जुलाई में लिया था.
एनएचआरसी ने यह भी कहा है कि अगर किसी सेक्स वर्कर के पास राशन कार्ड या आधार नहीं है तो भी उन्हें अस्थाई दस्तावेजों के साथ राशन मिलना चाहिए.
सेक्स वर्कर्स की ज़िंदगी बेहतर बनाने की कोशिश
पई ने कहा है, "ज्यादातर सेक्स वर्कर्स अपने घरों को छोड़ देते हैं और उनके पास कोई पहचान पत्र नहीं होता है. एनएचआरसी ने कहा है कि भले ही उनके पास दस्तावेज न हों तब भी उन्हें सपोर्ट दिया जाना चाहिए. इसके मूल में सेक्स वर्कर्स के मानव अधिकारों को मान्यता दिया जाना है."
एनएचआरसी की ओर से सेक्स वर्कर्स को मान्यता देते हुए उन्हें एक व्यापक दायरे में कवर किया गया है.
इसमें प्रवासी सेक्स वर्कर्स को प्रवासी मजदूरों की स्कीमों और बेनेफिट्स में शामिल करना, प्रोटेक्शन अफसरों को पार्टनरों या परिवार के सदस्यों की घरेलू हिंसा की रिपोर्टों पर कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करने, साबुन, सैनिटाइजर्स और मास्क समेत कोविड-19 की फ्री टेस्टिंग और इलाज के प्रावधान, इन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं देने ताकि एचआईवी और दूसरे सेक्स आधारित संक्रमणों से इन्हें बचाया जा सके और इलाज जैसे प्रावधान शामिल हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट का अहम आदेश
पई महाराष्ट्र सरकार की मुहिम की एक खासियत का जिक्र करती हैं. वे कहती हैं, "इसमें सेक्स वर्कर्स और ट्रैफिकिंग की शिकार लड़कियों में साफ फर्क किया गया है. सेक्स वर्कर्स ऐसी वयस्क महिलाएं हैं जो कि अपनी मर्जी से आजीविका कमाने के लिए इस काम में हैं. दूसरी ओर, ट्रैफिकिंग की शिकार लड़कियां यौन शोषण के लिए जबरदस्ती इस धंधे में धकेली जाती हैं."
एनएचआरसी की एडवाइजरी ऐसे वक़्त पर आई है जबकि हाल में ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना एक अहम फैसला सुनाया है.
हाई कोर्ट के जस्टिस पृथ्वीराज के चाह्वाण ने अपने फ़ैसले में कहा है कि "क़ानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो कि प्रॉस्टीट्यूशन (वेश्यावृत्ति) को एक आपराधिक कृत्य मानता हो या किसी को इस वजह से सज़ा देता हो कि वह वेश्यावृत्ति में संलिप्त है."
महाराष्ट्र के सांगली की संग्राम संस्था की महासचिव मीना सेशू कहती हैं, "हमारी लड़ाई भाषा के इस्तेमाल को लेकर रही है. कानून खुद प्रॉस्टीट्यूशन और प्रॉस्टीट्यूट शब्दों का इस्तेमाल करता है, लेकिन क़ानून में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि प्रॉस्टीट्यूशन या प्रॉस्टीट्यूट अवैध हैं. हाईकोर्ट का फ़ैसला सेक्स वर्कर्स के लिए एक बड़ी राहत है क्योंकि उन्हें जेल या जेल जैसे हालातों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ता था. सेक्स वर्कर्स को बलि का बकरा बनाने का काम वर्षों से जारी है."
क्या अगला कदम सेक्स वर्क को क़ानूनी मान्यता देना होगा?
सेशू कहती हैं, "सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के आंदोलन इस बारे में बेहद स्पष्ट हैं. इसमें इस काम को गैर-आपराधिक बनाने के लिए कहा गया है. मुख्य बात यह है कि सेक्स वर्क आपराधिक नहीं है, लेकिन इसके इर्दगिर्द हर चीज को क्रिमिनलाइज किया हुआ है. हम इसे गैर-आपराधिक बनाने की मांग कर रहे हैं. हम इसे क़ानूनी मान्यता देने के लिए नहीं कह रहे हैं. ऐसे हालात कभी नहीं होंगे जहां एक महिला यह कहेगी कि कल मुझे मेरा लाइसेंस मिल जाएगा और मैं एक सेक्स वर्कर बन जाऊंगी." (bbc)
पटना, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने राष्ट्रपति को लिखकर केंद्रीय मंत्री रहे दिवंगत रामविलास पासवान को 'भारत रत्न' और उनके दिल्ली आवास को स्मारक बनाने की मांग की है। मांझी ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार के महत्वपूर्ण पद पर अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए उनकी मृत्यु हो गई।
उन्होंने लिखा, "दिवंगत पासवान किसी परिचय के मोहताज नहीं है। समाज के हर तबके के लिए किए गए उनके कार्य अद्वितीय हैं, जो स्वत: इस बात का परिचायक है कि वे भारत के रत्न थे।"
इससे पहले पासवान के अंतिम दर्शन करने उनके एस के पुरी पटना आवास पहुंचकर मांझी ने उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की और परिजनों से मिलकर ढांढस बढ़ाया। इस दौरान मांझी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि स्वर्गीय पासवान दलितों एवं अभिवंचितों के लिए प्रेरणा स्रोत थे और रहेंगे।
मांझी ने पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कहा कि आज जो भ्रम फैला है कि दलितों में प्रशासनिक क्षमता का अभाव है, जो गलत है। उन्होंने कहा कि कोई भ्रम में नहीं रहे कि दलितों में प्रशासनिक क्षमता का अभाव है।
उन्होंने कहा, "जगजीवन राम जिस विभाग के मंत्री रहे, उस विभाग को चमकाने का काम किया और स्वर्गीय रामविलास पासवान जी भी जिन-जिन विभाग में रहे, उसे प्रगति के उच्च पायदान पर ले जाने का काम किया जो उनकी प्रशासनिक क्षमता का द्योतक है।"
मांझी ने पासवान के दिल्ली आवास को स्मारक घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि इससे हमारी आने वाली पीढ़ी रामविलास पासवान के बारे में जानेगी और उनके कार्यों से समाज को दिशा मिलेगी।
--आईएएनएस
जम्मू, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में शनिवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की ओर से किए गए संघर्षविराम उल्लंघन में एक महिला घायल हो गई। पाकिस्तान की ओर से शनिवार को पुंछ जिले के दो सेक्टरों में संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा, "देर रात करीब 1.30 बजे, पाकिस्तान ने पुंछ जिले के मनकोट सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर असैन्य इलाकों को निशाना बनाकर छोटे हथियारों से फायरिंग कर और मोर्टार से गोले दागकर बिना किसी उकसावे के संघर्षविराम का उल्लंघन किया।"
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता आनंद ने कहा कि पाकिस्तान की टुकड़ियों ने फिर से छोटे हथियारों के साथ गोलीबारी की और शाम छह बजे के करीब मेंढर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास मोर्टार दागे।
उन्होंने कहा, "भारतीय सेना ने इसका करारा जवाब दिया है।"
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के पास के इलाकों में गोलाबारी में एक 40 वर्षीय महिला घायल हो गई।
पाकिस्तान ने शुक्रवार को पुंछ जिले के तीन सेक्टरों शाहपुर, किरनी और कासबा में भी संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था।
पाकिस्तान 1999 में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित द्विपक्षीय संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहा है।
इस साल जनवरी के बाद से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अब तक 3,190 से अधिक संघर्षविराम उल्लंघन में 24 नागरिक मारे गए हैं और 100 से अधिक घायल हुए हैं।
--आईएएनएस
रांची, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| झारखंड भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशना साधते हुए कहा कि, "राज्य में उद्योग धंधे चौपट हो रहे हैं, पर एक उद्योग तेजी से फल फूल रहा है वह है तबादला उद्योग।" रांची में शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, "आज गरीबों, मजदूरों, रोज कमाने खाने वाले, ठेला खोमचा लगाकर परिवार चलाने वाले दयनीय हालत में हैं।"
उन्होंने कहा, "आज शिक्षित बेरोजगार नवयुवक रोजगार की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं, कोरोना संक्रमण में अपने घर लौटे मजदूर फिर से लाखों की संख्या बाहर जाने को विवश हैं, अस्पताल में मरीज इलाज के बिना दम तोड़ रहे हैं। राज्य सरकार को इनकी स्थिति कैसे सुधरे, इसकी चिंता नहीं है। सरकार को चिंता इसकी है कि कैसे 'सत्ता के दलालों' को खुश किया जाए।"
उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए कहा, "राज्य सरकार इसके लिये एक उद्योग खोल रखा है, वह है तबादला उद्योग। अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग की बोली लगाई जा रही है।"
मरांडी ने कहा कि, "शायद ही कोई सप्ताह होगा जिसमें इस सरकार ने 'ट्रांसफर पोस्टिंग' नहीं किये होंगे। हद तो तब होती है जब ट्रांसफर की अधिसूचना जारी होती है और महज तीन घंटे में पूरी अधिसूचना रद्द हो जाती है।"
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि, "30 सितंबर को छह पुलिस उप अधीक्षकों का तबादला और उसी दिन सारे आदेश रद्द कर दिए गए।"
--आईएएनएस
मैसुरु, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| मैसुरु के पास भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान में रेयर मटेरियल प्रोजेक्ट में काम करने वाले 24 साल के एक युवा वैज्ञानिक पिछले चार दिनों से लापता हैं। यह जानकारी पुलिस ने दी। एसिस्टेंट साइंटिफिक ऑफिसर पद पर तैनात गुल्ला अभिषेका रेड्डी मैसुरु के येलवाला में न्यू जनता कॉलोनी से लापता हैं।
बार्क में नौकरी लगने के बाद रेड्डी आंध्र प्रदेश के चित्तुरू जिले से पिछले साल ही मैसुरु आए थे।
पुलिस के मुताबिक, रेड्डी डिप्रेसन और माइग्रेन से जूझ रहे थे। अंदेशा है कि वह इसी वजह से किसी को बिना कहीं चले गए होंगे।
येलवाला इंस्पेक्टर एनएच योगानंद ने आईएएनएस को बताया कि कुछ महीने पहले रेड्डी के माता-पिता की मौत हो गई थी, जिससे वह काफी अकेला पड़ गए थे।
पड़ोसी ने रेड्डी को आखिरी बार 6 अक्टूबर को दोपहर में दोपहिया वाहन लेकर घर से निकलते देखा था।
येलवाला पुलिस ने वैज्ञानिक की गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।
--आईएएनएस
अमरावती, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश के इंजीनियरिंग एग्रीकल्चर एंड मेडिकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (ईएएमसीईटी) में इंजीनियरिंग करने के लिए परीक्षा में जितने छात्रों ने आवेदन दिया था, उसमें से 85 फीसदी (1.3 लाख) आवेदक इस परीक्षा में क्वालिफाई (पास) हो गए हैं। वहीं इंजीनियरिंग के अलावा एग्रीकल्चर और मेडिकल सेक्शन में 92 प्रतिशत आवेदक क्वालिफाई हुए हैं।
शिक्षा मंत्री आदिमुलापु सुरेश ने शनिवार को इस प्रवेश परीक्षा के परिणाम जारी किए। इस परीक्षा के जरिए राज्य में इंजीनियरिंग, चिकित्सा और कृषि पेशेवर पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलता है। सुरेश ने कहा कि प्रवेश परीक्षा के परिणाम छात्रों के मोबाइल फोन पर टेक्स्ट के जरिए भेजे जाएंगे।
ईएएमसीईटी 17 से 25 सितंबर के बीच हुआ था। इंजीनियरिंग के लिए जहां 1.33 लाख छात्र प्रवेश के लिए क्वालिफाई हुए हैं, वहीं कृषि और चिकित्सा कॉलेजों के लिए 69,616 छात्र क्वालिफाई हुए हैं।
विशाखापत्तनम के वाविलपल्ली साईनाथ ने 157.5 अंकों के साथ इंजीनियरिंग सेक्शन में टॉप किया है, दूसरे स्थान पर कुमार सत्यम (156.3) और तीसरे स्थान पर हैदराबाद के प्रोडुदुर से गंगुला भुवन रेड्डी (155.4) रहे।
वहीं कृषि और चिकित्सा में तेनाली से गुथी चैतन्य सिंधु 152.5 अंकों के साथ पहले स्थान पर रहीं, उसके बाद त्रिपुंडनई लक्ष्मी साई मारुथी दूसरे स्थान पर (152.4) और तिरुपति से वी. मनोज कुमार (151.5) तीसरे स्थान पर हैं।
--आईएएनएस