राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर | भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का फिर बिहार दौरा तय हुआ है। जेपी नड्डा गुरुवार से दो दिनों के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह पांच जनसभाएं करेंगे। यह जानकारी भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संजय मयूख ने दी है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा 15 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे काराकाट के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान, विक्रमगंज में आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वे दोपहर ढाई बजे गांधी मैदान, गोह में दूसरी जनसभा संबोधित करेंगे। शाम साढ़े चार बजे रोहतास के जमुहार स्थित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के सभागार में एनडीए की बैठक को संबोधित करेंगे। इस बैठक में जिला भाजपा अध्यक्ष, जिला भाजपा प्रभारी, सांसद, विधानसभा प्रत्याशी, विधानसभा प्रभारी, विधानसभा विस्तारक, विधानसभा संयोजक, विधानसभा प्रवासी, जिला पदाधिकारी एवं एनडीए के सभी घटक दलों के विधानसभा से पांच - पांच प्रमुख लोग भाग लेंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अगले दिन दोपहर साढ़े 12 बजे बांका के बाराहाट स्थित भैड़ा मोड़ मैदान में रैली को संबोधित करेंगे। इसके बाद वे दोपहर तीन बजे नवादा जिले के इंटर विद्यालय, हिसुआ के परिसर में आयोजित जन-सभा को संबोधित करेंगे।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर | केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को विश्व बैंक द्वारा समर्थित 'स्टार्स' परियोजना को मंजूरी दे दी, जो राज्यों को शिक्षा के मामले में सहयोग करेगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को यह जानकारी दी। केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के तहत नई योजना के तौर पर स्टार्स प्रोजेक्ट को शुरू किया जाएगा। कुल छह राज्य इसके दायरे में आएंगे, जिनमें हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और ओडिशा शामिल हैं।
विश्व बैंक समर्थित कार्यक्रम को राज्यों के लिए टीचिंग-लनिर्ंग एंड रिजल्ट्स (स्टार्स) के रूप में जाना जाता है। केंद्र ने कहा कि इस परियोजना की लागत विश्व बैंक की वित्तीय सहायता 50 करोड़ डॉलर की राशि के साथ ही कुल 5,718 करोड़ रुपये आएगी।
इसके तहत राज्यों को शिक्षा ढांचे में सुधार के लिए विकास, क्रियान्वयन और मूल्यांकन आदि क्षेत्रों में सहायता की जाएगी।
इस परियोजना का लक्ष्य तीन से आठ वर्ष की आयु के बच्चों के बीच मौलिक साक्षरता और समझ में वृद्धि करना होगा। जावड़ेकर ने कहा कि परियोजना के पीछे मुख्य विचार 'लनिर्ंग आउटकम' है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर | भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। कुल छह महिलाओं सहित 35 उम्मीदवारों के नाम पार्टी ने घोषित किए हैं। इसमें छातापुर से विधायक नीरज सिंह बबलू को पार्टी ने फिर से चुनाव मैदान में उतारा है। नीरज सिंह, दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे बड़े भाई हैं। भाजपा के केंद्रीय कार्यालय की ओर से जारी सूचना के मुताबिक पार्टी ने रामनगर(एससी) सीट से विधायक भागीरथी देवी को फिर पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है। नरकटियागंज से रश्मि वर्मा, परिहार से गायत्री देवी, किशनगंज से स्वीटी सिंह, प्राणपुर से निशा सिंह, कोढ़ा(एससी) से कविता पासवान को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। इसी तरह सहरसा से आलोक रंजन झा, दरभंगा से संजय सरावगी, हायाघाट से रामचंद्र साह, केवटी से मुरारी मोहन झा, जाले से जीवेश कुमार, औराई से राम सूरत राय, कुढ़नी से केदार गुप्ता, मुजफ्फरपुर से सुरेश कुमार शर्मा, पाटेपुर(एससी) सीट से लखिंदर पासवान को मौका मिला है।
बगहा से राम सिंह, लौरिया से विनय बिहारी, रक्सौल से प्रमोद सिन्हा, मोतिहारी से प्रमोद कुमार, चिरैया से लाल बाबू प्रसाद गुप्ता, ढाका से पवन जायसवाल, रीगा से मोती लाल प्रसाद, बाथनहा(एससी) से अनिल राम, बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा, खजौली से अरुण शंकर प्रसाद, बिस्फी से हरीभूषण ठाकुर, छातापुर से नीरज कुमार सिंह, नरपतगंज से जय प्रकाश यादव, फारबिसगंज से विद्यासागर केसरी, जोकीहाट से रंजीत यादव, सिट्टी से विजय मंडल, बायसी से विनोद यादव को पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है। पूर्णिया से विजय खेमका, कटिहार से तारकिशोर प्रसाद को टिकट मिला है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर | दिल्ली के उर्जा मंत्री सत्येन्द्र जैन ने बुधवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह को एक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र के जरिए एनसीआर में चल रहे सभी 11 थर्मल पावर प्लांट को बंद करने का अनुरोध किया है। दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली के आसपास चल रहे इन थर्मल पावर प्लांट्स का दिल्ली के प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान है। देश में दिल्ली सरकार एक मात्र ऐसी सरकार है, जिसने अपने राज्य के सभी थर्मल पॉवर प्लांट को बंद कर दिया है।
सतेंद्र जैन ने पत्र में यह भी कहा कि, "सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा था कि 2019 में सभी थर्मल पावर प्लांट बंद कर देंगे, लेकिन अब इन पावर प्लांट को नवीनीकृत करने का समय 2 वर्ष और बढ़ाना चाहती है। एनसीआर में अभी तक चल रहे 11 थर्मल पावर प्लांट को बंद करने से दिल्ली के प्रदूषण पर निश्चित रूप से फर्क पड़ेगा।"
सतेंद्र जैन ने कहा, "अभी भी केंद्र सरकार की मंशा है कि दिल्ली के आसपास जो थर्मल पावर स्टेशन हैं, जिनकी वजह से काफी प्रदूषण होता है, उनके प्रदूषण मानदंड में फिर से छूट दे दी जाए और उनको आगे 2-3 साल और मोहलत दे दिए जाए, ताकि वो प्रदूषण मानदंड का पालन न करें। मैंने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा है कि जितने भी यह थर्मल पावर स्टेशन हैं, इनको बंद किया जाए, ताकि दिल्ली और इसके आसपास रहने वालों लोगों को राहत मिले।"
सतेंद्र जैन ने कहा, "दिल्ली से सटे दूसरे राज्यों में अभी 11 थर्मल पॉवर प्लांट चल रहे हैं। पहले यह 13 थे, जिसमें दो दिल्ली में थे, जिन्हें हम पहले ही बंद कर चुके हैं। शेष पावर प्लांट दिल्ली के आसपास हैं। इसमें दादरी में एक पावर प्लंट है। इसे बंद करने को लेकर कल ही मैंने पत्र लिखा था। दादरी का जो पावर प्लांट है, इसके 25 साल, फेज एक के अगले महीने खत्म होने वाले हैं। सुनने में यह आ रहा है कि 25 साल बाद उसको भी आगे बढ़ाना चाहते हैं, ताकि और प्रदूषण पैदा करता रहे, जबकि उसकी 25 साल की अवधि भी खत्म हो चुकी है।"
ऊर्जा मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा, "दिल्ली में जो प्लांट था, उससे 100 प्रतिशत बिजली की सप्लाई दिल्ली को की जाती थी। देश में बिजली सप्लाई के वैकल्पिक सोर्स हैं, आज भी जो पीक लोड है, उसेसे दोगुना देश के अंदर पावर उत्पादन की क्षमता है। दिल्ली के आसपास पावर प्लांट का होना दिल्ली के पर्यावरण के लिए बहुत ही अधिक खतरनाक है, उसकी वजह से बहुत ज्यादा प्रदूषण होता है। थर्मल पावर प्लांट को बंद करने से दिल्ली में पावर सप्लाई पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, बल्कि प्रदूषण पर जरूर फर्क पड़ेगा और प्रदूषण कम हो जाएगा। अगर हम पराली जलाना बंद कर दें, थर्मल पावर प्लांट को बंद कर दें, तो दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर काफी असर पड़ेगा।"
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को बढ़ाने में पराली और थर्मल पावर स्टेशन का काफी योगदान है। जैन ने कहा कि अभी मैंने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा है। मुझे लगता है कि वो इस पर अवश्य संज्ञान लेंगे और यह महत्वपूर्ण है।
--आईएएनएस
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के ताजा आकलन के अनुसार 2020 में बांग्लादेश प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में भारत से आगे निकल जाएगा। आईएमएफ ने कहा है कि जैसे ही भारत की विकास दर में और गिरावट आएगी वह प्रति व्यक्ति जीडीपी में बांग्लादेश से पीछे हो जाएगा। हालांकि, आईएमएफ ने यह भी कहा है कि अगले साल भारत में इसमें बढ़ोतरी होगी।
मंगलवार को जारी हुई आईएमएफ की वर्ल्ड इकॉनॉमिक रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च, 2021 को समाप्त होने वाले इस वित्तीय वर्ष में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी में 10.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। इससे भारत दक्षिण एशिया का तीसरा सबसे गरीब देश बन जाएगा, जो गरीबी के मामले में केवल पाकिस्तान और नेपाल से पीछे होगा। इसके बाद बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव की भारत की तुलना में प्रति व्यक्ति जीडीपी अधिक होगी।
डॉलर के लिहाज से आंकड़ों में बात करें तो बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2020 में 4 फीसदी बढ़कर भारत की 1,877 से बढ़कर 1,888 डॉलर हो जाने की उम्मीद है। इन आंकड़ों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बुुधवार को बीजेपी की मोदी सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा, "बीजेपी के नफरत भरे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की 6 साल की ठोस उपलब्धि है कि बांग्लादेश भारत को पछाड़ने के लिए तैयार है।"
वहीं शेयर बाजार विशेषज्ञ और एनम होल्डिंग्स के निदेशक मनीष चोखानी ने कहा, "हमारे दोनों पड़ोसी आगे बढ़ रहे हैं। हम उन्हें शुभकामना देते हैं और उम्मीद करते हैं कि हमारी उपलब्धियां हमारी आकांक्षाओं को पूरा करेंगी! चोखानी ने एक क्लिप भी साझा किया, जिसमें दिखाया गया है कि भारत और चीन की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और शेयर बाजारों को बांग्लादेश ने पीछे छोड़ दिया।
बता दें कि 5 साल पहले तक भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी बांग्लादेश से 40 फीसदी अधिक थी। पिछले 5 वर्षों में बांग्लादेश की ग्रोथ रेट भारत से तीन गुना बड़ी हो गई है। भारत की 3.2 प्रतिशत की तुलना में बांग्लादेश की दर 9.1 प्रतिशत हो गई है।(NAVJIVAN)
चित्रकूट, 14 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले एक दलित लडक़ी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। लडक़ी के घरवालों का आरोप है कि गैंगरेप के बाद लडक़ी के परिवारवाले पुलिस में शिकायत करने पहुंचे तो पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। जिससे परेशान होकर लडक़ी ने जान दे दी। लडक़ी की मौत के बाद पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और 2 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया।
पुलिस के मुताबिक मंगलवार सुबह मानिकपुर के एक गांव में 15 साल की एक दलित लडक़ी ने अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उन्होंने बताया कि लडक़ी की मौत के बाद उसके पिता एफआईआर दर्ज कराया कि आठ अक्टूबर को लडक़ी का गैंगरेप किया गया था। जिसके बाद उसने खुदकुशी कर ली।
चित्रकूट के सर्किल ऑफिसर ने बताया कि चित्रकूट में कथित तौर पर एक नाबालिग लडक़ी ने गैंगरेप के बाद आत्महत्या कर ली, पुलिस मामले की जांच कर रही है। परिवार से शिकायत मिली है। एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।’ (hindi.thequint)
नयी दिल्ली 14 अक्टूबर। केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) लिमिटेड से सरकारी निर्माणाधीन नगरनार इस्पात संयंत्र को अलग करने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में बस्तर के निर्माणाधीन नगरनार इस्पात संयंत्र को एनएमडीसी से अलग किया जाएगा। बाद में नगरनार इस्पात संयंत्र में विनिवेश किया जाएगा। केंद्र सरकार इसमें अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी गयी।
लगभग 1980 एकड़ में स्थापित हो रहे नगरनार इस्पात संयंत्र की उत्पादन क्षमता 30 लाख टन प्रतिवर्ष होगी। इसकी निर्माण लागत 23 हजार 140 करोड़ रुपए होगी। अभी तक इस पर 17 हजार 186 करोड़ रुपए व्यय हो चुके हैं जिसमें से 16 हजार 662 करोड़ रुपए एनएमडीसी ने व्यय किये हैं और 524 करोड़ रुपए बौंड के जरिए जुटायें गये हैं। नगरनार इस्पात संयंत्र को अलग करने और इसके विनिवेश की प्रक्रिया साथ साथ शुरू की जाएगी और इसे सितंबर 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा। (वार्ता)
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर| नए शैक्षिक सत्र 2020-21 में दिल्ली विश्वविद्यालय में एडहॉक टीचर्स, परमानेंट टीचर्स और कर्मचारी स्टाफ को बुलाया गया है। टीचर्स को कॉलेजों में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के एडमिशन कार्यों व छात्रों के प्रमाण पत्रों की जांच के लिए बुलाया गया है। ऐसे में इन शिक्षकों को एक करोड़ रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस देने की मांग की जा रही है। दरअसल कोरोना महामारी के चलते दिल्ली में कोविड के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। वहीं कॉलेज विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस की किसी तरह की सुविधाएं नहीं दी गई हैं। शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने एडमिशन में लगे शिक्षकों और कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है।
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज 'सुमन' ने दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश कुमार त्यागी से मांग की है कि कोविड 19 महामारी के चलते छात्रों के एडमिशन कार्य में कॉलेजों में जाकर प्रमाण पत्रों की जांच में लगे एडहॉक शिक्षकों, कर्मचारियों को विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से हेल्थ इंश्योरेंस उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने कहा, "विश्वविद्यालय प्रशासन एक सकरुलर जारी कर प्रिंसिपलों को निर्देश दे कि एडमिशन कार्य में लगे कर्मचारियों का हेल्थ इंश्योरेंस 50 लाख रुपये और शिक्षकों का एक करोड़ रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस किया जाए।"
साथ ही उन्होंने कोविड के चलते इस वर्ष कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले सभी छात्रों को कॉलेज की ओर से उनकी हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा संबंधी फॉर्म भरवाया जाए। कोरोना काल में संक्रमित महामारी के फैलने से इसकी चपेट में न आए ,यदि कोई छात्र इसकी चपेट में आता है तो कॉलेज को उस छात्र के सम्पूर्ण इलाज की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसलिए कॉलेज को छात्रों का भी 50 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस करना चाहिए।
प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि, "दिल्ली विश्वविद्यालय में वर्षो से अपनी सेवाएं दे रहे एडहॉक टीचर्स को कोरोना होने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई आर्थिक सहायता नहीं की। उन एडहॉक टीचर्स ने अपने पैसों से (अपने स्तर पर ) अस्पताल में इलाज कराया। जबकि वे वर्षों से इन कॉलेजों में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं।"
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के मुताबिक कोविड जैसी महामारी के समय आज स्वास्थ्य सुरक्षा सबसे बड़ी आवश्यकता है। ये सभी कर्मचारियों और शिक्षकों का कानूनन अधिकार है। वाइस चांसलर से यह भी मांग की गई है कि कॉलेजों के खुलने पर छात्रों, शिक्षकों व कर्मचारियों का चेकअप कॉलेज अपने स्तर पर कराए। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 14 अक्टूबर| रिश्वत लेने के आरोप में यहां की चंचलगुडा जेल में बंद तेलंगाना सरकार के एक अधिकारी ने खुदकुशी कर ली है। उसे अगस्त में 1.10 करोड़ रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। कीसरा के पूर्व तहसीलदार, इरवा बलराजू नागराजू ने कथित तौर पर जेल की कोठरी में फांसी लगा ली।
उनके शव को ऑटोप्सी के लिए उस्मानिया अस्पताल भेजा गया। दबीरपुरा पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) ने 14 अगस्त को एक रियल एस्टेट डीलर से रिश्वत लेने के आरोप में अधिकारी को गिरफ्तार किया था।
उन्होंने कथित तौर पर हैदराबाद के बाहरी इलाके कीसरा मंडल के रामपल्ली दयारा गांव की 19 एकड़ भूमि से संबंधित जमीन के मुद्दे को निपटाने के लिए 2 करोड़ रुपये की मांग की थी।
नागराजू, रियल एस्टेट डीलर चौला श्रीनाथ, एक अन्य रियल एस्टेट डीलर के. अंजी रेड्डी और ग्राम राजस्व सहायक (वीआरए) बोंगू साई राज के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया गया था।
इन चारों को गिरफ्तार कर एसीबी मामलों की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया था, जिसने इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
एसीबी ने नागराजू के आवास से 36 लाख रुपये, आधा किलो सोना और अचल संपत्ति के दस्तावेज भी बरामद किए थे। (आईएएनएस)
गोरखपुर, 14 अक्टूबर| अभिनेता से नेता बने गोरखपुर से सांसद रवि किशन अब संसद में भोजपुरी फिल्मों में अश्लीलता का मुद्दा उठाएंगे और भोजपुरी फिल्मों के लिए एक अलग सेंसर बोर्ड गठित करने की मांग करेंगे। सांसद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "भोजपुरी भाषा 1,000 साल पुरानी है, कुछ लोग भोजपुरी गाने में अश्लीलता मिलाकर इसकी इमेज खराब कर रहे हैं। मैं इसके खिलाफ सख्त कानून की मांग करता हूं और साथ ही प्रदेश में फिल्मों के अलग सेंसर बोर्ड, खासतौर से भोजपुरी भाषा के लिए बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करूंगा।"
उन्होंने कहा कि गोरखपुर जल्द ही फिल्म शूटिंग का हब बनेगा।
उन्होंने कहा, "स्विट्जरलैंड को कोई भी नहीं जानता था, यश चोपड़ा की फिल्मों के माध्यम से लोगों को इसके बारे में पता चला।"
रवि किशन ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने की घोषणा को धन्यवाद देते हुए कहा कि गोरखपुर जल्द ही फिल्म शूटिंग का केंद्र बनेगा, यह वह सपना है जिसे मुख्यमंत्री और मैंने देखा है। इसे साकार होते देख बहुत खुश हूं।
उन्होंने कहा, "मैंने गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति से विश्वविद्यालय में एक्टिंग एंड फिल्म मेकिंग कोर्स की स्थापना को लेकर बातचीत की है।" (आईएएनएस)
लखनऊ, 14 अक्टूबर| पुलिस ने कांग्रेस नेता आलोक प्रसाद को एक महिला को आत्मदाह करने के लिए उकसाने के आरोप में बुधवार को हिरासत में लिया है। गौरतलब है कि महिला ने विधानसभा के सामने मंगलवार को खुद को आग लगाने की कोशिश की थी। महिला को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जाती है।
आलोक प्रसाद पूर्व राज्यपाल सुखदेव प्रसाद के पुत्र हैं।
उन्हें महाराजगंज जिले की एक महिला को आग के हवाले करने के लिए उकसाने के मामले में हिरासत में लिया गया।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि महिला ने जहां खुद को आग लगाकर आत्मदाह करने की कोशिश की थी आलोक का लॉकेशन उसी जगह के पास था।
महिला (35) ने पुलिस को बताया था कि उसने अपने पहले पति से तलाक लेने के बाद एक मुस्लिम युवक से शादी की है।
उसका दूसरा पति सउदी अरब में रहता है और महिला के ससुराल वाले उसे परेशान करते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि इसी साल जुलाई में कांग्रेस के एक अन्य नेता अनूप पटेल को अमेठी की दो महिलाओं को विधानसभा के सामने खुद को आग लगाने के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
जलने के कारण एक महिला की मौत हो गई थी।
पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने तब पत्रकारों से कहा था कि, "एआईएमआईएम नेता सहित गिरफ्तार किए गए लोगों पर साजिशन आत्मदाह के लिए उकसाने को लेकर मामला दर्ज किया गया है।"
उन्होंने कहा कि महिलाएं 4 जुलाई को उप्र कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में अनूप पटेल से मिलीं, जिन्होंने उन्हें यही सलाह दी थी और पत्रकारों को इसे कवर करने के लिए कहा था। (आईएएनएस)
मुंबई, 14 अक्टूबर| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच के सिलसिले में बुधवार को फिल्म निर्माता दिनेश विजान से जुड़े चार स्थानों पर छापेमारी की। ईडी के एक सूत्र ने कहा कि फिलहाल एजेंसी विजान से जुड़े चार स्थानों पर खोज कर रही है।
सूत्र ने आगे का विवरण साझा करने से इनकार कर दिया।
हालांकि आईएएनएस ने विजान से भी संपर्क करने की कोशिश की, मगर अभी तक उनकी ओर से इस संबंध में कोई जवाब नहीं मिल सका है।
सुशांत ने दिनेश विजान के साथ फिल्म 'राब्ता' में काम किया था। इस फिल्म से ही दिनेश विजान ने बतौर डायरेक्टर बॉलीबुड में खुद को डेब्यू किया था। इस फिल्म में सुशांत के साथ अभिनेत्री कृति सेनन भी थीं। विजान 2017 में रिलीज हुई इस फिल्म के सह-निर्माता भी थे।
ईडी ने सुशांत के पिता के. के. सिंह की शिकायत पर बिहार पुलिस की ओर से दर्ज की गई एक प्राथमिकी के आधार पर 31 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
एफआईआर में सिंह ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे के कोटक महिंद्रा बैंक खाते से 15 करोड़ रुपये की राशि ऐसे अन्य बैंक खातों में स्थानांतरित की गई थी, जिनके साथ सुशांत का कोई संबंध नहीं था।
ईडी ने सुशांत की प्रेमिका रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शोविक और पिता इंद्रजीत सहित कई लोगों से पूछताछ की है।
सुशांत 14 जून को अपने बांद्रा के फ्लैट में मृत पाए गए थे। (आईएएनएस)
भोपाल, 14 अक्टूबर| मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव के लिए भाजपा ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इसमें कुल 30 नाम हैं। स्टार प्रचारकों की सूची से पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा राज्य के उपचुनाव में प्रचार करने नहीं आएंगे। भाजपा की ओर से जारी स्टार प्रचारकों की सूची में प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा दुष्यंत कुमार गौतम, विनय सहस्त्रबुद्धे, नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, कैलाश विजयवर्गीय, धर्मेंद्र प्रधान, उमा भारती, ज्योतिरादित्य सिंधिया को स्टार प्रचारक बनाए गया है।
स्टार प्रचारकों की सूची में प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रभात झा, नंदकुमार सिंह चौहान, राकेश सिंह, सत्यनारायण जटिया, लाल सिंह आर्य, ओम प्रकाश धुर्वे, सुधीर गुप्ता, कृष्ण मुरारी मोघे, सुहास भगत, हितानंद शर्मा, नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, जगदीश देवड़ा, कमल पटेल, यशोधरा राजे सिंधिया, जय भान सिंह पवैया और उमाशंकर गुप्ता के नाम है।
स्टार प्रचारकों की सूची में भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर का नाम न होना चर्चा का विषय बना हुआ है, वहीं इस सूची से यह भी पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा उपचुनाव में प्रचार करने नहीं आएंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर| संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की 75 वीं वर्षगांठ पर 16 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 रुपये का स्मृति सिक्का जारी करेंगे। यह सिक्का खाद्य एवं कृषि संगठन और भारत के दीर्घकालिक संबंध को लेकर जारी किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान हाल ही में विकसित आठ फसलों की 17 प्रजातियों को भी देश को समर्पित करेंगे। सरकार की ओर से कृषि और पोषण को प्राथमिकता देने की दिशा में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। भूख और कुपोषण को पूरी तरह से समाप्त करने के सरकार के संकल्प को इस कार्यक्रम के जरिए प्रदर्शित करने की तैयारी है। कृषि मंत्री भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।
कमजोर वर्ग को पोषक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की अद्वितीय यात्रा रही है। भारत का खाद्य एवं कृषि संगठन के साथ ऐतिहासिक संबंध रहा है। भारतीय सिविल सेवा के अफसर डॉ. बिनय रंजन सेन 1956-1967 के बीच खाद्य एवं कृषि संगठन के डायरेक्टर जनरल रहे। खास बात है कि जिस विश्व खाद्य कार्यक्रम ने नोबल शांति पुरस्कार-2020 जीता, उसकी स्थापना उनके समय ही हुई थी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर| दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला राज्य मंत्री दिलीप रे और पांच अन्य की सजा पर 26 अक्टूबर तक के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने 6 अक्टूबर को, उन्हें इस मामले में दोषी ठहराया था और कहा था कि इन लोगों ने कोयला ब्लॉक के आवंटन की खरीद को लेकर एक साथ साजिश रची थी।
यह मामला 1999 में कोयला मंत्रालय की 14 वीं स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा कैस्ट्रन टेक्नोलजीज लिमिटेड के पक्ष में झारखंड के गिरिडीह जिले में 105.153 हेक्टेयर गैर-राष्ट्रीयकृत और परित्यक्त कोयला खनन क्षेत्र के आवंटन से संबंधित है।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे दिलीप रे के अलावा, कोयला मंत्रालय के दो पूर्व वरिष्ठ अधिकारी - प्रदीप कुमार बनर्जी, तत्कालीन अतिरिक्त सचिव और नित्या नंद गौतम, पूर्व सलाहकार (परियोजनाएं), और कैस्ट्रन टेक्नोलजीज लिमिटेड के निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रन माइनिंग लिमिटेड को भी दोषी पाया गया है।
विशेष न्यायाधीश ने निष्कर्ष निकाला कि, "इसमें कोई शक नहीं है कि सभी दोषियों ने एक साथ साजिश रची ताकि कैस्ट्रन टेक्नोलजीज लिमिटेड के पक्ष में ब्रह्माडीह कोयला ब्लॉक का आवंटन प्राप्त किया जा सके।"
अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120 बी (आपराधिक साजिश) 409 (आपराधिक विश्वासघात) और धारा 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों का दोषी ठहराया।
इसके अलावा, कैस्ट्रन टेक्नोलजीज लिमिटेड के महेश कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रन माइनिंग लिमिटेड को भी भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध के लिए 379 (चोरी की सजा) और 34 (आम इरादे) के तहत दोषी ठहराया गया था। दोषियों को सजा पर बहस अदालत द्वारा 14 अक्टूबर को सुनी जानी थी।
मामले में 51 गवाहों की जांच की गई। अभियोजन पक्ष के अनुसार, मामले के तथ्यों और परिस्थितियों ने स्पष्ट रूप से निजी पार्टियों और जन सेवकों द्वारा आपराधिक साजिश रचने की बात कही है।
सीनियर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ए.पी. सिंह ने अदालत को बताया था कि ब्रह्मडीह कोयला ब्लॉक निजी पार्टियों को आवंटित किया जाने के तौर पर पहचाना गया कैप्टिव कोल ब्लॉक नहीं था, यहां तक कि स्क्रीनिंग कमेटी भी किसी कंपनी को कैस्ट्रन टेक्नोलजीज लिमिटेड से कम आवंटन पर विचार करने के लिए सक्षम नहीं थी। (आईएएनएस)
दुबई, 14 अक्टूबर| दिल्ली कैपिटल्स के विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने कहा है कि टीम के लिए यह समय है टूर्नामेंट में दोबारा शुरुआत करने का। दिल्ली को बुधवार को आईपीएल-13 के मैच में राजस्थान रॉयल्स से भिड़ना है। मैच से पहले मंगलवार को कैरी ने कहा कि टीम खिलाड़ियों की चोटों से परेशान है लेकिन वह साथ ही इन सभी बातों को पीछे छोड़कर अच्छा करने को तैयार है।
उन्होंने कहा, "हमने काफी कम समय में चोटें देखी हैं। मैं यह नहीं कह सकता कि इसका कारण बीते छह महीनों में क्रिकेट न खेलना है। हां, यह निराशाजनक खबर है, लेकिन हम जानते हैं कि हमारे दो बेहतरीन खिलाड़ी अमित मिश्रा और ईशांत शर्मा हमारी हौसलाअफजाई करेंगे।"
उन्होंने कहा, "यह अच्छा समय है। हम टूर्नामेंट में आधा सफर तय कर चुके हैं। हम हर टीम से एक बार खेल चुके हैं। पिछली बार जब हम राजस्थान के खिलाफ खेले थे तो परिणाम अच्छा रहा था। इस बार उनके पास बेन स्टोक्स हैं जो उनकी टीम को मजबूती देंगे।"
राजस्थान के बारे में कैरी ने कहा, "उनकी टीम लाइनअप अच्छी है। बाकी टीमों की तरह भी उनके पास खतरनाक खिलाड़ी हैं। आप जानते हैं कि उनके पास जोस बटलर, स्टीव स्मिथ, स्टोक्स, जोफ्रा आर्चर हैं।"
दिल्ली को पिछले मैच में मुंबई इंडियंस के खिलाफ पांच विकेट से हार मिली थी। कैरी ने कहा कि टीम उस हार से वापसी करना चाहती है।
कैरी ने कहा, "टूर्नामेंट में शुरुआत में अपने खाते में जीत डालना शानदार है। मुझे लगता है कि अब यह समय है जब हम अपनी टीम को सेटल करें और फाइनल्स में जाने की कोशिश करें- अपनी बेहतर क्रिकेट खेल कर।"
उन्होंने कहा, "आप टूर्नार्मेट में जल्दी से जल्दी पीक पर पहुंचना चाहते हैं। मुझे लगता है कि हमने बेहतरीन क्रिकेट की झलकियां देख ली हैं, लेकिन पूरे 40 ओवर अच्छा करने पर हमारा जोर रहेगा।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर | खाद्य पदार्थ की ऊंची कीमतों, प्राइमरी आर्टिकल्स और निर्मित वस्तुओं की ज्यादा कीमतों ने भारत की सितंबर थोक मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) को तेज कर दिया है। नतीजतन, थोक मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर सितंबर में बढ़कर 1.32 प्रतिशत हो गई जो अगस्त में 0.16 प्रतिशत थी।
साल-दर-साल के आधार पर, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई ) डेटा पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान के मुकाबले केवल 0.33 प्रतिशत बढ़ा है(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर| दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के मॉडल टाउन में एक हिट एंड रन मामले में शामिल एक 17 वर्षीय लड़के को पकड़ा है, जिसमें दो नाबालिग बहनों की मौत हो गई थी और उनका 6 वर्षीय भाई और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया था। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। उत्तर-पश्चिम दिल्ली की डीसीपी विजयंता आर्य ने कहा, "हमने दुर्घटना में शामिल एक होंडा सिटी कार को जब्त कर लिया है और कक्षा 12 के नाबालिग छात्र को हिरासत में ले लिया है जो दुर्घटना के समय कार चला रहा था।"
पुलिस के अनुसार, दुर्घटना जीटी रोड पर गुरुद्वारा नानक प्याऊ के पास सोमवार रात को हुई।
पुलिस ने कहा कि जसपाल सिंह अपने तीन बच्चों और एक दोस्त के साथ घर लौट रहा था। मॉडल टाउन में सीएनजी पंप पर पहुंचने के बाद, परिवार एक रिफिल कराने के लिए नीचे उतर गया। जसपाल का दोस्त मिलाप सिंह तीनों बच्चों को सड़क के रास्ते गुरुद्वारे ले गया, जैसे ही वे सड़क पार कर रहे थे, उन्हें तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी।
अधिकारी ने कहा, "एम्स ट्रॉमा सेंटर में सात वर्ष की एक लड़की और सफदरजंग अस्पताल में चार साल की लड़की (दोनों बहने) ने दम तोड़ दिया। जबकि दो अन्य घायलों का अभी भी एम्स और सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा है।"
दुर्घटनास्थल पर मिले सुराग से दिल्ली पुलिस ने अपराधी और उसके वाहन की तलाश शुरू कर दी। चूंकि वाहन का स्वामित्व तीन बार बदल गया था, इसलिए पुलिस को वाहन का पता लगाने में थोड़ा समय लगा। आरोपी के पकड़े जाने के बाद आखिरकार कार एक मैकेनिक की दुकान पर मिली। (आईएएनएस)
आईएमएफ की रिपोर्ट ने चौंकाया
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में बांग्लादेश भारत को पछाड़ते हुए आगे निकलने को तैयार है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष-वल्र्ड इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक, साल 2020 में बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 4 फीसदी बढक़र 1,888 डॉलर होने की उम्मीद है, जबकि भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 10.3 प्रतिशत घटकर 1,877 डॉलर रहने की उम्मीद है- जो पिछले चार वर्षों में सबसे कम है। आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि इस साल भारत की जीडीपी में 10.3 फीसदी की गिरावट आ सकती है।
भारत के लिए आईएमएफ का यह अनुमान, जून में किए गए पूर्वानुमान से बहुत नीचे है, जिसमें कहा गया है कि कोरोनोवायरस महामारी की वजह से उभरते बाजारों में सबसे बड़ा संकुचन देखने को मिल सकता है. मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों की जीडीपी का यह आंकड़ा मौजूदा कीमतों पर आधारित है। जून में आईएमएफ के पिछले पूर्वानुमान में कहा गया था कि उत्पादन 4.5 प्रतिशत कम हो जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष-वल्र्ड इकोनॉमिक आउटलुक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दक्षिण एशिया में तीसरा सबसे गरीब देश बनने की ओर अग्रसर है। केवल पाकिस्तान और नेपाल की प्रति व्यक्ति जीडीपी ही भारत से कम होगी जबकि बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव जैसे देश भारत से आगे होंगे।
हालाँकि, आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि 2021 में प्रभावशाली 8.8 प्रतिशत की विकास दर के साथ भारत, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में वापसी कर सकता है। इस प्रकार सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्था की स्थिति को फिर से हासिल करते हुए भारत चीन की अनुमानित विकास दर 8.2 प्रतिशत को पार कर सकता है।
आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना वार्षिक बैठक से पहले ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य’ रिपोर्ट जारी की गई है. इसमें कहा गया है कि 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी और 2021 में यह 5.2 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हासिल करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 5.8 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है जबकि अगले वर्ष इसमें 3.9 प्रतिशत की वृद्धि होगी। वर्ष 2020 के दौरान दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में केवल चीन ही एकमात्र देश होगा जिसमें 1.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाएगी।
सुमित कुमार सिंह
पुलवामा, 14 अक्टूबर| कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंदुरुनी इलाकों के पास हेक्साकॉप्टर का प्रयोग कर भारतीय सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमले का खतरा बना हुआ है। इसे देखते हुए जवानों को इन हमलों को नाकाम करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जवान अब ड्रोन हमले को नाकाम करने के तरीके सीख रहे हैं।
भारतीय सेना ने आतंकवाद को नाकाम करने के लिए जम्मू एवं कश्मीर में तैनात अपने जवानों के लिए नए प्रशिक्षण मोड्यूल को अपनाया है।
15 कोर्प्स बैटल स्कूल में मौजूद प्रशिक्षु जवानों को यह सिखाया जा रहा है कि ड्रोन की वजह से उत्पन्न हो रहे खतरे से कैसे निपटें।
एक ट्रैनर ने कहा, "हम यहां प्रशिक्षण के लिए आने वाले सभी जवानों को ड्रोन के खतरे के प्रति आगाह करते हैं। कुछ खुफिया रिपोर्ट है कि ड्रोन का प्रयोग सुरक्षा प्रतिष्ठानों और जवानों पर ग्रेनेड गिराने के लिए किया जा सकता है।"
घाटी में तैनात होने वाले भारतीय सेना के अधिकारियों या जवानों को बैटल स्कूल में एक प्रशिक्षण से गुजरना होता है।
बैटल स्कूल में दो तरह के प्रशिक्षण कोर्स चलते हैं। एक प्रशिक्षण उनके लिए होता है जो पाकिस्तान से सटे एलओसी के पास तैनात होते हैं। इन जवानों को 14 दिनों के लिए प्रशिक्षण लेना होता है। दूसरा घाटी में विभिन्न जगहों पर आतंकवाद का सामना करने के लिए तैनात जवानों के लिए होता है। यह प्रशिक्षण 28 दिनों का होता है।
एक अन्य ट्रेनर ने कहा, "दोनों कोर्सो का ड्रोन समेत सामान्य प्रशिक्षण मोड्यूल होता है। इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम जवानों की जमीन पर मदद करते हैं।"
बीते सप्ताह खुफिया एजेंसियों ने कहा था कि आईएसआई ने सीपीईसी से जुड़े चीनी कंपनी से बड़ी संख्या में हेक्साकॉप्टर खरीदा है, जिससे वह जम्मू व कश्मीर में अशांति पैदा करने के लिए हथियारों की आपूर्ति कर सके।
भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि आईएसआई ने आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति के लिए नया तरीका ढूंढा है। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है कि ड्रोन से हथियार भेजने में आतंकवादियों के मारे जाने का खतरा नहीं होता है।
सूत्रों ने कहा कि सीमा पर काफी सख्ती की वजह से आतंकवादियों को यह सिखाया जा रहा है कि कैसे ड्रोन का उपयोग करें और जब वे एक बार भारतीय सीमा में प्रवेश कर जाएं तो कैसे भारतीय प्रष्ठिानों पर हमला करें। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर| ब्रिटेन की सबसे बड़ी प्रकृति संरक्षण चैरिटी 'रॉयल सोसाइटी फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ बर्डस' (आरएसपीबी) ने भारत के गिद्धों को विलुप्त होने से बचाने के लिए और प्रकृति संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए राम जकाती को प्रतिष्ठित मेडल से नवाजा है। 1990 के दशक में भारत की गिद्ध आबादी वेटरिनरी ड्रग, मवेशियों को दिए जाने वाले डाइक्लोफेनेक, जो गिद्धों के लिए हानिकारक था और जिसे खाकर ये मर जाते थे, के कारण इस पक्षी की आबादी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई थी।
दवा का इस्तेमाल इतना व्यापक था कि भारत की गिद्ध आबादी डाइक्लोफेनाक के उपयोग से पहले सिर्फ एक प्रतिशत तक रह गई थी।
कई वर्षों तक हरियाणा में वन विभाग के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन रहे जकाती ने न केवल दवा पर प्रतिबंध लगाने, बल्कि अभयारण्यों, प्रजनन केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित करने और यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कि प्रतिबंध लागू होने से पहले गिद्ध विलुप्त नहीं हो जाए।
गिरावट के कारण की पहचान होने से पहले उनका काम शुरू हुआ और उनके शुरुआती हस्तक्षेप को भारत के गिद्धों की रक्षा का एक बड़ा कारक माना जा सकता है।
बाद में उन्होंने सेव (सेविंग एशियाज वल्चर्स फ्रॉम एक्सटिन्क्शन), एक अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को पाने में मदद की जो आज तक दक्षिण एशिया के गिद्धों के संरक्षण में एक समन्वय भूमिका निभाती है।
एशियाई गिद्ध संरक्षण कार्यक्रम आज, 20 साल बाद, प्रभावी संरक्षण डिलीवरी का विश्वभर में एक बड़ा उदाहरण है।
आरएसपीबी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी बेकी स्पाइट ने कहा, "जलवायु और प्रकृति संकट और मानव गतिविधि का प्रभाव कई बार आम प्रजातियों को विलुप्त होने के कगार पर पहुंचा रहा है।"
उन्होंने कहा, "लेकिन दुनिया भर में लोग और कुछ सरकारें इससे लड़ रही हैं। इसलिए मुझे खुशी है कि हम डॉ. जकाती के महत्वपूर्ण काम का जश्न मनाने में सक्षम हैं। उनकी ऊर्जा और संकल्प ने भारत में गिद्धों को विलुप्त होने से रोक दिया है।"
वहीं, जकाती ने कहा, "मैं इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाकर बहुत खुश हूं। मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि हम भारत में गिद्ध संरक्षण में तेजी से प्रगति कर सकते हैं क्योंकि हमारे पास 2000 की शुरुआत में एक उत्कृष्ट टीम थी।"
उन्होंने कहा, "इसलिए, मैं उस वल्चर (गिद्ध) टीम की ओर से इस पुरस्कार को स्वीकार करना चाहूंगा जिसने भारतीय गिद्धों को संभावित विलुप्त होने से बचाने के लिए काम की एक ठोस नींव रखी।"
उन्होंने आगे कहा कि मैं विशेष रूप से बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के विभू प्रकाश और निकिता प्रकाश, आरएसपीबी के डेबी पेन और क्रिस बोडेन, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के रीस ग्रीन और जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन के एंड्रयू कनिंगम और इंटरनेशनल बर्ड ऑॅफ प्रे सेंटर की जेमिमा पैरी जोन्स के नामों का उल्लेख करना चाहूंगा। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 14 अक्टूबर| जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम जिले में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का एक जवान बीते दो दिनों से अपने कैंप से फरार है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि एसएसबी के 14वें बटालियन के कमांडेंट ने बडगाम जिले के चंदोरा जिले में इस बाबत एक रिपोर्ट दर्ज कराई है।
रिपोर्ट के अनुसार रजौरी जिले का रहने वाला कांस्टेबल अल्ताफ हुसैन बीते दो दिनों से अपने सर्विस राइफल के साथ फरार है।
पुलिस सूत्रों ने कहा, "कमांडेंट से प्राप्त सूचना के आधार पर चंदोरा पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज कराई गई है और जांच जारी है।" (आईएएनएस)
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती को 14 महीने बाद प्रशासन ने रिहा कर दिया है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा कि पीडीपी अध्यक्ष को हिरासत से रिहा किया जा रहा है.
रिहा होने के बाद महबूबा मुफ़्ती ने अपने लोगों के लिए एक छोटा सा बयान जारी किया है.
महबूबा ने अपने संदेश में कहा है, "मैं आज एक साल से भी ज़्यादा अर्से के बाद रिहा हुईं हूं. इस दौरान पाँच अगस्त, 2019 के काले दिन का काला फ़ैसला हर पल मेरे दिल और रूह पर वार करता रहा. और मुझे एहसास है कि यही कैफ़ियत जम्मू-कश्मीर के तमाम लोगों की रही होगी. हम में से कोई भी शख़्स उस दिन की डाकाज़नी और बेइज़्ज़ती को क़त्तई भूल नहीं सकता.
After being released from fourteen long months of illegal detention, a small message for my people. pic.twitter.com/gIfrf82Thw
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 13, 2020
"अब हम सबको इस बात का इरादा करना होगा कि दिल्ली दरबार ने जो पाँच अगस्त को ग़ैर-संवैधानिक, ग़ैर-लोकतांत्रिक, ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से हमसे छीन लिया, उसको वापस लेना होगा. बल्कि उसके साथ-साथ कश्मीर समस्या जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर में हज़ारों लोगों ने अपनी जानें निछावर की, उसको हल करने के लिए हमें अपनी जद्दोजहद जारी रखनी होगी. मैं मानती हूं कि यह राह क़त्तई आसान नहीं होगी. लेकिन मुझे यक़ीन है कि हम सब का हौसला और इरादा यह दुश्वार रास्ता तय करने में हमारा मददगार होगा. आज जबकि मुझे रिहा किया गया है, मैं चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के जितने भी लोग मुल्क के अलग-अलग जेलों में बंद पड़े हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए."
इससे पहले महबूबा की रिहाई की ख़बर मिलते ही उनकी बेटी इल्तिजा ने ट्वीट किया था, "अब मुफ़्ती की ग़ैर-क़ानूनी हिरासत आख़िरकार ख़त्म हुई. इस मुश्किल घड़ी में जिन लोगों ने मेरा साथ दिया, उनका शुक्रिया. मैं कई लोगों की क़र्ज़दार हूं."
महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती ने अपनी मां को बंदी बनाए जाने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
29 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा था कि केंद्र सरकार किस आदेश के तहत और कब तक महबूबा मुफ़्ती को हिरासत में रखना चाहती है.जस्टिस किशन कॉल और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच ने मेहता से इल्तिजा मुफ़्ती की याचिका पर एक हफ़्ते में जवाब दाख़िल करने के लिए कहा था.उस समय मेहता ने सर्वोच्च अदालत के सामने कुछ समय माँगते हुए कहा था कि केंद्र सरकार एक सप्ताह के अंदर इन मामलों पर अदालत में जवाब दाख़िल करेगी.तुषार मेहत के जवाब के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 15 अक्टूबर तक टाल दी थी. सुप्रीम कोर्ट में पेशी से पहले ही सरकार ने महबूबा को रिहा कर दिया.
उमर अब्दुल्लाह ने किया स्वागत
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ़्रेंस के नेता उमर अब्दुल्लाह ने महबूबा मुफ़्ती की रिहाई का स्वागत किया है.
उन्होंने ट्वीट किया, "मुझे यह सुनकर बहुत ख़ुशी हुई कि एक साल से भी ज़्यादा दिनों तक हिरासत में रखने के बाद महबूबा मुफ़्ती साहिबा को रिहा कर दिया गया है. उनको लगातार हिरासत में रखना एक मज़ाक़ था और लोकतंत्र की बुनियादी उसूलों के ख़िलाफ़ था. महबूबा आपका स्वागत है."
कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने भी महबूबा मुफ़्ती की रिहाई का स्वागत किया है.
चिदंबरम ने हिंदी में ट्वीट किया और लिखा कि जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की सभी पार्टियों को केंद्र सरकार के अत्याचार से लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए.
महबूबा मुफ़्ती की चुनौती
रिहाई के बाद नेशनल कॉन्फ़्रेंस के नेता उमर अब्दुल्लाह और फ़ारूक़ अब्दुल्लाह केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ सख़्त रवैया अपनाए हुए हैं.
दोनों बाप-बेटे मोदी सरकार के ख़िलाफ़ कई बयान दे चुके हैं. कुछ ही दिन पहले फ़ारूक़ अब्दुल्लाह ने तो एक निजी न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि कश्मीरियों को विश्वास है कि चीन की मदद से धारा 370 और 35ए फिर से बहाल होगी.
उनके इस बयान पर उनकी काफ़ी आलोचना भी हुई.
अब ऐसे में महबूबा के सामने मुश्किल यह है कि वो अब्दुल्लाह बाप-बेटे से भी ज़्यादा सख़्त तेवर दिखाएं या फिर दिल्ली से किसी तरह की सुलह-सफ़ाई की कोशिश करें.
एक साल के बाद महबूबा मुफ़्ती रिहा तो हो गईं हैं लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी पार्टी को दोबारा खड़ा करने की है. जब वो नज़रबंद थीं तो उनकी पार्टी के दर्जन भर नेता और पूर्व मंत्री बाग़ी हो गए थे और उन्होंने पूर्व मंत्री अलताफ़ बुख़ारी के नेतृत्व में एक नई पार्टी 'अपनी पार्टी' बना ली है.
पीडीपी के प्रवक्ता ताहिर सईद कहते हैं, "लंबी हिरासत के बाद महबूबा मुफ़्ती रिहा हो रहीं हैं. उन्हें अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी मिलने का मौक़ा नहीं मिला. वो निहायत सुलझी हुईं नेता हैं, वो पार्टी को दोबारा संगठित करेंगी."
धारा 370 ख़त्म करने का फ़ैसला
पाँच अगस्त 2019 को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने न केवल जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को हटा दिया था, बल्कि जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा ख़त्म कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बाँट दिया था.
केंद्र सरकार के इस फ़ैसले के कुछ ही घंटे पहले उमर अब्दुल्लाह, उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्लाह, राज्य की एक और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती समेत सैकड़ों नेताओं को नज़रबंद या गिरफ़्तार कर लिया गया था.
इन सभी नेताओं का कहना था कि बिना किसी आरोप के उन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. फ़रवरी में उमर, महबूबा और कई दूसरे नेताओं पर पब्लिक सेफ़्टी एक्ट (पीएसए) लगा दिया गया था.
सात महीनों के बाद 24 मार्च को उमर अब्दुल्लाह को रिहा कर दिया गया था. उसके एक हफ़्ते पहले उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्लाह को भी रिहा कर दिया गया था.
उमर पहले भी महबूबा के पक्ष में बोलते रहे हैं
महबूबा मुफ़्ती की हिरासत जारी रही और मई में उन पर दोबारा पीएसए लगाया गया था, जिसे जुलाई में तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया था.
महबूबा मुफ़्ती की हिरासत बढ़ाए जाने पर उमर अब्दुल्लाह ने सख़्त टिप्पणी की थी.
उमर ने कहा था कि, "जो सरकार जम्मू-कश्मीर में हालात के सामान्य होने के लंबे दावे कर रही है, उसके लिए पिछले कुछ दिनों की घटना और महबूबा मुफ़्ती की नज़रबंदी का बढ़ाया जाना इस बात के सबूत हैं कि मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने अकेले जम्म-कश्मीर को दशकों पीछे धकेल दिया है."
उमर ने कहा था कि ये एक अमानवीय और क्रूर फ़ैसला है जिसपर यक़ीन करना मुश्किल है. उमर ने कहा था कि 'महबूबा मुफ़्ती ने ऐसा कुछ भी नहीं किया या कहा है जो कि भारत सरकार के उनके प्रति रवैये को जायज़ क़रार दिया जा सकता है.'
महबूबा मुफ़्ती के समर्थन में उमर ने उस समय कहा था कि "वो इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि भारत सरकार के इस फ़ैसले का औचित्य क्या है क्योंकि उनके अनुसार ये बदले की कार्रवाई के अलावा और कुछ नहीं."
महबूबा मुफ़्ती फ़िलहाल अपनी बेटियों के साथ इस साल अप्रैल से अपने घर पर ही नज़रबंद थीं. उनकी हिरासत पाँच नवंबर को ख़त्म होने वाली थी. उसके बाद सरकार को फ़ैसला करना था कि वो उनकी हिरासत को और बढ़ाएगी या फिर उन्हें रिहा कर देगी. इस बीच 15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सरकार को बताना था कि वो मुफ़्ती को कब तक हिरासत में रखना चाहती है और किस आदेश के तहत.
लेकिन सरकार ने उससे पहले ही उन्हें रिहा कर दिया.(bbc)
मुंबई, 14 अक्टूबर | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उससे वह हैरान हैं। महाराष्ट्र में राज्यपाल कोश्यारी और मुख्यमंत्री ठाकरे के बीच वाक युद्ध छिड़ा हुआ है। यह बवाल धार्मिक स्थानों को फिर से खोलने को लेकर शुरू हुआ, जिस पर ठाकरे और राज्यपाल कोश्यारी आमने-सामने हैं।
दरअसल इसकी शुरूआत उस चिठ्ठी से हुई, जो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी थी, जिस पर ठाकरे ने राज्यपाल को पलटकर जवाब दिया था। अब महा विकास अघाड़ी के घटक दल राकांपा के प्रमुख शरद पवार ने इस मामले पर सीधे प्रधानमंत्री को ही चिठ्ठी लिख डाली है, जिसमें उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे का समर्थन किया है।
पवार ने पत्र में लिखा कि राज्यपाल का अपना व्यक्तिगत मत हो सकता है, लेकिन एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपनी भाषा में शब्दों के चयन पर ध्यान देना चाहिए।
पवार ने मोदी को लिखे पत्र में कहा, "मैं इस बात से सहमत हूं कि राज्यपाल इस मुद्दे पर अपने स्वतंत्र विचार और राय रख सकते हैं। मैं राज्यपाल के अपना मत मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की भी सराहना करता हूं, लेकिन राज्यपाल के पत्र और उस तरह की भाषा को देखकर मैं हैरान हूं।"
राज्यपाल के पत्र में सेक्युलर शब्द का जिस तरह इस्तेमाल किया गया है उसे लेकर शरद पवार ने कहा कि आपने देखा होगा कि किस तरह से असंयमित भाषा का प्रयोग किया गया है। दुर्भाग्य से राज्यपाल का पत्र किसी राजनीतिक पार्टी के नेता का पत्र लग रहा है। उन्होंने कहा, "मैं इस बात में विश्वास करता हूं कि लोकतंत्र में राज्यपाल और मुख्यमंत्री में स्वतंत्र विचारों का आदान-प्रदान जरूरी है, लेकिन इसकी भाषा संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के पद की गरिमा के अनुरूप होनी चाहिए।"
पवार ने लिखा कि उन्होंने इस बारे में राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात नहीं की है, लेकिन वे चाहते हैं कि माननीय राज्यपाल की ओर से संवैधानिक पदों के क्षरण किए जाने को लेकर अपना दुख आपसे और जनता से साझा करूं।
बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने ठाकरे को हाल ही में एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने का आग्रह किया है। राज्यपाल ने कहा है कि एक जून से राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने का एलान किया गया था, लेकिन चार महीने बीत चुके हैं, इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।
राज्यपाल ने इसमें कहा है कि यह विडंबना है कि सरकार ने एक तरफ बार और रेस्तरां को खोल दिया है, लेकिन दूसरी तरफ मंदिर जैसे धार्मिक स्थानों को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्तिव्यक्त की है।
इसमें कहा गया है कि मुझे आश्चर्य है कि आपको मंदिरों को नहीं खोलने के लिए कोई दिव्य प्रेम प्राप्त हो रहा है या फिर आप धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं। यह एक ऐसा शब्द है, जिससे आप नफरत करते हैं।
वहीं शिवसेना के सांसद संजय राउत ने भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की चिट्ठी पर पलटवार किया है। राउत ने कहा कि मंदिरों की बार के साथ तुलना करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि महाराष्ट्र में कोरोना का खतरा पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। जब प्रधानमंत्री भी यहां की स्थिति से बहुत चिंतित हैं, तो राज्यपाल को भी इसके बारे में सोचना चाहिए।(आईएएनएस)
गुरुग्राम, 14 अक्टूबर | हरियाणा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) ने मंगलवार को एक प्रोजेक्ट में देरी के लिए सना रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। प्राधिकरण ने रियल एस्टेटर्स को एक फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त करने का आदेश दिया है। अब स्वीकृत बिल्डिंग प्लान में संशोधन के बिना विभिन्न इकाइयों के क्षेत्रफल में बदलाव करने के संबंध में जांच के लिए फोरेंसिक ऑडिट किया जाएगा।
प्रमोटर को प्राधिकरण के समक्ष सभी दस्तावेजों के साथ पेश होने के लिए वारंट जारी करने का आदेश दिया गया है।
बिल्डर गुरुग्राम के सेक्टर 67 में एक आवासीय परियोजना विकसित कर रहा है। आवंटियों द्वारा शिकायत मिलने के बाद प्राधिकरण द्वारा कार्रवाई शुरू की गई।
यह निर्णय हरेरा गुरुग्राम के चेयरमैन डॉ. केके खंडेलवाल की अध्यक्षता में लिया गया। सुनवाई के दौरान हरेरा पीठ के सदस्य समीर कुमार व सुभाष चंद कुश भी मौजूद रहे।
प्राधिकरण ने आवंटियों को वास्तविक पजेशन (कब्जा) मिलने तक देरी के लिए यह जुर्माना लगाया है। इसके अलावा प्राधिकरण ने प्रमोटरों के नाम वारंट जारी करने का आदेश देते हुए उन्हें दस्तावेजों के साथ पीठ के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा है।
पीठ ने आदेश के दौरान कहा कि नोटिस दिए जाने के बावजूद प्रमोटर अभी तक प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ है।
मेसर्स सना रियल्टर्स के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की सुनवाई के दौरान हरेरा पीठ ने पाया कि प्रमोटर और आवंटियों के बीच बिल्डर-बायर्स एग्रीमेंट वर्ष 2010-11 में हुए थे। इसके अनुसार पजेशन 2013-14 में दिया जाना था। लेकिन अभी तक प्रमोटर ने पजेशन नहीं दिया है।(आईएएनएस)