खैरागढ़-छुईखदान-गंडई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 29 सितंबर। महंगाई भत्ता सहित 4 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने अब मोर्चा खोल दिया है। जिनकी शुरुआत शुक्रवार को किए गए एक दिवसीय हड़ताल के साथ हुई।
अधिकारी कर्मचारी के हड़ताल में होने की वजह से पूरा सरकारी सिस्टम ही ठप रहा। जमीन की खरीदी बिक्री नहीं हो पाई। अस्पताल में ओपीडी सहित मरीजों का इलाज भी इस हड़ताल की वजह से प्रभावित हुआ। राजस्व न्यायालय सहित सभी प्रकार की सरकारी दफ्तरों के कामकाज भी बंद रहे।
फेडरेशन से मिली जानकारी के अनुसार सत्ता में आने से पहले भाजपा ने सरकारी कर्मचारियों से वादा किया था कि कर्मचारियों की मांगे पूरी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो फेडरेशन अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान करेगा। छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के हड़ताल को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने भी समर्थन दिया और सामूहिक अवकाश पर जाने की बात कहीं थीे किंतु प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पत्नी कौशल्या साय के विश्वविद्यालय आगमन के मद्देनजर सभी लोग तैयारी में लगे रहे।
बीजेपी के घोषणापत्र अनुसार प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए। केंद्र के समान गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए और बीजेपी घोषणा पत्र अनुसार मध्य प्रदेश सरकार की भांति प्रदेश के शासकीय सेवकों को अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन किया जाए। अब तक मांग पूरी नहीं होने पर फेडरेशन के आह्वान पर सभी जिलों में 27 सितंबर को सामूहिक अवकाश लेकर कलमबद्ध काम बंद हड़ताल सामूहिक धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया।