महासमुन्द
रामायण के दोहे भी छत्तीसगढ़ी में पढ़े जाएंगे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 5 अक्टूबर। प्रदेश में महासमुन्द जिले के पिथौरा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम गड़बेड़ा में इस वर्ष दशहरा की रामलीला में छत्तीसगढ़ी भाषा के डायलॉग एवं रामायण के दोहे भी छत्तीसगढ़ी में पढ़े जाएंगे। हिंदी एवं संस्कृत के श्लोक एवं दोहों को भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रीतराम सूर्ये ने लिखा है।
नगर से कोई 6 किलोमीटर दूर ऐतिहासिक ग्राम गड़बेड़ा का दशहरा इस बार मंचन के पहले ही चर्चा में आ गया है। इस ग्राम के युवाओं को कुछ नया करने का जोश हमेशा रहता है। लिहाजा इस बार ग्राम में दशहरा के दिन मंचन होने वाली रामलीला पूरी तरह छत्तीसगढ़ी भाषा में होगी। ग्रामीणों ने इसकी पूरी तैयारी भी कर ली है। जिसके लिए लगातार रिहर्सल का दौर चल रहा है।
छत्तीसगढ़ी रामलीला की पटकथा लिखने वाले ग्राम के ही एक नेता प्रीतराम सूर्ये ने बताया कि उनके ग्राम में शिक्षा का स्तर अच्छा है। ग्राम के युवक उत्साही है। लिहाजा कुछ नया करने की जिद के कारण उन्होंने इस वर्ष का दशहरा ही छत्तीसगढ़ी में मंचन करने का विचार बनाया। इसके बाद से ही ग्राम के युवाओं की पूरी टीम इसके लिए जुट गई है।
श्री सूर्ये ने बताया कि रामलीला कोई ढाई से तीन घण्टे की होगी। पूरी रामलीला में भगवान राम का चरित्र एवम रामायण की प्रमुख घटनाओं को प्रमुखता से उठाया गया है। रामलीला के दर्शकों के विशेष मनोरंजन के लिए कुछ पैरोडी मिश्रित डायलॉग भी संलग्न किये गए है। जिससे आज के युवाओं में धर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी और उनमें संस्कार जागृत होंगे।
संगीत एवं मंच कलाकार सब स्थानीय
रामलीला के बहाने ग्राम में छुपी प्रतिभा को सामने लाने, नशे की लत में डूबते युवा वर्ग को धर्म से जोड़ कर संस्कारित बनाना ही गड़बेड़ा दशहरा समिति का लक्ष्य है।
कार्यक्रम संयोजक प्रीतराम सूर्ये बताते है कि ग्राम के नवयुवक लोकनाथ नायक किशन यादव,किशन वस्त्रकार,गेंदराम यादव ,मोहित यादव,हेम्प्रसाद पटेल,रोहन निर्मलकर, अमर सिंह यादव एव अमन मानिकपुरी मंच पर कलाकार होंगे,संगीत भी स्थानीय युवक ही देंगे इनमें द्वारिका यादव एवम रामचरण यादव अपनी टीम के साथ संगीत देंगे।
महिसासुर वध होगा विशेष आकर्षण
दशहरा के दिन गड़बेड़ा की रामलीला में महिसासुर वध विशेष आकर्षण का केंद्र होगा।ज्ञात हो कि आम तौर पर दशहरा की रामलीला में रावण, विभीषण एवम कुम्भकरण के पुतलों का दहन किया जाता है परन्तु यहां महिसासुर वध का विशेष कार्यक्रम दशहरा की रामलीला के दौरान होगा।