धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 15 जनवरी। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला एवं मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत के नेतृत्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन प्रदेश के मुख्य सचिव को सौंपकर प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा के लिए समय की मांग की है। ज्ञापन में महासंघ ने 12 सूत्रीय मांगों का जिक्र करते हुए मांगों के संदर्भ में अपनी बातों को रखने की बात कही है।
छत्तीसगढ़ शासकीय कर्मचारी अधिकारी महासंघ के जिला संयोजक दीपक शर्मा और महासंघ के मीडिया प्रभारी एमएस भास्कर, महासचिव गोपाल शर्मा, मनोज वाधवानी, वासुदेव भोई , हेमंत ठाकुर, प्रकाश पवार, प्रवीण साहू, रोहित साहू ने बताया कि ज्ञापन में राज्य के कर्मचारियों को गृह भाड़ा भत्ता, महंगाई भत्ता, देय तिथि एरियर सहित आदेश जारी करने, प्रदेश के सभी अधिकारी कर्मचारियों को 4 स्तरीय समयमान वेतनमान, लिपिकों एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों के वेतन विसंगति का निराकरण, 300 दिन के अवकाश नगदीकरण, शिक्षा कर्मियों की संविलियन के पूर्व की सेवा अवधि की गणना कर क्रमोन्नति,सहायक शिक्षकों को समयमान, वेतनमान का लाभ देने तथा पुरानी पेंशन का लाभ, परिवीक्षा अवधि तीन वर्ष की जगह दो वर्ष करने, समस्त विभागों के दैनिक वेतन भोगी, संविदा एवं अनियमित कर्मचारियों का नियमिती करण, अनुकम्पा नियुक्ति में दस प्रतिशत के बंधन को स्थाई रूप से समाप्त कर शिक्षा कर्मियों के आश्रितों को स्कूल शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को आगामी मार्च के बजट में सम्मिलित कर घोषणा करने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल में सुनील यादव, तीरथ लाल सेन, मनोज साहू, विष्णु मोंगराज, इंद्रदेव सम्मलित थे।
कर्मचारी अधिकारी महासंघ के जिला संयोजक और महासचिव गोपाल शर्मा ने बताया कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर महासंघ काफी मुखर है, पिछले दिनों महासंघ ने शासन को 12 सूत्री मांगों के ज्ञापन केसाथ मांगे पूर्ण नहीं होने पर आंदोलन का अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि बजट सत्र में अगर कर्मचारी हितैषी मांगों पर सरकार ने विचार नहीं किया तो फिर महासंघ आंदोलन करेगा।