रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 21 अप्रैल। रायगढ़ में नए कलेक्टर के पदभार ग्रहण करने के बाद प्रशासन में कसावट दिख रही है। विशेष तौर पर रियल एस्टेट डेवलपर के नाम पर अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर प्रशासनिक सख्ती नजर आ रही है।
इस संवेदनशील प्रकरण करीब 8 साल पुराने मामले की भी फाइल खोली गई है। वर्ष 2015-16 में शहर के बेलादुला निवासी विजय राजपूत ने मि_ू मुड़ा में खसरा नंबर 102,2 की 1.31 एकड़ भूमि पर बिना किसी अनुमति के अवैध रूप से प्लॉटिंग कर 21 लोगों को प्लॉट्स बेच दिए। विजय राजपूत ने ना तो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से मंजूरी ली ना ही ले आउट अप्रूव कराया और ना ही कॉलोनाइजर लाइसेंस लिया। इस मामले में नगर निगम के ई ई ने विगत 24 फरवरी को जूट मिल थाने में छत्तीसगढ़ नगर पालिक अधिनियम 1956 की धारा 292- ग तथा छ ग नगर पालिका नियम 2013 के नियम 3 के उल्लंघन करने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने हेतु आवेदन दिया था। पुलिस ने जांच के बाद अब एफआईआर दर्ज कर ली है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर निगम आयुक्त अवैध प्लॉटिंग के मामलों को लेकर सख्त कार्रवाई करने के पक्ष में हैं। बताया जा रहा है कि आयुक्त इस बात से खफा हैं कि अभी तक पुलिस ने अवैध प्लॉटिंग के मामलों में कोई गिरफ्तारी नहीं की है। अभी अवैध प्लॉटिंग के चार और मामलों की जांच चल रही है। इन मामलों में चक्रधरनगर, जूटमिल और कोतवाली थानों में एफ आई आर दर्ज की गई है पर गिरफ्तारी के मामले में कार्रवाई सिफर है।
गौरतलब है कि उच्च स्तरीय सख्ती के बाद अब एस डी एम, तहसीलदार और पटवारी भी अब अपना रवैया बदलने के लिए मजबूर हो रहे हैं। अब बिना डायवर्सन या ले आउट के छोटे भूखंडों की बिक्री नकल नहीं दी जा रही है। अब इस तरह की अनुमति आधे एकड़ से कम जमीन के लिए नहीं दी जा रही है।