रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जनवरी। छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी महासंघ के आवाहन पर अब सरकार से अंतिम खंदक की लड़ाई की तैयारी की जा रही है। इस रणनीति के तहत रविवार को प्रदेश के समस्त अनियमित कर्मचारी बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर एकत्रित हुए। जहां महा बैठक में नए सिरे से आंदोलन की योजना बनाई गई। इस बैठक में आमंत्रण के अनुरूप पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पहुंचे उन्होंने सभा में कहा कि कर्मियों की मांगों पर भाजपा पूरी तरह सहमत है। अगली सरकार बनने पर उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा। वहीं सीएम भूपेश बघेल शामिल नहीं हुए।
10 दिन में सरकार बनने पर नियमितीकरण का वादा करने वाली सरकार 4 साल के बाद नियमितीकरण तो दूर हजारों कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर चुकी है। इसके अतिरिक्त धरना प्रदर्शन करने वालों पर कानूनी कार्यवाही, पुलिस कार्यवाही, गिरफ्तारी एवं जबरिया आंदोलन समाप्त करने का दबाव भी प्रदेश के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी निरंतर बनाए हुए हैं। ऐसी स्थिति में प्रदेश के कर्मचारियों का नियमितीकरण दिवास्वप्न साबित हो रहा है।
इस बैठक में सभी प्रकार के अनियमित कर्मचारी शामिल होकर अपनी पीड़ा व्यक्त की। ठेका प्रथा, प्लेसमेंट को बंद करने का वादा करने के बाद सरकार आज तक उसे निरंतर जारी रखी है। अनेक कर्मचारी आत्महत्या भी कर चुके हैं। इन सब परिस्थितियों में 2023 चुनावी वर्ष नहीं अपितु यह संघर्ष वर्ष साबित होगा। इस आंदोलन में 4 सूत्रीय मांगों को पूरा कराने के लिए 52 संगठनों से अधिक संगठन के लगभग हजारों सदस्य शामिल हैं।
चार सूत्रीय मांग में मुख्य रूप से नियमितीकरण, अंशकालिक को पूर्णकालिक करने, ठेका प्रथा प्लेसमेंट बंद करने, छटनी किए गए कर्मचारियों की वापसी जैसे महत्वपूर्ण मांग शामिल हैं। प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले, रसोईया संघ अध्यक्ष नीलू ओंगरे, प्रवक्ता सत्यम शुक्ला, विनय साहू, प्रेम गजेंद्र, संतोष खांडेकर, के नेतृत्व में सैकड़ों अनियमित कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष महामंत्री पदाधिकारी के नेतृत्व में हजारों कर्मचारी इस बैठक में शामिल हैं।
आप पार्टी की ओर से दुर्गा झा, विजय झा, शिव शर्मा, नरेन्द्र ठाकुर, महेन्द्र बिसेन, कलावती मारको, गोलू चंद्राकर, हेमंत टंडन आदि नेताओं ने भी समर्थन जताया।