धमतरी
लॉकडाउन में साध्वियों के संपर्क में आई थीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 13 नवंबर। जैन साधु, साध्वी बनने के लिए किसी भी जाति, समाज का सदस्य संयम पथ अंगीकार कर सकता है। संसार का भौतिक सुख छोडऩे लायक है। मैं संयम पथ पर चलकर आत्म-कल्याण और दूसरों का कल्याण करने प्रेरित करूंगी। मैंने वैराग्य शतक की पढ़ाई पूरी कर ली है, यह बात जैन साध्वी बन रही धमतरी जिले की साहू बेटी मनीषा साहू ने कहीं।
दरअसल साहू समाज की 29 साल की युवती मनीषा साहू जैन साध्वी बनने जा रही हैं। प्रदेश में संभवत: ऐसा पहली बार होगा, जब साहू समाज की कोई युवती जैन समाज में दीक्षा ग्रहण कर संयम के मार्ग पर चलेगी। मुमुक्षु मनीषा साहू रायपुर में 28 नवंबर को दीक्षा ग्रहण करेंगी। उन्होंने 2 साल पहले ही साध्वी बनने की इच्छा जताई थी।
रिश्ता ठुकराया, बोली नहीं करूंगी शादी
मनीषा साहू नगरी ब्लॉक के छोटे से गांव सांकरा के निवासी मिथिलेश साहू की बेटी हैं। लॉकडाउन के दौरान दुर्ग में रहकर मनीषा ने बी फार्मा की पढ़ाई की। सालभर पहले बेटी मनीषा साहू के लिए रिश्ता आया, जो उसने ठुकरा दिया। कहा कि शादी नहीं करूंगी।
34 साल पहले मराठा युवती बनी थी साध्वी
चातुर्मास व्यवस्था समिति अध्यक्ष विजय गोलछा ने बताया कि 34 साल पहले यानी 1988 में मराठा समाज की संतोषी नाम की बेटी जैन दीक्षा ली थी। जिले में दूसरा ऐसा मौका है, जब मुमुक्षु मनीषा दीक्षा लेंगी।
समाज के लिए गर्व
साहू समाज के प्रदेश महामंत्री व पूर्व जिलाध्यक्ष दयाराम साहू ने बताया कि मनीषा साहू प्रदेश की पहली बेटी है, जो जैन साध्वी बनेगी। समाज के लिए यह गर्व की बात है। उनका समाज द्वारा सम्मान भी किया जाएगा।