सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर,13 अप्रैल। जनजाति सुरक्षा मंच छत्तीसगढ़ प्रदेश द्वारा डीलिस्टिंग महारैली का आयोजन 16 अप्रैल रविवार को रायपुर के वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर के सामने मैदान में किया गया है। जिसको लेकर जनजाति सुरक्षा मंच सरगुजा के द्वारा तैयारी बैठक अंबिकापुर में रखी गई, जिसमें राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत सम्मिलित हुए।
जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा अपने गठन से ही लगातार जनजाति समाज के जिन लोगों ने अपने जातिगत रीति रिवाज, परंपरा का त्याग करके धर्म परिवर्तन करके ईसाई या मुस्लिम धर्म अपना चुके हैं, उनको अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर करने की मांग की जा रही है। रायपुर के महारैली में सरगुजा जिले से हजारों की संख्या में जनजाति समाज के लोग सम्मिलित होने वाले हैं।
राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने कहा कि बहुत ही जल्द यह मांग बिल का रूप ले लेगा। देश के कई राज्यों की राजधानी में यह महारैली हो चुकी है, 16 अप्रैल को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी यह महारैली होने जा रहा है, जिसमें पूरे छत्तीसगढ़ से हजारों की संख्या में जनजातीय समाज शामिल होकर डीलिस्टिंग कानून की मांग करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि यह संवैधानिक न्याय के लिए आंदोलन है, जो अन्याय अनुसूचित जनजाति समाज के साथ 70 साल से हो रहा है उसको खत्म करने के लिए जनजाति सुरक्षा मंच पूरे देश में बड़ा आंदोलन कर रहा है।
बैठक में प्रांत सह संयोजक इन्दर भगत ने डीलिस्टिंग के लिए घर घर अलख जगाने एवं कार्तिक उरांव के द्वारा इस मांग को शुरू करने, उनके योगदान का उल्लेख करते हुए रायपुर के महारैली में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने का आह्वान किया।
जिला संयोजक बिहारीलाल उरांव ने जिला में किए जा रहे तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने महारैली को लेकर कहा कि पिछले साल अंबिकापुर में जिला स्तरीय डीलिस्टिंग महारैली के आयोजन के पश्चात गांव-गांव में जागरण हुआ है। प्रदेश स्तरीय इस रैली को लेकर बहुत ही उत्साह है और सभी गांव से बड़ी संख्या में जनजाति समाज के लोग सम्मिलित होंगे।