महासमुन्द
आदिवासी समाज प्रमुखों ने मौका निरीक्षण किया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 22 जुलाई। महासमुंद जिले के सालडबरी गांव से आदिवासियों की बेदखली का मुद्दा अब तूल पकडऩे लगा है। जनपद अध्यक्ष बागबाहरा स्मिता हितेश चंद्राकर पर आदिवासी समाज प्रमुखों ने आदिवासी विरोधी और ओछी मानसिकता का आरोप लगाया है। जानकारी मिली है कि छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष मनोहर ठाकुर के नेतृत्व में आदिवासी समाज प्रमुखों ने बेदखल किये गये सालडबरी स्थित भूमि स्थल पर गए और स्थिति से रुबरु होने के बाद आक्रोश जताया है। बागबाहरा जनपद अध्यक्ष स्मिता चन्द्राकर एवं भाजपा किसान नेता हितेश चन्द्राकर को आड़े हाथ लेते हुए मनोहर ठाकुर ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि अखबारों में दो सौ मठों को उखाड़ कर अतिक्रमण करने वाली बयानबाजी से जनपद अध्यक्ष की आदिवासी विरोधी ओछी मानसिकता उजागर होती है।
जिलाध्यक्ष मनोहर ठाकुर ने विज्ञप्ति में बताया है कि सालडबरी निवासी आदिवासी कृषक कंवल सिंग, किशन, बहुरसिंग एवं आदिवासी महिला कृषक जुगबाई के विरुद्ध तहसील न्यायालय में बेजा कब्जा करने का प्रकरण लंबित था। इन आदिवासी किसानों के पूर्वज यहां बेजा कब्जा कर काश्त करते आ रहे थे और अब उनके वारिसान उस जमीन पर काश्त कर रहे हैं। जिस पर लंबित प्रकरण की पेशी हेतु 13 जुलाई 2023 को तहसील कार्यालय कोमाखान में आदिवासी कृषकों ने उपस्थिति दी थी। तब तहसीलदार ने लगभग दोपहर 4 बजे आदेश देकर कहा कि बेजा कब्जा का पट्टा बना देंगे। हम जैसे कहेंगे वैसे करो। जबकि 13 जुलाई 2023 के आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि 24 घंटे में बेजा कब्जा हटाकर न्यायालय को पालन प्रतिवेदन 14 जुलाई को प्रस्तुत किया जावे।
मनोहर ठाकुर के मुताबिक बेजा कब्जा हटाने के लिए किये गये आदेशानुसार 14 जुलाई को 4 बजे दोपहर में 24 घंटे का समय पूर्ण होता है। परन्तु कोमाखान तहसीलदार ने 14 जुलाई को 24 घंटे के पूर्व ही प्रात: 9 बजे शासन के दल बल के साथ सालडबरी पहुंचकर बेजा कब्जा हटा दिया।
सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष मनोहर ठाकुर ने विज्ञप्ति में कहा है कि उक्त आदिवासी कृषकों के पूर्वज पचासों वर्ष से भूमि पर काबिज हैं और ऐसे काबिज भूमि को शासन द्वारा पट्टा दिए जाने का प्रावधान है। परन्तु तहसीलदार ने कब्जा हटाने का आदेश दे दिया। उन्होंने आगे बताया है कि सालडबरी के आदिवासी परिवारों को हुक्का पानी बंद कर गांव से बहिष्कृत किया गया है। श्री ठाकुर ने भाजपा नेता स्मिता हितेश चन्द्राकर द्वारा दो सौ मठों को उखाड़ कर अतिक्रमण करने की बात को गलत व तथ्यहीन कहा है।
मनोहर ठाकुर ने मांग की है कि आदिवासी किसानों को उनके पूर्वनों से काबिज भूमि का पट्टा प्रदाय किया जावे तथा आदिवासी परिवारों का हुक्का.पानी बंद करवाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध दंडनात्मक कार्रवाई की जावे। आदिवासी समाज प्रमुखों में महिला प्रकोष्ठ गोंड़ समाज के सर्कल अध्यक्ष एवं जनपद सदस्य डुमरौतीन ठाकुर, उपाध्यक्ष रेखा ठाकुर, सर्कल उपाध्यक्ष खेदूराम ठाकुर, संयोजक जगदेव ठाकुर, ऑडिटर राजू ठाकुर, कोषाध्यक्ष हेमसिंग ठाकुर,नीरा ठाकुर सहित समाजजनों ने सालडबरी पहुंच कर मामले की जानकारी ली।
मालूम हो कि जनपद अध्यक्ष बागबाहरा स्मिता हितेश चंद्राकर की पहल पर सालडबरी में रहने वाले आदिवासी परिवारों को बेदखल किया गया है। इन्होंने आदिवासियों पर आरोप लगाया था कि आदिवासियों ने शमशान की जमीन पर दो सौ मठों को उखाड़ कर अतिक्रमण किया है।