सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 27 सितंबर। नौकरी लगाने के नाम पर झांसा देकर ठगी करने के मामले में रघुनाथपुर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया।
आरोपी द्वारा प्रार्थिया एवं उसके पति का सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर झांसे में लेकर 4 लाख रुपये की ठगी की गई थी। आरोपी के कब्जे से 1000/- रुपये नगद एवं घटना में प्रयुक्त मोबाइल जब्त किया गया है।
पुलिस के मुताबिक़ प्रार्थिया चम्पा पैकरा निवासी सिलसिला द्वारा 26 सितंबर को चौकी रघुनाथपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि प्रार्थिया ग्राम सिलसिला में भुट्टा बेचने का कार्य करती हैं, इसी दौरान 6 माह पूर्व भुट्टा दुकान में आने वाले केराकछार बगीचा जशपुर निवासी सुदामा दास से जानपहचान हुई थी। सुदामा दास स्वयं को मंत्रालय रायपुर मे अधिकारी होना बताते हुए चम्पा पैकरा एवं उसके पति सुरेन्द्र पैकरा को अम्बिकापुर में बाबू की नौकरी लगवा देने की बात बोलकर 4 लाख रुपये लगने की बात बोला था।
प्रार्थिया एवं उसका पति आरोपी सुदामा दास के झांसे में आकर अलग अलग किस्तों में 4 लाख रुपये आरोपी को नगद एवं खातों में दिए। नौकरी लगवाने की बात बोलने पर आरोपी लगातार टालमटोल करता रहा है, अब बात करना भी बंद कर दिया है।
पुलिस ने आरोपी को हिरासत मे लेकर पूछताछ की। आरोपी सुदामा दास ने बाबू की नौकरी लगाने के नाम पर 4 लाख रुपये की ठगी करना स्वीकार किया गया।
साथ ही आरोपी द्वारा ढोढ़ाकेसरा चौकी कुन्नी थाना लखनपुर जिला सरगुजा निवासी अन्ना तिर्की से बाबू के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर नगद व फोन पे के माध्यम से कुल 164000/ रुपये तथा सुनैना देवी से आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता के पद में नौकरी लगवाने के नाम पर नगद व फोन पे के माध्यम से कुल 50000/रुपये, राहुल तिर्की से मंत्रालय रायपुर में बाबू के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर नगद व फोन पे के माध्यम से कुल 80,000/ रुपये, एवं प्रदीप तिर्की से पंचायत में सचिव के पद पर नौकरी लगवाने के नाम से नगद व फोन पे के माध्यम से कुल 30000/ रुपये, पटकुरा निवासी बुधलाल कुजूर से बोरवेल कराने के नाम से नगद 25000/रुपये ठगी कर धोखाधड़ी करना बताते हुए ठगी व धोखाधड़ी कर प्राप्त किये हुए पैसा को खाने-पीने, घूमने-फिरने एवं अन्य कार्यों में खर्च कर देना बताया।
खर्च के बाद शेष बचे 1000/- रुपये नगद एवं घटना में प्रयुक्त मोबाईल को पेश करने पर जब्त किया गया हैं, आरोपी के विरुद्ध अपराध सबूत पाये जाने से गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।