रायपुर
कांग्रेस शासन में इसे बदलने वाले अफसर जेल में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 मई। राज्य सरकार ने कोयला और अन्य प्रमुख खनिजों के परिवहन के लिए ई-ट्रांजिट पास व्यवस्था फिर से लागू कर दी है। इसी व्यवस्था को बदलकर कांग्रेस सरकार ने मैन्युअल किया
था,और छत्तीसगढ़ में सरकार संरक्षित सबसे बड़ा कोल लेवी घोटाला किया गया है। और इस मामले में दो आईएएस समीर विश्नोई, रानू साहू, राप्रसे की सौम्या चौरसिया और उप संचालक एसएस नाग समेत दर्जन भर जेल याफ्ता हैं। इस मैन्युअल पास के एवज में परिवहन कर्ताओं और खनन फर्मों से प्रति क्विंटल 20 रूपए लेवी जाती रही । और जब इसका खुलासा हुआ तो कुल 540 करोड़ की लेवी वसूली की गई। ई ट्रांजिट व्यवस्था पूर्व में भी लागू थी, और इसे बदलने को लेकर कांग्रेस काल में खनिज विभाग में दबाव का खेल शुरू हुआ । संचालक रहे समीर ने संयुक्त संचालक पर हस्ताक्षर करने दबाव बनाया। उन्होंने नहीं किया तो संचालक के नाते स्वयं ही आदेश फंस गए।
भाजपा ने इसे चुनावी मुद्दा बनाकर सरकार बनने पर पुन: ई-ट्रांजिट पास व्यवस्था लागू करने कहा था। और आज आदेश जारी कर दिया गया। इसे लेकर दोनों दलों के नेताओं में बयानबाजी शुरू कर दी है। सांसद सुनील सोनी ने कहा कि अब इसे पारदर्शी कर दिया गया है, पूरे देश में इसका लिंक उपलब्ध रहेगा। कोई घोटाला नहीं कर सकेगा। राज्य का पैसा सरकार के खजाने में जाएगा । पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि भाजपा सरकार अपनी प्राथमिकता से काम करती है, कांग्रेस ने पारदर्शिता से काम करती रही।