धमतरी
नदी किनारे श्मशान घाट को नहीं छोड़ रहे रेत माफिया, पुरानी लाश बाहर आ रही-ग्रामीण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 21 फरवरी। गांव के पास वाली खदान में मजदूरों को काम पर रखने की जगह मशीनों से रेत खुदाई करने से नाराज़ करेलीवासियों ने एक दिन पहले कलेक्टोरेट का घेराव कर खदान बंद करने की मांग की थी, लेकिन कोई परिणाम नहीं आने पर सैकड़ों ग्रामीण गांव के मंदिर के पास अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन पर बैठ गये हैं।
गौरतलब है कि मगरलोड ब्लॉक अंतर्गत ग्राम करेली बड़ी के सैकड़ों ग्रामीण रेत खदान बंद करने की मांग को लेकर शुक्रवार को धमतरी कलेक्टर कार्यालय पहुँचे और मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। शनिवार को आंदोलन स्थल से लौट कर आम आदमी पार्टी के तेजेन्द्र तोड़ेकर ने कहा कि पूरे जिले में नदी किनारे के गांवों में रेत का अवैध खनन जारी है। जिस पर लगाम लगाने जनता माँग कर रही है पर प्रशासन मौन है। दिन रात चैन माउंटेन मशीन से रेत की खुदाई हो रही है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी खामोश रहकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं ।
रविवार को ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन देने करेली पहुंचे समाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता शत्रुघ्न साहू एवं ग्रामीणों ने बताया कि रेत माफिया नदी से खरोंच-खरोंच कर रेत निकाल रहे हैं। यहां तक की नदी किनारे बने श्मशान घाट तक को नहीं छोड़ा जा रहा है। जिससे मशीनों की खुदाई में पुरानी लाश बाहर आ रही है, जो हिन्दू संस्कृति का घोर अपमान है। आम आदमी पार्टी नेताओं का कहना है कि हमने कई बार इस मुद्दे पर प्रशासन से शिकायत की, पर कोई फायदा नहीं हुआ। आज भी रेत का अवैध कारोबार जारी है।
ज्ञात हो कि पर्यावरण एवं सामाजिक मुद्दों को लेकर इस गांव के लोग जबरदस्त एकता का परिचय देते रहे हैं। कुछ साल पहले ऐसा ही आंदोलन चला कर गांव से शराब दुकान हटाने के लिए प्रशासन को मजबूर कर दिया था।