महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 20 मई। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के इतिहास में पहली बार बिना परीक्षा के दसवीं बोर्ड का परिणाम बुधवार को जारी किया गया। क्योंकि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण दसवीं की बोर्ड परीक्षाएं नहीं हो पाई थी। इसलिए असाइनमेंट के आधार पर परीक्षा परिणाम जारी किए गए। यही कारण है कि इस साल परिणाम शत-प्रतिशत रहा, जो पिछले साल से 25 प्रतिशत अधिक है, लेकिन इस साल जिला सहित प्रदेश में एक भी छात्र-छात्राएं टॉप 10 में नहीं आए। क्योंकि माशिमं ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस साल मेरिट सूची जारी नहीं होगी।
मालूम हो कि पिछले वर्ष जिले का परिणाम 75.51 फीसदी था। इस साल दसवीं बोर्ड में कुल 18519 विद्यार्थियों ने परीक्षा के लिए पंजीयन कराया थाए जिसमें से 18224 का रिजल्ट माशिमं ने जारी किया है और ये सभी पास हैं। इस वर्ष अधिकांश बच्चे बिना परीक्षा दिए ही प्रथम श्रेणी से पास हुए। जबकि पिछले साल परीक्षा देकर 5236 प्रथम श्रेणी में पास हुए थे। इस वर्ष द्वतीय श्रेणी से 411 और तृतीय श्रेणी में पास होने वाले बच्चें की संख्या 181 है। वहीं 295 का रिजल्ट अभी जारी नहीं किया गया। वे पास हो गए हैए लेकिन फार्म में त्रुटि सुधार के बाद रिजल्ट जारी किया जाएगा।
ऑनलाइन हुई पढ़ाई
कोरोना की वजह से 20 मार्च 2020 से स्कूल बंद हो गए थे, जो आज तक नहीं खुले हैं। 1 अप्रैल से शिक्षा सत्र 2020.21 प्रारंभ भी हुईए लेकिन संक्रमण के कारण स्कूल नहीं खोला गया। इस दौरान शिक्षा विभाग ने नए-नए तरीके अपनाकर बच्चों को पढ़ाई कराते रहे। ऑनलाइन पढ़ाई जनवरी 2021 तक चली। दसवीं व बारहवी बोर्ड के छात्र.छात्राओं को भी शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाई कराते रहें। इस दौरान हर महीने असाइनमेंट भी जमा कराया जाता था।
शिक्षाविद् व बीईओ एस चंद्रसेन का कहना है कि बोर्ड ने असाइनमेंट के आधार पर जो रिजल्ट जारी किया है, उसका काफी महत्व है। शिक्षक व प्राचार्यों की मेहनत का यह परिणाम है। यदि कोई असाइनमेंट के लिए प्रयास नहीं करता तो बच्चे लिखकर जमा नहीं करते। बच्चों ने पूरी सत्र पढ़ाई की और असाइनमेंट लिखकर जमा भी किया है। आगे की पढ़ाई पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ेगा। बच्चे अपने बोर्ड के अंकों को देखकर इसका आंकलन स्वयं करेंगे। माशिमं द्वारा जारी रिजल्ट से बच्चों के बीच पढ़ाई की उम्मीद जिंदा है। माशिमं द्वारा जारी किए गए रिजल्ट से बच्चों के पढ़ाई में किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इनका कहना है कि बच्चे स्वयं अपना आंकलन कर आगे के लिए विषय चुनकर पढ़ाई करता है, लेकिन प्रतियोगिता परीक्षा में इसका प्रभाव थोड़ा सा पड़ेगा। नौकरी के लिए उन्हें प्रतियोगिता परीक्षा क्रैक करनी होती है, इसलिए बच्चों को तैयारी करने में परेशानी हो सकती है। ये केवल वे बच्चे हो सकते हैं, जो पढ़ाई से दूर रहे। शेष बच्चे लगातार ऑनलाइन या फिर किसी भी माध्यम से पढ़ाई को महत्व देकर सभी विषयों की पढ़ाई की है।
सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल की प्राचार्या अमी रुफस का कहना है कि बोर्ड द्वारा असाइनमेंट की जो प्लानिंग की थी, वो बहुत बेहतर रही। बच्चों ने पूरे साल पढ़ाई की और समय.समय पर असाइनमेंट जमा किया। बच्चों को मालूम था कि इस साल भी परीक्षा नहीं हो सकती है, इसके बावजूद बच्चों ने पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि दसवीं बोर्ड परीक्षा के नंबर नौकरी पर कभी प्रभाव नहीं डालता है। अब समय प्रतियोगी परीक्षाओं का हो चुका है।