रायपुर
रायपुर, 6 मई। फादर सत्य प्रकाश तिग्गा ने कल रायपुर में 75 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। पिछले कुछ समय से वे अस्वस्थ थे।
एक विचारक और शिक्षा के जरिये सीमांत आदिवासी परिवारों का जीवन बेहतर बनाने के लिए समर्पित कार्यकर्ता थे। आदिवासी हितों के लिए सक्रियता ने उन्हें छत्तीसगढ़ में संघर्षरत जन आन्दोलनों व डॉ. बी.डी. शर्मा के भारत जन आन्दोलन के करीब पहुँचाया था। इस वजह से प्रदेश के स्वयंसेवी जगत में फा. सत्य प्रकाश तिग्गा को एक अध्येता, विचारक व जमीनी आन्दोलन के सहायक के रूप में सम्मान से देखा जाता था।
उनका जन्म, तपकरा के जमुना गाँव में हुआ था। मसीही संस्थाओं में अपनी सेवाएं देने से पूर्व, उन्होंने रोम व अमेरिका से भी पढ़ाई की थी। 1990 से करीब डेढ़ दशक तक उन्होंने समाज कार्य के निदेशक के तौर पर पथलगांव के जीवन विकास मैत्री संस्था में कार्य किया। इस दौरान, उत्तरी छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज के बीच, शिक्षा, स्वास्थ्य व आजीविका के कार्यक्रम संचालित किए।
पिछले 10 वर्षों से वह कुनकुरी के लोयोला कालेज में बच्चों के शैक्षणिक परामर्शदाता थे। साथ ही साथ, स्वास्थ्य सेवा में अग्रणी राहा संस्था के अध्यक्ष भी रहे। पिछले सात वर्षों से वे छत्तीसगढ़ आदिवासी क्षेत्रीय कमीशन के सचिव के रूप में काम करते हुए, मसीही समाज की स्वयंसेवी संस्थाओं को आदिवासी अधिकार व विकास के लिए मार्गदर्शन देते रहे।