महासमुन्द

रेडी-टू-ईट गड़बड़ी में दो पर्यवेक्षकों का निलंबन न्यायोचित नहीं- बोदले
20-May-2021 5:55 PM
रेडी-टू-ईट गड़बड़ी में दो पर्यवेक्षकों का निलंबन न्यायोचित नहीं- बोदले

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 20 मई।
जिला महिला एवं बाल विकास विभाग में रेडी-टू-ईट में पाई गई गड़बड़ी के मामले में दो पर्यवेक्षकों के निलंबन को इस गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाने वाले जिला महिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले न्यायोचित नहीं है कह रहे हैं। 

अधिकारी सुधाकर बोदले ने 18 मई को इस संबंध में संचालक को पत्र लिखकर कहा है कि पर्यवेक्षकों पर निलंबन की कार्रवाई न्यायोचित नहीं है। लिखे गए पत्र में अधिकारी ने बताया है कि रेडी.टू.ईट वितरण में अनियमितता के संबंध में महासमुंद ब्लॉक के सीडीपीओ के निलंबन का प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। लिखे गए पत्र में उन्होंने बताया कि दीपमाला तारक जिले के सर्वक्षेष्ठ 5 पर्यवेक्षक में से एक हंै और अपने कार्यों के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं। 

गौरतलब है कि 17 मई को महासमुंद पहुंची महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक दिव्या मिश्रा ने निरीक्षण के दौरान बरोंडाबाजार और लभराखुर्द में रेडी-टू-ईट में गड़बड़ी पाई थी और जिले की दो महिला समूहों को बर्खास्त करने के साथ ही क्षेत्र के दो महिला पर्यवेक्षकों को निलंबित कर दिया था।

महासमुंद जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 20 लाख और रेडी-टू-ईट वितरण में 10 लाख रुपए के भ्रष्टाचार के मामले की जांच शुरू हो चुकी है। जिला महिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले के 16 मई को किए गए अनशन के बाद ही विभाग की सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले ने संचालक महिला एवं बाल विकास की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम का गठन किया था। टीम को आज 20 मई तक जांच पूरी कर अनिवार्य रूप से अपनी रिपोर्ट देनी है। मामले में लगातार जांच और पूछताछ जारी है।

 

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