रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 मार्च। कांग्रेस शासन काल में पूर्व आवास पर्यावरण मंत्री मो अकबर द्वारा अनुमोदित राजधानी के मास्टर प्लान -2031 पर रोक लगने के संकेत हैं। इस प्लान को लेकर आज हुई शिकायत के बाद आवास मंत्री ओपी चौधरी ने एक कमेटी गठित कर जांच कराने की बात कही है।शिकायतकर्ता फनेन्द्र भूषण वर्मा के साथ एक प्रतिनिधि मंडल ने आज चौधरी से मुलाकात कर प्लान की खामिसां बताई। उन्होंने बताया कि रायपुर मास्टर प्लान 2031 में व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया गया था। ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि मुख्य रूप से रायपुर मास्टर प्लान 2031 में किये गये अनियमितता पर कार्यवाही कर त्वरित नवीन मास्टर प्लान की मांग की गई है। मास्टर प्लान में मुख्य रूप से मार्गों की चौड़ाई को कम किया जाना भू-उपयोग आवासीय /वाणिज्यिक / सार्वजनिक-अर्द्धसार्वजनिक का कई ग्रामों में सुनियोजित ढंग से प्रावधान नहीं किया गया है एवं व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिये मिश्रित भू-उपयोग चिन्हांकित किया है।मंत्री चौधरी ने आश्वासन दिया कि उक्त अनियमितता पर संबंधित विभाग में जॉच कमेटी गठित कर आवश्यक कार्यवाही करने निर्देशित किया गया है।
इस संबंध में पूर्व ‘छत्तीसगढ़’ ने ही खुलासा किया था। यह मास्टर प्लान मंजूरी से पहले कई दफे बदला गया। मास्टर प्लान की पुस्तिका के पन्ने बदले गए। साथ ही नए पन्ने जोडक़र पुन: प्रकाशित किया गया। मास्टर प्लान को लेकर आपत्ति, और दावों की सुनवाई भी औपचारिक ही रही। 800 से अधिक आपत्तियां आई थी, लेकिन एक का भी निराकरण नहीं किया गया। कई जगह सडक़ और नाले की जमीन को भी आवासीय उपयोग के लिए परिवर्तित किया गया था।