कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 28 जुलाई। छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा के अनुरूप प्रदेश में वन क्षेत्रों निवासरत पात्र वनवासियों को उनकी पारंपरिक भूमि पर वन अधिकार पट्टा प्रदान किया जा रहा है। जिसके तहत गुरुवार को बड़ेराजपुर विकासखंड अंतर्गत निवासरत ग्रामीणों को एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम के पारंपरिक तौर पर वन में निवास करने वाले अन्य लोगों को वन अधिकार मान्यता पत्र एवं ऋ ण पुस्तिका का वितरण किया गया। इस हेतु बड़ेराजपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत बैजनपुरी में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष एवं केशकाल विधायक संतराम नेताम के द्वारा विकासखंड के कुल 804 हितग्राहियों को वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किया गया।
इस अवसर पर विधान सभा उपाध्यक्ष श्री नेताम ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी एवं परंपरागत निवासियों के अधिकारों का संरक्षण करने के लिए पहल की गई है यह सराहनीय पहल है।
उन्होंने कहा कि बस्तर के सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री से मांग किया था कि जल्द से जल्द सभी पात्र हितग्राहियों को अधिकार पत्र दिया जाए। परिणामस्वरूप बस्तर के निवासियों की जल जंगल जमीन की मांग पूरी हुई है। पूरे प्रदेश में कोण्डागांव जिले के सर्वाधिक हितग्राहियों को वन अधिकार मान्यता पत्र बांटा गया है। हमारा प्रयास है कि प्रत्येक पात्र हितग्राहियों को यह अधिकार पत्र मिले ताकि हमारे विधानसभा क्षेत्र में अधिक से अधिक लोग इस योजना से लाभान्वित हो सके।
उन्होंने वनों के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि जंगल की सुरक्षा करना हम सभी का दायित्व है क्योंकि जंगलों के कारण ही ग्रामीण क्षेत्र के लोग लघुवनोपज का संग्रहण करके अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं।
शासन द्वारा कोदो, कुटकी, रागी समेत अन्य चीजों को भी समर्थन मूल्य में खरीद कर ग्रामीणों को आर्थिक रूप से लाभ देने का काम कर रही है।