रायपुर
सीएम से इस योजना को निरस्त करने की मांग
रायपुर, 18 मई। स्वास्थ्य चेतना विकास समिति छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में एक वर्षीय इमरजेंसी केयर टेक्नीशियन कोर्स शुरू करने को लेकर 12 मई 21 को प्रसारित किए गए विज्ञापन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये इसे प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से झोला छाप डॉक्टर तैयार करने का घटिया प्रयास बताया है और मेडिकल प्रोफेशन और जन सरोकार से जुड़े सभी वर्ग के लोगो से इसका जमकर विरोध करने का आव्हान किया है,क्योकि यह स्किल डेवलपमेंट के नाम पर बेरोजगारों के साथ मजाक और आम जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ है।
उन्होंने ट्यूटकर मुख्यमंत्री से तुरन्त हस्तक्षेप कर जनहित में इस योजना को तुरन्त निरस्त करने की मांग की है।
जारी विज्ञप्ति में स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त पूर्व कर्मचारी नेता और वर्तमान में विभिन्न जनहितैषी संगठनों से जुड़े वीरेन्द्र नामदेव ने आगे बताया है कि पहले से ही पैरामेडिकल कोर्स के नाम पर रायपुर सहित कई जिलों में टेक्नीशियन एवं अन्य मेडिकल कोर्स कई वर्षों से संचालित है और वहाँ से ट्रेंड होकर निकले लोग बेरोजगार बैठे हैं अथवा कुछ गिनती के लोग 1 वर्ष की संविदा सेवा में विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं में काम करते हुए अपने नियमितीकरण के लिये संघर्षरत है, ऐसे में अब प्रशिक्षित खाली बैठे लोगो को कोरोना में काम करने के नाम 3 महीने की संविदा नियुक्ति के नई योजना का ऑफर देकर उनकी मजबूरी का मजाक बनाने जा रहे हैं।
प्रदेश में जब हजारों टेक्नीशियन प्रशिक्षित लोग खाली बैठे हैं तो फिर इस तरह के नए नाम से प्रशिक्षण योजना का क्या औचित्य है।
जिसे संचालक, चिकित्सा शिक्षा द्वारा स्किल डेवलपमेंट के लोकलुभावन नाम से सम्बोधन देते नही थक रहे हैं। इससे यहीं होगा अधकचरे ज्ञान के बाद लोग खाली बैठने के बजाय झोला छाप डॉक्टर बनकर जीवन यापन करने के लिए बाध्य होंगे, जिसका अंजाम किसी के लिये अच्छा नही होगा। इसलिये इस गोरखधंधा पर रोक लगाना बहुत जरूरी है।
जारी विज्ञप्ति में उन्होंने सभी चिकित्सक संवर्ग के संगठनों एवं कर्मचारी संघो और जनस्वास्थ्य सरोकार के जुड़े संगठनों से आव्हान किया है कि वे इस बकवास कवायद का जमकर विरोध करें और स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा जनस्वास्थ्य के साथ संभावित खिलवाड़ को रोकने में योगदान करने का हिम्मत दिखायें।