महासमुन्द
महासमुंद, 19 मई। छत्तीसगढ़ सनातन दशनाम गोस्वामी समाज की पत्रिका दत्त प्रकाश द्वारा आयोजित शंकराचार्य के जीवन दर्शन पर आधारित वर्चुअल कार्यक्रम अवसर पर भाटापारा के सुरेंद्र गिरी भागवत आचार्य ने कहा कि भारतीय संस्कृति के विकास में आदि शंकराचार्य का विशेष योगदान रहा है।
उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा हेतु संपूर्ण भारत का भ्रमण किया और भारतवर्ष में प्रचलित तात्कालिक कुरीतियों को दूर कर समभावदर्शी धर्म की स्थापना कर राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने का प्रयास किया।
धमतरी के मानस मर्मज्ञ अर्जुन पुरी ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा हेतु शंकराचार्य ने देश के चारों दिशाओं में चार मठ की स्थापना की। उत्तर में ज्योतिर्पीठ, दक्षिण में श्रृंगेरी मठ, पूर्व में गोवर्धन मठ तथा पश्चिम में शारदा मठ के अलावा आदि शंकराचार्य ने सन्यासियों की 10 श्रेणियां बनाई। ये है गिरि, पुरी, भारती, सरस्वती, वन, पर्वत, सागर, तीर्थ और आश्रम। इन्हें उक्त मठों से संबद्ध किया। इसीलिए गोस्वामी समाज आदि शंकराचार्य के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी माने जाते हैं।
कार्यक्रम में शिखा गिरी मुंगेली ने शंकराचार्य पर आधारित प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन उमेश भारती गोस्वामी ने किया।