रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जनवरी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा की आरक्षण विरोधी नीति के चलते 44 वें दिन भी आरक्षण बिल पर राजभवन में हस्ताक्षर नहीं हो पाया। भाजपा नहीं चाहती प्रदेश के आदिवासी वर्ग को 32 प्रतिशत ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत एससी वर्ग को 13 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस वालों को 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ हम मिले 2 दिसंबर को विधानसभा के विशेष सत्र में आरक्षण भी पारित हुआ था उसी दिन राजभवन में हस्ताक्षर हेतु भेजा गया लेकिन आज भी आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं होना दुर्भाग्य जनक है। आरक्षण बिल में हस्ताक्षर नहीं होने के चलते प्रदेश के इंजरिंग कॉलेज ,फार्मेसी सहित कई शैक्षणिक संस्थानों के सीट आज रिक्त पड़ी हुई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा जिस राज्य में सत्ता में नहीं होती है और राजनीतिक तौर पर सत्ताधारी दल से सामना नहीं कर सकती उस राज्य में भाजपा राजभवन के पीछे छिपकर राजनीतिक षड्यंत्र करती है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, मध्यप्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली सहित गैर भाजपा शासित राज्यों में जिस प्रकार से राजभवन की भूमिका है पूरा देश देख रहा है। मोहन मरकाम ने कहा कि आरक्षित वर्ग भाजपा के इस चरित्र को पहचान चुकी है।
दूसरी ओर, राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा के संयोजक गोपाल रिधिकर ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जातिवादी, पूंजीवादी ताकतें समता मूलक समाज के लिए घातक हैं। यही ताकतें आरक्षण को बढ़ावा देते रहने का पाखंड कर रही हैं। इनके दोगले चरित्र की वजह से आरक्षण बिल का हुआ है। राज्यपाल द्वारा उसे अनावश्यक लटकाया जा रहा है। इससे पता चलता है यह किस पार्टी का खेल है।