राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर | खाद्य पदार्थ की ऊंची कीमतों, प्राइमरी आर्टिकल्स और निर्मित वस्तुओं की ज्यादा कीमतों ने भारत की सितंबर थोक मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) को तेज कर दिया है। नतीजतन, थोक मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर सितंबर में बढ़कर 1.32 प्रतिशत हो गई जो अगस्त में 0.16 प्रतिशत थी।
साल-दर-साल के आधार पर, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई ) डेटा पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान के मुकाबले केवल 0.33 प्रतिशत बढ़ा है(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर| दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के मॉडल टाउन में एक हिट एंड रन मामले में शामिल एक 17 वर्षीय लड़के को पकड़ा है, जिसमें दो नाबालिग बहनों की मौत हो गई थी और उनका 6 वर्षीय भाई और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया था। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। उत्तर-पश्चिम दिल्ली की डीसीपी विजयंता आर्य ने कहा, "हमने दुर्घटना में शामिल एक होंडा सिटी कार को जब्त कर लिया है और कक्षा 12 के नाबालिग छात्र को हिरासत में ले लिया है जो दुर्घटना के समय कार चला रहा था।"
पुलिस के अनुसार, दुर्घटना जीटी रोड पर गुरुद्वारा नानक प्याऊ के पास सोमवार रात को हुई।
पुलिस ने कहा कि जसपाल सिंह अपने तीन बच्चों और एक दोस्त के साथ घर लौट रहा था। मॉडल टाउन में सीएनजी पंप पर पहुंचने के बाद, परिवार एक रिफिल कराने के लिए नीचे उतर गया। जसपाल का दोस्त मिलाप सिंह तीनों बच्चों को सड़क के रास्ते गुरुद्वारे ले गया, जैसे ही वे सड़क पार कर रहे थे, उन्हें तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी।
अधिकारी ने कहा, "एम्स ट्रॉमा सेंटर में सात वर्ष की एक लड़की और सफदरजंग अस्पताल में चार साल की लड़की (दोनों बहने) ने दम तोड़ दिया। जबकि दो अन्य घायलों का अभी भी एम्स और सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा है।"
दुर्घटनास्थल पर मिले सुराग से दिल्ली पुलिस ने अपराधी और उसके वाहन की तलाश शुरू कर दी। चूंकि वाहन का स्वामित्व तीन बार बदल गया था, इसलिए पुलिस को वाहन का पता लगाने में थोड़ा समय लगा। आरोपी के पकड़े जाने के बाद आखिरकार कार एक मैकेनिक की दुकान पर मिली। (आईएएनएस)
आईएमएफ की रिपोर्ट ने चौंकाया
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में बांग्लादेश भारत को पछाड़ते हुए आगे निकलने को तैयार है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष-वल्र्ड इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक, साल 2020 में बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 4 फीसदी बढक़र 1,888 डॉलर होने की उम्मीद है, जबकि भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 10.3 प्रतिशत घटकर 1,877 डॉलर रहने की उम्मीद है- जो पिछले चार वर्षों में सबसे कम है। आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि इस साल भारत की जीडीपी में 10.3 फीसदी की गिरावट आ सकती है।
भारत के लिए आईएमएफ का यह अनुमान, जून में किए गए पूर्वानुमान से बहुत नीचे है, जिसमें कहा गया है कि कोरोनोवायरस महामारी की वजह से उभरते बाजारों में सबसे बड़ा संकुचन देखने को मिल सकता है. मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों की जीडीपी का यह आंकड़ा मौजूदा कीमतों पर आधारित है। जून में आईएमएफ के पिछले पूर्वानुमान में कहा गया था कि उत्पादन 4.5 प्रतिशत कम हो जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष-वल्र्ड इकोनॉमिक आउटलुक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दक्षिण एशिया में तीसरा सबसे गरीब देश बनने की ओर अग्रसर है। केवल पाकिस्तान और नेपाल की प्रति व्यक्ति जीडीपी ही भारत से कम होगी जबकि बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव जैसे देश भारत से आगे होंगे।
हालाँकि, आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि 2021 में प्रभावशाली 8.8 प्रतिशत की विकास दर के साथ भारत, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में वापसी कर सकता है। इस प्रकार सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्था की स्थिति को फिर से हासिल करते हुए भारत चीन की अनुमानित विकास दर 8.2 प्रतिशत को पार कर सकता है।
आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना वार्षिक बैठक से पहले ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य’ रिपोर्ट जारी की गई है. इसमें कहा गया है कि 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी और 2021 में यह 5.2 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हासिल करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 5.8 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है जबकि अगले वर्ष इसमें 3.9 प्रतिशत की वृद्धि होगी। वर्ष 2020 के दौरान दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में केवल चीन ही एकमात्र देश होगा जिसमें 1.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाएगी।
सुमित कुमार सिंह
पुलवामा, 14 अक्टूबर| कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंदुरुनी इलाकों के पास हेक्साकॉप्टर का प्रयोग कर भारतीय सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमले का खतरा बना हुआ है। इसे देखते हुए जवानों को इन हमलों को नाकाम करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जवान अब ड्रोन हमले को नाकाम करने के तरीके सीख रहे हैं।
भारतीय सेना ने आतंकवाद को नाकाम करने के लिए जम्मू एवं कश्मीर में तैनात अपने जवानों के लिए नए प्रशिक्षण मोड्यूल को अपनाया है।
15 कोर्प्स बैटल स्कूल में मौजूद प्रशिक्षु जवानों को यह सिखाया जा रहा है कि ड्रोन की वजह से उत्पन्न हो रहे खतरे से कैसे निपटें।
एक ट्रैनर ने कहा, "हम यहां प्रशिक्षण के लिए आने वाले सभी जवानों को ड्रोन के खतरे के प्रति आगाह करते हैं। कुछ खुफिया रिपोर्ट है कि ड्रोन का प्रयोग सुरक्षा प्रतिष्ठानों और जवानों पर ग्रेनेड गिराने के लिए किया जा सकता है।"
घाटी में तैनात होने वाले भारतीय सेना के अधिकारियों या जवानों को बैटल स्कूल में एक प्रशिक्षण से गुजरना होता है।
बैटल स्कूल में दो तरह के प्रशिक्षण कोर्स चलते हैं। एक प्रशिक्षण उनके लिए होता है जो पाकिस्तान से सटे एलओसी के पास तैनात होते हैं। इन जवानों को 14 दिनों के लिए प्रशिक्षण लेना होता है। दूसरा घाटी में विभिन्न जगहों पर आतंकवाद का सामना करने के लिए तैनात जवानों के लिए होता है। यह प्रशिक्षण 28 दिनों का होता है।
एक अन्य ट्रेनर ने कहा, "दोनों कोर्सो का ड्रोन समेत सामान्य प्रशिक्षण मोड्यूल होता है। इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम जवानों की जमीन पर मदद करते हैं।"
बीते सप्ताह खुफिया एजेंसियों ने कहा था कि आईएसआई ने सीपीईसी से जुड़े चीनी कंपनी से बड़ी संख्या में हेक्साकॉप्टर खरीदा है, जिससे वह जम्मू व कश्मीर में अशांति पैदा करने के लिए हथियारों की आपूर्ति कर सके।
भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि आईएसआई ने आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति के लिए नया तरीका ढूंढा है। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है कि ड्रोन से हथियार भेजने में आतंकवादियों के मारे जाने का खतरा नहीं होता है।
सूत्रों ने कहा कि सीमा पर काफी सख्ती की वजह से आतंकवादियों को यह सिखाया जा रहा है कि कैसे ड्रोन का उपयोग करें और जब वे एक बार भारतीय सीमा में प्रवेश कर जाएं तो कैसे भारतीय प्रष्ठिानों पर हमला करें। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर| ब्रिटेन की सबसे बड़ी प्रकृति संरक्षण चैरिटी 'रॉयल सोसाइटी फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ बर्डस' (आरएसपीबी) ने भारत के गिद्धों को विलुप्त होने से बचाने के लिए और प्रकृति संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए राम जकाती को प्रतिष्ठित मेडल से नवाजा है। 1990 के दशक में भारत की गिद्ध आबादी वेटरिनरी ड्रग, मवेशियों को दिए जाने वाले डाइक्लोफेनेक, जो गिद्धों के लिए हानिकारक था और जिसे खाकर ये मर जाते थे, के कारण इस पक्षी की आबादी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई थी।
दवा का इस्तेमाल इतना व्यापक था कि भारत की गिद्ध आबादी डाइक्लोफेनाक के उपयोग से पहले सिर्फ एक प्रतिशत तक रह गई थी।
कई वर्षों तक हरियाणा में वन विभाग के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन रहे जकाती ने न केवल दवा पर प्रतिबंध लगाने, बल्कि अभयारण्यों, प्रजनन केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित करने और यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कि प्रतिबंध लागू होने से पहले गिद्ध विलुप्त नहीं हो जाए।
गिरावट के कारण की पहचान होने से पहले उनका काम शुरू हुआ और उनके शुरुआती हस्तक्षेप को भारत के गिद्धों की रक्षा का एक बड़ा कारक माना जा सकता है।
बाद में उन्होंने सेव (सेविंग एशियाज वल्चर्स फ्रॉम एक्सटिन्क्शन), एक अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को पाने में मदद की जो आज तक दक्षिण एशिया के गिद्धों के संरक्षण में एक समन्वय भूमिका निभाती है।
एशियाई गिद्ध संरक्षण कार्यक्रम आज, 20 साल बाद, प्रभावी संरक्षण डिलीवरी का विश्वभर में एक बड़ा उदाहरण है।
आरएसपीबी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी बेकी स्पाइट ने कहा, "जलवायु और प्रकृति संकट और मानव गतिविधि का प्रभाव कई बार आम प्रजातियों को विलुप्त होने के कगार पर पहुंचा रहा है।"
उन्होंने कहा, "लेकिन दुनिया भर में लोग और कुछ सरकारें इससे लड़ रही हैं। इसलिए मुझे खुशी है कि हम डॉ. जकाती के महत्वपूर्ण काम का जश्न मनाने में सक्षम हैं। उनकी ऊर्जा और संकल्प ने भारत में गिद्धों को विलुप्त होने से रोक दिया है।"
वहीं, जकाती ने कहा, "मैं इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाकर बहुत खुश हूं। मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि हम भारत में गिद्ध संरक्षण में तेजी से प्रगति कर सकते हैं क्योंकि हमारे पास 2000 की शुरुआत में एक उत्कृष्ट टीम थी।"
उन्होंने कहा, "इसलिए, मैं उस वल्चर (गिद्ध) टीम की ओर से इस पुरस्कार को स्वीकार करना चाहूंगा जिसने भारतीय गिद्धों को संभावित विलुप्त होने से बचाने के लिए काम की एक ठोस नींव रखी।"
उन्होंने आगे कहा कि मैं विशेष रूप से बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के विभू प्रकाश और निकिता प्रकाश, आरएसपीबी के डेबी पेन और क्रिस बोडेन, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के रीस ग्रीन और जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन के एंड्रयू कनिंगम और इंटरनेशनल बर्ड ऑॅफ प्रे सेंटर की जेमिमा पैरी जोन्स के नामों का उल्लेख करना चाहूंगा। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 14 अक्टूबर| जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम जिले में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का एक जवान बीते दो दिनों से अपने कैंप से फरार है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि एसएसबी के 14वें बटालियन के कमांडेंट ने बडगाम जिले के चंदोरा जिले में इस बाबत एक रिपोर्ट दर्ज कराई है।
रिपोर्ट के अनुसार रजौरी जिले का रहने वाला कांस्टेबल अल्ताफ हुसैन बीते दो दिनों से अपने सर्विस राइफल के साथ फरार है।
पुलिस सूत्रों ने कहा, "कमांडेंट से प्राप्त सूचना के आधार पर चंदोरा पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज कराई गई है और जांच जारी है।" (आईएएनएस)
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती को 14 महीने बाद प्रशासन ने रिहा कर दिया है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा कि पीडीपी अध्यक्ष को हिरासत से रिहा किया जा रहा है.
रिहा होने के बाद महबूबा मुफ़्ती ने अपने लोगों के लिए एक छोटा सा बयान जारी किया है.
महबूबा ने अपने संदेश में कहा है, "मैं आज एक साल से भी ज़्यादा अर्से के बाद रिहा हुईं हूं. इस दौरान पाँच अगस्त, 2019 के काले दिन का काला फ़ैसला हर पल मेरे दिल और रूह पर वार करता रहा. और मुझे एहसास है कि यही कैफ़ियत जम्मू-कश्मीर के तमाम लोगों की रही होगी. हम में से कोई भी शख़्स उस दिन की डाकाज़नी और बेइज़्ज़ती को क़त्तई भूल नहीं सकता.
After being released from fourteen long months of illegal detention, a small message for my people. pic.twitter.com/gIfrf82Thw
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 13, 2020
"अब हम सबको इस बात का इरादा करना होगा कि दिल्ली दरबार ने जो पाँच अगस्त को ग़ैर-संवैधानिक, ग़ैर-लोकतांत्रिक, ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से हमसे छीन लिया, उसको वापस लेना होगा. बल्कि उसके साथ-साथ कश्मीर समस्या जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर में हज़ारों लोगों ने अपनी जानें निछावर की, उसको हल करने के लिए हमें अपनी जद्दोजहद जारी रखनी होगी. मैं मानती हूं कि यह राह क़त्तई आसान नहीं होगी. लेकिन मुझे यक़ीन है कि हम सब का हौसला और इरादा यह दुश्वार रास्ता तय करने में हमारा मददगार होगा. आज जबकि मुझे रिहा किया गया है, मैं चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के जितने भी लोग मुल्क के अलग-अलग जेलों में बंद पड़े हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए."
इससे पहले महबूबा की रिहाई की ख़बर मिलते ही उनकी बेटी इल्तिजा ने ट्वीट किया था, "अब मुफ़्ती की ग़ैर-क़ानूनी हिरासत आख़िरकार ख़त्म हुई. इस मुश्किल घड़ी में जिन लोगों ने मेरा साथ दिया, उनका शुक्रिया. मैं कई लोगों की क़र्ज़दार हूं."
महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती ने अपनी मां को बंदी बनाए जाने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
29 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा था कि केंद्र सरकार किस आदेश के तहत और कब तक महबूबा मुफ़्ती को हिरासत में रखना चाहती है.जस्टिस किशन कॉल और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच ने मेहता से इल्तिजा मुफ़्ती की याचिका पर एक हफ़्ते में जवाब दाख़िल करने के लिए कहा था.उस समय मेहता ने सर्वोच्च अदालत के सामने कुछ समय माँगते हुए कहा था कि केंद्र सरकार एक सप्ताह के अंदर इन मामलों पर अदालत में जवाब दाख़िल करेगी.तुषार मेहत के जवाब के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 15 अक्टूबर तक टाल दी थी. सुप्रीम कोर्ट में पेशी से पहले ही सरकार ने महबूबा को रिहा कर दिया.
उमर अब्दुल्लाह ने किया स्वागत
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ़्रेंस के नेता उमर अब्दुल्लाह ने महबूबा मुफ़्ती की रिहाई का स्वागत किया है.
उन्होंने ट्वीट किया, "मुझे यह सुनकर बहुत ख़ुशी हुई कि एक साल से भी ज़्यादा दिनों तक हिरासत में रखने के बाद महबूबा मुफ़्ती साहिबा को रिहा कर दिया गया है. उनको लगातार हिरासत में रखना एक मज़ाक़ था और लोकतंत्र की बुनियादी उसूलों के ख़िलाफ़ था. महबूबा आपका स्वागत है."
कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने भी महबूबा मुफ़्ती की रिहाई का स्वागत किया है.
चिदंबरम ने हिंदी में ट्वीट किया और लिखा कि जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की सभी पार्टियों को केंद्र सरकार के अत्याचार से लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए.
महबूबा मुफ़्ती की चुनौती
रिहाई के बाद नेशनल कॉन्फ़्रेंस के नेता उमर अब्दुल्लाह और फ़ारूक़ अब्दुल्लाह केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ सख़्त रवैया अपनाए हुए हैं.
दोनों बाप-बेटे मोदी सरकार के ख़िलाफ़ कई बयान दे चुके हैं. कुछ ही दिन पहले फ़ारूक़ अब्दुल्लाह ने तो एक निजी न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि कश्मीरियों को विश्वास है कि चीन की मदद से धारा 370 और 35ए फिर से बहाल होगी.
उनके इस बयान पर उनकी काफ़ी आलोचना भी हुई.
अब ऐसे में महबूबा के सामने मुश्किल यह है कि वो अब्दुल्लाह बाप-बेटे से भी ज़्यादा सख़्त तेवर दिखाएं या फिर दिल्ली से किसी तरह की सुलह-सफ़ाई की कोशिश करें.
एक साल के बाद महबूबा मुफ़्ती रिहा तो हो गईं हैं लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी पार्टी को दोबारा खड़ा करने की है. जब वो नज़रबंद थीं तो उनकी पार्टी के दर्जन भर नेता और पूर्व मंत्री बाग़ी हो गए थे और उन्होंने पूर्व मंत्री अलताफ़ बुख़ारी के नेतृत्व में एक नई पार्टी 'अपनी पार्टी' बना ली है.
पीडीपी के प्रवक्ता ताहिर सईद कहते हैं, "लंबी हिरासत के बाद महबूबा मुफ़्ती रिहा हो रहीं हैं. उन्हें अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी मिलने का मौक़ा नहीं मिला. वो निहायत सुलझी हुईं नेता हैं, वो पार्टी को दोबारा संगठित करेंगी."
धारा 370 ख़त्म करने का फ़ैसला
पाँच अगस्त 2019 को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने न केवल जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को हटा दिया था, बल्कि जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा ख़त्म कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बाँट दिया था.
केंद्र सरकार के इस फ़ैसले के कुछ ही घंटे पहले उमर अब्दुल्लाह, उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्लाह, राज्य की एक और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती समेत सैकड़ों नेताओं को नज़रबंद या गिरफ़्तार कर लिया गया था.
इन सभी नेताओं का कहना था कि बिना किसी आरोप के उन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. फ़रवरी में उमर, महबूबा और कई दूसरे नेताओं पर पब्लिक सेफ़्टी एक्ट (पीएसए) लगा दिया गया था.
सात महीनों के बाद 24 मार्च को उमर अब्दुल्लाह को रिहा कर दिया गया था. उसके एक हफ़्ते पहले उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्लाह को भी रिहा कर दिया गया था.
उमर पहले भी महबूबा के पक्ष में बोलते रहे हैं
महबूबा मुफ़्ती की हिरासत जारी रही और मई में उन पर दोबारा पीएसए लगाया गया था, जिसे जुलाई में तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया था.
महबूबा मुफ़्ती की हिरासत बढ़ाए जाने पर उमर अब्दुल्लाह ने सख़्त टिप्पणी की थी.
उमर ने कहा था कि, "जो सरकार जम्मू-कश्मीर में हालात के सामान्य होने के लंबे दावे कर रही है, उसके लिए पिछले कुछ दिनों की घटना और महबूबा मुफ़्ती की नज़रबंदी का बढ़ाया जाना इस बात के सबूत हैं कि मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने अकेले जम्म-कश्मीर को दशकों पीछे धकेल दिया है."
उमर ने कहा था कि ये एक अमानवीय और क्रूर फ़ैसला है जिसपर यक़ीन करना मुश्किल है. उमर ने कहा था कि 'महबूबा मुफ़्ती ने ऐसा कुछ भी नहीं किया या कहा है जो कि भारत सरकार के उनके प्रति रवैये को जायज़ क़रार दिया जा सकता है.'
महबूबा मुफ़्ती के समर्थन में उमर ने उस समय कहा था कि "वो इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि भारत सरकार के इस फ़ैसले का औचित्य क्या है क्योंकि उनके अनुसार ये बदले की कार्रवाई के अलावा और कुछ नहीं."
महबूबा मुफ़्ती फ़िलहाल अपनी बेटियों के साथ इस साल अप्रैल से अपने घर पर ही नज़रबंद थीं. उनकी हिरासत पाँच नवंबर को ख़त्म होने वाली थी. उसके बाद सरकार को फ़ैसला करना था कि वो उनकी हिरासत को और बढ़ाएगी या फिर उन्हें रिहा कर देगी. इस बीच 15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सरकार को बताना था कि वो मुफ़्ती को कब तक हिरासत में रखना चाहती है और किस आदेश के तहत.
लेकिन सरकार ने उससे पहले ही उन्हें रिहा कर दिया.(bbc)
मुंबई, 14 अक्टूबर | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उससे वह हैरान हैं। महाराष्ट्र में राज्यपाल कोश्यारी और मुख्यमंत्री ठाकरे के बीच वाक युद्ध छिड़ा हुआ है। यह बवाल धार्मिक स्थानों को फिर से खोलने को लेकर शुरू हुआ, जिस पर ठाकरे और राज्यपाल कोश्यारी आमने-सामने हैं।
दरअसल इसकी शुरूआत उस चिठ्ठी से हुई, जो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी थी, जिस पर ठाकरे ने राज्यपाल को पलटकर जवाब दिया था। अब महा विकास अघाड़ी के घटक दल राकांपा के प्रमुख शरद पवार ने इस मामले पर सीधे प्रधानमंत्री को ही चिठ्ठी लिख डाली है, जिसमें उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे का समर्थन किया है।
पवार ने पत्र में लिखा कि राज्यपाल का अपना व्यक्तिगत मत हो सकता है, लेकिन एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपनी भाषा में शब्दों के चयन पर ध्यान देना चाहिए।
पवार ने मोदी को लिखे पत्र में कहा, "मैं इस बात से सहमत हूं कि राज्यपाल इस मुद्दे पर अपने स्वतंत्र विचार और राय रख सकते हैं। मैं राज्यपाल के अपना मत मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की भी सराहना करता हूं, लेकिन राज्यपाल के पत्र और उस तरह की भाषा को देखकर मैं हैरान हूं।"
राज्यपाल के पत्र में सेक्युलर शब्द का जिस तरह इस्तेमाल किया गया है उसे लेकर शरद पवार ने कहा कि आपने देखा होगा कि किस तरह से असंयमित भाषा का प्रयोग किया गया है। दुर्भाग्य से राज्यपाल का पत्र किसी राजनीतिक पार्टी के नेता का पत्र लग रहा है। उन्होंने कहा, "मैं इस बात में विश्वास करता हूं कि लोकतंत्र में राज्यपाल और मुख्यमंत्री में स्वतंत्र विचारों का आदान-प्रदान जरूरी है, लेकिन इसकी भाषा संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के पद की गरिमा के अनुरूप होनी चाहिए।"
पवार ने लिखा कि उन्होंने इस बारे में राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात नहीं की है, लेकिन वे चाहते हैं कि माननीय राज्यपाल की ओर से संवैधानिक पदों के क्षरण किए जाने को लेकर अपना दुख आपसे और जनता से साझा करूं।
बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने ठाकरे को हाल ही में एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने का आग्रह किया है। राज्यपाल ने कहा है कि एक जून से राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने का एलान किया गया था, लेकिन चार महीने बीत चुके हैं, इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।
राज्यपाल ने इसमें कहा है कि यह विडंबना है कि सरकार ने एक तरफ बार और रेस्तरां को खोल दिया है, लेकिन दूसरी तरफ मंदिर जैसे धार्मिक स्थानों को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्तिव्यक्त की है।
इसमें कहा गया है कि मुझे आश्चर्य है कि आपको मंदिरों को नहीं खोलने के लिए कोई दिव्य प्रेम प्राप्त हो रहा है या फिर आप धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं। यह एक ऐसा शब्द है, जिससे आप नफरत करते हैं।
वहीं शिवसेना के सांसद संजय राउत ने भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की चिट्ठी पर पलटवार किया है। राउत ने कहा कि मंदिरों की बार के साथ तुलना करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि महाराष्ट्र में कोरोना का खतरा पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। जब प्रधानमंत्री भी यहां की स्थिति से बहुत चिंतित हैं, तो राज्यपाल को भी इसके बारे में सोचना चाहिए।(आईएएनएस)
गुरुग्राम, 14 अक्टूबर | हरियाणा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) ने मंगलवार को एक प्रोजेक्ट में देरी के लिए सना रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। प्राधिकरण ने रियल एस्टेटर्स को एक फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त करने का आदेश दिया है। अब स्वीकृत बिल्डिंग प्लान में संशोधन के बिना विभिन्न इकाइयों के क्षेत्रफल में बदलाव करने के संबंध में जांच के लिए फोरेंसिक ऑडिट किया जाएगा।
प्रमोटर को प्राधिकरण के समक्ष सभी दस्तावेजों के साथ पेश होने के लिए वारंट जारी करने का आदेश दिया गया है।
बिल्डर गुरुग्राम के सेक्टर 67 में एक आवासीय परियोजना विकसित कर रहा है। आवंटियों द्वारा शिकायत मिलने के बाद प्राधिकरण द्वारा कार्रवाई शुरू की गई।
यह निर्णय हरेरा गुरुग्राम के चेयरमैन डॉ. केके खंडेलवाल की अध्यक्षता में लिया गया। सुनवाई के दौरान हरेरा पीठ के सदस्य समीर कुमार व सुभाष चंद कुश भी मौजूद रहे।
प्राधिकरण ने आवंटियों को वास्तविक पजेशन (कब्जा) मिलने तक देरी के लिए यह जुर्माना लगाया है। इसके अलावा प्राधिकरण ने प्रमोटरों के नाम वारंट जारी करने का आदेश देते हुए उन्हें दस्तावेजों के साथ पीठ के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा है।
पीठ ने आदेश के दौरान कहा कि नोटिस दिए जाने के बावजूद प्रमोटर अभी तक प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ है।
मेसर्स सना रियल्टर्स के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की सुनवाई के दौरान हरेरा पीठ ने पाया कि प्रमोटर और आवंटियों के बीच बिल्डर-बायर्स एग्रीमेंट वर्ष 2010-11 में हुए थे। इसके अनुसार पजेशन 2013-14 में दिया जाना था। लेकिन अभी तक प्रमोटर ने पजेशन नहीं दिया है।(आईएएनएस)
अलीगढ़, 14 अक्टूबर | उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के देहली गेट क्षेत्र में मंगलवार को बेवी टॉय बनाने वाली फैक्ट्री में हुए तेज धमाके में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग घायल हुए हैं। पुलिस अधीक्षक (शहर ) अभिषेक ने बताया कि जिले के देहली गेट थाने से करीब सौ मीटर की दूरी पर खटीकान चैराहे के पास बेबी टॉय बनाने पुरानी फैक्ट्री है। मंगलवार को परिवार के सदस्यों के अलावा मजदूर फैक्ट्री में काम कर रहे थे, तभी कंप्रेशर मशीन में आग लगने से धमाका हो गया, जिसमें चार लोगों की मौत और छह घायल हो गए। घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, दीपावली नजदीक होने के चलते कारखाने में पूरी क्षमता के साथ काम हो रहा था। अचानक तेज विस्फोट हुआ। धमाके इतने तेज थे कि आस-पास मकान की छतें उड़ गईं और दीवारें गिर गईं। धमाके का कंपन इलाके में दो-ढाई किलोमीटर दूर तक महसूस किया गया। घटना के बाद इलाके में चीख-पुकार मच गई। चारों तरफ धूल का गुबार और हड़कंप की स्थिति बन गई।
जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि देहली गेट थानाक्षेत्र में हुए इस हादसे में चार लोगों की मृत्यु हुई है। घटना किस तरह के विस्फोट से हुई है, इसकी जांच की जा रही है। जो घायल हैं, उनका उपचार बेहतर से बेहतर हो, इसकी भी व्यवस्था कर रहे हैं।(आईएएनएस)
लखनऊ, 14 अक्टूबर | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की तरह प्रदेश के कर्मचारियों को भी त्योहारी एडवांस देने का ऐलान किया है। उन्होंने वित्त विभाग को योजना तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। वहीं, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने दिवाली का बोनस भी समय पर देने का स्पष्ट संकेत किया है। वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र द्वारा घोषित योजना का अध्ययन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री से विचार-विमर्श कर जल्दी ही निर्णय ले लिया जाएगा।
गौरतलब है कि केंद्र ने अपने कर्मचारियों को अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) के बदले नकदी वाउचर और खरीदारी के लिए 10 हजार रुपये अग्रिम देने का ऐलान किया है।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को परंपरागत तौर पर जो भी लाभ मिलता रहा है, सरकार उसे देगी। कोरोना आपदा के बीच प्रदेश की वित्तीय स्थिति सुधर रही है। पिछले वर्ष के अगस्त के मुकाबले इस वर्ष अगस्त में 600 करोड़ और सितंबर के मुकाबले इस वर्ष सितंबर में 890 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है।
अगर प्रदेश सरकार ने केंद्र की तरह त्योहारी अग्रिम व एलटीसी के बदले नकदी वाउचर के भुगतान का फैसला किया तो करीब 16 लाख कर्मचारी फायदा पाएंगे। प्रदेश में राज्य कर्मियों के 12.40 लाख पद, सार्वजनिक क्षेत्र के करीब एक लाख और सहायतित संस्थाओं के 7.12 लाख पद हैं। इनमें से करीब 16 लाख कार्यरत हैं। इन्हें यदि 10 हजार रुपये एडवांस दिया जाता है तो सरकार पर 1600 करोड़ रुपये का व्यय भार आने का अनुमान है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली/श्रीनगर, 14 अक्टूबर | जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया। वह एक साल से ज्यादा समय से पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में थीं। राज्य गृह विभाग के सिविल सेक्रेटेरिएट ने अपने पत्र (जिसकी प्रति आईएएनएस के पास मौजूद है) में कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा को तुरंत प्रभाव से हिरासत से मुक्त किए जाने का आदेश दिया गया है। उन्हें 'जम्मू एवं कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट की धारा 19(1) के तहत लागू प्रतिबंधों से मुक्त किया जाता है।'
महबूबा को राज्य के दो हिस्सों में बंटवारे के समय पिछले साल 5 अगस्त को केंद्र सरकार के आदेश पर एहतियातन हिरासत में लिया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री की रिहाई पर पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अबदुल्ला और उमर अबदुल्ला ने खुशी जाहिर की है।(आईएएनएस)
चंडीगढ़, 13 अक्टूबर| पिछले कई दिनों से कृषि विधेयकों के विरोध में आंदोलन कर रहे पंजाब के 31 में से 29 किसान संगठनों ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र के साथ बैठक करने का फैसला किया है। आगे की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए आयोजित संगठनों की मीटिंग में यह निर्णय लिया गया। हालांकि, संगठनों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय भी लिया है कि उनका विरोध 15 अक्टूबर तक जारी रहेगा। वहीं राज्यव्यापी 'रेल रोको' आंदोलन को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका।
केंद्र सरकार से मिलने का ये फैसला किसान संघों ने राज्य सरकार के मंत्री राजिंदर सिंह बाजवा के नेतृत्व में आए प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक के बाद लिया गया।
भारतीय किसान यूनियन (उग्रहन) ने भी रेल पटरियों पर बैठकर आंदोलन करना बंद कर दिया है, लेकिन उसने क्षेत्र के कॉरपोरेट घरानों के बाहर अपना विरोध तेज करने की कसम खाई है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने प्रदर्शनकारी किसान संघों को चर्चा के लिए 14 अक्टूबर को नई दिल्ली आने के लिए कहा था। सरकार ने पिछले 5 दिनों 2 पत्र भेजकर किसानों से बैठक करने का अनुरोध किया था। (आईएएनएस)
जयपुर, 13 अक्टूबर| राजस्थान के जोधपुर जिले के निवासियों ने बहुत कम अंतर से सरपंच का चुनाव हारने वाले एक उम्मीदवार के लिए 21 लाख रुपये एकत्रित किए और यह राशि उन्हे उपहार स्वरूप प्रदान की। यह घटना जोधपुर के पिपड तहसील के नानन गांव पंचायत की है।
मुकुंड देवासी अपने प्रतिद्वंदी सुंदरी देवी से महज 84 वोटों से हार गए। हालांकि वह ग्रामीणों के लिए कुछ करना चाहते थे और अपना आभार प्रकट करने के लिए वोट ऑफ थैंक्स कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने कार्यक्रम में लंच का आयोजन किया था।
कुछ ग्रामीण ने भी आभार स्वरूप 21 लाख रुपये की राशि जमा कर ली, जिसमें 5.51 लाख रुपये की राशि देवासी के दोस्त श्याम चौधरी ने तो वहीं निवर्तमान सरपंच भानाराम ने 1.11 लाख रुपये की राशि दी।
जिसके बाद गांव के कुछ वरिष्ठ वासियों ने देवासी और उसके परिवार को यह राशि भेंट की। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर| आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर एमसीडी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाए। आप के नेता और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि, "दिल्ली सरकार प्रस्ताव लाई और बहुत सारे फालतू और फर्जी लाइसेंस को रद्द कर दिया। आप सबको पता है कि जो लाइसेंस भाजपा शासित एमसीडी स्वास्थ्य लाइसेंस के नाम पर रेस्तरां को देती है, उसको हमने रद्द कर दिया।" दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि, "ऐसा नहीं है कि यह फैसला हमने अकेले कर दिया, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) संस्था ने सात सितंबर को एक पत्र एमसीडी को लिखा था। पत्र में एफएसएसएआई दिल्ली नगर निगम के आयुक्त और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को सात सितंबर को निर्देश जारी करते हुए कहा गया था कि नगर निगम कार्यालय द्वारा अलग से कोई लाइसेंस जारी न किया जाए। संज्ञान में आया है कि नगर निगम क्षेत्रों में खाद्य व्यवसाय संचालकों को लाइसेंस लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है।"
"भाजपा की एमसीडी भ्रष्टाचार में इतना डूब गई है कि अब वो अपनी ही केंद्र सरकार के निर्देश को भी नहीं मान रही है।"
उन्होंने आगे कहा कि, "कल एमसीडी द्वारा कहा गया है कि अगर वो खाद्य लाइसेंस देना बंद कर देंगे तो उन्हें सालाना 16 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। यह मामला 16 करोड़ का नहीं, बल्कि 350 करोड़ रुपये का है। 16 करोड़ तो सिर्फ दिखावा है।"
दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा कि, "एमसीडी के पार्षदों को घूस खिलाए बिना दिल्ली के किसी भी रेस्तरां का लाइसेंस जारी नहीं होता है। यह पूरा भ्रष्टाचार 350 करोड़ रुपये का है।" (आईएएनएस)
गुवाहाटी, 13 अक्टूबर| केंद्र सरकार ने असम को अगले साल जनवरी से कोरोनावायरस के टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के लिए तैयार रहने को कहा है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मंगलवार को यह बात कही। सरमा ने मीडिया से कहा, "केंद्र सरकार ने हमें सूचित किया है कि टीकाकरण कार्यक्रम में फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। हमें टीकाकरण के लिए जनवरी से जुलाई तक तैयार रहने के लिए कहा गया है।"
मंत्री ने कहा कि केंद्र ने जनवरी और जुलाई 2021 के बीच टीकाकरण करने के लिए राज्य सरकारों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कई परामर्श किए हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र छह से सात स्रोतों से कोविड-19 वैक्सीन की उम्मीद कर रहा है और टीकाकरण एकल के बजाय टीकों (वैक्सीन) के मिश्रण के साथ किया जाएगा।
आंकड़ों को साझा करते हुए मंत्री ने दावा किया कि असम में कोविड-19 महामारी वक्र का समतल होना (संक्रमण के मामले कम होना) शुरू हो सकता है।
उन्होंने कहा, "पॉजिटिव दर तेजी से घटकर 1.4 फीसदी हो गई है, जबकि ठीक होने की दर (रिकवरी रेट) बढ़कर 85 फीसदी हो गई है। कोविड की मृत्युदर भी घटकर 0.42 फीसदी रह गई है। असम ने अब तक 40 लाख नमूनों का परीक्षण किया है।"
मंत्री के अनुसार, असम में कोरोना पॉजिटिव पाए गए 1,95,304 व्यक्तियों में से 1,66,036 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 826 मरीजों ने इस बीमारी से जान गंवाई है।
सरमा ने आने वाले पांच दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव के लिए मानक प्रोटोकॉल की घोषणा की, जिसमें पूजा पंडालों में 50 से अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इस दौरान कोई भी सांस्कृतिक कार्य आयोजित नहीं किया जाएगा और पूजा पंडालों को हर तरफ अलग-अलग प्रवेश और निकासद्वारों के साथ खुला रखना होगा।
दुर्गा पूजा आयोजकों को कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग सुनिश्चित करना होगा। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 13 अक्टूबर| चंडीगढ़ प्रशासन ने मंगलवार को कोरोनावायरस के फैलाव मद्देनजर यहां हुक्का बार पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिलाधिकारी मंदीप सिंह ब्रार ने यहां जारी एक आदेश में कहा कि लगता है कि चंडीगढ़ में हुक्का बार गुपचुप तरीके से चल रहे हैं और वे फ्लेवर्ड हुक्के परोस रहे हैं, जिसमें निकोटीन युक्त तम्बाकू शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक होता है।
उन्होंने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वालों को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडित किया जाएगा। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 13 अक्टूबर| शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने मंगलवार को पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्विनी कुमार शर्मा के कार पर हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को बर्बाद करने का असमाजिक तत्वों का काम है। सुखबीर बादल ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है और हिंसा की कार्रवाई से कुछ भी प्राप्त नहंीं किया जा सकता।
उन्होंने एक बयान में कहा, "जो इस तरह के हमले में शामिल थे, वह कभी भी किसानों के शुभचिंतक नहीं हो सकते हैं।
बादल ने कहा, "हम पूरी तरह से स्पष्ट करते हैं कि किसान ऐसी किसी भी कार्रवाई में शमिल नहीं है।"
अकाली दल के नेता ने सरकार से राज्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने का आग्रह किया है।
पंजाब भाजपा अध्यक्ष की कार पर सोमवार शाम को 30-40 की संख्या में लोगों ने होशियारपुर के पास टोल प्लाजा के समीप हमला कर दिया था। शर्मा को हालांकि इस हमले में चोट नहीं आई। (आईएएनएस)
लखनऊ, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व रामपुर से सांसद आजम खां की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को जमानत मंजूर कर ली। आजम खां के साथ उनकी विधायक पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा तथा बेटे अब्दुल्ला आजम खां को भी जमानत मिली है। कोर्ट ने डॉ. तंजीन फात्मा तथा बेटे अब्दुल्ला आजम खां को तत्काल जेल से रिहा करने का निर्देश दिया है, जबकि आजम खां को इस केस के शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना का बयान दर्ज होने के बाद रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने विचारण न्यायालय अलीगढ़ से कोर्ट खुलने पर तीन महीने के भीतर शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने की उम्मीद की है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने डॉ. तंजीन फातिमा, मोहम्मद आजम खां व मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां की जमानत अर्जियों को निस्तारित करते हुए दिया है।
आजम खां व तंजीन फातिमा पर आरोप है कि उनके बेटे के दो जन्मतिथि प्रमाणपत्र बने हैं। एक नगर पालिका परिषद रामपुर व दूसरा नगर निगम लखनऊ से बनवाया गया है। दोनों में जन्म तिथि में काफी अंतर है।
अब्दुल्ला आजम खां पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र का फायदा उठाकर विधानसभा चुनाव लड़ने का आरोप है। हाईकोर्ट ने इनका चुनाव निरस्त कर दिया है।
अब्दुल्ला आजम खां का कहना था कि जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। इसलिए जमानत पर रिहा किया जाए। तंजीन फातिमा का कहना था कि महिला होने के कारण जमानत दी जाय।
ज्ञात हो कि दोनों केस में जमानत के बाद भी आजम खां अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। कोर्ट ने बीती 17 सितंबर को इस मामले में सुनवाई के बाद फैसला अपने पास रखा था। आजम खां पर मजकूरा मामलों के अलावा भी कई केस दर्ज हैं। जब तक उन्हें सभी मामलों में जमानत नहीं मिल जाती, वह जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।
इससे पहले सपा सांसद आजम तथा पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला को रामपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से सात अक्टूबर को जौहर यूनिवर्सिटी में किसानों की जमीन कब्जे के तीन मामलों में जमानत मिल चुकी थी।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| इस साल दिसंबर तक देशभर के पुलिस बल एक अद्वितीय 'रियल टाइम' (वास्तविक समय) आपराधिक पहचान प्रणाली - राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (एनएएफआईएस) का लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे। यह देश में 80 लाख से अधिक अपराधियों की उंगलियों के निशान और उन्हें पहचानने के लिए एक मजबूत वेब-आधारित प्रणाली होगी।
केंद्र सरकार की लंबे समय से लंबित परियोजना को लागू करने के लिए लगभग सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे हैं, जो उनकी उंगलियों के निशान के आधार पर अपराधियों की पहचान करने में मदद करेंगे। नवंबर के अंत तक कुछ लंबित कार्य पूरे हो जाएंगे।
इस संबंध में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि 'जिला और आयुक्तालय' स्तर के लिए एक फिंगर प्रिंट मशीन के कुछ लंबित कार्यों के पूरा होने के बाद एनएएफआईएस को इस साल दिसंबर में लॉन्च किया जाएगा, जो कि अपराधियों के फिंगर प्रिंट लेने में मदद करेगा।
हालांकि अधिकारी ने किसी विशेष तारीख का खुलासा नहीं किया, उन्होंने कहा कि परियोजना दिसंबर के तीसरे सप्ताह से पहले शुरू की जा सकती है।
अमेरिका में फेडरल जांच ब्यूरो (एफबीआई) के एकीकृत स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (आईएएफआईएस) की तर्ज पर एनसीआरबी इस प्रणाली की मेजबानी कर रहा है।
एनसीआरबी एनएएफआईएस केंद्र में प्रत्येक राज्य के लिए अलग स्थान आवंटित करेगा। प्रत्येक राज्य का उनके डेटा पर पूरा नियंत्रण होगा, जबकि अन्य राज्यों को केवल इसे रीड करने की अनुमति दी जाएगी।
उन राज्यों के लिए प्रावधान किए जाएंगे, जिनके पास पहले से ही एएफआईएस है। एनएएफआईएस एनसीआरबी में स्थापित किया जाएगा और अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) कनेक्टिविटी का उपयोग सभी उपयोगकर्ताओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
एनसीएफआई के निदेशक रामफल पवार ने आईएएनएस को बताया, "एनएएफआईएस राज्यों में अपराध के प्रतिमानों को बदलने और राज्यों में पुलिस विभाग के साथ संवाद करने की क्षमता बढ़ाएगा।"
पवार ने कहा, "एनसीएफआईएस एनसीआरबी के साथ साझेदारी में एक गेम-चेंजर साबित होगा।"
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने भी उंगलियों के निशान के महत्व पर जोर दिया है।
रेड्डी ने कहा कि फिंगरप्रिंट एक विशिष्ट उपकरण है, क्योंकि इसकी विशिष्टता, स्थायित्व, व्यक्तित्व और अधिग्रहण में आसानी है।
उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड और फिंगरप्रिंट डेटा का डिजिटलीकरण अपराध और अपराधियों की पहचान करने और उन पर नजर रखने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम है।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित कस्तूरबा अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने वेतन न मिलने के कारण बुधवार से एक हफ्ते की हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। साथ ही वेतन न मिलने पर इस्तीफा देने की धमकी भी दी है। आरडीए के अध्यक्ष सुनील कुमार प्रसाद ने चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखकर कहा है, "जुलाई, 2020 से रेजिडेंट डॉक्टरों के वेतन का भुगतान न होने के कारण सभी रेजिडेंट डॉक्टर कल से हड़ताल पर जा रहे हैं। हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि हम अगले 7 दिनों तक हड़ताल पर रहेंगे या तब तक हड़ताल पर रहेंगे जब तक कि हमारा पूरा वेतन नहीं दिया जाता। 20.02.2020 तक वेतन नहीं मिलने पर सभी रेजिडेंट डॉक्टर सामूहिक इस्तीफा दे देंगे। कल से सभी आपातकालीन सेवाओं को रोक दिया जाएगा।"
इससे पहले नागरिक निकाय द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों ने भी वेतन न मिलने के कारण काम बंद कर दिया था। 5 अक्टूबर से यहां के 200 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर और 300 नर्सिग कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
ये दोनों अस्पताल भाजपा के नेतृत्व वाले उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
वेतन के भुगतान में हो रही देरी को लेकर नॉर्थ एमसीडी के मेयर जय प्रकाश और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के बीच एक सियासी जंग रही है।
कुछ ही दिनों पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अस्पताल के कर्मचारियों को वेतन न दिए जाने को लेकर जब भाजपा पर निशाना साधा था, तब मेयर ने उन पर जनता को अंधेरे में रखकर इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया था।
कस्तूरबा अस्पताल के आरडीए अध्यक्ष ने आईएएनएस से कहा कि उन्हें पिछले 4 साल से समय पर वेतन नहीं मिल रहा है, लेकिन कोरोनावायरस महामारी के दौरान स्थिति गंभीर हो गई।
डॉ. सुनील कुमार प्रसाद ने कहा, "यह मामला अब राजनीतिक फुटबॉल बन गया है। अगर एमसीडी के पास पैसा नहीं है, तो उन्हें केंद्र या दिल्ली सरकार की मदद से इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। नहीं तो यह अस्पताल दिल्ली सरकार को सौंप देना चाहिए।"
डॉ. प्रसाद ने आगे कहा कि कोरोना योद्धाओं को सम्मान देने के लिए करोड़ों खर्च किए जाने के बजाय उस पैसे से योद्धाओं को वेतन देना चाहिए था। "वेतन पाना हमारा मूल अधिकार है। मैं सरकार से वेतन सुरक्षा अधिनियम लाने का भी अनुरोध करता हूं।"
पणजी, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तरी गोवा की जिला पुलिस ने आईपीएल मैचों पर सट्टा लगाते हुए केंडोलिम के बीच विलेज से आंध्र प्रदेश के चार लोगों को गिरफ्तार किया है। क्लांगटे पुलिस थाने के निरीक्षक नोलास्को रापोसो ने मंगलवार को कहा कि पुलिस ने सोमवार रात छापेमारी की, जहां से 15,785 रुपये, 32 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप और पांच लाख रुपये कीमत की मोबाइल कॉन्फ्रेंस बॉक्स बरामद की।
गिरफ्तार किए गए लोग कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर मैच पर सट्टा लगा रहे थे। इनकी पहचान अदीरी नागा राजू, इरिंकी वेंकट गणेश, पिठानी किशोर कुमार और रुद्र सूर्यनारायण राजू के रूप में की गई है।
शिमला, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह बुधवार से चुनिंदा मार्गों पर हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की अंतरराज्यीय सेवाओं को फिर से शुरू करेगी। परिवहन मन्त्री बिक्रम सिंह ने कि पहले चरण में 25 रूटों पर अंतरराज्यीय बस सेवाएं आरम्भ की जाएंगी। इनमें चंडीगढ़, पठानकोट, बद्दी, होशियारपुर, लुधियाना, अम्बाला, हरिद्वार इत्यादि प्रमुख हैं।
अंतरराज्यीय रूटों पर सिर्फ गैर-वातानुकूलित (नॉन-एसी) बसें ही चलाई जाएंगी। अंतरराज्यीय बस रूटों में रात्रि बस सेवाएं भी सम्मिलित की गई हैं।
उन्होंने कहा कि नवरात्रों और त्यौहारों के मद्देनजर लोगों को सुविधा प्रदान करने के ²ष्टिगत प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है। पिछले कुछ समय से आम लोग भी अंतरराज्यीय बस सेवाएं आरम्भ करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही अन्य राज्यों के लिए भी अंतरराज्यीय बस सेवाओं का परिचालन आरम्भ किया जाएगा।
परिवहन मन्त्री ने कहा कि अंतरराज्यीय रूटों पर बसों के परिचालन के लिए कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी दिशा-निदेर्शो का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारती एयरटेल की डीटीएच शाखा-एयरटेल डिजिटल टीवी ने मंगलवार को चिकित्सा और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए समर्पित टीवी चैनल- आकाश एडु टीवी-लॉन्च करने के लिए आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (आकाश) के साथ हाथ मिलाया। आकाश एडू टीवी, जो विशेष रूप से एयरटेल डिजिटल टीवी पर उपलब्ध है, जेईई/एडवांस्ड और नीट जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे भारत भर के छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाले कोचिंग सत्र प्रदान करेगा।
आकाश की बेस्ट-इन-क्लास फैकल्टी छात्रों को लाइव इंटरेक्टिव कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाएगी और छात्रों को महत्वपूर्ण अवधारणाओं को सीखने और समस्याओं को हल करने में मदद करेगी।
सिर्फ 247 रुपये प्रति माह से शुरू, आकाश एडू टीवी-जेईई और फाउंडेशन एयरटेल डीटीएच चैनल नंबर 467 पर और आकाश एडू टीवी-एनईईटी एयरटेल डीटीएच चैनल नंबर 478 पर उपलब्ध होगा।
कम्पनी ने कहा है कि ये चैनल्स फ्री-प्रीव्यू के लिए 21 अक्टूबर तक उपलब्ध रहेंगे।
नई दिल्ली/लखनऊ, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और उत्तर प्रदेश के अन्य विपक्षी दलों ने मंगलवार को राज्य में अपराध के बढ़ते ग्राफ को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना की। प्रियंका ने कहा, "उप्र सरकार महिलाओं के साथ अपराध करने वाले अपराधियों को सही ठहराने और उनकी रक्षा करने का काम कर रहा है, इसके कारण पूरे राज्य में अपराध बढ़ रहे हैं।"
गोंडा एसिड मामले में सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, "17 साल, 10 साल और 8 साल की बेटियां अपने घर में सो रही थीं, तभी किसी ने उनके घर में प्रवेश किया और उन पर एसिड फेंक दिया।"
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाया कि "योगीराज में दलितों पर अत्याचार हो रहा है, क्योंकि सरकार खुद को बचाने के लिए अपराधियों को बचा रही हैं, ऐसे में अपराधी राज्य सरकार से क्यों डरेंगे।"
पार्टी ने कहा कि गोंडा जिले के पसका गांव में तीन नाबालिग दलित बहनों को एसिड से जलाए जाने की घटना से लगता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। इस हमले में 2 लड़कियों को मामूली चोटें आईं, जबकि तीसरी लड़की का चेहरा जल गया है।
वहीं लखनऊ में एक महिला ने आत्मदाह करने की कोशिश।
इस बीच, राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी भी हमले के मूड में आ गई है। पार्टी ने कहा है कि "राज्य में अन्याय और अत्याचार ने हदें पार कर दी हैं।"
पुलिस ने बताया कि 35 वर्षीय महिला ने मंगलवार की दोपहर को विधानसभा के सामने आत्मदाह करने का प्रयास किया। महराजगंज जिले की निवासी इस महिला को गंभीर हालत में सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बता दें कि हाल ही में राज्य में एक के बाद एक कई आपराधिक घटनाएं हुई हैं। पहले हाथरस में दलित लड़की की सामूहिक दुष्कर्म के बाद मौत, फिर झांसी में एक पॉलिटेक्निक कॉलेज में लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म, गोंडा में मंदिर के पुजारी की संपत्ति विवाद में हत्या जैसे मामले लगातार सामने आए हैं।