सरगुजा
समझाइश के बाद दोनों पक्ष माने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सीतापुर, 12 नवंबर। आदिवासी मूल निवासी की सभा के विरोध में हिंदू संगठनों के द्वारा चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया गया। हिंदू संगठनों के द्वारा प्रशासन से अपील की जा रही थी कि इनकी सभा को तत्काल हटाया जाए। सीतापुर प्रशासन के द्वारा दोनों पक्षों को तनाव कम करने समझाइश देने के बाद भी नहीं माने। इस कारण जिला के एसपी, एएसपी, तथा अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों से बातचीत कर शांत कराया।
ज्ञात हो कि नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में शनिवार को राष्ट्र आदिवासी मूल निवासी की सभा का आयोजन किया जा रहा था, जिसके विरोध में पूर्व में ब्राहमण समाज द्वारा एसडीएम सीतापुर को ज्ञापन सौंपा गया था। ज्ञापन में लिखा गया था कि सभा के एक सदस्य द्वारा हिंदू देवी देवताओं पर आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग किया गया। इस मामले को लेकर हिंदू समाज के अन्य संगठनों के द्वारा भी एसडीएम सीतापुर को ज्ञापन सौंपा गया था तथा लालबहादुर शास्त्री स्टेडियम में होने वाली सभा को अनुमति नहीं दिए जाने की अपील किया गया था, जिसमें एसडीएम सीतापुर के द्वारा उन्हें अनुमति नहीं मिली।
अनुमति नहीं मिलने पर भी शनिवार को लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में उनके द्वारा सभा का आयोजन किया जा रहा था। सभा में प्रो तेगाम का आना सुनिश्चित हुआ था, इसका विरोध हिंदू संगठनों के द्वारा बार-बार किया जा रहा था।
इस मामले में आज सभा के विरोध में हिंदू संगठनों के द्वारा गायत्री मंदिर प्रांगण में हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा था, जहां हिंदू संगठनों के द्वारा प्रशासन से अपील की जा रही थी कि इनकी सभा को तत्काल हटाया जावे। प्रशासन के द्वारा अपील को स्वीकार नहीं किया गया तो हिंदू संगठनों के द्वारा चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया गया।
विरोध प्रदर्शन करते हुए वे उनकी सभा के पास पुलिस बैरिकेड को तोड़ते हुए पहुंच गए तथा प्रशासन से अपील करने लगे कि तत्काल सभा को रोका जाए। सीतापुर प्रशासन के द्वारा दोनों पक्षों को तनाव कम करने समझाइश दिया जा रहा था कि आप शांत जाएं। हमारे द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि सभा को जल्द से जल्द रोका जा सके, लेकिन सीतापुर प्रशासन द्वारा किसी प्रकार सभा को रोकथाम करने में असमर्थ रही।
इस कारण जिला के एडिशनल एसपी, एसपी तथा अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों से बातचीत कर दोनों को शांत किया गया। दोनों पक्षों के गुटों को अलग-अलग कर अपने अपने घरों के लिए प्रस्थान कराया गया।