महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 15 मई। महासमुंद वन परिक्षेत्र अधिकारी एसआर डड़सेना ने बताया कि लगातार मौसम में बदलाव व बारिश होने के कारण तोड़ाई का काम थम गया है। मौसम खुलने के बाद तोड़ाई के काम में तेजी आएगी।
ज्ञात हो कि मौसम को देखकर संग्राहकों को तोड़ाई का लक्ष्य पूरा करने की चिंता सता रही है। पहले ही कोरोना की मार से ये लोग त्रस्त है। वहीं दूसरी ओर मौतस के बदलते तेवरए तूफान व बारिश ने मुश्किले बढ़ा दी है। शुरुआत में तेजी से तेंदूपत्ता का संग्रहण हुआ, लेकिन बारिश के बाद रफ्तार धीमी हो गई है।
अधिकारी कहते हैं कि पिछले सालों में 15 मई तक 60 फीसदी से अधिक तोड़ाई हो जाती थी, लेकिन इस वर्ष 50 फीसदी की तोड़ाई हो पाई है। लगातार हो रही बारिश व ओले से तोड़ाई पर रोक लग गई है। बारिश में तेंदूपत्ता की तोड़ाई संग्राहक नहीं कर सकते हैं, क्योंकि तोड़ाई के बाद इसे सुखाने में परेशानी होती है। सही ढंग से यदि धूप नहीं मिला तो, पत्ता काला पड़ जाता है। इसके बाद ऐसे पत्तों की खरीदी नहीं होती है। वर्तमान में संग्राहकों से 47 हजार मानक बोरों का संग्रहण किया जा चुका है।
गौरतलब है कि जिले में 4 मई से तोड़ाई का काम शुरू हो गया है। इस साल 95 हजार मानक बोरा का लक्ष्य है। कुल 786 फड़ों में तोड़ाई का काम शुरू हो गया है। जिले में करीब 90 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक तोड़ाई कर रहे हैं। इस लक्ष्य को 30 मई तक पूरा करना है। अभी तक 47 हजार मानक बोरा की तोड़ाई पूरी हो गई है। मौसम खुलने के बाद तोड़ाई फिर से शुरू होगी। इधर तोड़ाई कार्य शुरू होने के पहले ही अंतरराज्यीय सीमा में तेंदूपत्ता संग्रहण को रोकने बैरियर लगाया गया है। जिले में 75 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियां हैं। इन्हीं समितियों में संग्राहक परिवार तेंदूपत्ता तोड़ाई के बाद बेचते हैं।