महासमुन्द
नियमों के तहत दुकानों के संचालन के लिए समझाईश देते रहे तहसीलदार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 18 मई। कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिले में जारी लॉकडाउन के बीच ऑड-ईवन सिस्टम कल पहले ही दिन फेल नजर आया। कई इलाकों में व्यापारियों ने दुकान की नंबरिंग होने के बावजूद दुकानें खोल लीं थीं। इसे बंद कराने अधिकारियों को काफी मशक्कत भी करनी पड़ी। कई दुकानदारों से अधिकारियों की बहस भी हुई। पहले दिन ज्यादातर किराना के थोक दुकानों में ही भीड़ देखी गई।
सोमवार को महासमुंद में विषम नंबर वाले दुकानें खोलनी थी। इसके लिए रविवार देर रात पालिका की टीम ने दुकानों की नंबरिंग की। लेकिन कई एरिया में व्यापारियों ने दुकानें खोल ली थी। महासमुंद तहसीलदार मूलचंद चोपड़ा भी सुबह 9 बजे से ही दुकानदारों को नियमों के तहत दुकानों के संचालन के लिए समझाइश देते रहे। इसके अलावा अधिकांश लोगों ने पसंदीदा दुकानों में पार्सल के जरिए जरूरत के सामान मंगवाई।
दुकानदारों का कहना है कि 34 दिनों के बाद बाजार खुली लेकिन अच्छी ग्राहकी नहीं हुई। व्यापारी ओमू चांडक का कहना है कि गांवों में अक्ती पर्व में खूब शादियां रहती हैं। लेकिन इस बार भी लॉकडाउन और कोरोना के कारण बहुत शादियां स्थगित हुई है। त्योहार के बाद बाजार खुला है फिर भी ग्राहकी बहुत ही कम है।
हालांकि लंबे समय बाद बाजार की 50 फीसदी दुकानों को खोलने की अनुमति से व्यापारियों को काफी राहत मिली है। व्यापारी संगठनों ने सम-विषम सिस्टम को लेकर अपनी नाराजगी भी जताया है और जिला मुख्यालय को छोटा मार्केट व मिश्रित मार्केट होने के कारण सभी दुकानों को खोलने की अनुमति की मांग की है।
कल सोमवार को दुकान खुलीं तो लोगों की भीड़ उमड़ी जरूर थी लेकिन लोग अपने पसंदीदा दुकानों की ओर ही जाते रहे। कई दुकानदार दुकानें खोलकर साफ सफाई करते रहे। बैंकों में सभी प्रकार के लेन.देन व कार्यों के लिए अनुमति प्रदान की गई थी। अत: सोमवार से बैंकों में भी लोग पहुंचे, जिन्हें टोकन सिस्टम के साथ ही अंदर जाने की अनुमित दी गई। बैंक परिसर में ही लोगों को छांव के लिए टेंट, कुर्सी व सेनेटाइजर की व्यवस्था भी की गई थी।