रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 मार्च। मंत्रालय और अन्य शासकीय विभागों के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। आरोपी ने पांच वर्ष में 8 लाख रूपए से अधिक वसूल थे। और यह सौदा विधायक विश्राम गृह में किया था।
यहां बता दें कि पांचवी विधानसभा सभा के दौरान करीब सौ सवा सौ लिपिक,मार्शल व अन्य लोगों की भर्ती के लिए आवेदन मंगाए गए थे।
कोतवाली पुलिस के मुताबिक उसी दौरानफणेंद्र यादव की किसी परिचित के जरिए जागेश्वर यादव से वर्ष 2019 में मुलाकात हुई। फणेंद्र ने सरकारी नौकरी की इच्छा जताई तो जागेश्वर ने विधानसभा में लगवाने कि हामी भरी। दोनों के बीच सितंबर-19 में विधायक विश्राम गृह टैगोर नगर में बैठक हुई। उसके बाद से जनवरी-23 तक जागेश्वर ने आवेदन लेना, जमा करने ,बातचीत चलने जैसी बाते कर फणेंद्र से कई किस्तों में 8.35 लाख रूपए ले लिए । और अब तक नौकरी नहीं लगवा पाया। फणेंद्र ने नौकरी लगाओ या पैसा वापस करने कहा, जागेश्वर से दोनों नहीं हो पाया। एक वर्ष तक इंतजार के बाद फणेंद्र ने कल शाम कोतवाली में जागेश्वर के खिलाफ 420 की रिपोर्ट दर्ज कराया।
अद्यतन स्थिति ऐसी है
वैसे विधानसभा में नियुक्तियों के मामले में बता दें कि बीते वर्षों में यहां सहायक मार्शल, सुरक्षा गार्ड और लिपिकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। तीन दर्जन से अधिक लिपिकों की भर्ती 2019-23 के दौरान शुरू की गई थी। आवेदकों की लिखित परीक्षा हो चुकी है लेकिन दो वर्ष से चयन सूची जारी नहीं हो पाई है। उससे पहले मार्शल की भर्ती प्रक्रिया हाईकोर्ट में लंबित है।