महासमुन्द

सरकार को जनहित के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं-विनोद
06-Jul-2024 2:01 PM
सरकार को जनहित के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं-विनोद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 6 जुलाई।
पूर्व संसदीय सचिव व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवन लाल चंद्राकर ने प्रदेश में रेडी टू ईट की सप्लाई बंद होने पर इसे  संबंधित मंत्री के भ्रष्ट रवैए का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार को जनहित के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में न कोई नई योजना बनी, ना ही कोई विजन। यहां तक पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के कार्यकाल के उन महत्वपूर्ण योजनाओं को भाजपा के साय सरकार द्वारा बंद कर दिया गया जिसके माध्यम से प्रदेश की जनता को सीधा लाभ पहुंच रहा था। साय सरकार द्वारा रेडी टू ईट का भुगतान भी नहीं किया जा रहा। फिर भी किस उद्देश्य से महज 6 माह के कार्यकाल में इन्होंने 16 हजार करोड़ का कर्ज ले लिया। यह जनता को बताना चाहिए। 

श्री चंद्राकर ने कहा कि महिला बाल विकास मंत्री के बंगले में रेडी टू ईट के भुगतान संबंधित फाइल को महीने भर से अधिक समय तक मंत्री द्वारा रोक दिया गया है। 
विधान सभा चुनाव के पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेडी टू ईट को आवश्यक वस्तु आपूर्ति की श्रेणी में रखकर अक्टूबर 2023 तक का पूरा भुगतान रेडी टू ईट आपूर्ति करने वाली कंपनी को कर दिया था। चुनाव के बाद भाजपा सरकार बनते ही इस महत्वपूर्ण वस्तु के भुगतान प्रक्रिया में गड़बड़ी शुरू हो गई। कई महीने भुगतान रोकने के कारण कई कंपनियों ने सप्लाई करने में असमर्थता जताई तब कुछ  भुगतान उन्हें किया गया। अब महिला बाल विकास मंत्री की कमीशन की लालसा ने बच्चों के पोषण आहार की आपूर्ति को बाधित कर दिया है। 

श्री चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश के 50 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में लगभग 22 लाख से अधिक बच्चे और 2 लाख 45 हजार से अधिक महिलाओं को रेडी टू ईट पोषण आहार का वितरण कर उन्हें सुपोषित किया जाना है। 

सप्ताह में तीन दिन रेडी टू ईट के नाश्ता बनाकर बच्चों व महिलाओं को परोसने का नियम है। लेकिन सरकार द्वारा आपूर्ति कर्ता कंपनी को भुगतान नहीं करने से रेडी टू ईट की सप्लाई एक महीने से बंद है। जिसका प्रभाव आंगनबाड़ी के छोटे बच्चों व महिलाओं के सेहत पर पड़ेगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश में सुशासन की ढोल पीटने वालों द्वारा जमकर कमीशन खोरी की जा रही है और जहां कमीशन नहीं मिल रहा उनका भुगतान रोका जा रहा है। भले ही इसका सीधा संबंध प्रदेश के लाखों ननिहालों के स्वास्थ से ही क्यों ना जुड़ा हो।

अन्य पोस्ट

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news