रायपुर

फर्जी दस्तावेज तैयार कर भूमि पर कब्जा कर धोखाधड़ी, संचालक के खिलाफ एफआईआर
22-Jul-2023 7:09 PM
फर्जी दस्तावेज तैयार कर भूमि पर कब्जा कर धोखाधड़ी, संचालक के खिलाफ एफआईआर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 22 जुलाई। सूर्या लैण्ड डवलपर्स पर सरकारी भूमि का दूरूपयोग और फर्जी तरीके से कालोनी निर्माण के मामले में जोन 9 में रिकार्ड पर अवैध तरीके से दस्तावेज तैयार कर कालोनी निर्माण कार्य करने की शिकायत उप अभियंता ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

पुलिस ने बताया कि जोन 9 के उप अभियंता अंशुल शर्मा ने थाना में लिखित में रिपोर्ट दर्ज कराई कि सड्डू क्षेत्र में हो रहे कालोनी निमार्ण में दस्तावेज जांच के दौरान नगर निवेशक नगर पालिका निगम रायपुर से कालोनाईजर मेसर्स सूर्या लैण्ड डेवलपर्स के संचालक  अशोक खेमका के द्वारा राजधानी विहार में नगर निवेश से पास लेआउट के विरूद्ध निर्माण तथा आम जनता को छलपूर्वक कूटरचित लेआउट दिखाकर कालोनी निर्माण की अनुमति प्राप्त कर शहरी गरीब आवास सरकारी भूमि पर ले  आउट से अधिक भूमि का पर कब्जा किया गया है। जिस पर निगम ने थाना में आवेदन प्रस्तुत किया। पुलिस ने शिकायत पर आरोपी के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 दर्ज कर विवेचना में लिया गया। कालोनाईजर मेसर्स सूर्या लैण्ड डेवलपर्स द्वारा डा. अशोक खेमका कालोनाईजर मेसर्स सूर्या लैण्ड डेवलपर्स द्वारा ग्राम सडू विकसित की गई राजधानी विहार कालोनी में मूल दस्तावेजों की कूटरचित ढंग से अनुमति प्राप्त कर शासन की योजना के क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न की जा रही है। कालोनी नाईजर के इस कृत्य से छत्तीसगढ़ शासन के विरुद्ध विभिन्न याचिकाएं उच्च न्यायालय में दायर हुई है। तथा अवमानना की स्थिति भी उत्पन्न हुई कालोनाईजर द्वारा जो अनियमिताएं की गई है।

 विवरण निम्नानुसार है 1. कालोनाईजर द्वारा रजिस्ट्रीके लिए उपयोग में लाये जा रहे संयुक्त नक्शे को नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है। 2. राजधानी बिहार, फेस-2 की जमीन का सीमांकन नहीं कराया गया है, किन्तु फेस-2 की विकास अनुशासा में सीमांकन की शर्त सम्मिलित है। 3. कालोनाईजर द्वारा कालोनीवासियों को जो नक्शा दिखावार प्लाट विक्रय किये गये है उसमें दिखाए गये ओपन एरिया व आधे रोड का हिस्सा को ईडब्लूएस में शामिल किया गया है। 4. ईडब्लूएस के लिए आरक्षित भूमि में खसरा क्र. 548 को बिल्डर द्वारा मानचित्र में सम्मिलित किया गया है। उपलब्ध अभिलेख के आधार पर उक्त खसरा शासकीय है। कालोनाईजर द्वारा गलत जानकारी देते हुए कालोनी विकास की अनुमति प्राप्त की है। धोखाधड़ी की गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

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