महासमुन्द
ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पुलिया पार कर रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 24 जुलाई। बसना मुख्यालय से गांवों को जोडऩे वाला मुख्य कुडेकेल पुलिया धंसक चुकी है और ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर पुलिया पार कर रहे हैं। पिछले एक-डेढ़ साल में पुलिया लगभग 8-10 इंच धसक गई थी। उक्त जानकारी देते हुए पूर्व क्रेडा अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा ने कहा है कि बीते रविवार को तेज बारिश से यह पुलिया लगभग 3 फ ीट नीचे और धंस गई है। क्षतिग्रस्त पुलिया की जानकारी वर्षों से अधिकारियों व मंत्रियों तक पहुंचाई जा रही है। पर इस मामले में जनप्रतिनिधि व अधिकारियों ने अनदेखी की है।
जानकारी के मुताबिक 16-17 वर्ष पहले ग्रामीणों की मांग पर में प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत यह पुलिया बनाई गई थी। बनने के महज 8-9 वर्षों में ही यह पुलिया धंसना शुरू हो गई। इसके बावजूद ग्रामीणों के आवागमन के लिए नई पुलिया नहीं बनी और नही इस पुलिया की मरम्मत हुई। और तो और विभाग ने किसी प्रकार का संकेतक या सूचना पटल भी यहां नहीं लगाया। पुलिया धंसकने से कुईकेल,जमड़ी, पोटापारा, बिछिया, सिरको और सरायपाली सहित दर्जनों गांवों के हजारों लोगों का संपर्क बसना मुख्यालय से टूट गया है। हालांकि इस पुलिया से दोपहिया चालक जान जोखिम में डालकर पुलिया पार कर रहे हैं।
जानकारी मिली है कि कुछ दिनों पहले लोक निर्माण विभाग ने इस पुलिया को क्षतिास्त बताकर मार्ग परिवर्तित कर दिया था। लेकिन बारिश से परिवर्तित मार्ग में पानी भर गया है और लोग जर्जर पुलिया के ऊपप से जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं। ग्रामीण आनंदराम पटेल, नंदकिशन साव, रघुनाथ साव, टिकेश्वर साव, सुभाष पटेल, चंद्रमणि पटेल आदि के मुताबिक बारिश के दिनों में बच्चे स्कूल जा नहीं सकते। गंभीर जटिल बीमारी या डिलीवरी के लिए एम्बुलेंस व चारपहिया वाहन गांव नहीं पहुंच पातीं। वर्ष 2005-06 में कुड़ेकेल नाला में पुलिया निर्माण किया गया था। पूर्व क्रेडा अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा ने ग्रामीणों के साथ मौके का मुआयना कर मुख्यमंत्री,मंत्री व राज्यपाल से मिलकर उक्त मामले को गंभीरता से उनके सामने रखने का आश्वासन दिया है। साथ ही पुलिया के बाजू में बजरी डलवाकर ग्रामीणों के आवागमन के लिए परिवर्तित मार्ग को प्रारंभ कराने की बात कही है।