सरगुजा
कमिश्नर ने कलेक्टर को कार्रवाई करने का दिया आदेश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,19 अक्टूबर। मोटी रकम लेकर शासकीय भूमि पर स्थगन देने के आरोप अनुविभागीय अधिकारी पर लगे हैं। अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत के बाद इस संबंध में आयुक्त सरगुजा ने कलेक्टर सूरजपुर को कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
मामला अनुविभागीय अधिकारी रवि सिंह के द्वारा मोटी रकम लेकर शासकीय भूमि पर स्थगन देने के संबंध में डीके सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा 29 सितम्बर को एक शिकायत आवेदन आयुक्त सरगुजा संभाग अंबिकापुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि ग्राम सिलसिले में स्थित भूमि खसरा नंबर 749 रकबा 0.77 हेक्टेयर को वर्ष 2012-13 में सार्वजनिक कार्य हेतु ग्राम पंचायत एवं ग्रामवासियों को सामुदायिक वन अधिकार के तहत राजस्व प्रकरण क्रमांक 3594/अ19(1)-2012-13 के तहत पट्टा प्रदान किया गया था, तब से उक्त भूमि ग्राम पंचायत सिलफिली एवं ग्राम वासियों के द्वारा सार्वजनिक कार्य हेतु उपयोग एवं उपभोग किया जा रहा है।
शिकायत में आरोप लगाया है कि सिलफिली भूमि खसरा नंबर 749 रकबा 0.77 हेक्टेयर पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया जा रहा था, उक्त कार्य शासकीय कार्य है तथा शासन के द्वारा कार्य हेतु राशि आवंटित है, जिसे ठेके पर देकर ग्राम पंचायतों के लोगों के उपयोग में आने वाले उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया जा रहा था। जिस पर सिलफिली निवासी विदुर चंद्र के द्वारा एक आवेदन तहसीलदार लटोरी सूरजपुर के समक्ष प्रस्तुत कर ग्राम सिलफिली स्थित भूमि खसरा नंबर 749 रकबा 0.77 हेक्टेयर पर निर्माण कार्य पर स्थगन लगाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसके आधार पर तहसीलदार के यहां प्रस्तुत आवेदन को सूरजपुर के अनुविभागीय अधिकारी रवि सिंह, विदुर चंद्र से मोटी रकम लेकर दिनांक 4/7/2022 को पंजीबद्ध करते हुए बिना किसी पक्ष सुने एवं विदुर चंद्र से बिना कोई दस्तावेज प्राप्त किए सार्वजनिक एवं ग्राम पंचायत के उपयोग हेतु सुरक्षित भूमि खसरा नंबर 749 में दिनांक 4/7/2022 को स्थगन को आदेश जारी करते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया गया।
अनुविभागीय अधिकारी रवि सिंह के द्वारा जो स्थगन आदेश जारी किया गया है वह किस प्रावधान के तहत किया गया है का उल्लेख नहीं है और न ही विदुर चंद्र के द्वारा प्रस्तुत आवेदन में कहीं पर उल्लेख किया गया है। जबकि विदुर चंद्र के द्वारा स्थगन हेतु आवेदन तहसीलदार को किया गया था, जिस पर तहसीलदार के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई और उक्त आवेदन पर अनुविभागीय अधिकारी रवि सिंह के द्वारा किस आधार पर संज्ञान लेकर विदुर चंद्र से भूमि के संबंध में बिना किसी दस्तावेज लिए स्थगन जारी किया गया, यह संदेहास्पद है तथा रवि सिंह के कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह है।
अनुविभागीय अधिकारी रवि सिंह के द्वारा विदुर चंद्र से मोटी रकम लिया गया है जिसके कारण ग्राम पंचायत सिलफिली के सरपंच के द्वारा स्थगन को निरस्त करने हेतु प्रस्तुत आवेदन एवं शीघ्र सुनवाई के आवेदन पर तत्काल कोई कार्यवाही नहीं की गई और उसमें पेशी तिथि बढ़ाई जा रही है जिससे भी यह प्रमाणित है कि रवि सिंह अनुविभागीय अधिकारी विदुर चंद्र से मोटी रकम लेकर सार्वजनिक कार्य हेतु सुरक्षित भूमि पर जारी किया गया है।
उपरोक्त तथ्यों को प्रमाणित करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी सूरजपुर के न्यायालय में विदुर चंद्र के प्रकरण के संबंध में दिनांक 4/7/2022 से दिनांक 15/9/2022 के आदेश पत्र की कॉपी, विदुर चंद्र के द्वारा तहसीलदार लटोरी को प्रस्तुत आवेदन की प्रति तथा अनुविभागीय अधिकारी रवि सिंह के द्वारा जारी स्थगन आदेश 4/7/2022 के प्रति तथा सरपंच ग्राम पंचायत सिलफिली के द्वारा 12/9/2022 को प्रस्तुत शीघ्र सुनवाई का आवेदन एवं आवेदन निरस्त करने हेतु प्रस्तुत आवेदन की प्रति के साथ कमिश्नर सरगुजा को शिकायत की गई। जिस पर कमिश्नर सरगुजा के द्वारा उक्त शिकायत की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त सरगुजा संभाग अंबिकापुर द्वारा 11 अक्टूबर को कलेक्टर सूरजपुर को पत्र लिखते हुए उल्लेखित तथ्यों की शीघ्र जांच कराकर जांच प्रतिवेदन 7 दिवस के भीतर कार्यालय को उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है।