रायपुर
![आम बजट में कर्मचारियों के हितों की उपेक्षा की गई है, कर्मचारी फेडरेशन मोदी को पत्र भेजेगा आम बजट में कर्मचारियों के हितों की उपेक्षा की गई है, कर्मचारी फेडरेशन मोदी को पत्र भेजेगा](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1644059778611842327G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 फरवरी। छत्तीसगढ़ अधिकारी, कर्मचारी फेडरेशन ने केन्द्रीय बजट में कर्मचारी- अधिकारियों के हित की उपेक्षा का आरोप लगाया है। फेडरेशन ने कहा है कि प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री को कर्मचारी कल्याण के मुद्दों पर विचार करने ध्यानाकर्षण पत्र लिखा जाएगा।
फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा,सचिव राजेश चटर्जी, मुख्य प्रवक्ता विजय झा, प्रवक्ता बी पी शर्मा,महामंत्री आर के रिछारिया,कोषाध्यक्ष सतीश मिश्रा,संगठन मंत्री संजय सिंह का कहना है कि 1 जनवरी 2004 से नियुक्त कर्मचारी-अधिकारियों को केंद्रीय बजट में पुराने पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा का बेसब्री से इंतज़ार था। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 ष्ट के अधीन वित्तीय वर्ष 2014-15 से 1.5 लाख रुपये तक की छूट आज पर्यन्त प्रभावशील है। जबकि केंद्र सरकार को सातवें वेतनमान के अनुपात में वार्षिक आय पर छूट तथा आयकर स्लैब में 5 लाख तक के आय को करमुक्त किया जाना अपेक्षित था।केवल पेंशन टैक्स में छूट देकर पेंशनर्स को राहत दिया गया है।
पदाधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों में बचत की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से धारा 80 ष्ट के अधीन छूट की राशि के अधिकतम सीमा को 2.5 लाख किया जाना अपेक्षित था। वहीं कर योग्य आय पर 5 लाख रूपयों तक के आय को आयकर से मुक्त करने पर माध्यम वर्ग के कर्मचारियों को देश में महंगाई के चरम सीमा के बीच राहत मिलता। केंद्र सरकार भले ही 5 लाख तक के आय को को आयकर अधिनियम की धारा 87 ्र को ? 12500 का छूट देकर आयकर से मुक्त करने का ढ़ोल पीट रही है। वास्तविकता यह है कि यदि आय 5 लाख से 1 ? भी अधिक हुआ तो 12500 ? का टैक्स देना ही पड़ेगा। टैक्स स्लैब में 5 त्न के बाद सीधे 20 त्न दर किये जाने से माध्यम वर्गीय आय के करदाताओं पर आर्थिक भार बढ़ गया है।