रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 दिसंबर। छत्तीसगढ़ के 75 सौ ग्रामीण डाक सेवा कल से अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर बेमुद्दत हड़ताल पर जा रहे हैं। इस वजह से प्रदेश के 28 सौ ग्रामीण डाकघरों का कामकाज ठप्प रहेगा। यह हड़ताल देशव्यापी है। अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ के परिमंडल सचिव राजेश गुरुद्वान और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नारायण चौधरी ने कहा कि चार्टर ऑफ डिमांड काफी पुराना है। आश्वासन पर पहले से ही हमारा केंद्र सरकार को सहयोगात्मक रवैया रहा है लेकिन अब नहीं चलेगा। खाली हाथ रिटायर होना मंजूर नहीं है। संघ की प्रमुख रूप से 7 मांगे हैं जिनमे 8 घंटे का काम पेंशन सहित सभी सरकारी लाभ जोडक़र,दूसरा कमलेश चंद्र कमेटी की सभी सिफारिश को लागू करना जैसे 12,14,36,5 लाख ग्रेजुवेटी 180 दिनों की छुट्टी को आगे बढ़ाना और नगदी भुगतान करना।
तीसरा ग्रामीण डाक सेवक की एसडीबीएस में सेवा निर्वहन लाभ तीन फीसदी से बढक़र 10 फीसदी करने और ग्रामीण डाक सेवक को पेंशन प्रदान करने,चौथा ग्रामीण डाक सेवक के सभी प्रकार की प्रोत्साहन योजना को समाप्त कर जैसे आईपीपीबी,आरपीएलआई, बचत योजना,मनरेगा भुगतान को बंद कर कार्यभार की गणना की जाए।पांचवा व्यावसायिक लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए ग्रामीण डाक सेवक कर्मचारियों को उनके स्वयं के मोबाइल,फेसबुक, इंस्टाग्राम,सोशल मीडिया का पालन करने के लिए बिना उनकी इच्छा एवं जानकारी के विरुद्ध स्वयं के मोबाइल उपकरणों का उत्पीडऩ रोका जाए। छठवा समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत को लागू कर 5 घंटे का टीआरसीए सभी भेदभाव को समाप्त कर नियमित कर्मचारियों के समान वार्षिक वेतन वृद्धि सुनिश्चित की जाए। और सातवां शाखा डाकघरों का कार्य बढ़ाने के लिए सभी शाखा डाकघर को लैपटॉप प्रिंटर और ब्रॉडबैंड नेटवर्क प्रदान किया जाए।
उन्होंने कहा अगले साल मार्च अप्रेल मे होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले देश के पौने तीन लाख जी डी एस 12 दिसंबर से हड़ताल पर जाने का मन बना चुके है। संगठन ने कहा अबकी बार आश्वासन पर नहीं मानेंगे और करो या मरो का फैसला किया है। लाखों ग्रामीण ग्राहकों तक सीधे पहुंच और विश्वास के बूते ग्रामीण डाक सेवकों ने सात मांगों को पूरा करने जो वक्त सरकार के केंद्रीय वित्त मंत्रालय को दिया हैं वह कल तक पूरा हो जाएगा।