रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जनवरी। फरवरी-20 के बाद यदि शादी, रिसेप्शन या अन्य कोई समारोह की योजना बना रहे है तो कतई ऐसा न करे। उस दौरान रायपुर से दुर्ग-भिलाई तक होटल, रिजॉर्ट, फार्म हाउस अनुपलब्ध है, सभी रूम अभी से सोल्ड आउट हो चुके हैं। इतनी ही नहीं, 3-4 माह पूर्व हुई बुकिंग भी कैंसल कर दी गई है।
दरअसल 24-25-26 को रायपुर में कांग्रेस का प्लेनरी सेशन (अधिवेशन) आयोजित किया गया है। इस वजह से फरवरी के तीसरे-चौथे सप्ताह में राजधानी के होटलों में नो-रूम की स्थिति है। सत्तारूढ़ कांग्रेस संगठन ने सभी होटल, रिजॉर्ट, फार्महाउस, धर्मशालाएं, वैवाहिक भवनों को एक माह पहले बुक कर लिया है। जिन लोगों ने अपने निजी आयोजन के लिए बुकिंग की थी उन्हें कैंसिलेशन के रिवर्ट कॉल जा रहे हैं और न्यू बुकिंग क्लोज कर दी गई है। यह स्थिति 21 से 27 फरवरी के लिए है।
बता दें कि कांग्रेस के इस 84 वें अधिवेशन में श्रीमती सोनिया गांधी से लेकर करीब 11 हजार नेता-कार्यकर्ता शामिल होंगे। इनके साथ सुरक्षाधिकारी भी होंगे। इस तरह से करीब 12 हजार की हिस्सेदारी होगी। इन सबके लिए जरूरत के होटलों की राजधानी में बड़ी कमी है। राजधानी दुर्ग-भिलाई स्थित होटलों की संख्या 3 सौ से आसपास होगी। इनमें वन स्टार होटल भी शामिल है। यदि इनके हर कमरे में 2-2, 3-3 लोगों को भी ठहराया जाता है तो 9 हजार एकोमिडेट होंगी। उसके बाद, शेष बचे 2 हजार लोगों के लिए रिजॉर्ट, फार्महाऊस, वैवाहिक भवनों में व्यवस्था करनी होगी।
छत्तीसगढ़ में हो रहे कांग्रेस के अब तक के सबसे बड़े सम्मेलन के लिए सीएम भूपेश बघेल के स्तर पर तैयारी की जा रही है वहीं एआईसीसी से, पिछले माह की गई घोषणा के बाद से आयोजन को लेकर कई तेजी नहीं दिखाई दे रही। राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी जयराम रमेश की उक्त घोषणा के उपरांत पीसीसी को कोई मैसेज नहीं है। आयोजन से पहले मंच सज्जा का थीम, मंचस्थ और संबोधन करने वाले नेताओं की सूची आदि, आदि तय करके पीसीसी को भेज दिए जाते हैं लेकिन इस दिशा में अब तक कोई सूचना नहीं है।
इससे राजीव भवन में यह चर्चाएं है कि आयोजन स्थल में बदलाव भी संभव है। कर्नाटक, पीसीसी अध्यक्ष डी शिवकुमार ऑफर दे चुके हैं और नए राष्ट्रीय अध्यक्ष भी कर्नाटक के है इसलिए स्थल परिवर्तन अप्रत्याशित न होगा। बैंगलूर में होने पर अधिवेशन 2 दिन का हो सकता है। एक चर्चा यह भी है कि दिल्ली में एक दिन का हो सकता है। हाल के दिनों में छत्तीसगढ़ में उपस्थित घटनाक्रम को देखते हए स्थल परिवर्तन चर्चा जोरों पर हैै।