गरियाबंद

मनरेगा मजदूरों को तालाब गहरीकरण से मिली आर्थिक मजबूती
06-Oct-2024 1:59 PM
मनरेगा मजदूरों को तालाब गहरीकरण से मिली आर्थिक मजबूती

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

गरियाबंद, 6 अक्टूबर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण अधिनियम (मनरेगा) योजना, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने का एक कानूनी प्रावधान है। इस योजना के तहत हर वित्तीय वर्ष में ग्रामीण परिवारों के वयस्क सदस्यों को कम से कम 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना के तहत श्रमिकों को उनके निवास स्थान के आसपास के ही दायरे में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाता है।

मैनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत बोइरगांव के आश्रित ग्राम बेहराडीह के ग्रामीणों द्वारा सार्वजनिक तालाब गहरीकरण कार्य कराने की मांग किया गया था। इसके पश्चात पंचायत द्वारा उनके कार्य के मांग के अनुरूप प्रस्ताव तैयार कर जनपद पंचायत में प्रेषित किया गया। तकनीकी स्वीकृति उपरांत तालाब गहरीकरण कार्य के लिए प्रशासकीय स्वीकृति हेतु जिला पंचायत प्रेषित किया गया। प्राप्त जानकारी अनुसार ग्रामीणों द्वारा निस्तारी व निजी कार्यों के लिए गांव में सिर्फ एक ही तालाब का उपयोग किया जा रहा था। लेकिन तालाब में पानी का ठहराव नहीं होने के कारण ग्रामीणों को निस्तारी के लिए बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता था, जिसके कारण ग्रामीणों के द्वारा तालाब का गहरीकरण कराने का प्रस्ताव रखा गया। ग्राम बेहराडीह के ग्रामीणों द्वारा कार्य के मांग के आधार पर ग्राम पंचायत में ग्राम सभा की बैठक में अनुमोदन करा कर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर रोजगार सहायक को मनरेगा योजना से स्वीकृति प्रदाय किया गया।  रोजगार सहायक द्वारा उक्त प्रस्ताव के आधार पर ग्राम पंचायत के तकनीकी सहायक से कार्य स्वीकृति के लिए जरुरी दस्तावेज उपलब्ध कराते हुए संपर्क किया गया। तकनीकी सहायक के द्वारा स्थल निरीक्षण कर कार्य के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। स्थल निरीक्षण के पश्चात तकनीकी सहायक के द्वारा कार्य का इस्टीमेट तैयार सिक्योर के माध्यम से जनपद कार्यालय से स्वीकृति के लिए जिला पंचायत को प्रेषित किया गया। ग्रामीणों ने तालाब गहरीकरण के उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि पहले इस तालाब में कम पानी रहता था। जिससे तालाब का पानी बहुत गंदा हो गया था और हवा चलने पर इसकी बदबू दूर तक देती थी। बारिश खत्म होने के कुछ दिनों के बाद ही यह सूख जाया करता था। तालाब गहरीकरण के उपरांत यहां पानी काफी भरा रहता है साथ ही यह तालाब काफी सुंदर दिखाई देता है।

अब ग्रामीणों को निस्तारी के लिए समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। तालाब गहरीकरण होने से समूह की महिलाओं द्वारा 15 किलो मछली बीज लेकर तालाब में डाला गया जिससे समूह की महिलाओं को आजीविका के साधन के रुप में काम मिल रहा है। साथ ही महिलाओं को इससे आय अर्जित कर लाभ प्राप्त कर रही है।

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