राष्ट्रीय
भोपाल : एमपी में भोपाल रेलवे स्टेशन के VIP रेस्ट रूम में एक युवती से गैंगरेप के आरोप में जीआरपी ने रेलवे के एक अफसर को गिरफ्तार किया है, जबकि दूसरे को हिरासत में लिया है। इस घटना के बाद हड़कंप मच गया है। क्योंकि आरोपी रेलवे के कर्मचारी हैं। साथ ही स्टेशन पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
रेल एसपी हितेश चौधरी ने बताया कि युवती से सामूहिक बलात्कार के आरोप में भोपाल रेल मंडल में सुरक्षा सलाहकार के पद पर कार्यरत 45 वर्षीय राजेश तिवारी को गिरफ्तार किया गया है जबकि तिवारी के एक साथी को हिरासत में लिया गया है। वह भी रेलवे में ही कार्यरत है। उन्होंने बताया कि यूपी के महोबा की रहने वाली 22 वर्षीय पीड़िता की तिवारी से फेसबुक पर दोस्ती हुई थी। तिवारी ने उसे नौकरी दिलाने के बहाने भोपाल बुलाया था।
युवती शनिवार सुबह जब भोपाल रेलवे स्टेशन पहुंची, तो तिवारी ने उसे स्टेशन पर बने रेलवे के वीआईपी रेस्ट रुम में ठहराया। चौधरी ने बताया कि दोपहर को तिवारी रेलवे में कर्मचारी अपने साथी के साथ युवती से मिलने आया और युवती को पीने के लिए कोई चीज दी, जिसमें कथित रूप से नशीला पदार्थ मिला हुआ था। इसके बाद युवती को हल्की बेहोशी आने लगी। फिर दोनों ने युवती से सामूहिक बलात्कार किया।
उन्होंने बताया कि युवती ने होश आने पर शाम को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने तिवारी को गिरफ्तार कर लिया और तिवारी से पूछताछ के आधार पर उसके साथी को हिरासत में ले लिया। उन्होंने बताया कि पीड़िता से पहचान कराने के बाद हिरासत में लिए गए तिवारी के साथी की भी गिरफ्तारी की जा सकती है। चौधरी ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है।
मैं 12वीं पास हूं, नौकरी चाहिए
गौरतलब है कि महोबा की रहने वाली युवती ने नौकरी की तलाश में फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी थी। युवती ने उसमें कहा था कि मैं 12वीं पास हूं। मुझे नौकरी चाहिए। इस दौरान उसकी पहचान रेलवे अफसर राजेश तिवारी से हुई और उसे नौकरी दिलाने के लिए भोपाल बुलाया। युवती भोपाल एक्सप्रेस से शनिवार सुबह भोपाल पहुंची। रेलवे अफसर राजेश तिवारी ने उसे वीआईपी रेस्ट हाउस के कमरा नंबर 2 में ठहराया। युवती को वहां छोड़ कर वह चला गया था। दोपहर 12 बजे वह अपने दोस्त के साथ कमरे में पहुंचा और रेप किया।(navbharattimes)
नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)| किसान बिलों का विरोध करते हुए मोदी सरकार से हरसिमरत कौर बादल के केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफे के बाद शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा को अब एक और झटका दिया है। पार्टी ने किसान बिलों के खिलाफ लड़ाई तेज करते हुए ्नराजग (एनडीए) और भाजपा से 22 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया है। शिरोमणि अकाली दल का यह फैसला इसलिए भी अहम है, क्योंकि साल 2022 में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं। शनिवार को शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक होने के बाद अध्यक्ष और सांसद सुखबीर सिंह बादल ने एनडीए से नाता तोड़ने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा और एनडीए का साथ छोड़ने का फैसला किया है। इससे पहले, बीते 17 सितंबर को शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर ने तीनों बिलों के विरोध में मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने 1998 में राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (एनडीए) की स्थापना की थी। उस समय शुरुआती घटकों में प्रकाश सिंह बादल की पार्टी अकाली दल भी एनडीए का सहयोगी बना था। तब से लगातार अकाली दल भाजपा का सहयोगी रहा। ऐसे में अब जाकर 22 साल बाद अकाली दल ने भाजपा का दामन छोड़ दिया है।
बताया जा रहा है कि पंजाब में किसान काफी आक्रोशित हैं। शिरोमणि अकाली दल राज्य में एक बड़ा वोट बैंक माने जाने वाले किसानों को नाराज करने के मूड में कतई नहीं है। यही वजह है कि पार्टी ने पहले केंद्रीय मंत्री पद छोड़ा और अब एनडीए गठबंधन से भी अलग होने का फैसला कर लिया।
भोपाल, 27 सितंबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और उनके बेटे सुक र्ण शनिवार को कोरोनावायरस जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। गृहमंत्री हाल ही में सार्वजनिक कार्यक्रमों में बिना मास्क के दिखाई दिए थे, जिस वजह से वह सुर्खियों में थे।
उन्होंने इंदौर में एक बयान दिया, जहां लोगों को सार्वजनिक रूप से मास्क न पहनने पर 500 रुपये के जुर्माना लगेगा, बाद में उन्होंने बयान के लिए माफी मांगी थी। हालांकि, मिश्रा ने उसी दिन शाम को ग्वालियर और चंबल का दौरा किया और बिना मास्क के दिखाई दिए थे।
नई दिल्ली, 26 सितंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी में डॉक्टरों पर हमले की एक और घटना सामने आई है। दिल्ली सरकार के महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में डॉक्टर के मास्क पहनने के लिए कहने पर कथित रूप से मरीज और उसके साथी ने डॉक्टर के साथ मारपीट की। अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा चिकित्सा अधीक्षक को लिखे गए पत्र के अनुसार, राहुल जैन पर मरीज प्रियंका और उसके साथी द्वारा मारपीट की गई।
लिखित पत्र में कहा गया, "मरीज चाहता था कि उसका इलाज पहले हो, जिसपर जैन ने कहा कि आप अपनी बारी में ही आएं। उन्होंने मास्क भी नहीं पहना था, जिसपर जैन ने मास्क पहनने का अनुरोध किया।"
पत्र में लिखा है, "इसके बाद उन्होंने जैन के साथ मारपीट करना शुरू कर दी, यहां तक कि पास में रखे स्टूल से उनके सिर पर हमला भी किया गया, लेकिन किस्मत से स्टूल उनकी बगल से जा निकला।"
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि दोनों दोषियों के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटना न घटे।
चंडीगढ़, 26 सितम्बर (आईएएनएस)| किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को कहा कि राज्य में धान की खरीद 27 सितंबर से शुरू की जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति) पी.के. दास ने कहा कि धान की किस्म पीआर-126 को चार जिलों- कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला और कैथल के किसानों ने काट लिया है और किसान फसल की बिक्री के लिए इसे पहले ही बाजार लेकर आ गए हैं।
इन जिलों में 4 लाख क्विंटल धान मंडियों में आ चुका है। किसानों को हो रही परेशानी को देखते हुए, राज्य ने रविवार से खरीद शुरू करने का कार्यक्रम तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि खरीद एजेंसियों ने पर्याप्त व्यवस्था की है। हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग कॉर्प, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग ने किसानों को इस बाबत पर्याप्त सुविधा मुहैया कराने के लिए कमर कस रखी है।
दास ने कहा कि ई-खरीद पोर्टल को भी 29 सितंबर से शुरू किया जाएगा।
मुंबई, 26 सितम्बर (आईएएनएस)। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने शनिवार को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ड्रग कनेक्शन को लेकर बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और उनकी पूर्व मैनेजर करिश्मा प्रकाश से पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। एनसीबी के सूत्रों के अनुसार, साल 2017 के अक्टूबर में कथित ड्रग चैट को लेकर पूछे गए जवाब में दोनों के जवाब अस्पष्ट थे।
कोलाबा क्षेत्र में एनसीबी के गेस्टहाउस में सुबह 10 बजे से पहले पहुंची दीपिका दोपहर करीब 3.30 बजे रवाना हुईं।
यहां तक कि दूसरी बार शनिवार को सुबह 10.45 बजे पूछताछ के लिए उपस्थित हुईं करिश्मा भी लगभग 3.30 बजे दोपहर में रवाना हुई।
एनसीबी बॉलीवुड अभिनेत्री सारा अली खान और श्रद्धा कपूर से यहां के बल्लार्ड पियर क्षेत्र में अपने कार्यालय में पूछताछ कर रही है। उनकी पूछताछ जारी है।
एनसीबी को दीपिका और करिश्मा के चैट से अक्टूबर 2017 का विवरण मिला है, जिसमें दोनों ड्रग पर चर्चा कर रहे थे और क्लब कोको में मिलने की योजना बनाई थी।
दीपिका और करिश्मा को एनसीबी ने ड्रग से जुड़े मामले में नाम आने के बाद समन जारी किया था।
दीपिका को बुधवार को उस समय तलब किया गया जब वह एक फिल्म की शूटिंग के लिए गोवा में थीं। वह गुरुवार को मुंबई पहुंची और शुक्रवार को एजेंसी के सामने पेश होने वाली थीं। लेकिन दीपिका की कानूनी टीम के अनुरोध पर एनसीबी ने पूछताछ शनिवार के लिए स्थगित कर दिया।
एनसीबी ने शुक्रवार को अभिनेत्री रकुलप्रीत सिंह और करिश्मा का बयान दर्ज किया था।
एनसीबी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सुशांत की मौत मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किए जाने के बाद मामला दर्ज किया और उसके बाद रिया, उनके भाई शोविक और सुशांत के घर के मैनेजर सैमुएल मिरांडा के फोन पर ड्रग्स की कथित चैट पाई गई।
ईडी ने तब ड्रग के मामले की जांच के लिए एनसीबी को पत्र लिखा था।
मामला दर्ज करने के बाद एनसीबी ने कई लोगों से पूछताछ की और रिया, शोविक, मिरांडा, सुशांत के निजी कर्मचारी दीपेश सावंत को गिरफ्तार करने के साथ 16 अन्य लोगों से पूछताछ की।
एनसीबी ने सुशांत की पूर्व मैनेजर श्रुति मोदी, धर्मा प्रोडक्शंस के पूर्व कार्यकारी निर्माता क्षितिज प्रसाद रवि, क्वान टैलेंट मैनेजमेंट एजेंसी के सीईओ ध्रुव चिटगोपेकर, प्रख्यात निर्माता मधु मंतेना वर्मा और कई अन्य लोगों से भी पूछताछ की है।
मुंबई, 26 सितम्बर (आईएएनएस)| नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने शनिवार को बॉलीवुड प्रोड्यूसर करन जौहर की कंपनी धर्मा प्रोडक्शन के पूर्व अधिकारी क्षितिज रवि प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया है। एनसीबी ने पहले एक सह-आरोपी से पूछताछ की थी, जिसने क्षितिज का नाम लिया था। एनसीबी ने जिसके बाद उससे पूछताछ की और गिरफ्तार कर लिया।
एनसीबी के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र के उप महानिदेशक एमए जैन ने मीडिया को बताया, "हमने क्षितिज को गिरफ्तार कर लिया है। उसे रविवार को विशेष एनडीपीएस अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। विस्तृत जानकारी कोर्ट के समक्ष रखी जाएगी।"
जैन ने कहा कि इस मामले में किसी अन्य फिल्मी हस्ती को ताजा समन नहीं भेजा गया है।
इससे पहले एनसीबी ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ड्रग कनेक्शन को लेकर बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और उनकी पूर्व मैनेजर करिश्मा प्रकाश से पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की।
एनसीबी के सूत्रों के अनुसार, साल 2017 के अक्टूबर में कथित ड्रग चैट को लेकर पूछे गए जवाब में दोनों के जवाब अस्पष्ट थे।
कोलाबा क्षेत्र में एनसीबी के गेस्टहाउस में सुबह 10 बजे से पहले पहुंची दीपिका दोपहर करीब 3.30 बजे रवाना हुईं।
यहां तक कि दूसरी बार शनिवार को सुबह 10.45 बजे पूछताछ के लिए उपस्थित हुईं करिश्मा भी लगभग 3.30 बजे दोपहर में रवाना हुई।
एनसीबी बॉलीवुड अभिनेत्री सारा अली खान और श्रद्धा कपूर से यहां के बल्लार्ड पियर क्षेत्र में अपने कार्यालय में पूछताछ कर रही है। उनकी पूछताछ जारी है।
एनसीबी को दीपिका और करिश्मा के चैट से अक्टूबर 2017 का विवरण मिला है, जिसमें दोनों ड्रग पर चर्चा कर रहे थे और क्लब कोको में मिलने की योजना बनाई थी।
दीपिका और करिश्मा को एनसीबी ने ड्रग से जुड़े मामले में नाम आने के बाद समन जारी किया था।
दीपिका को बुधवार को उस समय तलब किया गया जब वह एक फिल्म की शूटिंग के लिए गोवा में थीं। वह गुरुवार को मुंबई पहुंची और शुक्रवार को एजेंसी के सामने पेश होने वाली थीं। लेकिन दीपिका की कानूनी टीम के अनुरोध पर एनसीबी ने पूछताछ शनिवार के लिए स्थगित कर दिया।
एनसीबी ने शुक्रवार को अभिनेत्री रकुलप्रीत सिंह और करिश्मा का बयान दर्ज किया था।
एनसीबी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सुशांत की मौत मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किए जाने के बाद मामला दर्ज किया और उसके बाद रिया, उनके भाई शोविक और सुशांत के घर के मैनेजर सैमुएल मिरांडा के फोन पर ड्रग्स की कथित चैट पाई गई।
ईडी ने तब ड्रग के मामले की जांच के लिए एनसीबी को पत्र लिखा था।
मामला दर्ज करने के बाद एनसीबी ने कई लोगों से पूछताछ की और रिया, शोविक, मिरांडा, सुशांत के निजी कर्मचारी दीपेश सावंत को गिरफ्तार करने के साथ 16 अन्य लोगों से पूछताछ की।
नई दिल्ली, 26 सितम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी में भड़की हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी और संपत्तियों का भारी नुकसान हुआ था। जिसके बाद दिल्ली सरकार ने दंगा पीड़ितों के 1661 क्लेम का निपटारा किया है और 21 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि इन लोगों में वितरित की है।
दंगा मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल आरोपपत्र के अनुसार, सरकार ने अब तक 21,93,29,050 रुपये वितरित किए हैं। करीब 1661 पीड़ितों के क्लेम को निपटाया गया है, जबकि 185 क्लेम अभी भी लंबित हैं।
सीलमपुर के उप जिला मजिस्ट्रेट ने 7,69,81,637 रुपये के क्लेप का निपटारा किया है, वहीं यमुना विहार, करवाल नगर, शहादरा के उप जिला मजिस्ट्रेट ने क्रमश: 5,95,16,284 रुपये, 6,49,539 रुपये और 1,78,63,590 रुपये दंगा पीड़ितों को वितरित किए हैं।
दंगों को देखते हुए, सरकार ने मौत की स्थिति में 10 लाख रुपये, स्थायी अपंगता के लिए 5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपये, हल्की चोट के लिए 20,000 रुपये और पशुहानि के लिए 5,000 रुपये देने की घोषणा की थी।
दिल्ली सरकार ने इसके अलावा आवासीय इमारत के पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने पर पांच लाख रुपये, थोड़े नुकसान की स्थिति में 2.5 लाख रुपये और गैरबीमित वाणिज्यिक इकाईयों के लिए 5 लाख रुपये देने की घोषणा की थी।
ये जानकारी दिल्ली पुलिस की चार्जशीट से मिली। दिल्ली पुलिस ने 15 लोगों के खिलाफ यूएपीए, भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट और सार्वजनिक संपत्ति क्षति रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।
--आईएएनएस
मथुरा, 26 सितंबर (आईएएनएस)| अयोध्या में राममंदिर के बाद अब मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला भी अदालत पहुंच गया। यह मुकदमा भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, रंजना अग्निहोत्री और अन्य भक्तों की ओर से दायर किया गया है। श्रीकृष्ण विराजमान नाम से मथुरा की अदालत में एक सिविल मुकदमा दायर कर 13.37 एकड़ जमीन का मालिकाना हक मांगा गया है, इसके साथ ही शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की अपील की गई है।
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर कोर्ट में सिविल सूट दायर किया गया है। मामला सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन के साथ भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की सखा रंजना अग्निहोत्री ने दायर किया है। इनकी याचिका में जमीन को लेकर 1968 के समझौते को गलत बताया गया है। विष्णु शंकर जैन के साथ ही रंजना अग्निहोत्री आयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि वाले केस से भी जुड़े हैं। इस याचिका के माध्यम से 13.37 एकड़ की कृष्ण जन्मभूमि का स्वामित्व मांगा है। जिस पर मुगलकाल में कब्जा कर शाही ईदगाह बना दी गई थी। शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है।
जन्माष्टमी से पहले मथुरा पहुंचने पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास ने कहा था कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए मथुरा में कोई आंदोलन नहीं किया जाएगा। यहां मंदिर-मस्जिद का कोई विवाद नहीं है। हालांकि अब कृष्ण जन्मभूमि का मामला अदालत में पहुंच गया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने मथुरा की ईदगाह मस्जिद और काशी की ज्ञानवापी मस्जिद को हटाने को अपने एजेंडा में शामिल किया है। संतों ने काशी-मथुरा के लिए लामबंदी शुरू भी कर दी है। अखाड़ा परिषद ने प्रयागराज की अपनी बैठक में काशी और मथुरा के मंदिरों को मुक्त कराने का निर्णय लिया था। मथुरा में जिस भूमि पर ईदगाह मस्जिद है, उस भूमि को श्रीकृष्ण जन्मभूमि कहा जाता है।
अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने बताया, "अयोध्या का केस हम लोगों ने लड़ा, उसे जनता को सौंप दिया गया है। इंतजार तो नहीं किया जा सकता है। श्रीकृष्ण की मुख्य जन्मभूमि और जो इटेलियन ट्रैवलर ने अपने एकांउट में मेंशन किया है, उसके नक्शे के हिसाब से मुकदमे को सिविल में डाला गया है। मुकदमा हमारा एडमिट हो गया है, किसी को कोई आपत्ति नहीं लगी है। ऑर्डर कॉपी सोमवार को आ जाएगी।"
ज्ञात हो कि इसके पहले मथुरा के सिविल जज की अदालत में एक और मामला दाखिल हुआ था, जिसे श्रीकृष्ण जन्म सेवा संस्थान और ट्रस्ट के बीच समझौते के आधार पर बंद कर दिया गया। 20 जुलाई 1973 को इस संबंध में अदालत ने एक निर्णय दिया था। अभी के विवाद में अदालत के उस फैसले को रद्द करने की मांग की गई है। इसके साथ ही यह भी मांग की गई है कि विवादित स्थल को बाल श्रीकृष्ण का जन्मस्थान घोषित किया जाए।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 26 सितम्बर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को राष्ट्रीय टीम घोषित कर दी। राष्ट्रीय महासचिव पद से राम माधव, पी मुरलीधर राव, सरोज पांडेय और अनिल जैन की जगह नए चेहरों को मौका दिया गया है। जेपी नड्डा की टीम में कुल 12 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आठ राष्ट्रीय महासचिव, 13 राष्ट्रीय सचिव और 23 राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाए गए हैं। ये बने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
डॉ. रमन सिंह, वसुंधरा राजे सिंधिया, राधा मोहन सिंह, बैजयंत जय पांडा, रघुबर दास, मुकुल रॉय, रेखा वर्मा, अन्नपूर्णा देवी, डॉ. भारती बेन शियाल, डीके अरुणा, एम चौबा एओ, अब्दुल्ला कुट्टी
ये बने राष्ट्रीय महामंत्री
भूपेंद्र यादव, अरुण सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, दुष्यंत कुमार गौतम, डी पुरुन्देश्वरी, सीटी रवि, तरुण चुग, दिलीप सैकिया
ये बने राष्ट्रीय मंत्री
विनोद तावड़े, विनोद सोनकर, विश्वेश्वर टुडू, सत्या कुमार, सुनील देवधर, अरविंद मेनन, हरीश द्विवेदी, पंकजा मुंडे, ओम प्रकाश ध्रुवे, अनुपम हाजरा, डॉ. नरेंद्र सिंह, विजया रहाटकर, डॉ. अलका गुर्जर
ये बने राष्ट्रीय प्रवक्ता
अनिल बलूनी, संजय मयूख, संबित पात्रा, सुधांशु त्रिवेदी, शाहनवाज हुसैन, राजीव प्रताप रूडी, नलिन एस कोहली, राजीव चंद्रशेखर, गौरव भाटिया, जफर इस्लाम, टॉम वडक्कन, संजू वर्मा, गोपाल कृष्ण अग्रवाल, इकबाल सिंह लालपुरा, सरदार आरपी सिंह, राज्यवर्धन सिंह राठौर, अपराजिता सारंगी, हिना गावित, गुरुप्रकाश, मम्होनलुमो किकन, नुपूर शर्मा, राजू बिष्ट, केके शर्मा
अन्य पदों पर हुई नियुक्तियां
बीएल संतोष राष्ट्रीय महासचिव संगठन पद पर बरकरार रहेंगे। उनके साथ राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी सतीश, सौदान सिंह और शिव प्रकाश का भी पद बरकरार है। बीजेपी आईटी सेल हेड पद पर अमित मालवीय भी बरकरार हैं। तेजस्वी सूर्या को भाजपा युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है। ओबीसी मोर्चा का अध्यक्ष डॉ. के लक्ष्मण और किसान मोर्चा का अध्यक्ष राजकुमार चाहर और अनुसूचित जाति मोर्चा का लाल सिंह आर्य और अनुसूचित जनजाति का समीर ओरांव को अध्यक्ष बनाया गया है। जमाल सिद्दीकी को अल्पसंख्यक मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है। कोषाध्यक्ष पद पर राजेश अग्रवाल की नियुक्ति हुई है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 26 सितंबर (आईएएनएस)| हज यात्रा पर हर साल भारत से जाने वाले श्रद्धालु इस साल कोरोना वायरस की वजह से नहीं जा सके थे। केंद्र सरकार 2021 में होने वाली हज यात्रा को लेकर तैयारियां कर रही है। वहीं हज 2021 को लेकर सऊदी अरब की तरफ से गाइडलान्स का इंतजार भी किया जा रहा है। इसको लेकर भारत और सऊदी अरब की अन्य एजेंसियां आपसी संपर्क बनाए हुई हैं। अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "हम अक्टूबर-नवंबर से हज 2021 के लिए आवेदन जमा करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। वहीं हम हज 2021 को लेकर सऊदी अरब की तरफ से दिशानिर्देश जारी होने का भी इंतजार करे रहे हैं।"
हज कमिटी ऑफ इंडिया के सीईओ मकसूद अहमद खान ने बताया, "हज को लेकर मुंबई में आज मीटिंग हुई, हम अभी सऊदी अरब के दिशानिर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद 19 अक्टूबर को दिल्ली में मीटिंग की जाएगी, जिसमें आगे की प्रकिया के बारे में विचार किया जाएगा।"
जानकारी के अनुसार, कोरोना की वजह से हज 2020 पर ना जा पाने वाले 1 लाख 23 हजार लोगों के 2100 करोड़ रुपये बिना किसी कटौती के वापस किए गए, वहीं सऊदी अरब सरकार ने 2018-19 का हज यात्रियों के यातायात का लगभग 100 करोड़ रुपये वापस किए हैं।
हज कमेटी और अन्य एजेंसियां हज 2021 के लिए आवेदन प्राप्त करने और हज से जुड़ी अन्य तैयारियां अक्टूबर और नवंबर से शुरू करेगी। वहीं उम्मीद की जा रही है कि सऊदी सरकार द्वारा हज 2021 के संबंध में आवश्यक गाइडलाइंस भी जल्द जारी होगी। हज 2021 को लेकर भारतीय एजेंसियां सऊदी सरकार से संपर्क-समन्वय कर रही हैं। बता दें कि भारत से औसतन हर साल लगभग दो लाख लोग हज के लिए सऊदी अरब जाते हैं।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 26 सितंबर (आईएएनएस)| केंद्र द्वारा जम्मू एवं कश्मीर को 21 नए आयुष स्वास्थ्य कल्याण सेंटर मिले हैं, जिसका उद्देश्य लाभार्थियों के बीमारी का बोझ और खर्च को कम करना है। आयुष का मकसद 'सेल्फ केयर' के लिए जनता को सशक्त बनाना है, ताकि वह हेल्दी लाइफ स्टाइल, फूड, योग और औषधीय पौधों के माध्यम से बीमारियों से बचाव कर सकें।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि आयुष स्वास्थ्य और कल्याण कार्यक्रम न केवल जरूरतमंदों को सेवाएं प्रदान करेगा, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयुष को बढ़ावा देगा।
सिंह ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के भदरवाह में पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट सेंटर की आधारशिला रखी और वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 21 आयुष सेंटरों का शुभारंभ करते हुए संबोधित किया।
आयुष्मान भारत पहल के तहत 21 सेंटरों की स्थापना की गई है। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद नाइक भी मौजूद रहे।
--आईएएनएस
बाराबंकी, 26 सितंबर (आईएएनएस)| बाराबंकी के चैनपुरवा गांव की महिलाएं अब 'जहर' नहीं बेचेंगी, बल्कि अब शहद बांटेंगी। यह गांव बाराबंकी जिले के रामनगर पुलिस थाने के मध्य उत्तर प्रदेश में 60 किलोमीटर दूर 12 बस्तियों में से एक है। यह 'अवैध शराब' के उत्पादन और बिक्री के लिए बदनाम था, जिसने न जाने कितने परिवारों को नष्ट कर दिया है और कई लोगों की जिंदगी खत्म कर दी।
वहीं इस काम में ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं, जो अपनी रसोई चलाने के लिए अवैध शराब का उत्पादन करने के लिए बाध्य हैं, क्योंकि उनके पास आजीविका का कोई साधन नहीं है। हालांकि, इन महिलाओं द्वारा निर्मित इस 'जहर' ने उनके पति की भी जान ले ली। वहीं समय-समय पर पुलिस छापेमारी करती रहती है और अपराध के लिए महिलाओं को गिरफ्तार करती है।
कंचन (35) के पति की मौत अवैध शराब के कारण हुई थी। पति के जाने की त्रासदी के बावजूद वह अपने बच्चों का पेट भरने के लिए अवैध शराब बनाने और बेचने के लिए मजबूर है। इसी तरह 50 वर्षीय सुंदरा के पति, शराब पीने के बाद शारीरिक रूप से अक्षम हो गए, लेकिन सुंदरा लखनऊ में पढ़ रहे अपने दो बच्चों के स्कूल की फीस का खर्च उठाने के लिए इसे बेचना जारी रखने के लिए मजबूर हैं।
दोनों महिलाएं चैनपुरवा गांव की गरीबी का उदाहरण हैं, जिनके पास आजीविका चलाने के अलावा कोई और साधन नहीं है।
बाराबंकी पुलिस ने कानून की नजर में अपराधी इन महिलाओं की मदद के लिए एक पहल की है। पुलिस उन्हें शहद उत्पादन करने और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करके अब 'जहर के कारोबार' से बाहर लाने की कोशिश कर रही है।
आईएएनएस से बात करते हुए बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक अरविंद चतुर्वेदी ने कहा, "हमने चैनपुरवा में महिलाओं के एक चुनिंदा समूह को शहद के बक्से वितरित किए हैं। वे शहद का उत्पादन करेंगी और 5,000-6,000 रुपये कमाएंगे, जो कि वे कूड़े के कारोबार से अधिक है। हमने इसे इस महीने की शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया था। दो सप्ताह के बाद, हम गांव की सभी महिलाओं को शहद उत्पादक बक्से वितरित करेंगे। इन महिलाओं को लखनऊ के विशेषज्ञों द्वारा शहद उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुझे यकीन है कि इससे सामाजिक अस्वस्थता को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।"
बाराबंकी जिले के ग्रामीण इलाकों में कम से कम 18 पुलिस स्टेशनों की पहचान की गई है जहां शहद के डिब्बे वितरित किए जाएंगे। इस प्रकार महिलाओं को अपराध मुक्त जीवन जीने के लिए गंदे व्यवसाय से बाहर आने में मदद मिलेगी।
मुंबई, 26 सितंबर। अनुष्का के इतने बड़े आरोपों पर सुनील गावस्कर ने सफाई देते हुए पूछा कि उन्होंने कहां अनुष्का को विराट के खराब प्रदर्शन के लिए दोषी ठहराया? उन्होंने कहा, मैं उन्हें (अनुष्का को) कहां दोषी ठहरा रहा हूं? मैंने कब सेक्सिस्ट कमेंट किया? मैं बस उस वीडियो को जिक्र कर रहा था, जो किसी ने पास की बिल्डिंग से रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया पर डाला था। विराट ने कोई प्रैक्टिस नहीं की थी और जो प्रैक्टिस उन्होंने की थी वो बस वही थी, जब वो अपने बिल्डिंग के कंपाउंड में अनुष्का की गेंदबाजी का सामना कर रहे थे। यही मैंने कहा था।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें बिल्डिंग कंपाउंड में विराट बल्लेबाजी कर रहे थे और अनुष्का उन्हें गेंद फेंक रही थीं। लॉकडाउन के समय सभी भारतीय क्रिकेटर्स घरों में बंद थे और क्रिकेटर प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे थे।
मुंबई, 26 सितंबर। बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि वेश्यावृत्ति को इम्मोरल ट्रैफिक (प्रिवेंशन) एक्ट, 1956 के तहत अपराध नहीं माना गया है और एक वयस्क महिला को अपना व्यवसाय चुनने का अधिकार है और उसे उसकी सहमति के बिना हिरासत में नहीं लिया जा सकता है, गुरुवार (24 सितंबर) को सुधारात्मक संस्था से 3 यौनकर्मियों को मुक्त कर दिया। जस्टिस पृथ्वीराज के चव्हाण की एकल खंडपीठ 3 यौनकर्मियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने 19.10.2019 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसे उक्त अधिनियम की धारा 17 (2) के तहत महानगर मजिस्ट्रेट, मझगांव ने पारित किया था, साथ ही 22.11.2019 को अपर सत्र न्यायाधीश, डिंडोशी द्वारा 2019 की आपराधिक अपील संख्या 284 को चुनौती दी गई थी, जिसने 19.10.2019 के आदेश को बरकरार रखा।
एमसीजीएम ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया संक्षेप में तथ्य शिकायतकर्ता- पुलिस कॉन्स्टेबल रूपेश रामचंद्र मोरे की गुप्त सूचना पर एक जाल (महिला तस्करों को पकड़ने के लिए) बिछाया गया था। मोरे को निजामुद्दीन खान नाम के एक व्यक्ति ने सूचना दी थी कि एक दलाल मलाड के एक गेस्ट हाउस में वेश्यावृत्ति के लिए महिलाओं को भेजता है। पीड़ित को एक "यात्री गेस्ट हाउस" के कमरा नंबर 7 से हिरासत में लिया गया। आरोपी और अन्य दो पीड़ितों को भी गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें हिरासत में लिया गया था। 13.09.2019 को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पीड़ित (ए), (बी), और (सी) को पेश किया गया।
विद्वान मजिस्ट्रेट ने, अन्य बातों के साथ, परिविक्षा अधिकारी से इतिहास, चरित्र, और पीड़ित (ए), (बी), और (सी) के रिश्तेदारों की उपयुक्तता के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी। पीड़ित (ए), (बी), और (सी) को नवजीवन महिला वस्तिगृह, देवनार, मुंबई को मध्यवर्ती हिरासत के लिए दिया गया थी। मजिस्ट्रेट ने यह भी सोचा कि एनजीओ, जस्टिस एंड केयर को "नवजीवन महिला वस्तिगृह" में रहने के दौरान पीड़ितों (ए), (बी), और (सी) को प्राथमिक शिक्षा देने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए।
'अगर आज कार्रवाई नहीं की तो हम अपने वंशजों का ... इसके अलावा, मजिस्ट्रेट ने पीड़ितों की कस्टडी उनकी माताओं को देने से इनकार कर दिया क्योंकि पीड़ितों को 20 से 22 वर्ष की आयु में यौन कार्य में शामिल पाया गया था। जांच अधिकारी, संबंधित पुलिस कर्मियों की रिपोर्ट के साथ-साथ मजिस्ट्रेट की पूछताछ में यह पता चला कि पीड़ित (ए), (बी), और (सी) "बेड़िया" समुदाय की हैं। उस समुदाय में यह प्रथा प्रचलित है कि लड़की को, यौवन प्राप्ति के बाद वेश्यावृत्ति के लिए भेज दिया जाता है। पीड़ितों के माता-पिता इस बात से अवगत थे कि पीड़ित वेश्यावृत्ति में लिप्त हैं, जिसका अर्थ है कि, माता-पिता स्वयं अपनी बेटियों को पेशे के रूप में वेश्यावृत्ति में लिप्त होने की अनुमति दे रहे थे और इसलिए, मजिस्ट्रेट ने पाया कि यह सुरक्षित नहीं होगा पीड़ितों की कस्टडी से उनकी माताओं को दी जाए।
सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और अधिनियम की धारा 17 (1), (2), (3), (4), और (6) के अध्ययन के बाद, पीड़ितों (ए), (बी), और (सी) को 19 अक्टूबर 2019 से एक वर्ष के लिए हिरासत में भेज दिया गया था। पीड़ितों को उन्हीं पसंद के अनुसार में देखभाल, संरक्षण, आश्रय, और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए एक वर्ष के लिए "नारी निकेतन प्रयाग वस्तिगृह, फुल्ताबाद, इलाहाबाद, यूपी, या उत्तर प्रदेश के किसी भी राज्य संचालित संस्था में भेजने का निर्देश दिया किया गया था। उक्त आदेश को डिंडोशी में सत्र न्यायाधीश की अदालत में 2019 की अपील संख्या 284 के माध्यम से चुनौती दी गई।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने 19.10.2019 को मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश की पुष्टि की और अपील को खारिज कर दिया। कोर्ट का विश्लेषण और निर्णय अदालत ने कहा कि चूंकि पीड़ितों पर, विद्वान वकील के अनुसार, मुकदमा नहीं चलाया जा रहा है, इसलिए उन्हें नवजीवन महिला वास्तिगृह, देवनार, मुंबई या किसी अन्य संस्था की हिरासत में रखने का कोई सवाल ही नहीं है। न्यायालय ने कहा कि उक्त अधिनियम [इम्मोरल ट्रैफिक (प्रिवेंशन) एक्ट, 1956] मजिस्ट्रेट को, कानूनी की उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद इस प्रभाव में किसी अंतिम आदेश के बिना, पीड़ितों को 3 सप्ताह से अधिक की अवधि के लिए अभिरक्षा में रखने का अधिकार नहीं देता है। न्यायालय ने तब कहा कि अधिनियम की धारा 17 (4) में प्रावधान है कि जांच पूरी होने के बाद, यदि मजिस्ट्रेट संतुष्ट है, तो वह उप-धारा (5) के प्रावधानों के अधीन एक आदेश दे सकता है कि पीड़ितों को ऐसी अवधि के लिए एक संरक्षात्मक आवास में हिरासत में लिया जाए, वह एक वर्ष से कम नहीं हो और तीन वर्ष से अधिक नहीं हो, जैसा कि आदेश में निर्दिष्ट किया जा सकता है, जिसके लिए मजिस्ट्रेट लिखित कारण देगा। यह नोट करना उचित है कि न्यायालय ने देखा कि अधिनियम की धारा 17 (4) के प्रावधान उपधारा (5) के प्रावधान के अधीन हैं, जो प्रदान करता है कि जांच कम से कम 5 व्यक्तियों के पैनल द्वारा आयोजित की जाएगी, जिन्हें उक्त उपधारा (5) के अनुरूप नियुक्त किया जाए। इस मामले में कानून के तहत तय की गई कोई जांच नहीं की गई।
न्यायालय ने यह भी कहा कि धारा 17 (4) का तात्पर्य है कि उक्त धारा के तहत केवल वही आदेश पारित किया जा सकता है, जो कि अधिनियम की धारा -17 की उपधारा (5) के प्रावधान के अधीन हो। उल्लेखनीय है कि उप-धारा (5) का विचार है कि उप-धारा (2) के तहत कार्य का निर्वहन करते समय, मजिस्ट्रेट को, इस संबंध में उनकी सहायता करने के लिए, 5 सम्माननीय व्यक्तियों के पैनल को बुलाना होगा, जिनमें से 3 जहां भी कार्यरत हों, महिलाएं हो। इसलिए, यह सुरक्षित रूप से अनुमान लगाया जा सकता है कि "हो सकता है" शब्द का उपयोग करते समय विधायिका, इसे एक अनिवार्य अर्थ में उपयोग करना चाहती थी अन्यथा उन्होंने धारा 17 (2) से 17 (5) के तहत शक्तियों के प्रयोग को अधीन नहीं किया होता। कोर्ट ने कुमारी संगीता बनाम दिल्ली राज्य व अन्य 1996, क्रिमिनल रिपोर्टर, P-129, (दिल्ली) के निर्णय पर भरोसा किया।
न्यायालय ने विशेष रूप से देखा, "कानून के तहत कोई प्रावधान नहीं है, जो वेश्यावृत्ति को एक आपराधिक अपराध बनाता है या किसी व्यक्ति को दंडित करता है क्योंकि वह वेश्यावृत्ति में लिप्त है। अधिनियम के तहत दंडनीय यह है कि व्यावसायिक उद्देश्य के लिए या रोटी कमाने के लिए किसी व्यक्ति का यौन शोषण या दुरुपयोग किया जाए, सिवाय इसके कि किसी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थान जैसा कि धारा 7 में प्रदान किया गया है, पर वेश्यावृत्ति करते, या किसी व्यक्ति उक्त अधिनियम की धारा 8 के मद्देनजर, किसी अन्य व्यक्ति को ललचाते या छेड़खानी करते पाया जाए .. तो रिकॉर्ड से प्रकट नहीं होता है और न ही कोई आरोप है कि पीड़ित - याचिकाकर्ता वेश्यावृत्ति में लिप्त थीं।"
न्यायालय ने कहा कि रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है कि याचिकाकर्ता वेश्यावृत्ति के उद्देश्य से किसी व्यक्ति को ललचा रही थीं और न ही यह दिखाने के लिए कोई सामग्री थी कि वे वेश्यालय चला रही थीं।
इसके अलावा, कोर्ट ने कहा, "ऐसा लगता है कि विद्वान मजिस्ट्रेट को आदेश को पारित करते हुए इस तथ्य के प्रभाव में आ गए कि याचिकाकर्ता एक विशेष जाति की हैं। यह ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है कि याचिकाकर्ता पीड़ित वयस्क हैं और इसलिए, उन्हें अपनी पंसद के स्थान पर निवास करने का अधिकार है, पूरे भारत के स्वतंत्र रूप से घूमने और अपने स्वयं के व्यवसाय का चयन करने के का अधिकार है, जैसा कि संविधान के मौलिक अधिकारों के भाग III में निहित है।"
विद्वान मजिस्ट्रेट, न्यायालय ने नोट किया, को उक्त आदेश को पारित करने से पहले, पीड़ितों की इच्छा और सहमति पर विचार करना चाहिए था। इसके बाद, कोर्ट ने आदेश दिया, महानगर मजिस्ट्रेट, मझगांव द्वारा दिनांक 19.10.2019 को पारित आदेश और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, डिंडोशी द्वारा 22.11.2019 को पारित आदेश को रद्द किया जाता है।
न्यायालय ने यह भी कहा कि पीड़ितों को उनकी इच्छा के विपरीत अनावश्यक हिरासत में नहीं रखा जा सकता है और उन्हें सुधारात्मक संस्थान में रहने के लिए कहा जाना चाहिए। रिकॉर्ड पर कोई सामग्री नहीं है जो यह बताती है कि पीड़ित किसी भी विकलांगता या किसी भी बीमारी से पीड़ित हैं ताकि उचित प्रतिबंध लगाए जा सके।
इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया गया कि पुलिस का यह मामला भी नहीं था कि पीड़ितों को मुक्त करने से समाज को कुछ खतरा होगा। कोर्ट ने कहा, "लगभग एक वर्ष से पीड़ितों को उनकी इच्छा के खिलाफ सुधारात्मक गृह में हिरासत में रखा गया है और इसलिए, यहां बताए गए कारणों के लिए, उन्हें रिहा करने की आवश्यकता है।"
उल्लेखनीय है कि कि एक वेश्यालय के मालिक द्वारा दायर एक अग्रिम जमानत को खारिज करते हुए, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा था कि वाणिज्यिक यौनकर्म की लिए शोषित यौनकर्मी पीड़ित हैं और उन्हें इम्मोरल ट्रैफिक(प्रिवेंशन) एक्ट के तहत गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए, जब तक रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री से यह पता नहीं चलता कि वे अपराध में सह-साजिशकर्ता के रूप में शामिल थीं। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (21 सितंबर) को केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि वे महामारी के कारण संकट से जूझ रहे यौनकर्मियों को भोजन और वित्तीय सहायता प्रदान करें।
जस्टिस एल नागेश्वर राव और हेमंत गुप्ता की पीठ ने केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह किया कि वे पहचान के प्रमाण पर जोर दिए बिना राशन, मौद्रिक सहायता के साथ-साथ मास्क, साबुन और सैनिटाइजर के रूप में उन्हें राहत प्रदान करने पर तत्काल विचार करें। (hindi.livelaw)
मुंबई, 26 सितंबर (आईएएनएस)। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में ड्रग्स कनेक्शन को लेकर चल रही जांच के सिलसिले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो करीब तीन बॉलीवुड अभिनेत्रियों से पूछताछ करने के लिए तैयार है।
इनमें दीपिका पादुकोण भी शामिल हैं, जिनसे कोलाबा में एनसीबी गेस्ट हाउस में पूछताछ किए जाने की संभावना है, जो सुबह 10 बजे के आसपास होगी। वह अकेले एनसीबी के सामने पेश होंगी और उनके अभिनेता पति रणवीर सिंह उनके साथ नहीं होंगे।
इसी तरह सारा अली खान और श्रद्धा कपूर को सुबह 11 बजे के आसपास बलार्ड पियर में एनसीबी कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाए जाने की संभावना है।
दक्षिण मुंबई में दोनों स्थान बमुश्किल तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं और मुंबई पुलिस ने एहतियात के तौर पर पर्याप्त सुरक्षा तैनात की है।
रिया चक्रवर्ती के बाद, ये तीनों अभिनेत्रियां एनसीबी रडार के अंतर्गत आने वाली सबसे बड़ी स्टार हैं।
देश में कोरोना 58 लाख पार, 48 लाख से अधिक स्वस्थ
नयी दिल्ली 26 सितंबर (वार्ता) देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामलों में हाे रही लगातार वृद्धि के कारण संक्रमितों की संख्या अब 58 लाख के पार हो चुकी है।
विभिन्न राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार देर रात तक 76,615 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 58,92,721 हो गयी है। इस दौरान 952 और मरीजों की मौत होने से मृतकाें की संख्या 93 हजार से अधिक होकर 93,269 हो गयी है।
राहत की बात यह है कि देश में कोरोना वायरस से निजात पाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इस दौरान 76,002 और लोगों के स्वस्थ होने से रोग मुक्त लोगों की संख्या 48,29,004 हो गयी है।
देश में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले गत छह दिन से लगातार कम हो रहे हैं और शुक्रवार सुबह यह संख्या 9,70,116 रह गयी। देर रात को इसमें वृद्धि के बाद सक्रिय मामलों की संख्या अब 9,71,832 पर पहुंच गई है लेकिन उन प्रमुख राज्यों की रिपोट आनी शेर्ष है जहां सुधार हो रहा है।
महाराष्ट्र 2,74,993 सक्रिय मामलों के साथ शीर्ष पर है। उसके बाद कर्नाटक में 94,652 मामले और आंध्र प्रदेश में 69,353 सक्रिय मामले हैं। देश में सक्रिय मामलों की दर 17.02 प्रतिशत और रोग मुक्त होने वालों की दर 81.37 फीसदी है, जबकि मृत्यु दर 1.59 फीसदी है।
कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र में संक्रमण के 17,794 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या आज रात 13 लाख को पार कर 13,00,757 पहुंच गयी। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या अधिक होने से सक्रिय मामलों में कमी आई है। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 2,72,775 हो गयी है। इस दौरान 19,592 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या 9,92,806 हो गयी है। राज्य में 416 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 34,761 हो गयी है। राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 76.33 फीसदी पहुंच गयी है वहीं मृत्यु दर 2.67 फीसदी है।
चेन्नई, 26 सितम्बर (आईएएनएस)| तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने घोषणा की कि प्रसिद्ध पार्श्व गायक और पद्म पुरस्कार से सम्मानित एस. पी. बालासुब्रमण्यम, जिन्हें सिने जगत में एसपीबी या बालू के नाम से जाना जाता है, उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। गौरतलब है कि उन्होंने पांच दशकों की अवधि में 16 भाषाओं में 40,000 से अधिक गाने रिकॉर्ड किए और पूरे भारत के लोगों के दिलों में जगह बनाई। एसपीबी के बेटे एस.पी.चरण ने शुक्रवार दोपहर को दिग्गज गायक के निधन की पुष्टि की थी। एमजीएम हेल्थकेयर अस्पताल के बाहर मीडिया से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि बालासुब्रमण्यम का निधन दोपहर 1.04 बजे हुआ। उन्होंने उपचार और सेवा के लिए अस्पताल के अधिकारियों को धन्यवाद दिया।
सार्वजनिक श्रद्धांजलि के लिए गायक के पार्थिव शरीर को उनके आवास पर शाम को ले जाया गया।
गायक का अंतिम दर्शन करने के लिए व उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां उनके निवास पर एकत्रित हुए।
बाद में शाम को उनका पार्थिव शरीर एक वैन में थमाराईपक्कम के फार्महाउस में ले जाया गया, जहां अंतिम संस्कार होगा।
नई दिल्ली, 26 सितम्बर (आईएएनएस)| मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डुसिब) की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में डुसिब सेल्टर होम की स्थिति में सुधार लाने और इन सेल्टर होम्स में रहने वाले लोगों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में, डुसिब ने डुसिब आश्रयों में रहने वाले बेघर लोगों को एक दिन में तीन बार मुफ्त भोजन प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिसका वार्षिक खर्च 15.31 करोड़ रुपए है।
बोर्ड ने प्रिंसेज पार्क में निवास करने वाले 784 लोगों को राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय और स्मारक के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा भूमि के उपयोग की सुविधा प्रदान करने का भी निर्णय लिया है।
इन परिवारों को 1 से डेढ़ साल के लिए ट्रांजिट शिविरों में पुनर्वासित किया जाएगा, जो सेक्टर 16बी द्वारका में स्थित हैं। करोल बाग में झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लगभग 350 परिवारों को भी ट्रांजिट शिविरों में पुनर्वासित किया जाएगा। पुनर्वासित लोगों को देव नगर, करोल बाग क्षेत्र में बनने वाले फ्लैटों में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
डुसिब मार्च से डुसिब शेल्टर्स में रहने वाले बेघर लोगों को एक दिन में तीन बार मुफ्त भोजन उपलब्ध करा रहा है, जबसे कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन शुरू हुआ था। यह बेघर लोगों के लिए एक बड़ी राहत है और यह इस साल के अंत तक और सर्दियों के मौसम के अंत तक जारी रहेगा। डुसिब शेल्टर्स में नाश्ता, दोपहर और रात के भोजन की व्यवस्था करने का वार्षिक खर्च 15.31 करोड़ रुपए है।
1985 हाउसिंग रजिस्ट्रेशन स्कीम के आवंटियों, जिन्हें 2018 में डुसिब द्वारा पुनर्जीवित किया गया था, उनको भी मार्च 2021 तक अपने बकाया राशि को बिना किसी अतिरिक्त बोझ के सिर्फ 5 प्रतिशत मामूली ब्याज देकर खाली करने के लिए बड़ी राहत प्रदान की गई है।
दिल्ली सरकार ने यह फैसला कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लोगों को हो रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए लिया है।
बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही इन चुनावों को लेकर सर्वे भी सामने आने लगे हैं। आईएएनएस के साथ किए गए सी-वोटर के सर्वे में सामने आया है कि बिहार के आधे से ज्यादा वोटर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज हैं। हालांकि वे जिस गठबंधन यानी एनडीए का हिस्सा हैं उसकी जीत की संभावना सर्वे में जताई गई है।
बिहार के 25 हजार से ज्यादा वोटरों के बीत सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में पहली से 25 सितंबर के बीच किए गए इस सर्वे में सत्ता विरोधी लहर सामने आई है। सर्वे के मुताबिक 56.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे नीतीश कुमार सरकार से नाराज हैं और बदलाव चाहते हैं। 29.8 प्रतिशत ने कहा कि वे नाराज हैं लेकिन बदलाव नहीं चाहते। वहीं 13.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे नाराज नहीं हैं।
सर्वे के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओवरऑल परफॉर्मेस की बात करें तो, 45.3 प्रतिशत लोगों ने उनके प्रदर्शन को खराब बताया, 27.2 प्रतिशत ने इसे औसत तो 27.6 प्रतिशत ने इसे अच्छा प्रदर्शन बताया।
हालांकि 30.9 प्रतिशत के साथ नीतीश किसी भी मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार से आगे हैं। आरजेडी के तेजस्वी यादव को 15.4 प्रतिशत, तो सुशील कुमार मोदी को 9.2 प्रतिशत लोग मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।
गौरतलब है कि 2015 में नीतीश कुमार की जेडीयू और बीजेपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। जेडीयू उस चुनाव में आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन का हिस्सा था। लेकिन 2017 में, नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया था और बीजेपी के साथ मिलकर सत्ता की बागडोर संभाल ली थी।
वहीं मुख्यमंत्री की अप्रूवल रेटिंग अच्छी नहीं है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उच्च अप्रूवल रेटिंग हासिल है। 48.8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री का प्रदर्शन अच्छा है। वहीं 21.9 प्रतिशत ने उनके प्रदर्शन को औसत और 29.2 प्रतिशत ने इसे खराब बताया।(navjivan)
डिप्लोमा कोर्स के लिए 1 अक्टूबर तक
रायपुर, 26 सितम्बर। छत्तीसगढ़ के वे छात्र जो होटल प्रबंधन के विषय पर तीन वर्षीय स्नातक डिग्री करने के इच्छुक है एवं एनसीएचम जेईई परीक्षा में किसी कारण से उपस्थित नहीं हो सके है वे भी शैक्षणिक सत्र 2020-21 से उपरोक्तानुसार बीएससी इन हॉस्पिटेलिटी एण्ड होटल एडमिनिस्ट्रेशन के तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में नेशनल काउन्सिल फॉर होटल मैनेजमेंट एण्ड केटरिंग टेक्नालॉजी, नोएडा से मान्यता/ संबद्धता प्राप्त एवं छत्तीसगढ़ शासन, पर्यटन विभाग के अधीन स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, केटरिंग टेक्नोलॉजी एण्ड एप्लाईड न्यूट्रीशन नवा रायपुर में सीधे डिग्री कोर्स में प्रवेश प्राप्त कर सकते है । उक्त डिग्री कोर्स में प्रवेश हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12 वीं उत्तीर्ण (विज्ञान/ कला/वाणिज्य एवं अन्य विषय) है ।
स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, केटरिंग टेक्नोलॉजी एण्ड एप्लाईड न्यूट्रीशन द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार बीएससी इन हॉस्पिटेलिटी एण्ड होटल एडमिनिस्ट्रेशन के तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त करने के लिए आवेदन आनलाईन/ऑफलाईन 12 अक्टूबर तक तथा तीन डिप्लोमा कोर्स Diploma in Food Production, Diploma in Food & Beverage Service, Diploma in House Keeping Operation में प्रवेश लेने के लिए 01 अक्टूबर तक आनलाईन/ऑफलाईन आवेदन आमंत्रित है। डिग्री एवं डिप्लोमा कोर्स हेतु विज्ञापन, नियम शर्ते, शैक्षणिक अर्हता, आवेदन पत्र एवं शैक्षणिक शुल्क की जानकारी वेबसाईट www.ihmraipur.com एवं www.chhattisgarhtourism.in पर उपलब्ध है साथ ही विस्तृत जानकारी के लिए जोहार छत्तीसगढ़ होटल, तेलीबांधा, मिनोचा पेट्रोल पंप के सामने स्थित इंस्टीट्यूट के सिटी कार्यालय से फ़ोन 0771-4014166, मो. नंबर 88717-92093, 93009-1270 एवं 87701-97441 से प्राप्त की जा सकती है।
नई दिल्ली, 25 सितम्बर | अपने तीन नए कृषि विधेयकों को किसानों के हित में बताने वाली मोदी सरकार को देश के किसानों की आमदनी की जानकारी ही नहीं है। देश में किसानों की औसत आय क्या है, इसका कोई नया डेटा सरकार के पास नहीं है। इसकी वह है कि किसानों की आय से संबंधित डेटा मोदी सरकार के आने के बाद 2015-2016 से ही आना बंद है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015-16 के बाद से देश में किसानों की औसत आय को लेकर डेटा आना बंद हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने राज्यसभा में केवल इतना बताया था कि हरियाणा के किसानों की कमाई सबसे अधिक है। उनकी एक महीने की कमाई 14,434 रुपए है। हालांकि इसका स्रोत नहीं बताया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार ताजा आर्थिक सर्वे में खेती-किसानी के बारे में जो बात कही गई है उसके मुताबिक साल 2014-15 में भारत में राष्ट्रीय आमदनी में कृषि का योगदान 18.2 फीसदी था, जो 2019-20 में गिरकर 16.5 फीसदी पर पहुंच गया है। वहीं 2014-15 से आज तक के आंकड़े देखें तो खेती का विकास दर पहले की तरह अब नहीं है। साल 2016-17 में कृषि की अधिकतम विकास दर 6.3 फीसदी थी, जो साल 2019-20 में गिरकर मात्र 2.8 फीसदी रह गई है।
इस बीच मोदी सरकार ने हाल में कृषि से जुड़े तीन अहम विधेयकों को संसद से पारित करा लिया है, जिसका देश भर में किसान बड़े पैमाने पर विरोध कर रहे हैं। सरकार इन विधेयकों को किसानों की आमदनी बढ़ाने वाला बता रही है, जबकि किसान इसे उन्हें तबाह करने वाला बता रहे हैं। किसानों का आरोप है कि इन विधेयकों के जरिये सरकार उनसे फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य का अधिकार छीन लेगी।(navjivan)
नई दिल्ली, 25 सितंबर(आईएएनएस)। यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लंदन स्थित उनकी 127 करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया। यह जानकारी शुक्रवार को अधिकारियों ने दी। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने राणा कपूर से जुड़े ब्रिटेन में एक आवासीय फ्लैट, जिसका पता अपार्टमेंट 1, 77 साउथ ऑडली स्ट्रीट, लंदन है उसे जब्त कर लिया गया है।
अधिकारी ने आगे कहा कि इस फ्लैट का बाजार मूल्य 1.35 करोड़ पाउंड (127 करोड़ रुपये) है और इस फ्लैट को राणा कपूर ने 2017 में 99 लाख पाउंड (93 करोड़ रुपये) में डीओआईटी क्रिएशंस जर्सी लिमिटेड के नाम से खरीदा था, जो उनके स्वामित्व वाली कंपनी थी।
वित्तीय जांच अधिकारियों के अनुसार, एजेंसी को एक विश्वसनीय स्रोत से खबर मिली थी कि राणा कपूर लंदन में इस संपत्ति को बेचने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है और इस काम के लिए उन्होंने वहां के एक प्रतिष्ठित संपत्ति सलाहकार को काम पर रखा था।
अधिकारी ने कहा, "स्रोतों से पूछताछ में पता चला है कि इस संपत्ति को कई वेबसाइटों पर बिक्री के लिए सूचीबद्ध किया गया है।"
ईडी ने इस साल 7 मार्च को केंद्रीय जांच ब्यूरो के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। ईडी ने कपूर, उनकी पत्नी और बेटियों, वाधवां भाइयों और पांच फर्मों सहित 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
वाधवां भाईयों को 26 अप्रैल को महाराष्ट्र के महाबलेश्वर हिल स्टेशन से सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और बाद में मई में ईडी ने भी उन्हें गिरफ्तार किया।
ईडी ने 9 जुलाई को कपूर और उनके परिवार और वधावां भाईयों और अन्य के 3,700 करोड़ के धोखाधड़ी के मामले में पीएमएलए के तहत 2,203 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी, जिसमें उनके 344 बैंक खाते, निवेश और भारत, न्यूयॉर्क और ऑस्ट्रेलिया के महंगे वाहन शामिल थे।
वर्तमान में जब्त किए गए संपत्ति के साथ ईडी ने राणा कपूर द्वारा 600 करोड़ रुपये के पूरी संपत्ति सफलतापूर्वक जब्त कर लिया है।
बाकी 1,411 करोड़ रुपये का अटैचमेंट वधावन भाइयों से संबंधित है।
उपरोक्त जब्ती के अलावा, ईडी ने राणा कपूर की एक और संपत्ति को भी एक अन्य पीएमएलआर मामले में 307 करोड़ रुपये के मूल्य के साथ जब्त किया है। इसके साथ ही राणा कपूर से जुड़े कुल 907 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली गई है।
ईडी ने राणा कपूर, कपिल वाधवां, धीरज वाधावा और उनके सहयोगियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।
बेंगलुरू, 25 सितम्बर (आईएएनएस)| बेंगलुरू के मनिपाल हॉस्पिटल में कोविड-19 से ठीक होने के बाद एक सीनियर नर्स मरीजों की निरंतर सेवा कर मानवता की मिसाल पेश की है। मणिपाल हॉस्पिटल के मुख्य परिचालन अधिकारी दीपक वेणुगोपालन ने यहां आईएएनएस को बताया, "एक पेशेवर नर्स के तौर पर मरीजों की सेवा करते हुए मुमताज बेगम संक्रमण की चपेट में आ गई थीं। बिल्कुल भी घबराए बिना उन्होंने निडरता के साथ कोरोना की लड़ाई लड़ी और इसमें विजयी रहीं।"
नेफ्रोलॉजिस्ट एस विश्वनाथ ने याद करते हुए कहा, "रेनल सिस्टम में समस्या दिखने के बाद 49 वर्षीय मुमताज ने साल 2016 में अपना किडनी ट्रांसप्लांट कराया।"
उन्होंने कहा, "मुमताज एक जिम्मेदार और समझदार नागरिक का जीवंत उदाहरण है। रेनल ट्रांसप्लांट कराने के बाद तमिलनाड़ु के सलेम में स्थित एक अस्पताल में रहने के दौरान उनके पति और दो बेटे उनके साथ रहे।"
निजी और पेशेवर जिंदगी में मुमताज के निस्वार्थ सेवा भाव और त्याग को देखते हुए इस 74वें स्वतंत्रता दिवस पर मनिपाल हॉस्पिटल परिसर में अन्य कोरोना वॉरियर्स संग मुमताज ने झंडा फहराया।
वेणुगोपालन ने आगे कहा, "मुमताज जैसे सहकर्मी हम सभी के लिए एक प्रेरणा हैं। ये खुद से ज्यादा अहमियत अपने काम और मरीजों को देते हैं। वह पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस से पहले कोविड-19 से मुक्त हुईं और इसके बाद जल्द ही मरीजों की सेवा करने के अपने काम में जुट गईं।"
चंडीगढ़ , 25 सितम्बर |पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर किसान बिलों को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। कैप्टन ने कृषि मंत्री तोमर के दावों को झूठ की गठरी करार दिया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पंजाब सरकार और कांग्रेस पार्टी को लेकर झूठे दावे किए हैं।
कृषि मंत्री तोमर की ओर से पंजाब कांग्रेस के 2017 के मेनिफेस्टो में एपीएमसी को बदले जाने की बात उठाए जाने पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि लगता है कि उन्होंने घोषणापत्र पढ़ा ही नहीं। मेनिफेस्टो में साफ तौर पर यह वायदा किया गया था कि एपीएमसी एक्ट को नया रूप दिया जाएगा, जिससे किसानों को डिजिटल तकनीक से और मौजूदा एमएसपी प्रणाली के साथ छेड़छाड़ किए बिना, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंडियों तक पहुंचने में मदद की जा सके और भारत सरकार को मौजूदा एमएसपी प्रणाली के साथ बिल्कुल भी छेड़छाड़ करने न देने का भी वायदा इस मेनिफेस्टो में किया गया था।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस के संबंधित मेनिफेस्टो में यह भी कहा गया था कि कृषि मंडीकरण का नवीनीकरण किया जाएगा और इसको डिजिटल रूप देते हुए कृषि मंडीकरण के अलावा किसी भी और मकसद के लिए मंडी बोर्ड के फंड इस्तेमाल करने पर पूर्ण पाबंदी लगाई जाएगी।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस के 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में भी स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को हर कीमत पर सुरक्षित रखा जाएगा और राज्य सरकारों की ओर से हजारों मार्केट तथा मंडियां स्थापित की जाएंगी। जिससे किसानों को अपना उत्पाद लाभ के साथ बेचने के लिए आसान पहुंच मुहैया करवाई जा सके।(navjivan)