धमतरी

गीत संग्रह ‘शब्द गाते हैं’ का विमोचन
09-Feb-2021 7:01 PM
 गीत संग्रह ‘शब्द गाते हैं’ का विमोचन

धमतरी, 9 फरवरी। जिला हिंदी साहित्य समिति द्वारा 7 फरवरी को सिविल लाइंस स्थित महापौर आवास में पुस्तक विमोचन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें हिंदी साहित्य समिति की पत्रिका प्रत्यय और कवयित्री कामिनी कौशिक के गीत संग्रह शब्द गाते हैं का विमोचन हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि धमतरी के महापौर विजय देवांगन थे और अध्यक्षता पूर्व विधायक हर्षद मेहता ने की। अनुराग मसीह सभापति नगर पालिक धमतरी और कांग्रेस जिला कमेटी के अध्यक्ष शरद लोहाना कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

 धमतरी हिंदी साहित्य समिति की अध्यक्ष डॉ. सरिता दोशी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया साथ ही समिति के कार्यों का प्रतिवेदन भी पढ़ा।  जिला हिंदी साहित्य समिति ने सम्मानित अतिथियों से एक साहित्यिक भवन की मांग रखी और ज्ञापन भी दिया, जिसपर महापौर विजय देवांगन ने सकारात्मक सहयोग का भरोसा दिया और आगामी कार्यक्रमों के लिए महापौर आवास के इस्तेमाल की सहर्ष स्वीकृति दी। प्रत्यय पत्रिका के संपादक युवा साहित्यकार डूमन लाल ध्रुव ने पत्रिका में प्रकाशित होने वाले सभी रचनाकारों को बधाइयां दी।  कवयित्री कामनी कौशिक ने शब्द गाते हैं गीत संग्रह के प्रकाशन में आने वाली कठिनाइयों को रेखांकित किया और होली कविता का सस्वर पाठ भी किया।

 

बीज वक्तव्य के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार और समिति के संरक्षक प्रोफेसर त्रिभुवन पांडे ने पत्रिका के संपादन और गीत संग्रह के प्रकाशन के लिए सभी को बधाइयां दी। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि कामिनी कौशिक के गीत संग्रह शब्द गाते हैं  का शीर्षक बहुत ही रोचक है।

वास्तव में शब्द गाते भी हैं, गुदगुदाते भी हैं, बात भी करते हैं और आक्रोश भी व्यक्त करते हैं। प्रत्यय पत्रिका के लिए प्रोफेसर पांडे ने कहा  कि जिस प्रकार प्रत्यय किसी शब्द के बाद जुडक़र शब्द के अर्थ को विस्तार देता है, उसी प्रकार हम सभी साहित्यकार भी समाज को जोडऩे और विस्तार देने का कार्य करें। विशिष्ट अतिथि अनुराग मसीह ने अपने जीवन को गुरुजनों की कृपा और प्रेरणा से प्रेरित बताया और उपस्थित अपने कॉलेज के गुरुओं को नमन किया।

शरद लोहाना ने अपने उद्बोधन में साहित्य के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आज के दौर में साहित्य की उपयोगिता बढ़ती जा रही है इसलिए ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाने चाहिए। अध्यक्षीय उद्बोधन में हर्षद मेहता ने कहा कि आज के यांत्रिक दौर में साहित्य ही हमें संवेदनशील मनुष्य बनाए रख सकता है, इसलिए साहित्यिक पुस्तकों और पत्रिकाओं का समाज में आना निरंतर जारी रहना चाहिए। अंत में हिंदी साहित्य समिति के उपाध्यक्ष और युवा रचनाकार डुमन लाल धु्रव ने सभी अतिथियों और उपस्थित जनों के प्रति आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम का सफल संचालन जितेंद्र प्रताप सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में गोपाल शर्मा, डॉ सुरेश देशमुख, मदन मोहन खंडेलवाल, विनोद जैन, सूर्यप्रभा चेटीयार, रेखा परमार, शीला ठाकुर, आरती कौशिक, डॉ. भारती गुरूनाथ राव, माधुरी डड़सेना, ज्योति गुप्ता, जानकी गुप्ता, विद्या देवी साहू, रचना मिश्रा, कुलदीप सिन्हा, सुरेश देवांगन, भूपेन्द्र सोनी,  राजेंद्र सिन्हा, आकाश गिरी गोस्वामी,  हीरा लाल साहू,  युगल गजेन्द्र, नाजिर अली सिद्धकी, शेषनारायण गजेन्द्र, तिलक मानिकपुरी, लोकेश प्रजापति, वैभव सिंह, आस्था सिंह, निधि सिंह सहित नगर के अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे। 

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