सरगुजा
ससुर की हत्या में उम्र कैद की सजा मिली थी
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
अंबिकापुर, 27 जून। केंद्रीय जेल में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी ने रविवार की देर रात जेल के बाथरूम में गमछा के सहारे फांसी लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई।
केंद्रीय जेल में बंदी के फांसी लगा लेने पर हड़कंप मच गया। तत्काल जेल अधीक्षक राजेंद्र गायकवाड़ और जेल के चिकित्सक मौके पर पहुंचे। बंदी की मौत हो चुकी थी। जेल अधीक्षक ने इसकी सूचना पुलिस महानिदेशक और कलेक्टर को दी। सूचना पर रात में तहसीलदार और पुलिस भी मौके पर पहुंचे थे। बंदी ने फांसी क्यों लगाई, यह फिलहाल अज्ञात है। मृतक बंदी 12 साल की सजा काट चुका था, 8 से 10 साल की सजा और बाकी थी।
बरियों थाना क्षेत्र के ग्राम डकवा निवासी लुकलु कोरवा उम्र लगभग 40 वर्ष को वर्ष 2011 में अपने ससुर डवरा थाना निवासी सूबे राम की हत्या के मामले में धारा 302, 323 के तहत आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई गई थी। केंद्रीय जेल में उसने लगभग 12 साल की सजा काट ली थी। रविवार की रात 11 बजे खाना खाने के बाद जब सब अपने बैरक में थे, उसी दौरान बैरक नंबर 9 के बाथरूम में जाकर लुकलु ने बाथरूम के दरवाजे पर गमछा बांध कर फांसी लगा ली। इस घटना से केंद्रीय जेल में हड़कंप मच गया।
आज मृतक के भाई एवं चाचा के सामने उसका पोस्टमार्टम किया गया। बंदी ने फांसी क्यों लगाई और उसकी मानसिक स्थिति उस वक्त क्या थी..? यह फिलहाल अज्ञात है।
भाई को कहा था मुझसे मिलने कोई न आए, मैं पूरी सजा काटकर वापस आ जाऊंगा
मृतक के छोटे भाई परशुराम ने बताया कि जब लुकलु को सजा हुई थी, तब वह और परिवार के अन्य लोग उससे मिलने आए थे, उस वक्त उसने कहा था कि आप लोग बार-बार मिलने न आएं, मेरी सजा जब पूरी हो जाएगी तो सजा काटकर में वापस आ जाऊंगा। आज अचानक जब उसके फांसी लगा लेने की सूचना परिवारों को मिली तो किसी को विश्वास नहीं हुआ।
लापरवाही पर केंद्रीय जेल का आरक्षक निलंबित
रविवार की रात जिस वक्त बंदी ने केंद्रीय जेल में फांसी लगाई थी, उस वक्त जेल प्रहरी प्रवीण रात्रे ड्यूटी पर था। इस घटना में लापरवाही देखते हुए जेल अधीक्षक ने उसे निलंबित कर दिया है। इसके साथ साथ जेल अधीक्षक ने कहा कि आगे जो भी जानकारी मिलेगी, उस अनुसार कार्रवाई की जाएगी। जेल अधीक्षक श्री गायकवाड ने कहा कि क्योंकि अभिरक्षा में यह मौत हुई है तो इसकी न्यायिक जांच भी होगी।