सरगुजा
28 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम प्रकाश में आये हैं-अजय चतुर्वेदी
अम्बिकापुर,25 जनवरी। आज हम गणतंत्र दिवस की 72वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं, इस स्वर्णिम दिवस को पाने के लिए हमारे देश के अनेक वीर शहीदों ने हंसते-हंसते कुर्बानियां दी हैं। आजादी की लड़ाई में सरगुजा अंचल के वीर सपूतों ने भी कदम से कदम मिलाकर देश को आजाद कराने में अपना सहयोग दिया है। सरगुजा अंचल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के कुछ नाम प्रकाश में हैं, तो कुछ आज भी गुमनाम हैं।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर शोध कार्य कर रहे जिला पुरातत्व संघ सूरजपुर के सदस्य राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता अजय कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि सरगुजा अंचल के 28 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम प्रकाश में आये हैं। सरगुजा अंचल में गहन शोध करने पर और भी कई नाम प्रकाश में आ सकते हैं।
सरगुजा गजेटियर 1989 में 27 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम दर्ज हैं। जिनमें सरगुजा जिले से 13 नाम स्वर्गीय श्री उमेद सिंह रावत, अम्बिकापुर, स्वर्गीय श्री भास्कर नारायण माचवे, अम्बिकापुर, स्वर्गीय श्री मेवाराम कलवार, अम्बिकापुर, स्वर्गीय श्री रघुनंदन तिवारी, लुड्रा, स्वर्गीय श्री मजही राम गोंड, अम्बिकापुर, स्वर्गीय श्री टी.वी. राव, अम्बिकापुर, स्वर्गीय श्री आनंद प्रसाद हलदर,अम्बिकापुर स्वर्गीय श्री राजदेव पांडे,लखनपुर, स्वर्गीय श्री धुनरा साव, अम्बिकापुर, स्वर्गीय श्री नैन सिंह ठाकुर, अम्बिकापुर, स्वर्गीय श्री ज्ञानी दर्शन सिंह, अम्बिकापुर, स्वर्गीय श्री शिवदास राम, अम्बिकापुर, स्वर्गीय श्री अमृत राव घाटगे, अम्बिकापुर, कोरिया जिले से 11 नाम स्वर्गीय श्री रमेश चंद्र दत्त, मनेन्द्रगढ़, स्वर्गीय श्री नित्य गोपाल रे,हल्दीबाड़ी चिरमिरी, स्वर्गीय श्री मौजी लाल जैन, मनेन्द्रगढ़, स्वर्गीय श्री पन्नालाल जैन, चिरमिरी, स्वर्गीय श्री अनिल कुमार चटर्जी, चिरमिरी, स्वर्गीय श्री शंकरी प्रसाद सेन,झगराखांड़, स्वर्गीय श्री जगदीश प्रसाद नामदेव, बैकुंठपुर, स्वर्गीय श्री गुलाब राम सोनार, मनेन्द्रगढ,स्वर्गीय श्री धरम सिंह, मनेन्द्रगढ, स्वर्गीय श्री हेमंत कुमार कार, हल्दीबाड़ी चिरमिरी, स्वर्गीय श्री अहिभूषण मुखर्जी, चिरमिरी, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले से 02 नाम स्वर्गीय श्री महली भगत, कुसमी, स्वर्गीय श्री राजनाथ भगत, कुसमी, जिला-सूरजपुर से 01 स्वर्गीय श्री धीरेन्द्र नाथ शर्मा सूरजपुर का नाम सरगुजा गजेटियर में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हैं। सरगुजा अंचल अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने देश के खातिर लड़ा किन्तु वे आज भी गुमनाम हैं। ऐसे वीर सपूतों को प्रकाश में लाना ही ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम की सार्थकता है। सरगुजा रियासत के सूरजपुर में ऐसे ही एक वीर सपूत बाबू परमानंद जी थे। जिन्होंने देश की खातिर महज 18 वर्ष की आयु में ही हंसते-हंसते जेल में प्राण न्यौछावर कर दिये। किंतु आज भी गुमनाम हैं।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर शोध कार्य कर रहे अजय कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि सरगुजा अंचल में अनेक ऐसे गुमनाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं, जिन्होंने देश की खातिर अपनी कुर्बानियां दी हैं। आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत ऐसे वीर शहीदों को ढूंढना और उनके पतिजनों को सच्चा सम्मान देना ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम का उद्देश्य है। मैं सरगुजा अंचल में जितने भी ज्ञात,अल्प ज्ञात तथा अज्ञात स्वतंत्रता सेनानी है उन्हें ढूंढना उनके परिवार वालों से मिलकर उनकी संपूर्ण जीवन गाथा लिखकर इतिहास के पन्नों में लाने का प्रयास कर रहा हूं।