रायपुर
![21 साल बाद वन बल में वृद्धि का प्रस्ताव, 2955 नए पद मांगे 21 साल बाद वन बल में वृद्धि का प्रस्ताव, 2955 नए पद मांगे](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1716109953rnya_bhvan.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। वन मुख्यालय ने राज्य शासन को वन अमले के पुनरीक्षण( सेटअप रिव्यू). का प्रस्ताव भेजा है। एसीएस वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को भेजे पत्र में कहा गया है कि विभागीय कामकाज में असंतुलन का सामना करना पड़ रहा है इसलिए यह आवश्यक हो गया है । पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव अनुसार 3243 पदों की वृद्धि मांगी गई थी। यह पद वन मुख्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय, वन्य प्राणी, वन अनुसंधान संस्थान के सेटअप को शामिल करते हुए मांगे गए थे। इसे पुन: संशोधित कर कुल 2955 पदों का प्रस्ताव भेजा गया है। इस तरह से वृद्धि के इस प्रस्तावों में भी 288 पदों की कटौती की गई है।
मुख्यालय सेटअप की स्वीकृति 2001 में तथा मैदानी सेटअप की स्वीकृति 2003 में दी गई थी। 21 वर्ष व्यतीत होने जाने के बाद भी विभागीय सेटअप का पुनरीक्षण नहीं हुआ है। वर्ष 2003 2018 के दौरान पंचायत विभाग में 458 फीसदी स्वास्थ्य विभाग में 314 फीसदी श्रम विभाग में 246फीसदी पुलिस विभाग में 188त्न महिला बाल विकास, नगरीय प्रशासन विभाग में 136फीसदी मंत्रालय में 116 फीसदी खनिज विभाग के सेटअप 100 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है। वही वन विभाग में केवल 025 फीसदी की वृद्धि हुई है। अन्य राज्यों की तुलना में यहां वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में अपेक्षाकृत कम अमला स्वीकृत है। विभाग में कई अन्य योजनायें राधा- कैम्पा, राष्ट्रीय बांस मिशन, संयुक्त वन प्रबंधन, वन विकास अभिकरण, ग्रीन इंडिया मिशन, मनरेगा, जन सूचना चालू होने के कारण कार्य भार में अत्यंत वृद्धि हुई है। वनों में जीव हत्या तथा हाथी समस्या में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है।
अत: कार्यपालिक एवं लिपिक वर्गीय दोनों ही संवर्गों में विभागीय सेटअप पुनरीक्षण प्रस्ताव शीघ्र वित्त से मंजूर कराया जाना अत्यन्त आवश्यक है। विभाग का सेटअप पुनरीक्षण वर्ष 2010 से विचाराधीन है। इस संबंध में वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ कई बार बैठकें हो चुकी है। वन विभागीय सेटअप पुनरीक्षण प्रस्ताव का अनुमोदन नहीं हो पाया है। इस प्रस्ताव अनुसार पुनरीक्षित सीकृति/अनुमति प्राप्त करने का अनुरोध है। सेटअप प्ररताव के संबंध में वित्त विभाग सेपीसीसीएफ ने यह भी बताया है कि प्रांत अध्यक्ष छ.ग. वन कर्मचारी संघ ने भी ज्ञापन प्रस्तुत कर, अपनी पूर्व के 4 मांगों में सेटअप रिव्यू की मांग की है। उनका कहना है कि विभागीय सेटअप विसर 10-15 वर्षों में पुनरीक्षित नहीं किया गया है, जिससे कार्यक्षेत्र एवं कर्मचारियों की संख्या में बहुत ज्यादा असंतुलन है। वन एवं प्राणियों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है।