सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 14 नवंबर। इन दिनों रामानुजगंज में यातायात कार्यालय शासन एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से मात्र दिखावा ही प्रतीत हो रहा है। जिले का सबसे बड़ा शहर रामानुजगंज को माना जाता है। यहां पर सितंबर 2018 से यातायात कार्यालय शुरू किया था जो वर्तमान में भी नाम के लिए केवल संचालित हो रही है
उल्लेखनीय है कि नगर के लरंगसाय चौक में स्थित यातायात कार्यालय शुरू किया गया था। उस समय शहर के विभिन्न चौकों में विधिवत रूप से सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया था, जिसके संचालन के लिए एलसीडी टीवी एवं जरूरत के सभी उपकरण यातायात कार्यालय में ही लगाए गए थे, परंतु अब लाखों की सम्पत्ति बेकार में पड़ी हुई धूल खा रही है।
शहर में लगे लगभग सभी सीसीटीवी कैमरों के बारे में भी पता चला है कि वह भी खराब हो गए हैं एवं कार्यालय में पड़ा हुआ एलसीडी टीवी एवं मशीन भी खराब पड़े हुए हैं। नाममात्र का कार्यालय इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इस कार्यालय के लिए न तो एक भी वाहन उपलब्ध कराई गई है, न ही पर्याप्त बल दिया गया है।
नगर में लगभग सभी चौकों पर अगर एक एक जवान भी लगाया जाता है तो 6 से 7 जवान की जरूरत पड़ती है। जिला मुख्यालय से पता किया गया तो पता चला कि एक प्रभारी अधिकारी एवं 4 जवान वर्तमान में पदस्थ किये गए हैं, उसमें से भी फिलहाल नगर में एक जवान ही उपलब्ध है क्योंकि एक कोर्स करने चले गए, एक छुट्टी में है और एक को रामचन्द्रपुर में ड्यूटी लगाई गई है। उसके बाद भी देखने सुनने से यह पता चलता है कि यहां पर पदस्थ एक प्रभारी अधिकारी एवं 4 जवान को भगवान भरोसे ही छोड़ दिया गया है, क्योंकि न तो कोई सुविधा दी गई है और न ही कोई अधिकार दिया गया है।
सोचने वाली बात यह है कि अगर इनकी ड्यूटी के दौरान कोई गाड़ी नो एंट्री में घुस कर भागने लगे या एक्सीडेंट कर भागने लगे तो ये जवान या प्रभारी अधिकारी कितना दूर तक दौड़ कर पीछा करेंगे।
इनके पास एक मात्र उपाय है कि नगर के थाने में सूचना देवे या जिला मुख्यालय को सूचित करें, उसके बाद थाने वाले अपने हिसाब से उस पर कार्यवाही करेंगे। और तो और यातायात थाने में न तो चालान काटने की बुक उपलब्ध है, न ही रोजनामचा उपलब्ध है। गाड़ी अगर पकड़ लिया गया तो उसे थाने के सुपुर्द कर देना है बस उनकी ड्यूटी खत्म। उसके बाद थाने वाले चाहे चालान काटे या समझौता कर उसे छोड़ दें, ये उनके ऊपर है।
इस संबंध में यातायात के जिला प्रभारी अधिकारी राजेन्द्र साहू का कहना था कि रामानुजगंज कार्यालय में बल तो अधिक होना चाहिए, परंतु जिले में भी बल की कमी होने के कारण व्यवस्थित नहीं हो पा रहा है।इसके बारे में उच्च अधिकारी को सूचित कर दिया गया है, बल के मिलते ही जवानों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। सीसीटीवी कैमरे से संबंधित सारे उपकरण जो खराब पड़े हैं।
उसके बारे में उन्होंने बताया कि जब लगाया गया था तो दो साल का एग्रीमेंट था, उसके बाद फिर से अभी आगे के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
रायपुर से आई टीम सर्वेक्षण कर के चली गई है, उम्मीद है आने वाले समय में व्यवस्थित हो जाएगा।