रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 25 जुलाई। मध्यप्रदेश पापुन् के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने सुलगते मणिपुर की आगजनी, हत्याओं की बढ़ती संख्या, महिलाओं की अस्मिता पर हो रहे घटनाक्रमों की ओर देश की राष्ट्रपति जो स्वयं एक महिला है, को चाहिए की वह स्वस्फूर्त होकर राष्ट्रपति शासन लगाकर यह सिद्ध कर दें कि द्रोपदी मुर्मू किसी के हाथ की कठपुतली नहीं है। आज मणिपुर की चिंताजनक एवं मर्माहत घटनाक्रमों को वे स्वयं देख रही है कि मणिपुर आग से जल रहा है तथा बेगुनाहों की हत्या रोजमर्रा का रूटिन बन गया है जो देश को कलंकित कर रहा है।
सम्पूर्ण विश्व मणिपुर की महिलाओं की नग्न परेड देखकर द्रवित है और विश्व भर के लोग केन्द्र सरकार की 77-78 दिनों तक चुप्पी साधने को एक अक्षम्य अपराध की संज्ञा दे रहा है। इतने लम्बे अन्तराल तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह की खामोशी दोनों को कटघरे में खड़े करने के लिए पर्याप्त है। खुफिया तंत्र इस भयावह स्थिति की सूचना प्रधानमंत्री या गृह मंत्री को न बताऐ यह हो नहीं सकता और मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह की भूमिका संदिग्ध है। क्या बिरेन सिंह की संदिग्ध भूमिका की जांच नहीं होना चाहिए? इतना सब कुछ मणिपुर में होना मुख्यमंत्री की जानकारी में नहीं होना असंभव है।
रिजवी ने महामहिम द्रोपदी मुर्मू से आग्रह किया है कि मणिपुर की भयावह एवं लज्जाजनक स्थिति को देखते हुए श्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह मणिपुर की पीडि़त एवं प्रताडि़त जनता का हाल जानने नहीं जा रहे हैं। मुर्मू जी आप यह घोषणा करें कि वहां के सभी तरह के घटनाक्रमों का जायजा लेने वह स्वयं जा रही है, तो शायद इससे दोनों में दायित्व बोध जागृत हो। दुख की बात है कि भाजपा ने हत्या प्रभावित महिलाओं के साथ हुए शर्मनाक बेहुरमती के बाद भी खासतौर भाजपाई महिला मोर्चा द्वारा कैंडल मार्च तक निकालना गंवारा नहीं समझा।