राजनांदगांव

ऑनलाइन प्रविष्टि के लिए पोर्टल प्रारंभ करने प्रतिदिन एक हजार
05-Oct-2024 4:07 PM
ऑनलाइन प्रविष्टि के लिए पोर्टल प्रारंभ करने प्रतिदिन एक हजार

जुर्माना अनुचित - फेडरेशन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 5 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा परीक्षा वर्ष 2025 हेतु विद्यार्थियों के ऑनलाइन प्रविष्टि हेतु पुन: पोर्टल प्रारंभ करने विलंब शुल्क प्रतिदिन 1000 की दर से जुर्माना वसूल करने के आदेश अव्यवहारिक एवं प्रताडऩापूर्ण बताया है।

फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिला संरक्षक मुकुल साव, जिला अध्यक्ष पीआर झाड़े, पीएल साहू, जितेंद्र बघेल, बृजभान सिन्हा, वीरेंद्र रंगारी, शीरीष पांडे, हेमंत पांडे, पुष्पेंद्र साहू, उत्तम डड़सेना, द्रोण साहू, सीमा तरार, यामिनी साहू, रमेश साहू, संजीव मिश्रा, संगीता ब्यौहरे, अभिषिक्त फंदियाल, स्वाति वर्मा, सुधांशु सिंह, सोहन निषाद, अब्दुल कलीम खान, सीएल चंद्रवंशी, राजेंद्र देवांगन, सीआर वर्मा, हीरालाल गजभिये एवं अनिल साहू का कहना है कि यह आदेश को शासकीय स्कूलों के लिए राज्य शासन के कल्याणकारी नीति के विरुद्ध है। फेडरेशन ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव, संचालक लोक शिक्षण एवं सचिव छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल को ईमेल भेजकर कड़ा आपत्ति दर्ज किया है।

फेडरेशन के कहना है कि 31 जुलाई तक शाला प्रवेश का अंतिम तिथि होता है। कक्षा 9 वीं से 12वीं तक प्रवेशित विद्यार्थियों का ऑनलाइन प्रविष्टि 31 अगस्त तक बोर्ड द्वारा निर्धारित किया गया है।

लेकिन शासकीय विद्यालयों में अधिकांश विद्यार्थी गरीब परिवार से आते हैं। विद्यार्थियों के माता-पिता मेहनत मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। आर्थिक तंगी के फलस्वरूप स्कूल में प्रवेश के निर्धारित समय में अपने बच्चों का प्रवेश शुल्क एवं बोर्ड परीक्षा शुल्क जमा करने में असमर्थ रहते हैं, लेकिन राज्य शासन के मंशा अनुसार सबको शिक्षा देने के उद्देश्य से स्कूलों के प्राचार्य, विद्यार्थियों को शिक्षा की धारा से जोड़े रखने प्रवेश दे देते हैं। कुछ मामलों में प्राचार्य/शिक्षक विद्यार्थियों का फीस जमा करते हैं, लेकिन बहुतायत मामलों में यह संभव नहीं हो पाता है। जिसके कारण अनेक मामलों में विद्यार्थियों की ऑनलाइन प्रविष्टि चाहकर भी निर्धारित समय में नहीं हो पाता है। ऐसी परिस्थिति में यदि ऑनलाइन प्रविष्टि में देरी के कारण विद्यालयों से जुर्माना वसूला जाएगा तो भविष्य में यह प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के हित में नहीं होगा।

 फेडरेशन का कहना है कि छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल का विद्या पोर्टल में शालावार शिक्षक संवर्ग एवं विद्यार्थियों की जानकारी प्रविष्ट करने का कार्य करना होता है। कभी-कभी कम्प्यूटर/इंटरनेट में तकनीकी खराबी के कारण कार्य प्रभावित होता है। युडाइस एंट्री स्कॉलरशिप और बोर्ड कार्य एक ही समय सीमा में किए जाने के कारण कार्यभार बढ़ जाता है। संस्था में संसाधनों की कमी तथा तकनीकी जानकर कर्मचारी (कम्प्यूटर ऑपरेटर) के अनुपलब्धता के कारण तकनीकी त्रुटि हो जाता है। बोर्ड के प्रशासकीय एवं वित्तीय समिति को मैदानी क्षेत्र के समस्याओं के दृष्टिगत निर्णय लेना चाहिए। शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों से नाममात्र वार्षिक शुल्क शासन के आदेशानुसार लिया जाता है। विद्यालय के अनेक कार्य प्रयोजन शासन से प्राप्त आबंटन पर निर्भर रहता है। सेजस स्कूलों में फीस का प्रावधान ही नहीं है। सम्पूर्ण कार्य शासन से आबंटन पर निर्भर रहता है। ऐसे स्थिति में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा भारी भरकम जुर्माना लगाया जाना अनुचित है। बोर्ड को ऑनलाइन प्रविष्टि हेतु पोर्टल को निशर्त खोलना चाहिए अन्यथा क्या प्राचार्य / शिक्षक बोर्ड के जुर्माना को अपने जेब से भरेंगे?

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