रायपुर

मास्क पहनाने को लेकर जिद में अड़ा अम्बेडकर अस्पताल का एक कोरोना योद्धा भरत बुंदेल
18-May-2021 6:07 PM
 मास्क पहनाने को लेकर जिद में अड़ा अम्बेडकर अस्पताल का एक कोरोना योद्धा भरत बुंदेल

रायपुर, 18 मई। देख दाई....देख दीदी... जच्चा-बच्चा वार्ड में सब्बो झन ला मास्क लगाके रखना हे। नही त, तुंहर ले संक्रमन हर सब्बो कोति फइले के संभावना बन जही। सब्बो झन मास्क पहनो अऊ कोरोना ले बचो...। कुछ इसी तरह से छत्तीसगढ़ी भाषा में अस्पताल में भर्ती प्रसूताओं और उनके परिजनों को मास्क लगाने के महत्व को समझाते नजर आते हैं वार्ड ब्वॉय भरत बुंदेल।

अगर आप पंडरी जिला अस्पताल के अंतर्गत स्थित अम्बेडकर अस्पताल के प्रसूति रोग विभाग के वार्ड में जाएंगे या फिर अम्बेडकर अस्पताल के समर्पित कोरोना वार्ड में तो भरत की ड्यूटी के दौरान आपको ये बातें सुनने को मिलेंगी - सभी को मास्क लगाकर रखना है। यहां नवजात शिशु भी हैं। शिशुओं की माताएं भी हैं। आपकी लापरवाही से कहीं जच्चा-बच्चा संक्रमण का शिकार न हो जाएं, इसलिए सबको यही सलाह है कि वार्ड में अपने मरीज के साथ दिन-भर मास्क लगाएं रखें। भरत बुंदेल हर वार्ड में ड्यूटी के दौरान लोगों को मास्क लगाने की सलाह देते हैं। वार्ड ड्यूटी के दौरान कई बार वे अन्य वार्ड में क्रॉस चेक करने के लिए जाते हैं कि कहीं लोगों ने मास्क तो नहीं निकाल दिया।

मास्क को लेकर पिछले एक साल से जनजागरूकता फैला रहे भरत बुंदेल कहते हैं कि रोटेशन में हमारी ड्यूटी अस्पताल के कोविड एवं नान कोविड वार्ड में लगती रहती है।

 वहां कोरोना संक्रमितों के परिवारों के दुख-दर्द को करीब से देखते हैं, उनके अपनों को खोने के दर्द को भी देखते हैं, जिससे लगता है कि समय पर सावधानी अपनाते, मास्क लगाते तो ये नौबत नहीं आती।

डॉक्टर कहते हैं कि लोग मास्क लगायें, बार-बार साबुन से हाथ धोयें, साफ-सफाई रखें और भीड़-भाड़ वाले जगहों से दूरी बनाकर रखें तो कोरोना संक्रमण से बच सकते हैं। एक कहावत है दुर्घटना से देर भली। कोरोना संक्रमण रूपी दुर्घटना न घटे इसलिए सावधानी रूपी देरी को अपनाना आवश्यक है।

भरत बुंदेल कराटे के नेशनल  चैम्पियन रह चुके हैं इसलिए कोरोना वार्ड में ड्यूटी जाने से पहले खुद को कराटे के कई शॉट के द्वारा रेडी करते हैं। भरत के अनुसार, लोगों की सेवा करने में ही वास्तविक खुशी मिलती है। कई बार महिलाओं की सीजेरियन डिलीवरी होती है तो उन्हें पेट में टांके लगे होने के कारण शुरुआत में दूध पिलाने में दिक्कत होती है इसलिए मैं पोस्ट ऑपरेटिव लेबर वार्ड में जाकर भी प्रसूताओं के महिला परिजनों को जो अनुभवी रहती हैं उनसे निवेदन करता हूं कि नव प्रसूता माताओं को बच्चे को दूध पिलाने में सहयोग करें। ऐसे में नवजात शिशु भी अगल-बगल के लोगों की मदद से जल्दी से दूध पीना सीख जाता है। बेहद ही ऊर्जावान भरत बुंदेल अपने पास एक से दो मास्क एक्स्ट्रा रखकर घूमते हैं ताकि कोई बिना मास्क के या फिर कटे-फटे मास्क लगाये दिख जाये तो उसे नया मास्क दे सकें।

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