रायपुर

लोकपाल-लोकायुक्त कानून लागू करने की मांग, 16 को धरना
12-Mar-2021 5:25 PM
लोकपाल-लोकायुक्त कानून लागू  करने की मांग, 16 को धरना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 मार्च।
वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार, तत्कालीन भाजपा सरकार का उत्तराधिकारी  है। प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए लोगों को ही आगे आकर संघर्ष करना होगा। उनका कहना है कि कांग्रेस ने उनकी सरकार आने पर यहां लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 को प्रभावशील करने की घोषणा की थी, लेकिन 2 साल में 3 बजट सत्र के बाद भी यह विधेयक विधानसभा पटल पर पेश नहीं किया गया है। इसको प्रभावशील करने की मांग को लेकर 16 तारीख को धरना देंगे।

श्री पांडेय ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत सभी राज्यों में लोकायुक्त का गठन किया गया था। मध्यप्रदेश में भी लोकायुक्त का गठन हुआ था। लोकायुक्त के अधीन आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, एंटीक्रप्शन ब्यूरो व अभियोजन विभाग को रखा गया और जिला स्तर पर विशेष अदालतों का गठन किया गया। वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश को विभाजित कर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन करने के बाद भी लोकायुक्त संगठन कार्यरत रहा। जोगी शासन काल में छत्तीसगढ़ लोकआयोग अधिनियम 2002 को प्रभावशील किया गया। वर्ष 2013 में समाज सेवी अन्ना हजारे ने दिल्ली में जोरदार आंदोलन किया और उन्हें देशभर से समर्थन मिला। इसी तरह आगे भी लोकपाल गठन न करने का खेल चलता रहा। 

उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 के चुनाव में छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को बजट सत्र 2014 में लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम 2013 को प्रभावशील करने विधेयक प्रस्तुत कर राजपत्र में प्रकाशन करना चाहिए था। भाजपा सरकार भ्रष्टाचार का विरोध में नहीं होने पर एक मंत्री मण्डलीय उप कमेटी गठित कर 5 साल तक लंबित रखा। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्र में लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 को प्रभावशील करने की घोषणा की गई, लेकिन 2 साल में 3 बजट सत्र के बाद भी विधानसभा पटल पर विधेयक पेश नहीं किया गया है। 
 

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