दुर्ग
देश-विदेश में शिविर के आए असरकारी परिणाम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग,14 दिसंबर। स्वस्थ शरीर, शांत मन और आनंदमय जीवन को लेकर सन टू ह्यूमन फाउंडेशन ने ना केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अभियान छेड़ रखा है। इस कड़ी में दुर्ग शहर के पदमनाभपुर मिनी स्टेडियम में 16, 17 व 18 दिसंबर को तीन दिवसीय नए दृष्टिकोण वाले विशेष शिविर का नि:शुल्क आयोजन किया गया है। यह शिविर प्रतिदिन सुबह साढ़े छ: बजे से सुबह साढ़े आठ बजे तक चलेगा। प्रवचन नहीं प्रयोग को सूत्र वाक्य मानने वाली सन टू ह्यूमन फाउंडेशन इंदौर के सदस्य शिविर को लेकर पिछले पखवाड़े भर से शहर के उद्यानों व सार्वजनिक स्थानों में सक्रिय हैं और डेमो सत्र के माध्यम से लोगों को शिविर के असरकारी परिणाम से अवगत कराया है। जिससे लोगों में शिविर को लेकर खासा उत्साह है।
फलस्वरुप नए दृष्टिकोण वाले विशेष शिविर में हजारों की संख्या में लोगों के जुटने की संभावना है। शिविर में शामिल होने पंजीयन अनिवार्य है। यह बातें नए दृष्टिकोण वाले विशेष शिविर के आयोजक उत्तम बरडिया और शांतिलाल चोपड़ा ने सोमवार को दुर्ग प्रेस क्लब, इंदिरा मार्केट में मीडिया से संयुक्त चर्चा में कही। चर्चा के दौरान सन टू ह्यूमन फाउंडेशन के सदस्य जानकी मां, शहजो बाई, शिवालय, समाजसेवी नवीन संचेती भी मौजूद थे। चर्चा में शिविर के आयोजक बरडिया और चोपड़ा ने बताया कि नए दृष्टिकोण वाले विशेष शिविर के आयोजन का एकमात्र उद्देश्य मानव चेतना को जागृत व उत्थान करना है। फाउंडेशन द्वारा देश व विदेश में करीब 2 सौ से अधिक शिविर आयोजित किए जा चुके हैं। शिविर में शामिल लोगों ने अपने जीवन में चमत्कारिक परिणाम महसूस किए हैं।
हजारों लोगों ने 10 से 30 किलो अतिरिक्त वजन कम करके उच्च रक्तचाप, अस्थमा, माइग्रेन, मधुमेह, कब्ज जैसी बीमारियों से छुटकारा पाकर शारीरिक और मानसिक स्तर पर कई लाभ प्राप्त किए हैं। अनेक लोग थायराइड, ह्रदय की बीमारी, अवसाद और दवाओं को अलविदा कह चुके हैं। फाउंडेशन की सदस्य जानकी मां ने बताया कि सही आहार, सही व्यायाम, सही ध्यान पर आधारित इस शिविर की केंद्रीय अवधारणा हमारे मस्तिष्क की ऊर्जा को जागृत करती है। जो व्यक्ति को स्वयं का स्वामी बनाने की ओर ले जाती है। अल्प समय में शहर में विभिन्न समूह में 70 डेमो सत्र आयोजित किए गए हैं। जिनमें लगभग 1 हजार लोगों ने शिविर के लिए पंजीयन कराया है। शिविर की टैगलाइन प्रवचन नहीं प्रयोग है। जिसमें यह वर्णन किया गया है कि केवल शब्द ही नहीं होंगे बल्कि परिणाम देने वाली तकनीक भी होगी। सत्र के बाद वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किए गए क्षारीय नाश्ता भी परोसा जाएगा, जो हमारे मस्तिष्क की ऊर्जा को जगाने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मददगार होगा, साथ ही सभी आवश्यक जरूरी पोषक तत्वों को पूरा करेगा।